आप शायद कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों के नाम बता सकते हैं - जैसे ध्रुवीय भालू, ब्लू व्हेल और काला गैंडा लेकिन कई और भी हैं जिन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। वर्तमान में लगभग १६,५०० जानवर और पौधे हैं जो खतरे में हैं। एक लुप्तप्राय प्रजाति वह है जो विलुप्त होने के कगार पर है, ये तब होता है जब उस प्रजाति का कोई भी सदस्य जीवित नहीं रहता है। हर दिन बहुत सारी प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। कभी-कभी यह प्राकृतिक कारणों से होता है - विलुप्त होना विकास का हिस्सा है; [वनों की कटाई] लेकिन इंसानी गतिविधि के कारण कुछ ज़्यादा। [अवैध शिकार] [शहरों का निर्माण] [प्रदूषण] दरअसल इंसानों की वजह से विलुप्त होने की दर स्वाभाविक रूप से घटित होने की तुलना में १,००० से १०,००० गुना अधिक होने का अनुमान है। ६.५ करोड़ वर्ष पहले डायनासोर के विलुप्त होने के बाद से यह उच्चतम दर है। संरक्षण प्रजातियों की रक्षा का कार्य है खतरे में पड़ने के खिलाफ। यह जैव विविधता के संरक्षण के बारे में है। यदि आप जैव विविधता के बारे में जानना चाहते हैं यह क्यों मायने रखता है, इस वीडियो को देखें। [जैव विविधता] आपको हैरानी होगी कि इतनी बड़ी बात क्यों है। यह क्यों आवश्‍यक है यदि किसी प्रजाति की जनसंख्या इतनी कम हो जाए कि वह संकटग्रस्त हो जाए? और कुछ कम ही बचें हैं, जैसे कि चिड़ियाघरों में, तब वो प्रजाति बढ़ सकती है। समस्या यह है कि स्वस्थ जनसंख्या होने की कुंजी अनुवांशिक भिन्नता है। एक आबादी के भीतर, आपको विभिन्न विशेषताओं की एक विशाल विविधता की ज़रूरत है, ताकि पर्यावरण में बदलाव होने पर प्रजातियां अनुकूल हो सकें, और विलुप्त होने से बचें। यह तब हो सकता है जब प्रजातियों के सभी सदस्यों में समान वंशाणु हों। इसके अलावा एक छोटी सी आबादी में अंतःप्रजनन की संभावना अधिक होती है, जहां निकट संबंधी प्रजनन करते हैं। इससे बच्चों को विरासत में मिले रोगों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, एक प्रजाति के अस्तित्व के लिए बड़ी आबादी महत्वपूर्ण है। प्रजातियों के लुप्‍तप्राय होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे आवास विनाश, जलवायु परिवर्तन, अधिक मछली पकड़ना, या शिकार करना, और आवासों में आक्रामक प्रजातियों का आना, जो मूल निवासियों को मुकाबले में हरा देते हैं। सभी प्रजातियों के संरक्षण में सहायता करना हमारा नैतिक कर्तव्य है, और यह संरक्षण को अंजाम देकर किया जाता है। चलिए कुछ तरीके देखते हैं। सबसे पहले, लुप्तप्राय जानवरों को वन्यजीव उद्यानों में रखा जा सकता है। इससे उनकी रक्षा होती है। और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए बंदी प्रजनन कार्यक्रमों का भी उपयोग किया जा सकता है। इससे संरक्षण के बारे में लोगों को शिक्षित करने में मदद मिलती हैं, कैसे हम सभी लुप्तप्राय प्रजातियों की सहायता कर सकते हैं। वे आम जनता की भी सहायता करते हैं इन लुप्तप्राय प्रजातियों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने में। हालांकि, कैद में जानवरों के नुकसान हैं। जानवर सामान्य जीवन नहीं जीते हैं, और अंतःप्रजनन का खतरा होता है। उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षित करने का एक तरीका राष्ट्रीय उद्यानों जैसे संरक्षित क्षेत्रों का निर्माण करना है। पेड़ों को काटा नहीं जा सकता, सड़कें और घर नहीं बनाए जा सकते, और जानवरों का शिकार अवैध है। ये सुनिश्चित करने के लिए रेंजरों रखे जाते है। सिर्फ पशु ही नहीं, इससे पौधों को भी खतरा है। आश्‍चर्य की बात है कि 70% पौधों की प्रजातियाँ लुप्तप्राय हैं, इसलिए आवश्‍यक है कि हम उन्हें भी बचाने में मदद करें। साथ ही संरक्षित क्षेत्रों से, लुप्तप्राय पौधों को बीज एकत्र करके संरक्षित किया जाता है और बीज बैंकों में जमा करते है। यदि कोई पौधा विलुप्त हो जाता है, उनकी आबादी को बहाल करने के लिए बीजों को उगाया जा सकता है। संक्षेप में, एक लुप्तप्राय प्रजाति वह है जो विलुप्त होने के जोखिम में है, जिसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। कमजोर प्रजातियों की रक्षा करना संरक्षण कहलाता है, और ऐसा करने के कई तरीके हैं, वन्‍यजीव उद्यान और संरक्षित क्षेत्रों को मिलाकर। यदि आपको वीडियो पसंद आया हो, इसे थम्‍स अप दें, और सब्सक्राइब करना न भूलें। आप कुछ पूछना चाहते हैं तो नीचे टिप्‍पणी में लिखें । और हमारा फ्यूजस्कूल ऐप भी देखें। फिर मिलते हैं।