इतिहास के सबसे कुख़्यात बदमाश के रूप में,
ऐल कपोन संगठित अपराधों के बड़े और
फायदेमन्द साम्राज्य की अध्यक्षता रखता था।
जब अंततः उस पर मुकदमा चला,
तो केवल कर की चोरी ही उसका
सबसे बड़ा अपराध सिद्ध किया जा सका।
वो साल के करीब $१० करोड़,
आज की मुद्रा में १.४ अरब,
जो कपोन ने अवैध जुए से,
अवैध शराब की बिक्री से,
वेश्यालयों से,
और जबरन वसूली से कमाए थे,
उन्होंने उसके अपराधों के
सबूतों की तरह काम किया होता।
लेकिन वह पैसा कहीं नहीं मिला।
कपोन और उसके साथियों ने उनको विभिन्न
व्यवसायों में निवेश के द्वारा छुपा रखा था
जिनका अंतिम स्वामित्व
साबित नहीं किया जा सका,
जैसे केवल-नकद धोबीघर।
असल में, वो धोबीघर हिस्सेदार हैं
इस गतिविधि को नाम देने में,
(money laundering) काले धन को वैध बनाना।
मनी लॉन्डरिंग किसी भी ऐसी
प्रक्रिया के लिये शब्द बना
जो अवैध तरह से प्राप्त किये गए धन के
गन्दे आपराधिक मूल को साफ करती है,
जिससे वो कानूनी अर्थव्यवस्था में
प्रयोग किया जा सके।
लेकिन कपोन काले धन को
सफ़ेद बनाने वाला पहला नहीं था।
असल में, ये क्रिया खुद
मुद्रा जितनी पुरानी है।
व्यापारी अपनी सम्पत्ति को
टहसीलदार से छुपाते थे,
और समुद्री लुटेरे अपना ईनाम
बिना ध्यान आकर्षित किये बेचना चाहते थे
कि उन्हें वो मिला कैसे।
हाल ही में आभासी मुद्रा के,
अपतटीय बैंकिंग के,
डार्कनेट के,
और वैश्विक बाज़ारों के आ जाने से,
ये कपट-प्रबंध कई ज़्यादा जटिल हो गए हैं।
यद्यपि आधुनिक मनी लॉन्डरिंग के
तरीकों में बहुत भिन्नता है,
ज़्यादातर के तीन मूल चरण होते हैं:
स्थानन,
परतें बनाना,
और एकीकरण।
जब अवैध तरीकों से हासिल किये गए धन को
ऐसी सम्पत्ति में बदला जाता है जो वैध लगे,
उसे स्थानन कहते हैं।
यह काम ज़्यादातर उस धन को
किसी गुमनाम व्यापारसंध या
किसी पेशेवर बिचौलिये को पंजीकृत
बैंक खाते में जमा करके किया जाता है।
यह वो चरण है जिसमें अपराधीयों का
भेद खुलने की सबसे ज़्यादा सम्भावना होती है,
क्योंकि वो वित्तीय व्यवस्था में
बड़े पैमाने में अचानक से
धन ला सकते हैं।
दुसरे चरण, परतें बनाने में,
कई सारे लेन-देनों का प्रयोग कर,
धन की उसके स्रोत से
दूरी बढ़ाई जाती है।
यह कई खातों में बीच धन के
स्थानान्तरण के रूप में,
या व्यापारिक संपत्ति खरीदने के रूप में,
जैसे महंगी गाड़ी,
कलाकृति,
और अचल संपत्ति।
कैसिनो, जहाँ बड़ी राशि में धन
हर क्षण हाथ बदलता है,
वो भी परतें बनाने का
एक प्रचलित स्थान है।
एक काले धन को सफ़ेद बनाने वाला
अपने जुए की देय राशि को
उस कैसिनो की अन्य देशों की शृंखला में
उपलब्ध करा सकता है,
या कर्मचारियों के साथ मिल कर
जुए में छल कर सकता है।
अंतिम चरण, एकीकरण, मूल अपराधी के
लाभ के लिये सफ़ेद धन को फ़िर से
मुख्य अर्थव्यवस्था के अन्दर आने देता है।
वह उसको नकली बिल दिखा कर
भुगतान करने का दावा करते हुए
किसी वैध व्यापार में निवेश कर सकते हैं,
या खुद को निदेशक मंडल में
अत्यधिक वेतन के साथ डाल कर
कोई फ़र्ज़ी दानी संस्था भी
आरम्भ कर सकते हैं।
काले धन को सफ़ेद बनाना
अमरीका में १९८६ तक आधिकारिक तौर पर
संघीय अपराध नहीं माना जाता था।
उससे पहले, सरकार को किसी सम्बन्धित
अपराध पर मुकदमा चलना पड़ता था,
जैसे कर की चोरी।
१९८६ से, वो केवल यह प्रदर्शित कर
कि धन छुपाया गया है,
सम्पत्ति को ज़ब्त कर सकते थे,
जिससे मुख्य आपराधिक संचालन,
जैसे नशीली दवाओं की तस्करी पर,
मुकदमा चलाने पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
लेकिन, कानूनी बदलाव ने
गोपनीयता और सरकारी निगरानी जैसी
चिंताएँ बढ़ाई हैं।
आज, संयुक्त राष्ट्र,
राष्ट्रीय सरकारें,
और विभिन्न गैर-लाभकारी संगठन,
मनी लॉन्डरिंग के विरुद्ध लड़ रहे हैं,
लेकिन फ़िर भी, यह पद्धति वैश्विक अपराध में
मुख्य भूमिका निभा रही है।
और मनी लॉन्डरिंग की सबसे
जानी मानी घटनाओं में,
ना केवल गैर-सरकारी व्यक्ति सम्मिलित हैं,
बल्कि प्रमुख वित्तीय संस्थाएँ
और सरकारी अधिकारी भी।
हर वर्ष आखिर कितना काला धन
सफ़ेद बनाया जाता है,
यह ठीक तरह से कोई भी नहीं जानता,
लेकिन कुछ संस्थाएँ आकलन करती हैं
कि वह सैंकड़ों अरब डॉलर होगा।