1 00:00:01,144 --> 00:00:03,184 अक्सर लोगों के बीच, 2 00:00:03,208 --> 00:00:04,557 एक बच्चा मुझे घूरता है। 3 00:00:06,264 --> 00:00:10,807 यदि बच्चा साहसी हो, वो मेरे पास आ के पूछता: "क्या आप 4 00:00:11,784 --> 00:00:12,935 समुद्री डाकू हैं?" 5 00:00:12,959 --> 00:00:16,003 (हसीं) 6 00:00:16,355 --> 00:00:18,117 जिसका मुझे फिर से जवाब 7 00:00:18,141 --> 00:00:19,618 देना पड़ता है, 8 00:00:19,642 --> 00:00:20,793 "हाँ।" 9 00:00:20,817 --> 00:00:22,991 (हसीं) 10 00:00:23,499 --> 00:00:24,689 सत्य की बात करते हैं: 11 00:00:24,713 --> 00:00:28,182 मेरे दो अंकुडे, कृत्रिम पैर, और तेज मदिरे से लगन है। 12 00:00:28,206 --> 00:00:29,658 (हसीं) 13 00:00:29,682 --> 00:00:32,746 एक आँख की पट्टी और तोते के बाद मै मूल रूप से वही हूँ। 14 00:00:32,770 --> 00:00:33,785 (हसीं) 15 00:00:35,339 --> 00:00:36,912 समुद्री डाकू बनने में मजा आता है। 16 00:00:37,869 --> 00:00:40,797 विकलांगता होने के कई फायदे होते हैं, 17 00:00:40,821 --> 00:00:44,178 और मै दस्तानों पर पैसों की बचत की बात नहीं कर रहा हूँ ... 18 00:00:44,538 --> 00:00:47,353 (हसीं) 19 00:00:47,377 --> 00:00:51,290 नाही चॉपस्टिक्स ना चलाने आने पर वैध बहाने बनाने की। 20 00:00:51,314 --> 00:00:52,942 (हसीं) 21 00:00:52,966 --> 00:00:55,484 मै अपने असल फायदों की बात कर रहा हूँ, 22 00:00:55,508 --> 00:00:57,527 विकलांगता से गुज़र के। 23 00:00:58,489 --> 00:01:00,728 जब मै १९ का था, मुझे ऐसी बीमारी हुई 24 00:01:00,752 --> 00:01:04,672 जिससे कोहनिओं के नीचे मैने दोनों हाथ खो दिए, 25 00:01:04,696 --> 00:01:06,601 और घुटनों के नीचे दोनों पैर, और 26 00:01:06,625 --> 00:01:09,950 मुँह पर इतने निशान छोड़ गया कि फ्रेड्डी क्रुगर ईर्षालु हो जाएँ। 27 00:01:09,974 --> 00:01:11,370 (हसीं) 28 00:01:11,394 --> 00:01:14,520 मै कभी सांकेतिक भाषा में ना बोल पाऊं, 29 00:01:14,544 --> 00:01:17,999 लेकिन मेरी लचीलता और समस्या हल करने की योग्यता बढ़ी है 30 00:01:18,023 --> 00:01:20,548 उन समस्याओं के बारे में अलग तरीके से सोच 31 00:01:20,572 --> 00:01:23,245 के, जिनके बारें में ज्यादातर लोग नहीं सोचते। 32 00:01:27,065 --> 00:01:29,200 चलना वापस सीखने के दर्दनाक और 33 00:01:30,248 --> 00:01:32,981 कठिन कार्य के तुरंत बाद सीखे गए 34 00:01:33,005 --> 00:01:34,792 कुछ पाठों में से एक 35 00:01:34,816 --> 00:01:37,782 पाठ मुझे जीवन भर के लिए लाभांशे देता रहा। 36 00:01:39,703 --> 00:01:43,038 यह तब हुआ जब मै फुटपाथ चढ़ने का प्रयास कर रहा था। 37 00:01:43,062 --> 00:01:45,819 भले ही यह कार्य आप के लिए मामूली हो, 38 00:01:45,843 --> 00:01:47,949 बिना एड़ी के संचालन के यह करना 39 00:01:47,973 --> 00:01:50,207 एक प्रकार की चुनौती है। 40 00:01:50,231 --> 00:01:52,383 मैंने फुटपाथ चढ़ने की कोशिश की 41 00:01:52,407 --> 00:01:55,046 मेरे जाने हुए तरीके से, सीधे पैर रख के, 42 00:01:55,070 --> 00:01:56,783 कई दिनों तक, 43 00:01:56,807 --> 00:01:58,524 बिन सफलता के, 44 00:01:58,548 --> 00:02:00,788 तब तक ज़ाहिर हो गया था कि जो समय 45 00:02:00,812 --> 00:02:03,766 और मेहनत मै इस प्रयास में निवेश कर रहा था, वो 46 00:02:03,790 --> 00:02:05,280 फल के सामान अतुलनीय थे। 47 00:02:05,304 --> 00:02:09,968 (हसीं) 48 00:02:10,517 --> 00:02:13,670 तो मैने समस्या को अलग नज़रिये से देखा। 49 00:02:14,586 --> 00:02:16,594 अगर मै एड़ी के जोड़ से 50 00:02:16,618 --> 00:02:19,873 फुटपाथ चढ़ने के संचालन की सीमाएं में नहीं पहुंच सका, 51 00:02:19,897 --> 00:02:21,708 मुझे अलग जोड़ इस्तेमाल करना होगा, 52 00:02:21,732 --> 00:02:22,882 जैसे कमर। 53 00:02:23,253 --> 00:02:25,993 मै अपने शरीर को फुटपाथ से अधोलंब कर 54 00:02:26,017 --> 00:02:28,132 अपने पैर को तिरछा कर के, 55 00:02:28,156 --> 00:02:30,333 और मै तुरंत ऊपर चढ़ गया। 56 00:02:31,439 --> 00:02:32,823 पांच मिनट के अंदर, 57 00:02:32,847 --> 00:02:35,004 कोई सीढ़ीयां मेरा रास्ता ना रोक सकी। 58 00:02:35,028 --> 00:02:36,615 (हसीं) 59 00:02:36,639 --> 00:02:40,203 उस ही दिन, मै तीन जीनों की सीढ़ियां चढ़ा, 60 00:02:40,227 --> 00:02:42,236 जिससे मै काफी प्रभावित भी था, 61 00:02:42,260 --> 00:02:45,379 फिर मुझे एहसास हुआ कि मुझे नीचे उतरना नहीं आता। 62 00:02:45,403 --> 00:02:47,345 (हसीं) 63 00:02:47,702 --> 00:02:48,889 वो लम्बा सप्ताहांत था। 64 00:02:48,913 --> 00:02:53,567 (हसीं) 65 00:02:53,591 --> 00:02:56,530 अपनी पहली ज़िन्दगी में, बतौर एक ह्रष्ट-पुष्ट इंसान, 66 00:02:56,554 --> 00:02:58,082 मै गिटार बजाता था। 67 00:02:59,285 --> 00:03:00,595 मै ठीक बजा लेता था, 68 00:03:00,619 --> 00:03:02,430 लेकिन मै ज्यादा आगे नहीं था। 69 00:03:02,454 --> 00:03:05,475 नाही मैने बैंड शुरू किया, नाही लाइव बजाय था। 70 00:03:06,048 --> 00:03:09,016 फिर भी, संगीत मेरा ख़ास जूनून था, 71 00:03:09,040 --> 00:03:10,311 और जब मेरे हाथ गए, 72 00:03:10,335 --> 00:03:13,329 यह सोच कि संगीत मेरे जीवन का हिस्सा नहीं रहेगा 73 00:03:13,353 --> 00:03:15,555 ने मेरे जीने की वजह को कड़ी चुनौती दी। 74 00:03:17,462 --> 00:03:19,370 तथापि, अस्पताल से रिहाई के 75 00:03:19,394 --> 00:03:22,633 तुरंत बाद विचार आया: 76 00:03:22,673 --> 00:03:26,589 "अगर रे चार्ल्स चमगादड़ जैसे अंधे होकर भी पियानो बजा सकते हैं, 77 00:03:26,613 --> 00:03:29,351 तो गिटार वाली समस्या का हल निकलते हैं।" 78 00:03:29,964 --> 00:03:32,340 एक इंजीनियर से परामर्श करके 79 00:03:32,364 --> 00:03:36,026 मैने एक स्लाइड सिस्टम बनाया जो मेरे बाएं अंकुड़े से जुड़े, 80 00:03:36,050 --> 00:03:40,248 और मैने एक और पिक-होल्डर सिस्टम बनाया जो मेरे दाएं अंकुड़े से जुड़े। 81 00:03:40,272 --> 00:03:42,070 अगर ये काम करे, 82 00:03:42,094 --> 00:03:46,169 मै गिटार को अपनी गोद में ओपन- ट्यून कर के, स्लाइड की तरह, बजा सकता हूँ। 83 00:03:47,226 --> 00:03:49,901 हफ़्तों के प्रयोगों और बदलावों के बाद, 84 00:03:49,925 --> 00:03:53,422 अंत में मेरे पास गिटार बजने के यंत्र थे, 85 00:03:53,446 --> 00:03:56,266 और हाथ खोने के पूर्व की स्थिति वापस आ गयी थी -- 86 00:03:56,290 --> 00:03:59,394 पडोसीओं से शोर की शिकायतें आना, ज़ाहिर है। 87 00:03:59,418 --> 00:04:00,418 (हसीं) 88 00:04:01,246 --> 00:04:03,305 इस बार मैने बढ़ावा दिया। 89 00:04:04,150 --> 00:04:05,864 दोस्तों सहित एक बैंड चालू किया। 90 00:04:06,594 --> 00:04:08,714 गाने लिखकर उनका अभिलेख किया। 91 00:04:08,738 --> 00:04:12,014 हमने लोगों के सामने बजाया भी। 92 00:04:13,184 --> 00:04:14,350 आज जितने नहीं। 93 00:04:14,374 --> 00:04:17,128 (हसीं) 94 00:04:17,152 --> 00:04:19,201 भले ही यह एक छोटा कदम था, 95 00:04:19,225 --> 00:04:23,312 यह मेरी पूर्वी स्थिति की उप्लाभ्दियों से महान था। 96 00:04:26,362 --> 00:04:29,996 अपने सीखे हुए हर एक कार्य को वापस सीखना 97 00:04:30,020 --> 00:04:32,616 एक महत्वपूर्ण उपक्रम लग सकता है -- 98 00:04:33,770 --> 00:04:36,436 विश्वास करें, छोटे समय में ज्यादातर ऐसा ही था -- 99 00:04:36,854 --> 00:04:38,966 फिर भी इसका अच्छा प्रभाव था 100 00:04:38,990 --> 00:04:41,846 मेरे बाकी चीज़ों की देखने के द्रिष्टिकोण पे। 101 00:04:42,711 --> 00:04:45,315 इसने ना सिर्फ मेरे समस्या हल करे की योग्यता 102 00:04:45,339 --> 00:04:47,758 को बदला, बल्कि मुझे और व्यवर्हिक 103 00:04:48,912 --> 00:04:51,222 और बाधाओं के प्रति कम संवेदनशील, 104 00:04:51,246 --> 00:04:52,869 और ज्यादा धैर्यवान बनाया, 105 00:04:53,943 --> 00:04:56,720 और जादू से लोगों की सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट 106 00:04:56,744 --> 00:04:58,879 में अपनी सीट देने की योग्यताों में बदलाव आया। 107 00:04:58,903 --> 00:05:00,798 (हसीं) 108 00:05:02,192 --> 00:05:04,431 छोटी असफलताएं मेरी पिछली चुनौतिओं 109 00:05:04,455 --> 00:05:06,287 की तुलना में कमजोर लग रहे थे, 110 00:05:07,492 --> 00:05:11,113 जिसकी वजह से मै एक संतुलित और नपे हुए द्रिष्टिकोण से चुनौतिओं 111 00:05:11,137 --> 00:05:12,751 का सामना करता हूँ, 112 00:05:12,775 --> 00:05:16,187 और बहुत बार नए और बेहतर तरीके ढूंढता हूँ सामना करने के लिए। 113 00:05:17,840 --> 00:05:20,585 बुराइयों से घिरे ना रहने और हाथ में 114 00:05:21,503 --> 00:05:23,499 काम पर ध्यान देने के फायदे 115 00:05:24,179 --> 00:05:25,618 स्पष्ट हो गए। 116 00:05:27,819 --> 00:05:30,995 इसने मुझे ज्यादा सम्पूर्ण व्यवसाय चुनने का प्रोत्साहन दिया 117 00:05:31,019 --> 00:05:33,319 जो वैसे अनुचित होता। 118 00:05:34,632 --> 00:05:37,363 कौन सोच सकता था कि मेरे लिए उचित कारोबार 119 00:05:37,387 --> 00:05:40,665 दुर्गम जगहों में नशे से धुत्त लोगों के लिए विद्युत् 120 00:05:40,689 --> 00:05:43,514 उपकरणों के सूक्ष्म संचालन की मदद से संगीत 121 00:05:43,538 --> 00:05:45,031 प्रस्तुत करना होगा? 122 00:05:45,055 --> 00:05:47,323 (हसीं) 123 00:05:47,822 --> 00:05:48,972 मै नहीं। 124 00:05:50,192 --> 00:05:54,026 एक प्रतिस्पर्धात्मक पेशे में जहां डी.जेज़ लगातर उनका शिल्प निखारते हैं, 125 00:05:54,050 --> 00:05:57,064 मौकों की बेकरारी में, क्लुबों को डेमोस भेज रहे हैं, 126 00:05:57,088 --> 00:05:59,850 मेरे प्रिय मित्र और मैंने अलग उपाय चुना, 127 00:05:59,874 --> 00:06:02,096 हमने खुद का नाइट क्लब चालू कर, 128 00:06:02,120 --> 00:06:04,105 खुद को ही दी.जे रख लिया। 129 00:06:04,129 --> 00:06:06,506 (हसीं) 130 00:06:06,530 --> 00:06:08,247 अचानक, हमारे पास हैडलाइन स्लॉट था। 131 00:06:08,271 --> 00:06:11,500 (हसीं) 132 00:06:11,946 --> 00:06:15,271 जब हमने उस रात क्लब शुरू किया, मै डी जे नहीं कर पा रहा था। 133 00:06:16,487 --> 00:06:19,765 मई पहली बार डी जे के पीछे हमारी शुरुआती रात में गया था, 134 00:06:19,789 --> 00:06:21,305 बहुत साओ लोगों के सामने। 135 00:06:21,329 --> 00:06:23,677 मुझे सिर्फ मालूम था प्ले बटन कहाँ थी। 136 00:06:23,701 --> 00:06:25,080 (हसीं) 137 00:06:25,104 --> 00:06:27,652 पर इतनी अंतिम परीक्षाओं का सामना करके, 138 00:06:27,676 --> 00:06:30,682 इंसान को नयी परिस्थितिओं में चतुर बनना पड़ता है। 139 00:06:32,234 --> 00:06:33,807 वो क्लब रात सिडनी में 140 00:06:33,831 --> 00:06:36,071 सबसे लम्बी क्लब रात बनी, 141 00:06:36,095 --> 00:06:39,305 बतौर डी जे हम ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े संगीत उत्सवों में बजाने लगे। 142 00:06:40,312 --> 00:06:43,158 तोह, या तो मै बहुत जल्दी सीख गया, 143 00:06:43,182 --> 00:06:46,297 या क्लुबों के मानकों में बड़ी घटौती हुई है। 144 00:06:46,321 --> 00:06:48,065 (हसीं) 145 00:06:51,287 --> 00:06:55,414 मौत के करीब जाना एक शिक्षात्मक अनुभव हो सकता है। 146 00:06:56,846 --> 00:07:01,180 यह बिलकुल सही है कि इंसान की प्रार्थमिकताऐं तुरंत 147 00:07:01,204 --> 00:07:03,527 परिवर्तित हो जाती हैं। 148 00:07:03,551 --> 00:07:05,885 और यह भी सही है कि कुछ प्रार्थमिकताएँ 149 00:07:05,909 --> 00:07:07,948 एक बढे हुए तात्कालिकता से मिली हैं। 150 00:07:09,000 --> 00:07:12,576 पर एक और, ज्यादा मुख्य प्राप्ति प्रकाशित होती है 151 00:07:12,600 --> 00:07:16,116 वो है हमारे अहम्मन्यता और चेतना की तुछ्ता। 152 00:07:17,719 --> 00:07:21,005 सही में समझने के लिए किस हद तक आपकीचेतना 153 00:07:22,092 --> 00:07:24,958 आपको अनुभवों में संलग्न होने से रोकती है 154 00:07:24,982 --> 00:07:27,972 आपको सबसे ऐसे जोखिम उठवाने है जो वे वैसे न उठाते। 155 00:07:29,203 --> 00:07:32,147 हम ब्रह्मांड की काल रेखा में महज एक कण हैं ना? 156 00:07:33,226 --> 00:07:34,425 वैसे कार्य करिये। 157 00:07:36,460 --> 00:07:39,309 जो विचारों को मै प्रदर्शित कार रहा हूँ, वे 158 00:07:39,333 --> 00:07:42,738 मैने उन्हें कुछ दुर्भाग्य परिस्थितिओं में समझे, 159 00:07:42,762 --> 00:07:46,554 लेकिन यह विचार उन सब के जीवन में निष्क्रिय पड़े हैं, जो इनका उपयोग करना चाहें। 160 00:07:48,138 --> 00:07:51,526 यदि हम समझे कि हमारी विशेष कमजोरियां हैं, 161 00:07:52,796 --> 00:07:54,923 और हम उनके बारे में ईमानदार हैं, 162 00:07:55,753 --> 00:07:58,177 हम उनका उच्च लाभ उठाना सीख सकते हैं, 163 00:07:59,220 --> 00:08:05,672 चाहें वे फुटपाथ चढ़ना, सेल्स रिपोर्ट्स की प्रस्तुति से डर, या 164 00:08:05,696 --> 00:08:09,227 पैसों के उपयोग में अयोग्यता -- 165 00:08:10,211 --> 00:08:11,394 उस आदमी को देखते हुए -- 166 00:08:11,418 --> 00:08:14,220 (हसीं) 167 00:08:14,244 --> 00:08:17,481 सीखने और अनुकूल बनने की योग्यता, 168 00:08:17,505 --> 00:08:23,101 और चुनौतिओं के प्रति स्वयं की स्वाभाविक प्रतिक्रिया को बदलने की योग्यता। 169 00:08:25,439 --> 00:08:26,766 विपत्ति अच्छी है, 170 00:08:26,790 --> 00:08:28,971 और उसमे आपको मजबूत बनाने की क्षमता है। 171 00:08:30,447 --> 00:08:31,915 और, कम से कम, 172 00:08:32,794 --> 00:08:36,151 आप समुद्री डाकू के भेस से बच्चों की रूह कापवा सकते हैं। 173 00:08:36,175 --> 00:08:37,326 धन्यवाद। 174 00:08:37,350 --> 00:08:41,992 (तालियां और प्रोत्साहन)