मैं एक एसी पृष्ठभूमि से आता हूं जिसमें
मैंने अपने किसी भी पुरूष परिजन को रोते नहीं देखा
भावनाओं को व्यक्त न करने के उस स्तर के विषय में मैं
प्रश्न करने लगा
जिसमें दुर्बल और सुभेद्य होने की अनुमति नहीं है
कला मेरे लिए वह मार्ग बन गयी
जिसमें मैं इन दुर्बलताओं को अनुभव कर सकता था
उन्हें धारण कर सकता था और एक घनिष्ठ श्रोता के साथ साझा कर सकता था।