0:00:06.823,0:00:09.116 कुछ भी समझ नहीं पाए आप, है न ? 0:00:09.326,0:00:10.555 [हँसी] 0:00:10.555,0:00:13.558 वर्तमान भारत में 18 करोड़ श्रवण दिव्यांग है 0:00:13.838,0:00:17.001 जो इस कष्ट में जीते है[br]साल दर-साल, दिन-प्रति-दिन, 0:00:17.001,0:00:19.896 उस दुनिया को समझने की कोशिश[br]में, जिसे वे सुन नहीं सकते। 0:00:20.436,0:00:23.207 जागरूकता की भारी कमी और[br]सामाजिक कलंक 0:00:23.207,0:00:25.643 उस नवजात के होने की,[br]जो दिव्यांग है 0:00:26.000,0:00:27.919 अभिभावक मारे-मारे फिरते हैं 0:00:27.919,0:00:30.953 के किस प्रकार शिशु का[br]पालन-पोषण करें 0:00:30.953,0:00:33.892 और उन्हें बताया जाता है[br]यद्यपि वे सुन नहीं सकते 0:00:33.892,0:00:36.280 उनके ध्वनि-अंग ख़राब[br]नहीं है। 0:00:36.280,0:00:38.396 उनके स्वर-रज्जु बेक़ार नहीं हैं। 0:00:38.396,0:00:41.239 और उन्हें अंततः सिखाया जा सकता है[br]किस प्रकार बोलना सीखें। 0:00:41.239,0:00:45.893 एक यात्रा आरम्भ होती है और[br]वर्षों बीत जाते हैं, सिखाने की कोशिश में, 0:00:45.893,0:00:50.163 इन नन्हें बालकों को, सुस्पष्ट उच्चारण[br]उन अश्रवणीय शब्दों का। 0:00:50.893,0:00:54.183 यहाँ तक की परिवार में भी[br]यह नन्हा बालक चाहता है 0:00:54.183,0:00:56.309 अपने अभिभावक से संवाद करना 0:00:56.309,0:00:59.930 उसे भी हिस्सा बनना है[br]पारिवारिक वार्तालाप का। 0:00:59.930,0:01:03.920 पर वह असहाय समझ नहीं पाता[br]क्यूँ कोई भी उसकी नहीं सुन रहा? 0:01:04.620,0:01:06.732 अतः वह खुद को अकेला[br]पाता है और चूक जाता है 0:01:06.732,0:01:09.923 इस निर्णायक योग्यता को पाने में[br]जो एक जरुरत है हमारी, बढ़ने पर। 0:01:09.923,0:01:14.464 वह रोज स्कूल जाता है[br]इस आशा के साथ की अब परिस्थितियां बदलेगी 0:01:14.464,0:01:17.371 किन्तु वह देखता है, अपने अध्यापकों के[br]मुख खुलते और बंद होते 0:01:17.371,0:01:19.827 और विचित्र चीज़ें लिखते,[br]तख़्ती पर। 0:01:19.827,0:01:22.880 बिना समझे,[br]क्यूंकि वे सुन नहीं सकते, 0:01:22.880,0:01:26.997 उसे अपने कॉपी पर छापते है[br]और परीक्षा-काल में उलट देते है 0:01:26.997,0:01:31.474 और किसी प्रकार रटकर और कुछ अनुग्रह पर[br]ये स्कूल की पढाई ख़त्म करते हैं, १०वीं तक। 0:01:31.764,0:01:34.264 इनके रोजगार पाने की संभावना क्या होगी? 0:01:34.264,0:01:38.230 इस बच्चे को देखिये,[br]कोई वास्तविक ज्ञान नहीं, 0:01:38.230,0:01:41.483 दृश्य शब्द, तीस से चालीस[br]शब्दों की शब्दावली 0:01:41.483,0:01:45.802 वह भावनात्मक रूप से असुरक्षित है, और शायद[br]पूरी दुनिया से ख़फा भी, 0:01:45.802,0:01:49.117 जिसने, वे महसूस करते है,[br]उसे जान-बुझ कर लाचार बनाया। 0:01:49.517,0:01:53.283 वे कहाँ और कैसे काम करें?[br]तुच्छ काम, कौशलविहीन कार्य, 0:01:53.883,0:01:56.129 प्रायः अपमानजनक स्थितियों में। 0:01:56.129,0:02:02.037 यहाँ से मेरे जन्म-यात्रा २००४ से[br]शुरु हुई। कोई नहीं है, जैसा केली ने बताया, 0:02:02.037,0:02:04.160 मेरे परिवार में कोई दिव्यांग नहीं है। 0:02:04.160,0:02:07.216 सिर्फ एक विचित्र खिंचाव[br]और, कोई तर्कसंगत सोच नहीं। 0:02:07.216,0:02:09.632 मैं इनकी दुनिया में कूद पड़ी[br]और सांकेतिक भाषा सीखा। 0:02:09.632,0:02:13.750 उस वक्त, यह एक चुनौती थी।[br]कोई नहीं चाहता था, शायद ही कोई जानता था, 0:02:13.750,0:02:16.865 "यह क्या है जो तुम सीखना चाहती हो, रुमा?[br]यह कोई भाषा है?" 0:02:16.865,0:02:22.415 फिर भी, सांकेतिक भाषा सीखकर[br]मेरी ज़िंदगी इस समुदाय के लिए खुल गयी 0:02:22.415,0:02:25.025 जो बाहर से शांत दिखती है,[br]पर भरी पड़ी है 0:02:25.025,0:02:28.477 जुनून और जिज्ञासा से[br]_ 0:02:28.477,0:02:31.141 फिर मैंने उनकी कहानियों सुनी[br]वे क्या बनना चाहते है। 0:02:31.141,0:02:38.612 एक साल बाद, २००५ में,[br]५००० डॉलर की छोटी पूंजी से, 0:02:38.612,0:02:42.440 जो एक बीमा योजना के पूरे होने पर मिली,[br]मैंने इस केंद्र की शुरुआत की, 0:02:42.440,0:02:46.120 एक छोटे से दो कमरे के मकान में,[br]सिर्फ ६ छात्रों के साथ 0:02:46.120,0:02:48.844 और मैं उन्हें अंग्रेजी सिखाती,[br]सांकेतिक भाषा में। 0:02:49.297,0:02:53.000 चुनौतियाँ, प्राथमिकताएं[br]उस वक्त की थी, 0:02:53.000,0:02:56.116 किस प्रकार इन,[br]सिर्फ हाई स्कूल उत्तीर्ण, बच्चों को 0:02:56.116,0:02:58.360 कंपनियों में वास्तविक रोज़गार[br]के लिए लगाया जाये? 0:02:58.360,0:03:03.119 गरिमापूर्ण नौकरी, नौकरी जो[br]साबित करें बधिर मूर्ख नहीं हैं? 0:03:03.916,0:03:08.393 अतः, चुनौतियाँ अपार थी।[br]उनका वर्षों का ठहराव, 0:03:08.393,0:03:10.629 वर्षों की विरक्ति और अंधकार। 0:03:10.629,0:03:14.094 इनकी आवश्यक्ता थी खुद पर विस्वास करने की।[br]अभिभावकों को, आश्वस्त करने की 0:03:14.094,0:03:16.689 उनके बच्चें बधिर हैं पर मूर्ख नहीं। 0:03:16.689,0:03:19.366 और वे पूरी तरह से सक्षम है[br]अपने दो पैरों पर खड़े होने में। 0:03:19.366,0:03:20.643 पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण, 0:03:20.643,0:03:23.519 क्या कोई कंपनी ऐसे व्यक्ति को[br]कार्य के लिए चुनेगी जो मूक है, 0:03:23.519,0:03:26.987 सुन नहीं सकते, और काफी हद तक[br]न लिख सकते है और न पढ़? 0:03:26.987,0:03:30.735 मैं अपने कुछ व्यावसायिक दोस्तों[br]के साथ बैठी, 0:03:30.735,0:03:34.513 और अपनी कहानी उन्हें बताया[br]मेरे लिए बधिर होने के क्या मायने है 0:03:34.513,0:03:39.189 और जाना कंपनियों में कुछ ऐसे[br]निश्चित स्थान है 0:03:39.189,0:03:43.077 जहाँ ये कार्य कर सकते हैं, और[br]कपनियों में उनका योगदान महत्वपूर्ण होगा। 0:03:43.077,0:03:45.862 और फिर अल्प साधनों से[br]हमने सबसे प्रथम शुरुआत की 0:03:45.862,0:03:49.187 व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम[br]बधिरों के लिए, देश में। 0:03:49.455,0:03:54.240 प्रशिक्षकों को ढूंढना एक समस्या थी।[br]अतः मैंने इन्हें प्रशिक्षण दिया, 0:03:54.240,0:03:56.800 अपने छात्रों को, ताकि ये[br]बधिरों के शिक्षक बनें। 0:03:56.800,0:04:00.759 और यह कार्य उन्होंने अपने हाथों में ली[br]पूरी जिम्मेदारी और गर्व के साथ। 0:04:01.249,0:04:06.878 तथापि, नियोक्ता संशय में थे।[br]इनकी शिक्षा, योग्यता, १०वीं पास। 0:04:06.878,0:04:09.053 "नहीं, नहीं, नहीं, रुमा,[br]हम उन्हें काम नहीं दे सकते।" 0:04:09.053,0:04:10.417 वो एक बड़ी समस्या थी। 0:04:10.417,0:04:12.182 "और यदि हम उन्हें काम देते भी हैं, 0:04:12.182,0:04:14.822 हम उनसे संवाद कैसे स्थापित करेंगे?[br]वे न तो पढ़-लिख सकते। 0:04:14.822,0:04:16.302 और न ही सुन-बोल सकते है।" 0:04:16.302,0:04:19.862 मैंने उनसे कहा, "कृपया क्या हम एक-एक[br]करके कदम बढ़ा सकते है? 0:04:19.862,0:04:23.086 क्या हम अपना ध्यान, वो किस कार्य[br]में सक्षम है,पर केंद्रित कर सकते है? 0:04:23.086,0:04:26.231 उसकी, देख कर समझने की,[br]क्षमता अद्भुत है। और... 0:04:26.231,0:04:29.950 और यदि यह प्रयोग सफल होता है,[br]या नहीं होता है, अंततः हमें पता तो लगेगा।" 0:04:29.950,0:04:34.156 यहाँ मैं एक कहानी आपसे साझा करना[br]चाहती हूँ, विशु कपूर की। 0:04:34.526,0:04:39.132 वह हमारे पास २००९ में आया,[br]हर भाषा से अनभिज्ञ। 0:04:39.132,0:04:41.022 सांकेतिक भाषा तक नहीं आती थी उसे। 0:04:41.022,0:04:44.756 सिर्फ आँखों की मदद से[br]चींजो को देखता-समझता था। 0:04:44.756,0:04:46.699 उनकी माता हताश थी[br]और उन्होंने कहा, 0:04:46.699,0:04:49.961 "रुमा, क्या मैं इसे कृपया दो घंटे[br]के लिए आपके केंद्र में रख सकती हूँ? 0:04:49.961,0:04:52.063 मेरे लिए इसे संभालना[br]बहुत ही कठिन हो जाता है, 0:04:52.063,0:04:54.471 मतलब चौबीसों घंटा इसको देखना[br]हर दिन।" 0:04:55.151,0:04:57.796 तो मैंने कहा, "हाँ, ठीक है।"[br]एक क्रैश सर्विस के भांति। 0:04:58.666,0:05:02.830 काफी मेहनत मशक्कत के[br]डेढ़ साल बाद 0:05:02.830,0:05:07.054 हमने विशु को एक भाषा सिखाई।[br]जैसे ही उसे संवाद करना आ गया 0:05:07.054,0:05:10.414 और खुद की समझ बढ़ी[br]तो वह जान गया... 0:05:10.414,0:05:13.567 भले ही वह सुन ना पाए, लेकिन[br]ढेर सारे दूसरे काम करने लगा। 0:05:13.567,0:05:16.416 उसने पाया की कम्प्यूटर्स पर[br]काम करना उसे भाता है। 0:05:16.416,0:05:18.383 हमने उसे प्रोत्साहित किया, प्रेरित किया, 0:05:18.963,0:05:22.777 और उसे अपने आईटी प्रोग्राम में डाला।[br]वो सभी कसौटी पर खरा उतरा, आपको मालूम हो, 0:05:22.777,0:05:25.551 काफी घबराई हुई थी।[br]एक मौका आया एक दिन 0:05:25.571,0:05:28.498 एक प्रसिद्ध आईटी कंपनी के[br]बैक एन्ड में नौकरी की, 0:05:28.498,0:05:31.997 और सिर्फ एक दिशा और अनुभव[br]पाने के लिए, मैंने कहा, 0:05:31.997,0:05:34.880 "विशु को भी भेजते है[br]इस जॉब इंटरव्यू में।" 0:05:35.400,0:05:38.102 विशु वहां गया और[br]सारे तकनीकी इम्तहान में सफल रहा। 0:05:38.542,0:05:42.284 तब भी मैंने कहा,[br]"अह, मैं आशा करती हूँ वह वहां टिक सके 0:05:42.284,0:05:44.182 कम-से-कम ६ माह भी। " 0:05:44.182,0:05:46.371 डेढ़ साल गुजर चुके है। 0:05:46.371,0:05:49.579 विशु आज भी वहां है।[br]पर वहां वह सिर्फ एक, 0:05:49.579,0:05:52.637 'ओह, यह बेचारा लड़का श्रव्य माहौल[br]में काम करने के लिए बाध्य', नहीं है। 0:05:52.637,0:05:58.105 वह जीत रहा है ख्यातियाँ,[br]"माह का श्रेष्ठ कर्मचारी", एक नहीं दो बार। 0:05:58.105,0:06:00.785 [हर्षध्वनि] 0:06:00.785,0:06:04.191 और मैं, आज, आप सभी को[br]यह बताना चाहती हूँ, हमें मात्र 0:06:04.191,0:06:07.600 डेढ़ साल एक बधिर को पढ़ाने[br]और उसे तैयार करने में लगे 0:06:07.600,0:06:10.087 ताकि वह इस दुनिया के साथ[br]चल सके जिसे हम जानते है। 0:06:10.087,0:06:15.465 ६ साल के इस छोटे अंतराल में, आज[br]मेरे ५०० अद्भुत युवा छात्र 0:06:15.465,0:06:20.198 उद्योग के कुछ शीर्ष संगठनों में[br]कार्यरत है: 0:06:20.198,0:06:24.379 ग्राफ़िक डिज़ाइन प्रोफाइल्स में,[br]आईटी संगठनों के बैक एन्ड में, 0:06:24.379,0:06:27.560 हॉस्पिटैलिटी में,[br]बाधाओं को लांघकर 0:06:27.560,0:06:30.531 सुरक्षा व्यवस्था और बैंक में, 0:06:30.531,0:06:33.894 और खुदरा विक्री केन्द्रों पर भी,[br]प्रत्यक्ष ग्राहक सेवा देते हुए। 0:06:33.894,0:06:34.506 (हर्षध्वनि) 0:06:34.506,0:06:39.378 सामान्य व्यक्तियों से रु-ब-रु होते,[br]के.एफ.सी. में, कॉफी विक्री केंद्रों पर। 0:06:39.378,0:06:41.873 मैं आप सभी से विदा लेती हूँ[br]एक छोटी-सी सोच के साथ, 0:06:41.873,0:06:43.768 हाँ, बदलाव संभव है। 0:06:43.768,0:06:48.094 और इसकी शुरुआत हमारे दृष्टिकोण[br]में एक छोटे बदलाव से होती है। 0:06:48.094,0:06:49.444 आपका बहुत बहुत धन्यवाद। 0:06:49.444,0:06:54.198 (हर्षध्वनि) 0:06:54.242,0:07:01.842 (करतल ध्वनि) 0:07:01.932,0:07:06.294 यह सराहना है।[br]यह अंतर्राष्ट्रीय संकेत है सराहना के लिए। 0:07:06.294,0:07:08.144 आपका बहुत बहुत धन्यवाद।