1 00:00:05,767 --> 00:00:08,457 आप शायद कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों के नाम बता सकते हैं - 2 00:00:08,797 --> 00:00:12,057 जैसे ध्रुवीय भालू, नीली व्हेल और काला गैंडा 3 00:00:12,507 --> 00:00:15,257 किंतु कई और भी हैं जिन पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। 4 00:00:15,447 --> 00:00:18,772 वर्तमान में लगभग 16,500 पशु और पौधे हैं 5 00:00:18,772 --> 00:00:19,938 जो लुप्‍तप्राय हैं। 6 00:00:20,098 --> 00:00:21,448 एक लुप्तप्राय प्रजाति वह है 7 00:00:21,448 --> 00:00:23,719 जो विलुप्त होने के कगार पर है, 8 00:00:24,022 --> 00:00:27,307 यह तब होता है जब उस प्रजाति का कोई भी सदस्य जीवित नहीं रहता है। 9 00:00:28,387 --> 00:00:31,213 प्रतिदिन बहुत सारी प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। 10 00:00:31,463 --> 00:00:33,715 कभी-कभी यह प्राकृतिक कारणों से होता है - 11 00:00:34,393 --> 00:00:36,774 आखिर विलुप्त होना क्रमिक विकास का हिस्सा है; 12 00:00:37,679 --> 00:00:39,319 [वनों की कटाई] 13 00:00:39,884 --> 00:00:41,997 किंतु मानवीय गतिविधि कहीं अधिक उत्तरदायी है। 14 00:00:41,997 --> 00:00:43,223 [अवैध शिकार] 15 00:00:43,223 --> 00:00:45,193 [शहरों का निर्माण] 16 00:00:45,985 --> 00:00:47,678 [प्रदूषण] 17 00:00:47,808 --> 00:00:49,565 वास्‍तव में मनुष्‍यों के कारण 18 00:00:49,565 --> 00:00:53,838 विलुप्त होने की दर स्वाभाविक की तुलना में 1000 से 10000 19 00:00:53,838 --> 00:00:55,552 गुना अधिक होने का अनुमान है। 20 00:00:55,552 --> 00:00:56,812 यह उच्चतम दर है 21 00:00:56,812 --> 00:01:00,152 6.5 करोड़ वर्ष पहले डायनासोर के विलुप्त होने के बाद से 22 00:01:02,382 --> 00:01:04,712 संरक्षण प्रजातियों की रक्षा का कार्य है 23 00:01:04,712 --> 00:01:06,062 विलुप्‍त होने के विरुद्ध। 24 00:01:06,062 --> 00:01:08,332 यह जैव विविधता के संरक्षण के बारे में है। 25 00:01:08,492 --> 00:01:11,862 जैव विविधता और इसके क्‍या मायने हैं यह जानने के लिए 26 00:01:11,862 --> 00:01:13,532 इस वीडियो को देखें। [जैव विविधता] 27 00:01:14,672 --> 00:01:16,792 आपको लग सकता कि यह कौनसी बड़ी बात है। 28 00:01:17,492 --> 00:01:18,592 क्यों फर्क पड़ता है 29 00:01:18,592 --> 00:01:21,979 यदि किसी प्रजाति की जनसंख्या लुप्‍तप्राय होने की कगार तक पहुंच जाए? 30 00:01:22,189 --> 00:01:25,232 यदि कम ही प्राणी बचें हैं, जैसे कि जन्‍तुआलयों में, तब भी 31 00:01:25,412 --> 00:01:26,852 वह प्रजाति फिर से बढ़ सकती है। 32 00:01:27,332 --> 00:01:30,352 समस्या यह है कि स्वस्थ जनसंख्या की कुंजी 33 00:01:30,352 --> 00:01:31,852 अनुवांशिक भिन्नता है। 34 00:01:33,762 --> 00:01:34,954 एक आबादी के भीतर, 35 00:01:34,954 --> 00:01:37,717 विभिन्न विशेषताओं की एक विशाल विविधता की आवश्‍यकता होती है, 36 00:01:37,717 --> 00:01:41,157 ताकि यदि पर्यावरण में बदलाव हो तो प्रजातियां उसमें ढल सकें, 37 00:01:41,157 --> 00:01:42,992 और विलुप्त होने से बच जाएं। 38 00:01:44,402 --> 00:01:48,232 यह तब हो सकता है जब प्रजातियों के सभी सदस्यों में समान वंशाणु हों। 39 00:01:51,502 --> 00:01:55,152 इसके अलावा एक छोटी सी आबादी में अंतःप्रजनन की संभावना अधिक होती है, 40 00:01:55,412 --> 00:01:57,708 जहां निकट संबंधी प्रजनन करते हैं। 41 00:01:58,002 --> 00:02:01,422 इससे बच्चों को विरासत में मिले रोगों का खतरा बढ़ सकता है। 42 00:02:02,952 --> 00:02:06,462 इसलिए, एक प्रजाति के अस्तित्व के लिए बड़ी वन्‍य आबादी महत्वपूर्ण है। 43 00:02:07,502 --> 00:02:10,282 प्रजातियों के लुप्‍तप्राय होने के कई कारण हो सकते हैं। 44 00:02:10,632 --> 00:02:12,822 जैसे आवास विनाश, 45 00:02:13,842 --> 00:02:16,412 जलवायु परिवर्तन, अधिक मछली पकड़ना, या शिकार करना, 46 00:02:16,412 --> 00:02:19,607 और आवास में आक्रामक प्रजातियों की घुसपैठ, 47 00:02:19,607 --> 00:02:21,422 जो मूल निवासी प्रजाति को हरा देते हैं। 48 00:02:21,832 --> 00:02:25,272 सभी प्रजातियों के संरक्षण में सहायता करना हमारा नैतिक कर्तव्य है, 49 00:02:25,272 --> 00:02:27,832 और यह संरक्षण को अंजाम देकर किया जाता है। 50 00:02:28,622 --> 00:02:30,272 चलिए कुछ तरीके देखते हैं। 51 00:02:30,402 --> 00:02:33,802 सबसे पहले, लुप्तप्राय जानवरों को वन्यजीव उद्यानों में रखा जा सकता है। 52 00:02:34,132 --> 00:02:35,432 इससे उनकी रक्षा होती है। 53 00:02:36,092 --> 00:02:39,868 उनकी संख्या बढ़ाने के लिए बंदी प्रजनन कार्यक्रम भी काम में ले सकते हैं। 54 00:02:40,162 --> 00:02:42,512 यह संरक्षण को लेकर लोगों को शिक्षित करने में सहायक है, 55 00:02:42,542 --> 00:02:45,182 कैसे हम सभी लुप्तप्राय प्रजातियों की सहायता कर सकते हैं। 56 00:02:45,292 --> 00:02:47,054 वे आम जनता की भी सहायता करते हैं 57 00:02:47,054 --> 00:02:49,932 इन लुप्तप्राय प्रजातियों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने में। 58 00:02:49,932 --> 00:02:53,252 हालांकि, कैद में जानवरों के नुकसान हैं। 59 00:02:53,472 --> 00:02:55,332 जानवर सामान्य जीवन नहीं जीते हैं, 60 00:02:55,572 --> 00:02:57,262 और अंतःप्रजनन का खतरा होता है। 61 00:02:57,582 --> 00:03:00,442 उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित करने का एक तरीका 62 00:03:00,442 --> 00:03:03,463 राष्ट्रीय उद्यानों जैसे संरक्षित क्षेत्रों का निर्माण करना है। 63 00:03:03,812 --> 00:03:07,085 पेड़ों को काटा नहीं जा सकता, सड़कें और घर नहीं बनाए जा सकते, 64 00:03:07,382 --> 00:03:09,372 और जानवरों का शिकार अवैध है। 65 00:03:09,582 --> 00:03:11,872 ये सुनिश्चित करने के लिए रेंजरों रखे जाते है। 66 00:03:12,142 --> 00:03:13,483 सिर्फ पशु ही नहीं, 67 00:03:13,483 --> 00:03:14,765 इससे पौधों को भी खतरा है। 68 00:03:15,185 --> 00:03:18,600 आश्‍चर्य की बात है कि 70% पौधों की प्रजातियाँ लुप्तप्राय हैं, 69 00:03:18,790 --> 00:03:21,010 अत: आवश्‍यक है कि हम उन्‍हें भी बचाएं। 70 00:03:21,360 --> 00:03:23,240 साथ ही संरक्षित क्षेत्रों से, 71 00:03:23,680 --> 00:03:26,810 लुप्तप्राय पौधों को बीज एकत्र करके संरक्षित किया जाता है 72 00:03:26,950 --> 00:03:28,500 और बीज बैंकों में जमा करते है। 73 00:03:28,540 --> 00:03:30,310 यदि कोई पौधा विलुप्त हो जाता है, 74 00:03:30,420 --> 00:03:33,180 उनकी आबादी को बहाल करने के लिए बीजों को उगाया जा सकता है। 75 00:03:34,050 --> 00:03:37,990 संक्षेप में, एक लुप्तप्राय प्रजाति वह है जो विलुप्त होने के जोखिम में है, 76 00:03:38,130 --> 00:03:40,390 जिसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। 77 00:03:40,810 --> 00:03:43,340 खतरे में पड़ी प्रजातियों का बचाव संरक्षण कहलाता है, 78 00:03:43,500 --> 00:03:45,240 और ऐसा करने के कई तरीके हैं, 79 00:03:45,240 --> 00:03:47,900 वन्‍यजीव उद्यान और संरक्षित क्षेत्रों को मिलाकर। 80 00:03:49,230 --> 00:03:51,340 यदि वीडियो पसंद आया हो, तो थम्‍स अप दें, 81 00:03:51,440 --> 00:03:53,182 और सब्सक्राइब करना न भूलें। 82 00:03:53,292 --> 00:03:55,500 अपने प्रश्‍न नीचे टिप्‍पणी में लिखें । 83 00:03:55,680 --> 00:03:57,930 और हमारा फ्यूजस्कूल ऐप भी देखें। 84 00:03:57,930 --> 00:03:59,101 फिर मिलते हैं।