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एक आयरिश अंतिम संस्कार हमें जीवन और मृत्यु के बारे में क्या सिखाता है

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    एक बार खुदा ने एक बूढ़े राजा को सन्देश दिया
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    " हम तुम्हारा भेस बदल देंगे
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    जिससे तुम दुश्मन ख़ैमे में बिना पहचाने ...
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    घुस पाओगे और अपने बेटे के क़ातिल को ढूंढकर
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    उससे अपने बेटे के मृत शरीर को फिरौती के
    बदले वापस लेने का प्रयत्न कर पाओगे।
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    जब बूढ़े राजा ने यह बात अपनी रानी को बताई,
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    वह बहुत घबरा गई !
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    "मत जाइये!
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    वह मनुष्यों कि हत्यारा अकिलीज़
    आपकी भी हत्या कर देगा। "
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    लेकिन तब वह बूढ़ा आदमी,
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    ट्रॉय का राजा प्रायम,
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    कुछ ऐसा कहता है जो बहुत ही
    अद्भुत और आश्चर्यजनक है
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    लेकिन हमारी आजकी पीढ़ी के लिए
    उसे बूझ पाना बहुत ही मुश्किल है
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    " मुझे इसकी बिलकुल परवाह नहीं है
    की कोई ग्रीक मेरी हत्या कर दे ,
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    जब मैं अपने मृत बेटे को एक आखिरी
    बार अपनी बाहों में भरकर
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    जी भर कर अपने कलेजे से लगा लूँ . "
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    " मेरा मरा हुआ बेटा मेरी बाहों में ? "
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    क्या वह बूढ़ा आदमी नहीं जनता था
    कि
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    मृत शरीर किसी काम का नहीं,
    बेकार है?
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    उसकी तलाश बेमानी है !
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    महज़ एक लाश के लिए कौन
    अपनी ज़िन्दगी दांवपर लगाएगा ?
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    ये कहानी ली गयी है,
    " द इलियड" कि बुक २४ से,
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    जो कि पश्चिमी सभ्यता के
    नीव का एक पत्थर है।
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    जोकि होमर ने ७०० बी सी में लिखी थी।
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    जोकि उस युद्ध के बारे में है
    जो १३०० बी सी में हुआ था।
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    द सीज ऑफ़ ट्रॉय।
    ट्रॉय कि घेराबंदी !
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    एक प्राचीन कविता,
    हज़ारों सालों तक रटा गया ,
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    गायन और अभिनीत किया गया.
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    आप सभी सुनते आये हैं,
    इलियड के शब्द जाने कई बार
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    और इन शब्दों को सुनकर हमे वह
    प्राचीन ज्ञान मिलता है जो
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    हमारे पूर्वज
    जीवन एवं मृत्यु के बारे में समझते थे
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    दुःख में भी किस तरह बहादुर हुआ जाय ,
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    अपनी मौत का किस तरह
    बहादुरी से सामना किया जाय
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    अपने बच्चो को कैसे बताया जाय
    की मौत कैसी होनी चाहिए,
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    किस तरह एक बेहतर नश्वर प्राणी बना जाय,
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    एक बेहतर इंसान बना जाय
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    (In Greek) "Hṑs hoí g’ amphíepon
    táphon Héktoros hippodámoio."
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    ये इलियड की सबसे आखिरी पंक्तियाँ
    हैं जो की प्राचीन ग्रीक में लिखी गयी हैं,
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    एक ऐसा ज्ञान जिसे हमने
    जानबूझकर भुला दिया और गुमा दिया ,
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    खुद के द्वारा गढ़े गए मौत के
    इस स्वार्थी डर मे।
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    दर असल हमने अपनी मौत
    के सच को दर किनार कर दिया है
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    मौत की बेमानी आधुनिक समझ
    मेडिकल का विषय बन कर रह गयी है
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    एक ऐसा विदेशी देश बनकर रह
    गयी है जहाँ हम कभी नहीं जाते हैं,
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    जिसे हम केवल अपने
    अंतिम समय में ही मिलते हैं .
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    मृत्यु का परम इनकार .
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    हमने न सिर्फ किसी अपने के मृत शरीर
    को गले से लगाना प्रतिबंधित कर दिया है,
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    बल्कि हमारे लिए उन्हें मारा
    हुआ देखना तक भी ...
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    ...वर्जित है.
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    चलिए एक टेस्ट लेते हैं !
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    अपने सीधे हाँथ की उंगलियों
    को ऊपर कीजिये ...
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    हाँ ...आप ...आप सब ...
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    ...और उनमे गिन कर बताइये की
    आज तक की ज़िन्दगी में आपने ,
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    कितने मृत शरीरो को देखा,
    छुआ, चूमा या फिर गले से लगाया है ?
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    एक ?
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    या दो ?
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    या फिर एक भी नहीं ?
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    क्या मृत शरीर की गिनती इतनी है की
    आपको उलटे हाँथ की उंगलियों की भी ज़रूरत पड़े ?
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    ऐसा कैसे संभव है ?
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    क्या हम सब नश्वर नहीं हैं ?
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    टीवी स्क्रीन्स पर हम होमर के...
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    ... इस प्रेम को बहुत खूबसूरती से दिखाएंगे
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    मृत हेक्टर अपने पिता की बाहों मे...
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    लोगों की सहानुभूति और मज़े के बहाने ...
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    और एडवर्टाइज़िंग से पैसे कमाने के लिए...
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    लेकिन हमारे अस्तित्व की इस लड़ाई ने
    हमें मज़बूत और बुद्धिमान नहीं बनाया है,
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    न ही मृत्यु के लिए साहसिक बनाया है !
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    इसने हमें सिर्फ और सिर्फ डरना सिखाया है
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    हम घबराते हैं और ...
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    दुखी हो जाते हैं अपनी
    ही मौत के बारे में सोचकर...
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    मृत्यु की हमारी संकीर्ण धरना
    सिर्फ "मैं " तक सिमित रह गयी है
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    "हम" कहीं नहीं है
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    जिन लोगों को जानलेवा बीमारी होती है...
    वो शर्म महसूस करते हैं...और खुद को अलग थलग कर लेते हैं
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    हमें शर्मिंदगी महसूस होती है
    उस कलीग से नज़रें मिलाने में ...
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    ...जिसने किसी अपने को खो दिया है ...
    हमेशा के लिए.
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    अपनी खुद की नश्वरता से
    हम शर्मिंदगी महसूस करते हैं
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    हमें लगता है कि अगर हमने
    कुछ कहा तो वे और दुखी हो जायेंगे
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    और....
    दुखी होना तो गलत है, हैना ?
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    दुखी होने का आनंद...
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    और मिजुलकर साथ में रोना...
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    इन सब से हम अनजान हो चुके हैं .
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    हालाँकि कई बार 'इलियड' में कहा गया है
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    और एक माँ की सलाह की तरह कहा गया है कि...
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    सेक्स दुःख के समय
    थेरेपी की तरह काम करता है .
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    और अपने निजी अनुभव से मैं ये कह सकता हूँ कि
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    ये सलाह एक दुखी आत्मा के लिए
    अमृत की तरह काम करती है .
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    (हंसने की आवाज़ )
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    हमें मरने से बहुत ज़्यादा डर लगता है
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    ट्रॉय के मैदान में लड़ने वाले
    उन योद्धाओं से भी अधिक.
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    मौत से हारे हुए हम !
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    और हाँ आप सब बहुत ज़्यादा
    दुखी और डरे हुए रहेंगे
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    अगर आप ये सोचें कि मौत का
    सामना आपको अकेले में और
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    भय के साथ करना पड़ेगा .
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    एक ही बार करने वाला मौत का अनुभव...
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    ' मेरी ' मृत्यु न कि ' हमारी ' मृत्यु .
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    लेकिन सोचिये कि अगर आपको
    मृत्यु का अभ्यास करवाया जाय
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    ठीक उस तरह जिस तरह
    हम कार चलना सीखते हैं ?
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    एक इंस्ट्रक्टर से इसकी शिक्षा लें !
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    अपने पड़ोस में छोटे छोटे चक्कर लगाएं ,
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    एक पूरे टेस्ट से गुज़रें
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    और अगर फेल हो जाएँ तो
    फिर इस प्रक्रिया को दुहराएँ
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    एक बहुत ही आम सा सामाजिक अभ्यास,
    एक दिनचर्या का हिस्सा .
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    तब ये इतना कठिन नहीं जान पड़ता है, हैना ?
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    अगर आप कभी किसी 'ट्रोजन वेक ' या
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    फिर इसी का आइरिश वर्ज़न नहीं गए हैं
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    और आपने सिर्फ मूवी देखी है,
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    तब आप सोच रहे होंगे कि ये
    सिर्फ कोई आयरिश बकवास है .
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    अगर आपको लग रहा है कि ये
    सब बातें वैसी ही हैं जैसे कि कुछ
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    मदहोश शराबी, नशे में धुत्त, बार में
    अपने किसी अंकल जॉनी को कोस रहे हैं
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    तो आप बिलकुल गलत हैं...
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    मृत लोगों का अंतिम संस्कार करना
    इंसानो कि सबसे पुरानी प्रथा है
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    जब मैं सिर्फ सात साल का था ...
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    मेरी माँ मुझे मेरे सबसे पहले
    मुर्दे से मिलाने ले कर गयी
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    मेरे पूर्वजों के द्वीप में एक अंतिम संस्कार .
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    एक बूढ़ा आदमी जिसके नाक के बाल
    बाहर झाँक रहे थे एक बक्से में लेटा हुआ था
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    जिसे देखते ही मुझे पता चल
    गया कि वो सो नहीं रहा था
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    उस वक़्त अपने ममता के आँचल में भी
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    वो मुझे मौत के डर से उबरने
    कि शिक्षा दे रहीं थीं
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    ठीक उसी तरह जिस तरह उनका
    समाज इस डर से उबरता आया है
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    पिछले कई हज़ार सालों से...
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    मेरा परिवार आयरलैंड के उसी एक गांव...
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    जो की काउंटी मायो के तट से
    कुछ दूर एक द्वीप में बस्ता है
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    में पिछले २५० सालों से रह रहा है.
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    एक अंतिम संस्कार में एक सच का
    मुर्दा व्यक्ति होता है
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    हमारे बीच का ही एक मरा हुआ व्यक्ति .
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    हाँ वो ज़्यादा कुछ बोल नहीं पाते हैं
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    लेकिन फिर भी उनके पास आप
    बहुत कुछ सीख सकते हैं
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    हर एक जीवित व्यक्ति जिसे आपने कभी ...
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    गुस्से में या प्यार में छुआ हो ..
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    अपने गरम खून की वजह से गरम होता है.
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    लेकिन मृत व्यक्ति बिलकुल संग-ए-मरमर
    की तरह ठंडा होता है
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    आगे अपनी ज़िन्दगी में,
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    जब मैंने अपने भाई बर्नार्ड के मृत शरीर को
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    अपनी बाहों में लिया ,
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    चूमा और गले से लगाया ,
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    पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि...
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    इतना ठंडा पुतला कभी इंसान भी था.
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    और इसी तरह एक और हमारे अस्तित्व
    से जुड़ा हुआ एहसास है .
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    जब यहाँ बैठकर मुझे सुन रहे हैं
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    आपका दिल तेज़ी से खून पंप कर रहा है
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    लेकिन अगर आप उस पंप को काट देते हैं ...
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    शरीर में दबाव ख़तम हो जाता है
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    खून बहकर निचले अंगो में चले जायेगा
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    आपके गाल लटक जायेंगे
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    आपका चेहरा काला पड़ने लगेगा
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    आपकी बिना खून की
    पत्थर सी उँगलियाँ हो जाएँगी
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    और आपका हिलता काँपता हुआ व्यक्तित्व
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    किसी कार के इंजन की तरह
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    बंद पड़ जाता है
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    ऐसे वक़्त में फिर क्या होता है,
    कहिये ?
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    उस वक़्त हम क्या करे ?
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    और हमारे पूर्वजों ने क्या कभी नहीं किया ?
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    वो ये की हमे उस वक़्त बेवकूफी
    भरी बात नहीं करनी चाहिए!
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    जैसे कि,"ये सिर्फ मिट्टी का पुतला है ,
    इसे भूल जाओ "
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    वो इंसान जिसे आपने ज़िन्दगी भर प्यार किया
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    उस शरीर के बाहर कभी मौजूद नहीं था
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    और जब उस इंसान के शरीर को
    जीवित रहने में प्यार किया
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    तो मरने के बाद आप क्यों नहीं
    उसके शरीर को सम्मान देंगे ?
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    रोमन, केल्ट और ग्रीक अपने मृत
    लोगों का सम्मान करते थे
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    उसका ख्याल एक नवजात बच्चे कि तरह रखते थे
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    मृत को कभी अकेला नहीं छोड़ते थे।
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    कोई न कोई हमेशा उसकी
    देखरेख करता था
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    जब तक कि उनका अंतिम संस्कार न कर दिया जाय
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    दुखी होना भी अच्छा था
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    ट्रॉय के आँगन में ... दुःख व्यक्त करना
    किसी भी तरह शर्मनाक नहीं था
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    यहाँ तक कि वीर योद्धा अकिलिस भी
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    इतना रोया था कि उसका कवच भीग गया
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    और अंत्येष्टि में औरतें खुलकर रोती
    और मातम करती थीं
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    मृत लोगों का शरीर भी मांयने रखता था
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    हमारे पूर्वज साथ मिलकर
    पूरा एक अनुष्ठान करते थे
  • 9:39 - 9:42
    ताकि हमारी नश्वरता से उभरे
    ज़ख्मो में मलहम लगाया जाय
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    पीड़ितों को सहारा मिले
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    उनके मृत को दफनाया जाय
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    और फिर आगे कि ज़िन्दगी का
    सफर फिर से शुरू किया जाय
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    उन्होंने खुद को बहुत आज़ाद कर रखा था
  • 9:51 - 9:54
    और उन्होंने बहुत मज़ा भी किया है
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    अंत्येष्टि में खाना, पीना और
    सेक्स करना सब .
  • 10:00 - 10:05
    मृत्यु ...
    और एक बहुत सोचने वाली बात है कि ...
  • 10:05 - 10:09
    एक रोज़ मर्रा कि चीज़ हुआ करती थी.
  • 10:09 - 10:12
    जैसे कि आज भी आयरलैंड में आज भी
  • 10:12 - 10:17
    कई लोग अन्तेय्ष्टि और अंतिम संस्कार
    में इकट्ठे होते हैं
  • 10:17 - 10:20
    और एक साधारण आदमी कम से कम दर्जन भर
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    या कई सौ मृत शरीरों को
    अपनी ज़िन्दगी में देख चूका होता है
  • 10:25 - 10:29
    अंतिम संस्कार सच में दुःख
    से भरा हो सकता है
  • 10:29 - 10:34
    लेकिन एक आयरिश अंत्येष्टि में कुछ
    भी भवनात्मक या भावुक नहीं होता है
  • 10:35 - 10:36
    बॉक्स में वो एक बूढी औरत
  • 10:36 - 10:40
    या फिर कफ़न में लिपटी हुई लाल बालों वाली बच्ची
  • 10:40 - 10:42
    सब एक मृत मनुष्य हैं
  • 10:42 - 10:44
    हमारे बीच में का ही एक .
  • 10:45 - 10:46
    हालाँकि बस एक कपडे
    में लिपटे हुए हैं
  • 10:46 - 10:50
    मुर्दों के साथ होने वाले
    इस आमने सामने में
  • 10:50 - 10:53
    कई बहुत सारे प्रोटोकॉल होते हैं
  • 10:53 - 10:56
    देखिये ...इन संस्कार में आप
  • 10:56 - 10:59
    आप देखते हैं कि मौत ऐसी दिखती है ,
  • 10:59 - 11:01
    यह है मृत्यु !
  • 11:01 - 11:05
    आप कॉफिन में छूकर देख सकते हैं
  • 11:05 - 11:10
    और वो सारे प्रोटोकॉल्स आपको
    इजाज़त देते हैं ये सब करने को
  • 11:10 - 11:12
    तो उदहारण के लिए ,
  • 11:12 - 11:15
    आपको लइसेंस है विलाप करने का.
  • 11:15 - 11:20
    गुस्सा होने का, रोने का, दुखी होने
    का या आंसू बहाने का
  • 11:20 - 11:24
    उस चीज़ को स्वीकार करने का कि
    एक अपरवर्तिन परिवर्तन हो चुका है
  • 11:24 - 11:27
    एक सामाजिक मृत्यु कि
    तरह एक इंसान कि मृत्यु
  • 11:27 - 11:31
    एक सामाजिक स्वीकृत्ति
    किसी के दुःख और विलाप की
  • 11:31 - 11:35
    एक बेहिचक नश्वर एकजुटता.
  • 11:36 - 11:40
    हमारी मृत्यु... न की ....मेरी मृत्यु
  • 11:41 - 11:45
    मृत शरीरों से अंतिम संस्कारों में मिलना
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    हमारी माओं के द्वारा दिया गया
    पहला सबक होता था हमारी मृत्यु का
  • 11:51 - 11:54
    वो बिलकुल " कैसे जियें और कैसे मरें"
    के गाइड थे
  • 11:54 - 11:57
    बहुत सारे निर्देशों के साथ , जैसे कि
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    नश्वरता एक ऐसा सत्य है जिसे
    हम कभी नहीं बदल सकते हैं
  • 12:03 - 12:08
    और ये सोचना कि 'हम अमर हैं' एक बेवकूफी है
  • 12:08 - 12:09
    और ये भी कि दुःख का आनंद
  • 12:09 - 12:14
    सामाजिक मातम और विलाप
    एक दुखी आत्मा को शांत कर सकता है
  • 12:15 - 12:19
    और कैसे हम सब एक साथ
    मृत्यु के डर से उभर सकते हैं
  • 12:19 - 12:21
    सुनने में अच्छा लगता है, हैना ?
  • 12:21 - 12:22
    (दर्शकों की आवाज़ )
  • 12:22 - 12:24

    क्या कोई ये सोचता होगा कि
  • 12:24 - 12:26
    ये सब आज के अमेरिका में काम नहीं करेगा
  • 12:27 - 12:29
    मुझे तो ये भी नहीं मालूम कि
    मेरे पड़ोस में कौन रहता है
  • 12:30 - 12:31
    परिवार बिखर गए हैं
  • 12:31 - 12:35
    ऐसा कोई समाज ही बाकी नहीं रह गया है
    जिसके साथ ये अंतिम संस्कार किया जा सके
  • 12:36 - 12:37
    लेकिन फिर भी ,
  • 12:37 - 12:40
    आप बिलकुल ही गलत होंगे
  • 12:40 - 12:42
    हम सबमें खुदमें ये ताकत है कि
  • 12:42 - 12:46
    हम अपने पूर्वजों के इन बुद्धिमता
    को फिर से जीवित करें
  • 12:46 - 12:48
    जब हमारा खुदकी नश्वरता से सामना होता है
  • 12:48 - 12:51
    हम बहुत ही कमज़ोर महसूस करते हैं
  • 12:51 - 12:52
    बिलकुल मरा हुआ
  • 12:54 - 12:58
    लेकिन असल में आपको
    खुदको फिर से ढूँढना है
  • 12:58 - 13:01
    थोड़ा सा आयरिश हो जाएँ ....अगर आप चाहें तो
  • 13:01 - 13:02
    (हंसी की आवाज़ )
  • 13:02 - 13:06
    हो सकता है कि आपने खुदको कभी
  • 13:06 - 13:08
    एक नश्वर समाज का हिस्सा ही न समझा हो
  • 13:09 - 13:14
    लेकिन फिर से जुड़ना बहुत आसान है
    अगर आप कोशिश करें
  • 13:14 - 13:17
    इसका ये कतई मतलब नहीं है
    कि आप परोपकारी हो रहे हैं
  • 13:17 - 13:20
    बल्कि ये एक बहुत ही स्वार्थी पहल है
  • 13:20 - 13:23
    मुफ्त का मृत्यु ज्ञान .
  • 13:24 - 13:27
    और कोन आपको सिखा सकता
    है कि मारा कैसे जाय
  • 13:27 - 13:31
    सिवाय किसी दूसरे मरने वाले व्वक्ति के ?
  • 13:32 - 13:35
    आपको सिर्फ इतना करना है कि
    अपने डर से बाहर आना है
  • 13:35 - 13:38
    उन्हीं औजारों का इस्तेमाल करते हुए
    जो पहले से आपके पास हैं
  • 13:39 - 13:41
    जैसे कि आपके फ़ोन
  • 13:41 - 13:45
    तो अगर किसी दिन आप सुने कि
    किसी ने अपने प्रिय को खो दिया है
  • 13:45 - 13:47
    आप इंतज़ार नहीं करें
  • 13:47 - 13:49
    आप उसी वक़्त फ़ोन करें
  • 13:49 - 13:54
    और कहें, "मुझे बहुत
    अफ़सोस है आपके दुःख का "
  • 13:54 - 13:56
    और बीमार और मरने वाले से जाकर मिलें
  • 13:56 - 13:59
    और हो सके तो उसमे मरने के समय मौजूद रहें
  • 13:59 - 14:02
    गवाह के लिए और सोच विचार के लिए
  • 14:02 - 14:06
    इसके अलावा ऐसा कुछ भी नहीं जो
  • 14:06 - 14:10
    आपको गहरा और ज़िन्दगी
    से जुड़ने का अनुभव देगा
  • 14:10 - 14:12
    या फिर ज़्यादा से ज़्यादा
    अंतिम संस्कारों में जाएँ
  • 14:12 - 14:16
    अगर आप मृत व्यक्ति को
    नहीं जानते हैं तब भी !
  • 14:17 - 14:21
    यकीन मानिये कि जब तक आप सांस ले रहे हैं
  • 14:21 - 14:23
    आप उस इंसान को जानते हैं
  • 14:24 - 14:26

    अपने आपको पूरा आज़ाद कीजिये
  • 14:26 - 14:30
    क्यूंकि इन छोटे छोटे कदमों से,
  • 14:30 - 14:35
    आप खुद को इस विशाल नश्वरता
    का हिस्सा महसूस करने लगेंगे
  • 14:36 - 14:38
    बिलकुल उतना ही इंसान
  • 14:38 - 14:39
    उतना ही कमज़ोर
  • 14:39 - 14:42

    जितना कि आपके आस पास कि ज़िंदगियाँ
  • 14:44 - 14:47

    मौत मायने रखती है क्यूंकि
    ज़िन्दगी मायने रखती है
  • 14:47 - 14:50
    ये दोनों ही एक दूसरे से जुडी हुई हैं
  • 14:50 - 14:53

    कोई बात नहीं अगर शुरू शुरू में आपको अजीब लगे
  • 14:53 - 14:56

    अभ्यास , अभ्यास और अभ्यास
  • 14:56 - 14:58
    जब तक कि आपके लिए ये सिर्फ कार में बैठना
  • 14:58 - 15:03
    और वहां जाना बन जाय , बिना अजीब लगे
  • 15:03 - 15:07
    वैसे तो आपकी खुद की मौत को होने
    के लिए पूरी ज़िन्दगी लगेगी
  • 15:07 - 15:09
    ताकि वो सही तरीके से हो
  • 15:09 - 15:13
    तो जब मैंने विदेशी जंगों में जाना छोड़ दिया
  • 15:13 - 15:16
    और थोड़ी समझदारी आयी
  • 15:16 - 15:18
    मैं एक लोक कवी बन गया
  • 15:18 - 15:24
    और मैंने ये प्रशंसा गीत लिखा अपने
    द्वीप की माओं के सम्मान में
  • 15:24 - 15:28
    जोकि पिछले हज़रों सालों में
    कभी नहीं हिचकिचाईं
  • 15:28 - 15:31
    हमारे मृत लोगों को सहारा देने से
  • 15:31 - 15:33
    इसका शीर्षक है, " अगर मैं गा सकता "
  • 15:33 - 15:35
    अगर मैं गा सकता,
  • 15:35 - 15:39
    मैं नहीं गाता उस हारे हुए
    इलियड शहर के बारे में ,
  • 15:39 - 15:41
    या फिर उस बीते हुए गौरव के लिए
  • 15:41 - 15:45
    या फिर हेक्टर के खून के
    लिए जो धरती को रंग गया
  • 15:45 - 15:46
    नहीं
  • 15:46 - 15:49
    मैं गाता उस आइलैंड के बारे में
  • 15:49 - 15:50
    जो कि पश्चिम में स्थित है
  • 15:50 - 15:56
    बढ़ते हुए समुद्र से लदा पानी कि फुहारों से
    भीगा हुआ, पत्थरों से बना एक किला
  • 15:56 - 15:59
    गहरे नीले सागर में खड़ा
  • 15:59 - 16:02
    एक और ट्रॉय, एक आयरिश ट्रॉय
  • 16:02 - 16:05
    डूबते सूरज के बिलकुल करीब
  • 16:05 - 16:07
    अविजित.
  • 16:07 - 16:10
    अगर तुम सुन सकते ये गीत
  • 16:10 - 16:13
    तुम भी उत्साह से सुनते ,
  • 16:13 - 16:15
    उस अम्रो किंचा को
  • 16:15 - 16:18
    मातम करतीं , रोती हुई उन औरतों को
  • 16:18 - 16:20
    विलाप और दुखी ह्रदय
  • 16:20 - 16:23
    अंत्येष्टि में गूंजता हुआ एक अनंत गान
  • 16:23 - 16:28
    जहाँ इंसानियत कि आखिरी उम्मीद धड़कती है
  • 16:28 - 16:31
    एक शरीर के साथ जन्मा वो मृत
  • 16:31 - 16:35
    न अकेले जिए, प्यार करे और मरे.
  • 16:37 - 16:39
    और अगर मैं गा सकता
  • 16:39 - 16:42
    अगर हम सब साथ में गा सकते
  • 16:42 - 16:44
    ऐ मेरे भाई और बहनों
  • 16:44 - 16:49
    तब बिलकुल ही हमें ...
    हमेशा ही गीत गाना चाहिए
  • 16:51 - 16:52
    शुक्रिया
  • 16:52 - 16:56
    (तालियों कि आवाज़ )
Title:
एक आयरिश अंतिम संस्कार हमें जीवन और मृत्यु के बारे में क्या सिखाता है
Speaker:
केविन टूलिस
Description:

सदियों से आयरिश अंतिम संस्कार एक ऐसा समय है जब लोग आपस में मिलजुल कर न सिर्फ मृत व्वक्ति का शोक करते हैं बल्कि उसके जीवन का जश्न भी एक साथ मनाते है। इस एक बहुत ही गहरी और एक कविता कि तरह बातचीत में कवी केविन टूलिस मौत के डर और उसके इंकार की निंदा करते हैं जोकि हमारे आज के समाज में बढ़ती हुई दूरियां और अकेलेपन की उपज है. वो बताते हैं की किस तरह जीना तभी पूरा है जब हम इस सच को स्वीकार करते हैं कि हम नश्वर हैं -- और वो साधारण और आसान से तरीके भी बताते हैं ताकि हम फिर से समाज से जुड़ सकें, उनसे जुड़ सकें जिन्हे हम प्यार करते हैं और खुद से भी!

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
17:09

Hindi subtitles

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