WEBVTT 00:00:07.559 --> 00:00:10.923 यदि आप चॉकलेट के बिना अपनी ज़िन्दगी की कल्पना नहीं कर सकते, 00:00:10.923 --> 00:00:15.942 तो आप भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म सोलहवी शताब्दी से पहले नही हुआ। 00:00:15.942 --> 00:00:19.450 तब तक चॉकलेट केवल मेसोअमेरिका में पायी जाती थी, 00:00:19.450 --> 00:00:22.305 आज जिस रूप में जानते हैं उससे बहुत ही भिन्न रूप में। 00:00:22.305 --> 00:00:24.685 1900 ईसा पूर्व तक 00:00:24.685 --> 00:00:27.805 उस क्षेत्र के लोगों ने देशी 00:00:27.805 --> 00:00:30.716 काकाओ की बीन्स को तैयार करना सीख लिया था। 00:00:30.716 --> 00:00:33.216 सबसे पुराने आलेखों के अनुसार बीन्स को पीस कर 00:00:33.216 --> 00:00:36.465 मक्की का आटे व लाल मिर्च के साथ मिलाया जाता था। 00:00:36.465 --> 00:00:37.956 एक पेय बनाने के लिए- 00:00:37.956 --> 00:00:40.096 गर्म कोको के एक कप के लिए नही, 00:00:40.096 --> 00:00:44.736 बल्कि एक कड़वा, सशक्त संयोजक बनाने के लिए जो फेन से भरा होता था। 00:00:44.736 --> 00:00:47.976 और अगर आपको लगता है कि आज हम चॉकलेट को कुछ ज़्यादा ही महत्व देते हैं 00:00:47.976 --> 00:00:51.166 तो असल में मेसोअमेरिकन लोगों ने हमें मात दी थी। 00:00:51.166 --> 00:00:53.596 उनका मानना था कि चाॅकलेट एक दिव्य खाद्य पदार्थ है 00:00:53.596 --> 00:00:57.016 जो मानवों को एक पंखों वाले सर्प देव ने भेंट किया, 00:00:57.016 --> 00:00:59.539 जिन्हे माया लोग कुकुलकन 00:00:59.539 --> 00:01:02.836 और एज़्टेक लोग क्वात्ज़लकोआटल के नाम से जानते थे। 00:01:02.836 --> 00:01:05.287 एजटेक लोग कोको बीन्स का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में करते थे 00:01:05.287 --> 00:01:07.826 और शाही समारोहों में चॉकलेट पिया करते थे, 00:01:07.826 --> 00:01:10.736 युद्ध में सफलता के लिए पुरस्कार के रूप में 00:01:10.736 --> 00:01:13.417 सैनिकों को देते थे और रीति-रिवाजों में प्रयोग करते थे। 00:01:13.417 --> 00:01:18.137 1519 में पहली बार ट्रान्साटलांटिक तौर पर चॉकलेट से परिचय हुआ 00:01:18.137 --> 00:01:21.727 जब हर्नान कोर्टेस ने मोक्टेज़ुमा की अदालत का दौरा किया 00:01:21.727 --> 00:01:23.486 जो टेनोच्टिट्लान में स्थित है। 00:01:23.486 --> 00:01:25.587 कोर्टेस के लेफ्टिनेंट ने दर्ज किया गया है, 00:01:25.587 --> 00:01:31.287 राजा ने चॉकलेट से भरी 50 सुराहियाँ मंगवायी और उसे सुनहरे प्यालों में परोसा गया। 00:01:31.287 --> 00:01:34.707 जब उपनिवेशवादी एक अनोखी बीन को जहाज़ों पर लाद कर लाए 00:01:34.707 --> 00:01:37.727 मिशनरी लोगों के देशी रिवाज़ों पर कामातुर रवैये के कारण 00:01:37.727 --> 00:01:42.068 एक कामोद्दीपक औषधि का नाम दिया । 00:01:42.068 --> 00:01:45.778 शुरूआत में, इसके कड़वे के कारण इसे दवा के रूप में उपयुक्त बनाया, 00:01:45.778 --> 00:01:47.978 जैसे पेट की बिमारियाँ, 00:01:47.978 --> 00:01:50.777 लेकिन शहद, चीनी, या वेनिला के साथ इसे मीठा बनाने से 00:01:50.777 --> 00:01:55.458 चॉकलेट स्पेनिश अदालत में जल्द ही एक लोकप्रिय व्यंजन बन गया। 00:01:55.458 --> 00:02:01.568 और जल्द ही, एक समर्पित चॉकलेट अब सब सभी कुलीन घरों में पाया जाना लगा। 00:02:01.568 --> 00:02:05.378 लेकिन इस पेय को बड़े पैमाने पर बनाना कठिन एवं बहुत ही 00:02:05.378 --> 00:02:06.859 समय लेने वाला कार्य था। 00:02:06.859 --> 00:02:10.369 इसमें कैरिबियन में और अफ्रीका के तट पर स्थित द्वीपों पर वृक्षारोपण और NOTE Paragraph 00:02:10.369 --> 00:02:14.509 आयातित गुलाम श्रम का उपयोग शामिल था। 00:02:14.509 --> 00:02:18.179 चॉकलेट की दुनिया 1828 में हमेशा के लिए बदल गयी 00:02:18.179 --> 00:02:24.029 जब एम्स्टर्डम के कोएनराड वैन हौटेन ने कोको प्रेस का ईजाद किया। 00:02:24.029 --> 00:02:28.531 वैन हौटेन का यह आविष्कार कोको के प्राकृतिक वसा अथवा कोको मक्खन को अलग कर सकता था। 00:02:28.531 --> 00:02:32.516 इससे एक ऐसा पाउडर बना जिसे एक पेय में मिला कर पिया जा सकता था 00:02:32.516 --> 00:02:34.989 या फिर कोको मक्खन में पुनर्मिलित किया जा सकता था 00:02:34.989 --> 00:02:38.209 ठोस चॉकलेट बनाने के लिए 00:02:38.209 --> 00:02:42.202 कुछ समय बाद ही ऐक डैनियल पीटर नामित स्विस चॉकलेटर 00:02:42.202 --> 00:02:44.701 ने दूध के पाउडर को मिश्रण में मिलाया, 00:02:44.701 --> 00:02:47.790 और दूध की चॉकलेट का आविष्कार किया। 00:02:47.790 --> 00:02:51.389 20वीं शताब्दी में चॉकलेट एक विशिष्ट विलास खाद्य सामग्री नहीं रही 00:02:51.389 --> 00:02:53.851 बल्कि आम लोगों कके लिए एक ज्योनार बन गया 00:02:53.851 --> 00:02:58.114 भारी मांग की वजह से कोको की अधिक खेती आवश्यक बन गयी 00:02:58.114 --> 00:03:00.815 जो केवल भूमध्य रेखा के पास ही विकसित हो सकता है 00:03:00.815 --> 00:03:03.731 अब, अफ्रीकी गुलामों को 00:03:03.731 --> 00:03:06.021 दक्षिण अमेरिकी कोको बागानों में भेजने के बजाय 00:03:06.021 --> 00:03:09.151 कोको का उत्पादन खुद पश्चिम अफ्रीका में स्थानांतरित हो गया 00:03:09.151 --> 00:03:14.701 2015 तक दुनिया में कोको के उत्पादन का दो-पांचवां हिस्सा कोटे डी आइवर हीआपूर्त कर रहे थे 00:03:14.701 --> 00:03:16.744 फिर भी उद्योग के विकास के साथ 00:03:16.744 --> 00:03:19.977 मानव अधिकारों की भयानक उपेक्षा हुई है 00:03:19.977 --> 00:03:22.230 पश्चिम अफ्रीका के कई बाग़ान 00:03:22.230 --> 00:03:24.260 जो पश्चिमी कंपनियों को कोको सप्लाई करते हैं 00:03:24.260 --> 00:03:26.731 गुलामों और बाल मजदूरों को नियोजित करते हैं 00:03:26.731 --> 00:03:31.942 जिससे अनुमान के मुताबिक 2 लाख से अधिक बच्चे प्रभावित होते हैं 00:03:31.942 --> 00:03:33.951 यह एक जटिल समस्या बन गयी है 00:03:33.951 --> 00:03:38.981 प्रमुख चॉकलेट कंपनियों से अफ्रीकी देशों के साथ भागीदारी करने के प्रयासों के बावजूद 00:03:38.981 --> 00:03:42.901 बाल श्रम व आश्रित श्रम की प्रथाएँ आज भी क़ायम हैं। 00:03:42.901 --> 00:03:47.792 आज, चॉकलेट ने आधुनिक संस्कृति के अनुष्ठानों में खुद को स्थापित किया है 00:03:47.792 --> 00:03:51.442 देशी संस्कृतियों के साथ अपने औपनिवेशिक सहयोग के कारण, 00:03:51.442 --> 00:03:53.892 विज्ञापन की शक्ति के साथ 00:03:53.892 --> 00:03:57.113 चॉकलेट ने कामुक की छवि बरकरार रखी है, 00:03:57.113 --> 00:03:58.212 पतनो-मुख, 00:03:58.212 --> 00:03:59.663 एवं निषिद्ध। 00:03:59.663 --> 00:04:03.471 इसके आकर्षक और अक्सर क्रूर इतिहास के बारे में अधिक जानने पर 00:04:03.471 --> 00:04:05.562 और साथ ही इसका मौजूदा उत्पादन 00:04:05.562 --> 00:04:08.642 हमें इन संस्थाओं के प्रारंभ के बारे में पता चलता है 00:04:08.642 --> 00:04:11.052 और यह कि वह वे क्या छिपाते हैं 00:04:11.052 --> 00:04:13.912 तो जैसे ही आप अपनी चॉकलेट की अगली बार खोलें 00:04:13.974 --> 00:04:18.874 एक क्षण के लिय विचार करें कि चॉकलेट के बारे में सब कुछ मीठा नही है।