चुनाव की असली शक्ति: कमपैरोनोईआ से उभरना |डेविड डी जीओरजीयो | TEDxColoradoSprings
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0:14 - 0:16आप का एक ही काम है:
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0:16 - 0:18सबसे अच्छी ऑडियंस बनना।
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0:18 - 0:22यहाँ पर पूरी तरह ध्यान देते हुए,
मेरे चुटकुलों पर हँसना - -
0:22 - 0:25मैं काफ़ी मज़ाकिया हूँ,
तो यह मुश्किल नहीं है - -
0:25 - 0:27और सबसे ज़रूरी, कि आप, आप रहें।
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0:27 - 0:31चाहें आपके कपड़े आपको पूरी तरह से
आप जैसा न दर्शाते हो, -
0:31 - 0:36लेकिन जब मैं चुटकी बजाऊँगा,
आप, आप रहेंगे। -
0:36 - 0:37(चुटकी बजाते हैं)
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0:37 - 0:40मैं कोई तांत्रिक नहीं हूँ
लेकिन हमेशा से वैसा कुछ करना चाहता था। -
0:40 - 0:43काफ़ी मज़ेदार है। हसी,
आसानी, आँखें, वह रहे आप। -
0:43 - 0:46कुछ साल पहले मैंने
एक समस्या का सामना किया। -
0:46 - 0:50जो मेरे अपने कर्मों और स्वभाव
के ऊपर आधारित था, -
0:50 - 0:53लड़कों के साथ ट्रक्स और गाड़ियों के साथ
खेलने की जगह, -
0:53 - 0:55मैं मेरी स्लकूल की
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0:55 - 0:56लड़कियों के साथ
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0:56 - 0:58घर घर खेलता।
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0:58 - 1:02तो, चार साल की उम्र में,
मुझे एक निर्णय लेना था: -
1:02 - 1:03सबसे अलग होने का।
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1:03 - 1:06मेरी किंडरगार्टन कक्षा के
अनकहे और अलिखित नियमों -
1:06 - 1:07और 80 के दशक के अधिकतम लोगों के
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1:07 - 1:11खिलाफ़ जाने के लिए।
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1:11 - 1:14मेरे इस निर्णय का
एक अनापेक्षित परिणाम यह था -
1:14 - 1:18कि मुझे डिमांड और सप्लाई का
अर्थ जल्दी सीखना पड़ा। -
1:18 - 1:20मैं इकलौता लड़का था जो
लड़कियों को कपड़े पहनाने देता -
1:20 - 1:21और उनके खेल खेलता,
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1:21 - 1:25और फिर वे लड़ने लगते कि
अगली बार खेलते हुए कौन मेरी माँ बनके -
1:25 - 1:26मुझे कपड़े पहनाएगा।
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1:26 - 1:29तो एक दिन
मैंने यह मुद्दा अपने ऊपर ले लिया। -
1:29 - 1:31मैंने एक कुर्सी खींची।
मैं कुर्सी पर खड़ा हुआ। -
1:31 - 1:34मैंने लड़कियों को लाइन में खड़े होने कहा,
और फिर कहा, -
1:34 - 1:36"एंड्रिया, तुम्हें सोमवार मिलता है।
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1:36 - 1:37"एज्रा, तुम्हें मंगलवार।
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1:37 - 1:40और सोनिया, तुम्हें बुधवार...
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1:40 - 1:42और गुरुवार।"
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1:42 - 1:43और मैं खुश हो गया।
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1:43 - 1:46जब पीछे देखता हूँ,
तो यह वह पहली याद है -
1:46 - 1:50जब मुझे अपने होने का
सशक्त महसूस हुआ। -
1:50 - 1:54लेकिन उस निर्णय का
एक और अनापेक्षित परिणाम था। -
1:54 - 1:57अलग होना मतलब मुझे परेशान किया जाता था।
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1:57 - 1:58बुरी तरह।
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1:58 - 2:02मुझे याद हैं किंडर गर्तें में मैंने
टीचर्स को मुझपर हँसता हुआ पाया -
2:02 - 2:05लड़कियों के पहनाए
दादी माँ वाले कपड़ों में -
2:05 - 2:09दूसरी क्लासों में घुमाने ले जाते,
हील्स के साथ। -
2:09 - 2:11दूसरी कक्षा में, मैदान में,
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2:11 - 2:15एक बड़े लड़के ने मेरे दोस्तों के सामने
मेरी पैन्ट उतार दी। -
2:15 - 2:19पाँचवी कक्षा: लड़कों ने मुझे
अलग अलग नाम बुलाना शुरू कर दिए। -
2:19 - 2:23सातवी कक्षा: रीसेस में, कुछ बड़े बच्चे
मुझपर पत्थर फेंकते, -
2:23 - 2:26और मुझे कई बार सर पर भी लगी।
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2:26 - 2:28नौवी कक्षा: परेशानियाँ बढ़ गई,
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2:28 - 2:31और मेरी एक लड़की दोस्त भी
मेरी बस में आने वाले एक लड़के को -
2:31 - 2:33मुझे तंग करने में मदद करने लगी।
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2:33 - 2:37वह पीछे उसके साथ बैठती क्योंकि
उससे वह दिखने में अच्छा लगता था, -
2:37 - 2:40और फिर वह मेरी तरफ़ इशारा करते हुए
ज़ोर से कहती, -
2:40 - 2:41"क्या हुआ?
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2:41 - 2:44तुम मेरे नए दोस्त से डर गए?
क्योंकि उसे तुम्हारा पता मालूम होगा -
2:44 - 2:45और वह तुम्हें आके मारेगा?"
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2:45 - 2:47दसवी कक्षा: मुझे एक दुसरे छात्र ने
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2:47 - 2:51हतोड़े से धमकी दी।
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2:51 - 2:52इस पूरी समस्या के दौरान,
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2:52 - 2:55मैं यह नहीं समझ पाया
कि मैं अलग कैसे लगता था -
2:55 - 2:58या सबको मुझमें ऐसा
क्या अलग लगता था, -
2:58 - 3:03और मैं बस इतना चाहता था
कि काश मैं भी दूसरों की तरह होता। -
3:03 - 3:05और फिर मुझे एहसास हुआ।
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3:05 - 3:10मैं कमपैरोनोईआ की बीमारी थी।
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3:11 - 3:17कमपैरोनोईआ - किसी और की तरह
या उनसे अलग होने की इच्छा। -
3:17 - 3:19क्या आपको भी ऐसा लगता है?
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3:19 - 3:23मैंने अपना जीवन कमपैरोईना के साथ
संघर्ष, उसे पढ़ते और लड़ते हुए बिताया है। -
3:23 - 3:26उससे भी बड़ा एहसास यह हुआ
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3:26 - 3:30कि जितना कमज़ोर कमपैरोनोईआ
की वजह से लगता था, उतना ही -
3:30 - 3:34सशक्त, ख़ुशी मानाने से।
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3:34 - 3:38कमपैरोनोईआ ख़ुशी मानाने की
एक समान और विपरीत शक्ति लाता है -
3:38 - 3:42इसे समझने के बाद मेरा और
जिनको मैंने इसके बारे में सिखाया है -
3:42 - 3:45उन सबका जीवन पूरी तरह से बदल गया है।
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3:45 - 3:47कमपैरोनोईआ आपकी नज़रिए में क्या होगा?
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3:47 - 3:50मैंने सीखा है कि वह
उतने ही अलग अलग पोशाकों की तरह आता है -
3:50 - 3:53जितनी मेरी सहेलियाँ मुझे पहनती थी।
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3:53 - 3:56मैंने बहुत से युवाओं, माँ-बाप,
और टीचरों से पूछा -
3:56 - 4:00कि उनके लिए कमपैरोनोईआ क्या है,
और उनके जवाब सुनना बुरा लगा। -
4:00 - 4:02कमपैरोनोईआ हर जगह दिख जाता है।
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4:02 - 4:05हमारे ऑनलाइन पोस्ट में
जहाँ म अपनी बेहतरीन ज़िन्दगी दिखा रहे हो, -
4:05 - 4:08और सोच रहे हो कि हमें इतने लाइक
और कमेंट क्यूँ नहीं मिलते -
4:08 - 4:10जितने हमारे दोस्तों को।
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4:10 - 4:13यह हमारे व्यवसाय और व्यापार में भी
दिखने लग जाता है जब हम सबसे अलग -
4:13 - 4:15बनने की कोशिश करते हैं।
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4:15 - 4:18और इतना ज़्यादा कि हम जुदा
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4:18 - 4:20और अकेले महसूस करने लगते हैं।
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4:20 - 4:24कमपैरोनोईआ धौंसियाने में भी दिख जाता है,
जब आप दूसरों की तरह बनना चाहती थे -
4:24 - 4:27और आप आशा करते थे कि
आपके बदमाशों को आप दिखाई न दो, -
4:27 - 4:30लेकिन उस चक्कर मे
आप अपने आप से दूर हो जाते, -
4:30 - 4:34और आप बहुत दुखी महसूस करते,
और मेरे लिए, -
4:34 - 4:37वैसी उम्र में मैं हर रात सोते हुए
बस अपना दर्द -
4:37 - 4:39और अपनी ज़िन्दगी ख़तम करना चाहता।
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4:40 - 4:43इतनी परेशानियों के बावजूद,
या शायद उन्ही की वजह से, -
4:43 - 4:48और थिएटर प्रोडक्शन, म्यूज़िक, ट्रेवल
और जो भी आप ऐसा क्षेत्र सोच सकते हो -
4:48 - 4:50जो सबसे अलग हो और उस इंसान अतुलनीय हो,
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4:50 - 4:53उन क्षेत्रों में काम करने के बाद,
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4:53 - 4:56मैं एक हाई स्कूल टीचर बना।
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4:56 - 4:58सही था, है न?
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4:58 - 5:00मैं वापस एक कक्षा में था -
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5:00 - 5:03मगर एक कुर्सी पर नहीं;
मैं उससे बड़ा हो चुका था। -
5:03 - 5:07मैंने युवाओं को शिक्षित करने के बारे में
बहुत कुछ सीखा -
5:07 - 5:12और कैसे कमपैरोनोईआ
एक युवा के जीवन में महत्व रखता है। -
5:12 - 5:16कक्षा में ही में अन्वेषण करता
और नई तरकीबें आज़माता। -
5:16 - 5:19बहुत सालों तक जब मैं
क्लैरिनेट बजाने वालों को -
5:19 - 5:22बेहतर बजाना नहीं सिखा पाया,
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5:22 - 5:24मैं सोचने लग गया कि क्या होता
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5:24 - 5:28अगर मैं बच्चों को ख़ुद की
भावनाएँ व्यक्त करना सिखाता, -
5:28 - 5:30और अपने आप को सराहना सिखाता।
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5:30 - 5:34मुझे समझ आया कि
ज़्यादा सिखाने से नहीं, -
5:34 - 5:38बल्कि उन सबको पहले
एक ही स्तर पर लाना ज़रूरी है। -
5:38 - 5:41तो, स्कूल के हर साल की शुरुआत में,
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5:41 - 5:43मैं अपने छात्रों के सामने खड़ा होता -
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5:43 - 5:45कुर्सी पर नहीं - और मैं कहता,
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5:45 - 5:49"चाहे तुम जैसे भी पले बड़े हुए हो,
और जो भी सोचते हो, तुम अलग नहीं हो। -
5:49 - 5:51और यह अच्छी बात है!" -
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5:51 - 5:53देखा, ऐसे ख़ुशी मनाई गई, है ना? -
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5:53 - 5:55"हम सबको एक जैसी चीज़ें ही चाहिए।
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5:55 - 5:58हमें प्यार चाहिए, हम चाहते हैं कि
हमें पसंद किया जाए, और हमें लगना है। -
5:58 - 6:00उससे भी बेहतर बात यह है,
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6:00 - 6:03आपको किसी के आदर्शों पर
जीने की ज़रूरत नहीं, न ही किसी से -
6:03 - 6:04तुलना करने की ज़रूरत है।
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6:04 - 6:06आपका काम है बस आप बनना।
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6:06 - 6:09मेरा काम है आपको ऐसी जगह देना
जहाँ आप आप रह सको, -
6:09 - 6:11और उसकी ख़ुशी माना सको।
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6:11 - 6:16और अब जब आपको पता है कि आप
सबकी तरह हो, चलो कुछ करते हैं!" -
6:16 - 6:21ख़ुशी मानना वह बुनियाद बनी
जिसपर मैंने बाक़ी सब बनाया -
6:21 - 6:26और वह एक अव्यय जिसने मुझे
हज़ारों युवकों का समर्थन करने दिया -
6:26 - 6:29ताकि वह आज जो हैं वह बन सकें।
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6:29 - 6:32ख़ुशी मानना सिर्फ़ प्राप्ति के समय
के लिए नहीं थी। -
6:32 - 6:36हाँ, जन्मदिन केक और तस्वीरों के साथ
मनाए ज़रूर जाते थे, -
6:36 - 6:40लेकिन ख़ुशी तब भी मनाई जाती थी
जब कोई छात्र किसी दिन न आया हो -
6:40 - 6:42और अगले दिन उनको कहना
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6:42 - 6:44"कि तुम्हारे बिना सब सेम नहीं था।"
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6:44 - 6:46हम रोज़ बातें करते,
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6:46 - 6:50और जीवन के अनुभव उनके लिए
और उनके साथ बनाते। -
6:50 - 6:52और कन्फ़ेटी भी फोड़ना!
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6:52 - 6:54मेरे पुराने छात्रों से पूछना,
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6:54 - 6:58यह सब बहुत बाएँ होता था
और कोई अहम वजह के बिना। -
6:58 - 7:00यह आश्चर्य की बात थी,
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7:00 - 7:05कि जिन कक्षाओं में मैं इस तरह
ख़ुशी मनाने वाली चीज़ें करता था, -
7:05 - 7:09वह उनसे बेहतर हो गई
जिनमें मैं यह नहीं करता। -
7:09 - 7:12इत्तेफ़ाक? शायद पहली बार।
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7:12 - 7:16लेकिन मैं हर साल यह करता,
और परिणाम वही होता -
7:16 - 7:18हर बार।
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7:19 - 7:20क्या यह इतना आसान होता था?
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7:20 - 7:24कमपैरोनोईआ कभी कभी
किसी और भेस में दिखता, -
7:24 - 7:27जैसे धौंसियाना एक चुटकुले
के भेस में आता है -
7:27 - 7:31या एक कॉमेंट जैसे
"मेरा वो मटलब नहीं था।" -
7:31 - 7:37सुबह 10:38 और 49 सेकंड
4 जून, 2011 को, -
7:37 - 7:41मेरा घर बिजली कड़कने से
जल गया था। -
7:41 - 7:43सालों के सबर के बाद,
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7:43 - 7:45ख़ुशी मानना मेरा मेरी प्रतिक्रिया रही है,
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7:45 - 7:48और घर को जलते हुए देख,
मैंने ख़ुशी मनाई। -
7:48 - 7:50मेरे पड़ोसियों को लगा मैं पगला गया हूँ।
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7:50 - 7:52और उन्हें यह बात अच्छी नहीं लगी,
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7:52 - 7:54मैं इस बात की ख़ुशी माना रहा था
कि मैं ज़िंदा था, -
7:54 - 7:57और मैं घर पर था जब यह हुआ
और मैं अपने कुत्ते गैलिलियो को निकाल पाया, -
7:57 - 8:01और मुझे फिर एक शुरुआत मिलने वाली थी।
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8:01 - 8:05जिन भी चीज़ों को मूल्यवान समझता था
वह तो जा चुकी थी, -
8:05 - 8:10और मैं समझने लगा कि वह चीज़ें
मुझे अनोखा नहीं बनाती थी। -
8:10 - 8:12जैसे मैं अपने छात्रों को समझता था,
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8:12 - 8:15मेरे पास वह कुछ नहीं बचा था
जो मुझे लगता था मुझे परिभाषित करती हैं। -
8:15 - 8:19मैं कमपैरोनोईआ से भी छूट चुका था।
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8:19 - 8:23अब मेरे पास एक मौक़ा था -
एक नई शुरुआत करने का। -
8:23 - 8:27मुझे सशक्त महसूस हुआ, और मैं ख़ुशी मनाई!
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8:27 - 8:31ख़ुशी मनाने के कक्षा में किए गाए परीक्षण
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8:31 - 8:36मैंने एक मार्चिंग बैंड और वर्ल्ड-क्लास
ड्रम कोर्प्स के लिए किए। -
8:36 - 8:41और उनका प्रभाव आज तक है।
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8:41 - 8:46मैंने और लोगों को पूछा कि बड़े होते
उनके लिए ख़ुशी मानना कैसा रहा। -
8:46 - 8:49उनके जवाब दिल दहलाने वाले थे।
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8:49 - 8:52मेरे लिए, आपरवासी माता पिता
का बच्चा होते हुए, -
8:52 - 8:56ख़ुशी मानना सिर्फ़ कुछ अवसरों के लिए था।
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8:56 - 8:57जन्मदिन,
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8:58 - 9:01कुछ छुट्टियाँ,
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9:01 - 9:02शायद ग्रैजूएशन,
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9:02 - 9:06या अगर आपने कुछ बहुत बेहतरीन किया हो।
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9:06 - 9:09कोई मनाने लायक ख़ुशी होने के लिए
अवसर बहुत काम थे, -
9:09 - 9:13और वह रीति-रिवाजों के हिसाब से ही
मनाए जाते थे। -
9:13 - 9:15तो मैं सोचने लगा,
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9:15 - 9:20कि अगर ख़ुशियाँ मनाने के हम
और अवसर ध्यान में रखते? -
9:20 - 9:23मैं ख़ुशी बहुत से तरीक़ों से मानता हूँ।
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9:23 - 9:25मैं हर तरह के कपड़े पहनता हूँ।
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9:25 - 9:29मैं एक ख़ुशी मनाने की लिस्ट रखता हूँ
जहाँ मैं रोज़ की हर चीज़ लिखता हूँ -
9:29 - 9:32चाहे वह कितनी भी बोरिंग हो।
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9:32 - 9:37जब शंका होती है, मैं गिनती करता हूँ:
एक, दो, तीन, ख़ुशी मनाओ! -
9:37 - 9:40और जब बड़ी शंका होती है,
मैं हिल डुल लेता हूँ। -
9:40 - 9:43जोसेफ़ मैकक्लेनडॉन III इसे
ऐसटीट्यूड कहते हैं। -
9:43 - 9:47जब आप ऐसे हिलते हैं
तो आप बहुत अच्छा महसूस करते हैं। -
9:47 - 9:50चलो, आप भी कोशिश करो,
अपनी कुर्सी पर ही थोड़ा हिल डुल लो। -
9:50 - 9:53देखा - हँसी, आसानी, आँखें।
वह रहे आप। -
9:53 - 9:56मैं हर कमरे में ऐसे जाता हूँ
जैसे सब मेरे लिए खड़े होने वाले हो, -
9:56 - 9:58क्योंकि वह खड़े होंगे!
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9:58 - 10:02स्टैंडिंग ओवेशन आपके मन में पहले होते हैं,
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10:02 - 10:05और जब आप कमपैरोनोईआ से छूट जाते हो,
दूसरे लोग महसूस करते हैं, -
10:05 - 10:09और वह ख़ुशी मनाने लायक
और स्टैंडिंग ओवेशन के लायक होता है। -
10:09 - 10:12मैं ऑनलाइन सच लिखता हूँ,
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10:12 - 10:16और यह तो है ही कि
मैं अपना सच पूप इमोजी के साथ लिखता हूँ - -
10:16 - 10:18लेकिन वह बाद की बात है।
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10:19 - 10:21तो यह सब कैसे काम करता है?
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10:21 - 10:25कमपैरोनोईआ का चक्र एक घटना से
शुरू होता है -
10:25 - 10:29जो आपके अपने या दुनिया से सम्बंधित
कुछ विश्वास पैदा करता है। -
10:29 - 10:32उस विश्वास से
नकारात्मक ख़याल आते हैं: -
10:32 - 10:35"मैं अच्छा नहीं हूँ।"
"मुझे कोई प्यार नहीं करता।" -
10:35 - 10:39और उनसे नकारात्मक भावनाएँ:
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10:39 - 10:41दुःख, भ्रम।
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10:41 - 10:44उन भावनाओं से
नकारात्मक बर्ताव: -
10:44 - 10:48काम न करना, या जल्दी चिढ़ जाना।
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10:48 - 10:53और उन बर्ताव से कुछ
बुरे कर्म: -
10:53 - 10:57ग़ुस्से में कुछ ग़लत करना,
ख़ुद को चोट पहुँचना, या उत्पात। -
10:57 - 11:02कमपैरोनोईआ का चक्र सबके लिए
एक जैसा होता है, -
11:02 - 11:06हर उम्र, जाति और सभ्यता में।
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11:07 - 11:11मैंने अनुभव और हज़ारों में लोगों का
अवलोकन करते हुए मैंने जाना है -
11:11 - 11:13कि आप इस क्रम को बदल सकते हैं,
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11:13 - 11:18परिणाम को बदल सकते हैं,
अगर आप ख़ुशी मानना सीखें, -
11:18 - 11:22जब किसी घटना को अनुभव करते हुए
ख़ुशी मानना चुनते हैं, -
11:22 - 11:24आपके आगे के विश्वास,
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11:24 - 11:25ख़याल,
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11:25 - 11:26भावनाएँ,
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11:26 - 11:27बर्ताव,
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11:27 - 11:28और कर्म,
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11:28 - 11:30सब उस ख़ुशी मनाने से होंगे।
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11:30 - 11:35और सबसे अच्छी ख़बर है,
कि आप अब भी यह निर्णय ले सकते हैं। -
11:35 - 11:37आप इस चक्र में यह कभी भी चुन सकते हैं,
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11:37 - 11:41और आप चक्र बदलकर
परिणाम को भी बदल सकते हैं। -
11:41 - 11:43और यह सिर्फ़ मैं नहीं सोचता।
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11:43 - 11:45दुनिया भर में अन्वेषण हो रहा है
यह समझने के लिए -
11:45 - 11:47कि ख़ुशियाँ और ख़ुशी मनाने
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11:47 - 11:49के पीछे क्या है।
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11:49 - 11:54मैंने अपने काम में देखा है
पालन करना उतना ही शक्तिशाली है, -
11:54 - 11:56जितना प्रकृति है।
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11:56 - 11:58यह सब कैसा लगता है?
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11:58 - 12:02पेशेवरों, कार्यकारियों से लेके
व्यवसायीयों तक: -
12:02 - 12:05अपने बारे में बनाने की जगह,
की आपको क्या चाहिए, आप क्या कर रहे हैं, -
12:05 - 12:07निस्वार्थी बनो।
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12:07 - 12:11दूसरों पर ध्यान दो, उनके होने की
ख़ुशी मनाओ और आप उसमें ख़ुद को पाओगे। -
12:11 - 12:15अकेली माँ, और कैन्सर सर्वाइवर
डनैल डेलगाडो जो यह याद करती हैं, -
12:15 - 12:20"कि मैं मायने रखना चाहती थी, और
जो जीवन मिला है उसके योग्य होना चाहती थी, -
12:20 - 12:22कि एक अहम बदलाव लाया जा सके।"
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12:22 - 12:26तो उन्होंने हज़ारों लोगों को
अपनी क्षमता ढूँढना सिखाया, -
12:26 - 12:28जिन्होंने और हज़ार लोगों को
अपना सबसे अच्छा जीवन पाने में -
12:28 - 12:32और बदलाव लाने में मदद की।
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12:32 - 12:37उन्होंने अपना लक्ष्य तीन साल में पूरा किया
और अब वह और बड़ा सोच रही हैं। -
12:37 - 12:39मैं आपको निस्वार्थी होने
की चुनौती देता हूँ। -
12:39 - 12:43दूसरों पर ध्यान देने और उनको मनाने की।
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12:43 - 12:46टीचर्ज़: अपने छात्रों को इतना परखने
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12:46 - 12:49और उनको बेहतर बनाने की जगह,
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12:49 - 12:54उसकी ख़ुशी मनाओ जो आपको उनमें पसंद है
और जो आप और देखना चाहेंगे। -
12:54 - 12:57यह मैंने एक अनोखे टीचर एजुकेटर से
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12:57 - 13:02यूनिवर्सिटी ओफ़ टरांटो में अपनी
टीचर ट्रेनिंग में डॉ.मेरी बीऐटी से सीखा। -
13:02 - 13:05प्रिन्सिपल ऐडम डोविको द्वारा
लाई गई धारणा, -
13:05 - 13:08उनके ऑसम ऑफ़िस विज़िट्स प्रोग्राम के साथ।
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13:08 - 13:12वे छात्र जो अच्छा चरित्र,
विकास और उन्नति दिखाते, -
13:12 - 13:17उन्हें ऑफ़िस भेजा जाता था उनकी ख़ुशी मनाने
के लिए और चॉक्बॉर्ड वॉल पे हस्ताक्षर डालके -
13:17 - 13:19घर पर फ़ोन करके
अच्छी ख़बर बताने के लिए। -
13:20 - 13:25मैं आपको ख़ुशी अलग से मनाने की
चुनौती देता हूँ कि आप वह मनाओ -
13:25 - 13:28जो आपको बहुत पसंद है
और जो आप अपने से छोटों में -
13:28 - 13:30और भी ज़्यादा देखना चाहोगे।
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13:30 - 13:33बच्चों, युवाओं, और बड़ों:
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13:33 - 13:37यह सोचने की जगह कि सामने वाला
क्या सोचता या चाहता है, -
13:37 - 13:38एक दूसरे को सुनो।
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13:38 - 13:41अपनी आँखों और दिल से सोनो,
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13:41 - 13:44सवाल पूछने से निडर रहो,
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13:44 - 13:46और एक दूसरे से बात और उनको समझना सीखो
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13:46 - 13:50एक ऐसे तरीक़े से कि आप एक दूसरे की
सबसे अच्छी ख़ूबियाँ बाहर आने दो। -
13:50 - 13:54रॉबर्ट ब्लूम की तरह, जिन्होंने अपने बेटे
लीवाई जब उसने कहा, -
13:54 - 13:57"डैडी, क्या लिंक्डइन अकाउंट खोलने के लिए
क्या कोई उम्र की पाबंदी है?" -
13:57 - 14:00और जब डैड ने पूछा
की उसे अकाउंट क्यों चाहिए था, -
14:00 - 14:04कुछ महीने बाद लीवाई ने अपना
कपड़ों का ब्राण्ड "हेज़ल अव स्वीडन," खोला -
14:04 - 14:05और बोला,
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14:05 - 14:08"मेरी हुडी में शक्तियाँ हैं।
और उन बड़ों को मेरी ज़रूरत है। -
14:08 - 14:13उनको सपने देखने की ज़रूरत है। और
मै देख सकता हूँ कि वे सपने नहीं देखते।" -
14:13 - 14:16मैं आपको चुनौती देता हूँ कि तुम निडर बनो
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14:16 - 14:18एक दूसरे को सुनो, अच्छे से बात करो
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14:18 - 14:21साहस और भेद्यता के साथ।
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14:21 - 14:25दर्शकों: अपने स्टैंडिंग ओवेशन
और तालियाँ केवल पर्फ़ॉर्मर और वक्ताओं, -
14:25 - 14:27या किसी के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद
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14:27 - 14:29के लिए बचाने की जगह,
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14:29 - 14:33क्या होता अगर आप अपने दोस्त जैसे हैं
वैसे होने के लिए तालियाँ बजाएँ? -
14:33 - 14:36थोड़े क्षण में, जैसे ही यह ख़त्म होगा
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14:36 - 14:38और आप ज़ोर से तालियाँ बजाएँगे,
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14:38 - 14:40मैं कहता हूँ आप वह तालियाँ उनके लिए बजाएँ
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14:40 - 14:43जिन बेहतरीन लोगों के साथ बैठे हैं
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14:43 - 14:46और अपने लिए, क्योंकि आप अनोखे,
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14:46 - 14:48अनूठे, और अद्वितीय हैं।
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14:49 - 14:50और आप:
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14:51 - 14:54अब मैं आपके
अंदर के बच्चे से बात कर रहा हूँ। -
14:56 - 14:59अपनी तरफ़ बुरा होने की जगह,
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15:00 - 15:03बुरा बोलने की जगह
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15:03 - 15:05अपने बारे में बुरा सोचने की जगह,
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15:05 - 15:10और सबसे बुरे तरह की कमपैरोनोईआ
करने की जगह, -
15:10 - 15:13यह समझो कि जीवन
ख़ुशी मनाने से शुरू होती है, -
15:13 - 15:15और अगर मेरा इससे कोई सम्बंध है,
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15:15 - 15:18यह मेरी लाश पर है कि आप दुनिया
बिना उस स्टैंडिंग ओवेशन के छोड़ेंगे -
15:18 - 15:22जिसके साथ आप इस दुनिया में आए थे।
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15:22 - 15:26मैं जानता हूँ वह एहसास
जहाँ आपको लगता है आप बेहतर नहीं हो पाओगे। -
15:26 - 15:29दस साल पहले, आर्टिक जाने
के निर्णय लेने के बाद -
15:29 - 15:31क्योंकि मैं मान गया था
कि मैं वहाँ ख़ुद को पाउँगा, -
15:31 - 15:36मैंने आश्चर्य में यह पाया कि
मैं ही अपनी जीवन की सबसे बड़ी समस्या हूँ - -
15:36 - 15:37शायद आप समझेंगे।
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15:37 - 15:40और मैंने इस बात की ख़ुशी मनाई
कि अगर मैं ही समस्या हूँ -
15:40 - 15:43तो मैं ही समाधान भी हो सकता हूँ।
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15:43 - 15:44मैंने समाधान बनने का निर्णय लीअ,
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15:44 - 15:48यह स्वीकार करने के लिए
कि मैं सबके जितना ही अनोखा था, -
15:48 - 15:50और मैं जैसा हूँ वैसा रहूँ।
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15:50 - 15:55तो, 33 की उम्र में,
मैंने सच बताने का निर्णय लिया, -
15:55 - 15:59और अपने दोस्तों और परिवार के सामने
अपनी होमसेक्शूऐलिटी की सच्चाई बताई। -
15:59 - 16:01और मैं अब जब मुड़कर देखता हूँ
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16:01 - 16:03धौसियाने पर,
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16:03 - 16:04जो मैंने
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16:04 - 16:05पाँच,
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16:05 - 16:06आठ
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16:06 - 16:0711,
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16:07 - 16:0813,
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16:08 - 16:0915,
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16:09 - 16:10और 16 की उम्र पर अनुभव कर ली...
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16:10 - 16:13आज, मैं यह स्वीकार करने के लिए खड़ा हूँ
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16:13 - 16:17कि यह मेरे परिवार के अस्वीकृति की
10वी सालगिरह है, -
16:17 - 16:21और मैं 10 साल से अपने होने की
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16:21 - 16:23ख़ुशी मनाता हूँ।
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16:23 - 16:26मैंने एक दिलचस्प ज़िन्दगी जी है।
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16:26 - 16:30मैं छह महाद्वीप घूम चुका हूँ,
मैंने गाने, शो -
16:30 - 16:31और बहुत कुछ लिखा है।
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16:31 - 16:34मैंने मडॉना, रिकी मार्टिन, और केटी पेरी
से ज़्यादा ख़ुद को बदला है, -
16:34 - 16:39और मैंने यह सीखा है:
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16:39 - 16:42समस्या असफलता का डर,
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16:42 - 16:44या सकिल की कमी,
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16:44 - 16:47या आत्मविश्वास की कमी नहीं है।
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16:47 - 16:50समस्या है कमपैरोनोईआ।
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16:50 - 16:54उसका समाधान है ख़ुशी मानना।
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16:54 - 16:57दोनों अलग अलग भेस में मिलते हैं,
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16:57 - 17:00और आपको कौनसा रूप चाहिए,
वह आपके ऊपर है। -
17:00 - 17:03आपकी चुनौती है तुलना काम करना,
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17:03 - 17:05ख़ुशी ज़्यादा मानना,
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17:05 - 17:10और यह समझना कि ख़ुशियाँ
और बेहतर होती हैं -
17:10 - 17:13जब हम उन्हें साथ मनाते हैं।
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17:13 - 17:14क्या आप तैयार हैं?
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17:14 - 17:15एक,
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17:15 - 17:17दो,
-
17:17 - 17:19तीन,
-
17:19 - 17:20ख़ुशी मनाओ!
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17:20 - 17:23(तालियाँ)
-
17:25 - 17:26(हँसते हैं)
-
17:26 - 17:28(तालियाँ)
- Title:
- चुनाव की असली शक्ति: कमपैरोनोईआ से उभरना |डेविड डी जीओरजीयो | TEDxColoradoSprings
- Description:
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डेविड डी जीओरजीयो ने खोजा, जीवन में संघर्ष करते हुए, पढ़ते हुए, और उससे उभरते हुए, वह असली समस्या जिससे हम झूँझते हैं, ख़ासकर की युवा, जिसे वे "कमपैरोनोईआ®" बुलाते हैं।
तैयार हो जाइए एक अनपेक्षित फ़िनाले के लिए इस ज़बरदस्त, मज़ेदार टॉक में, जहाँ डेविड अपने अनुभव और अन्वेषण से परिप्रेक्ष्य के बारे में बताते हुए आपको एक अलग सफ़र पर ले जाते हैं, जहाँ आप पाएँगे एक प्रभावशाली निर्णय जो आप कमपैरोनोईआ से उभरने के लिए ले सकते हैं। एक टॉक जो बाँटने और ख़ुशी मनाने के लिए बनी है।
डेविड दी जीओरजीयो एक एजुकेटर, वक़्त, "बीइंग अनअपॉलॉजेटिक" के बड़े लेखक हैं, और छात्रों, टीचर्ज़, माता-पिता, इन्फ़्लूयन्सर, और सिलेब्रिटी कि लिए एक स्पीकिंग और कॉन्फ़िडेन्स सलाहकार हैं।
उन्होंने अपना जीवन (और कई व्यवसाय) स्तर बढ़ाने और युवाओं के लिए एक सकारात्मक रोल मॉडल बनने में समर्पित की हैं, और दृढ़ लोगों और समूह जो प्राप्ति पर ध्यान देने वाले बनाने कि लिए अपने अलग दृष्टिकोण और क़ाबिलियत के लिए जाने माने हैं।
उनका परोपकात्रि प्रयास, प्रोजेक्ट बीइंग अनअपॉलॉजेटिक युवाओं के लिए धौसियाने से लड़ने, आत्मविश्वास बनाने और बढ़ाने पर काम करता है, और इसी से हाई स्कूल के पर्फ़ॉर्मिंग आर्ट्स के छात्रों के प्राजेक्ट्स को फ़ंड भी करता है।
This talk was given at a TEDx event using the TED conference format but independently organized by a local community. Learn more at https://www.ted.com/tedx
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDxTalks
- Duration:
- 17:34