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विविधिता की आत्मशक्ति

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    हम हाथ थाम कर
  • 0:03 - 0:04
    दरवाजे की तरफ देख रहे थे|
  • 0:04 - 0:07
    मेरे भाई -बहन और मैं
    अपनी माँ की प्रतीक्षा
  • 0:07 - 0:09
    कर रहे थे अस्पताल से बाहर आने के की|
  • 0:09 - 0:13
    वो वहां थी क्योंकि मेरी दादी का
    उस दिन कैंसर का आपरेशन होना था|
  • 0:14 - 0:17
    अन्ततः, दरवाजा खुला,
  • 0:17 - 0:19
    और उसने कहा,
  • 0:19 - 0:20
    वो गयी|
  • 0:20 - 0:22
    "वो अब इस दुनिया में नहीं है|
  • 0:22 - 0:24
    वो सुबकने लगीं और तुरंत बोली,
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    "हमने व्यवस्थाएं कर लीं हैं,
  • 0:27 - 0:32
    तुम्हारी दादी माँ की अंतिम इच्छा थी कि
    उन्हें उनकी जन्मभूमि
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    कोरिया में ही दफनाया जाय
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    मैं उस समय केवल १२ साल की थी
    और जब शोक कम हुआ
  • 0:38 - 0:41
    मेरी माँ के शब्द मेरे कानों में गूंज रहे थे|
  • 0:42 - 0:45
    मेरी दादी की इच्छा थी
    की उसे जन्मभूमि में ही दफनाया जाय|
  • 0:47 - 0:52
    हम कोरिया से अर्जेंटाइना
    छः वर्ष पहले ही आये थे,
  • 0:52 - 0:55
    हमें स्पेनिश भी बोलनी नहीं आती थी
  • 0:55 - 0:57
    नहीं मालूम था की
    हम अपना जीवनयापन कैसे करेंगे|
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    और पहुँचने पर, हम प्रवासी थे
    जिनका सब कुछ खो चुका है|
  • 1:01 - 1:05
    हमें अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए
    बहुत कठिन परिश्रम करना था|
  • 1:05 - 1:08
    इतना मैंने इन सालों में
    कभी नहीं किया था,
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    हमारा घर कोरिया में ही था|
  • 1:13 - 1:17
    ये प्रश्न मुझे कुरेद रहा था कि किसी दिन
    मैं खुद को कहाँ दफनवाना पसंद करुँगी
  • 1:17 - 1:19
    मेरा घर कहाँ था,
  • 1:19 - 1:21
    और उत्तर इतना आसान नहीं था|
  • 1:21 - 1:24
    ये प्रश्न मुझे वाकई बहुत परेशान कर रहा था
  • 1:25 - 1:30
    इस विचार के आते ही
  • 1:30 - 1:31
    मेरी पहचान का संकट
    जीवन भर के लिए खड़ा हो गया|
  • 1:31 - 1:35
    मैं किमची की भमि - कोरिया में पैदा हुई:
  • 1:35 - 1:37
    अर्जेंटाइना में बड़ी हुई,
  • 1:37 - 1:42
    जहाँ मैंने इतना गाय का मांस खाया है
    की अब मैं ८० प्रतिशत गाय बन गयी हूँ|
  • 1:42 - 1:44
    और मेरी शिक्षा अमेरिका में हुई,
  • 1:44 - 1:47
    जहाँ मुझे मूंगफली के मक्खन की
    लत पड़ गयी है
  • 1:47 - 1:48
    (हंसी)
  • 1:48 - 1:52
    बचपन में मैं स्वयं को
    बहुत अर्जेंटीनियन महसूस करती थी,
  • 1:52 - 1:55
    लेकिन कई बार मेरी शक्ल ने
    मेरा साथ नहीं दिया|
  • 1:55 - 1:58
    मिडिल स्कूल की कक्षा का
    वह पहला दिन मुझे याद है
  • 1:58 - 2:01
    जब मेरी स्पेनिश शिक्षिका
    कक्षा में आयी
  • 2:01 - 2:03
    तो उनसे कक्षा के सभी विद्यार्थियों को देखते
  • 2:03 - 2:04
    हुए कहा,
  • 2:04 - 2:07
    " तुम्हें -- एक एक निजी शिक्षिका तो चाहिए ही,
  • 2:07 - 2:10
    नहीं तो तुम लोग
    इस कक्षा में पास ही नहीं होगे।"
  • 2:10 - 2:14
    तब तक मैं अच्छी स्पेनिश सीख गयी थी
  • 2:14 - 2:19
    तो महसूस हुआ कि मैं कोरियन या अर्जेन्टीनियन,
    दोनों में से कोई एक हो सकती हूँ,
  • 2:19 - 2:21
    लेकिन दोनों नहीं|
  • 2:21 - 2:23
    कुछ मेरी समझ में नहीं आ रहा था,
  • 2:23 - 2:26
    मैं अपनी पुरानी पहचान को कैसे भुलाउं
  • 2:26 - 2:30
    ताकि मैं एक नयी पहचान पा सकूं|
  • 2:31 - 2:35
    जब मैं १८ साल की हुई तो
    मैंने कोरिया जाने का निश्चय किया,
  • 2:35 - 2:39
    इस आशा से कि शायद मुझे एक जगह मिले
    जिसे मैं घर कह सकूँ|
  • 2:39 - 2:41
    लेकिन वहां लोगों ने मुझसे पूछा,
  • 2:42 - 2:45
    "कि तुम कोरियन
    स्पेनिश उच्चारण से क्यों बोलती हो?"
  • 2:45 - 2:46
    (हंसी)
  • 2:46 - 2:49
    और, "तुम्हारी बड़ी आँखों से लगता है
    तुम जरूर जापानी होगी
  • 2:49 - 2:52
    और तुम्हारे हाव-भाव भी विदेशी हैं|"
  • 2:52 - 2:57
    इससे ये स्पष्ट हुआ कि मैं
    अर्जेन्टीनिंयन से कोरियन अधिक हूँ
  • 2:57 - 2:59
    या कोरियन से अधिक अर्जेन्टीनियन
  • 3:00 - 3:03
    ये मेरे लिए निर्णात्मक अनुभूति थी|
  • 3:04 - 3:09
    मैं विश्व में एक जगह जिसे मैं घर कह सकूँ
    पाने में असफल हो चुकी थी
  • 3:09 - 3:14
    लेकिन जापानी लगने वाले कोरियन लोग हैं
    जो स्पेनिश उच्चारण से बोलते हैं --
  • 3:14 - 3:17
    या ख़ास तौर से कहूं
    अर्जेन्टीनियन उच्चारण से--
  • 3:17 - 3:19
    आप क्या सोचते है, कुछ हैं?
  • 3:19 - 3:22
    ये एक तरह से लाभदायक भी हो सकता है|
  • 3:23 - 3:25
    मेरे लिए इसका सामना करना आसान हो गया,
  • 3:25 - 3:28
    जो तेजी से बदल रही दुनिया को
    ज्यादा आघात नहीं पहुंचाता
  • 3:28 - 3:31
    जहाँ पर कुशलताएं
    रातों रात पुरानी हो जातीं हैं,
  • 3:32 - 3:38
    तो फिर मैंने शतप्रतिशत सामान्यताएँ
    ढूंढ़ना बंद कर दिया
  • 3:38 - 3:40
    जिन लोगों से भी मैं मिली|
  • 3:40 - 3:46
    बल्कि, कभी मुझे ये आभास हुआ
    कि मेरा दोहरा व्यक्तित्व है
  • 3:46 - 3:50
    उन लोगों के समूहों के बीच जो
    परस्पर प्रतिद्वंदी हैं|
  • 3:51 - 3:54
    ये आत्मज्ञान होते ही
  • 3:54 - 3:58
    मैंने निश्चय किया
    स्वयं के नितांत नए स्वरुप का --
  • 3:58 - 4:03
    यहाँ तक कि स्वयं की स्वीकरोक्ति
  • 4:03 - 4:07
    उदाहरण के लिए, जैसे हाई स्कूल में,
  • 4:07 - 4:09
    मुझे स्वीकारना पड़ा कि मैं एक। .....
  • 4:09 - 4:12
    मझे फैशन की कोई जानकारी नहीं थी --
    मोटा सा चश्मा और, सरल केश विन्यास --
  • 4:12 - 4:14
    आप देख सकते हैं|
  • 4:14 - 4:16
    मैं सोचती हूँ कि वास्तव में
    मेरे दोस्त केवल इसलिए थे
  • 4:16 - 4:18
    क्योंकि मैं अपना गृहकार्य
    उनको दिखा देती थी|
  • 4:18 - 4:20
    ये सचाई थी|
  • 4:20 - 4:22
    लेकिन एक बार विश्वविद्यालय में,
  • 4:22 - 4:25
    मुझे अपनी नयी पहचान
    पाने का मौका मिला,
  • 4:25 - 4:29
    और पढ़ाकू लड़की एक लोकप्रिय हो गयी,
  • 4:30 - 4:31
    लेकिन ये एम आई टी में था,
  • 4:31 - 4:34
    मैं नहीं जानती कि मैं
    इसका अधिक श्रेय ले सकती हूँ|
  • 4:34 - 4:36
    जैसा वो वहां कहते हैं,
  • 4:36 - 4:38
    " विषमतायें अच्छी होती हैं,
  • 4:38 - 4:40
    लेकिन अच्छाइयाँ विषम होती हैं|"
  • 4:41 - 4:42
    (हंसी)
  • 4:43 - 4:47
    मैंने इतनी बार विषय परिवर्तन किये
    कि मेरे मार्गदर्शक विनोदपूर्वक कहा करते थे
  • 4:47 - 4:50
    कि मुझे "निरुद्देश्य शास्त्र" में
    उपाधि अर्जित करनी चाहिए|
  • 4:50 - 4:52
    (हंसी)
  • 4:52 - 4:53
    ये बात मैंने अपने बच्चों को बताई|
  • 4:53 - 4:58
    और कई वर्षों के बाद मुझे
    अनेक तरह की पहचानें मिलीं|
  • 4:59 - 5:02
    मैं एक अविष्कारक से प्रारम्भ कर,
    उद्द्यमी , सामाजिक नवोन्मेषक।
  • 5:02 - 5:06
    फिर मैं एक पूंजी निवेशक बन गयी,
  • 5:06 - 5:07
    एक महिला प्रद्योगिकी में,
  • 5:07 - 5:08
    एक शिक्षिका,
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    और अभी हाल ही मैं एक माँ बन गयी हूँ,
  • 5:11 - 5:15
    मेरा छोटा बच्चा निरंतर कहता है,
  • 5:15 - 5:18
    "माँ !" दिन और रात|
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    यहां तक कि मेरा उच्चारण
    इतना भ्रमित करने वाला था --
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    की उसकी उतपत्ति अस्पष्ट थी,
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    मेरे मित्र इसे "रिबेकानीज" कहते थे|
  • 5:29 - 5:31
    (हंसी)
  • 5:31 - 5:34
    लेकिन स्वयं को पुनः
    अविष्कृत काने का कार्य दुष्कर था|
  • 5:34 - 5:37
    आपको बहुत प्रतिरोधों का सामना
    करना पड़ता है|
  • 5:37 - 5:41
    जब मैं अपनी पी.एच. डी. का काम
    पूरा करने वाली थी
  • 5:41 - 5:43
    मैं उद्द्यमिता के फेर में पड़ गई|
  • 5:43 - 5:45
    मैं सिलिकन वैली जा पहुंची|
  • 5:45 - 5:51
    और तहखाने में बैठकर शोध प्रबंध लिखने लगी
  • 5:51 - 5:52
    जैसे अपनी कम्पनी खुद शुरू कर रही हो,
  • 5:52 - 5:56
    तो मैं अपने अत्यंत पारम्परिक
    कोरियन माता-पिता के पास गयी,
  • 5:56 - 5:57
    जो आज यहां उपस्थित हैं,
  • 5:57 - 5:59
    उन्हें ये बताने के लिए कि मैं
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    पी.एच.डी. उपाधि का कार्यकम
    त्यागने वाली हूँ|
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    आप देखिये, मेरे भाई बहन और मैं
    विश्वविद्यालय जाने वालों की प्रथम पीढ़ी थे
  • 6:07 - 6:10
    एक प्रवासी परिवार के लिए,
    ये एक बहुत बड़ी बात थी,
  • 6:10 - 6:13
    आप कल्पना कर सकते हैं
    कि कैसा संवाद हमारे बीच होने जा रहा था|
  • 6:14 - 6:18
    लेकिन सौभाग्य से मेरे पास
    एक गुप्त हथियार था,
  • 6:18 - 6:25
    वो था एक चार्ट जिसमें
    सभी स्नातकों की औसत आय थी
  • 6:25 - 6:27
    जो स्टैनफोर्ड पी.एच.डी. कार्यकम में थे|
  • 6:27 - 6:31
    और फिर कार्यक्रम छोड़ने वालों की
    औसत आय
  • 6:31 - 6:32
    स्टैनफोर्ड स्नातकोत्तर कार्यक्रम से|
  • 6:33 - 6:33
    (हंसी)
  • 6:33 - 6:36
    मैं बताना चाहूंगी कि ये चार्ट
    निश्चय ही हेराफेरी से बनाया गया था
  • 6:36 - 6:38
    गूगल के संस्थापकों के द्वारा|
  • 6:38 - 6:39
    (हंसी)
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    लेकिन मेरी माँ ने चार्ट देखा,
  • 6:41 - 6:42
    और कहा,
  • 6:42 - 6:46
    " तुम्हें तो अपनी रूचि का काम करना चाहिए|"
  • 6:46 - 6:47
    (हंसी)
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    माँ !
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    अब, आज पहचान पाने की मेरी जिज्ञासा
    अब अपने कुनबे को पाने की नहीं है|
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    ये है स्वयं को पाने की
  • 6:59 - 7:03
    ताकि स्वयं की सभी संभावित
    संभावनाओं को स्पर्श किया जा सके
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    और स्वयं की अन्तर्निहित विविधता
    को पोषित किया जा सके
  • 7:09 - 7:11
    केवल मेरे चारों ओर नहीं|
  • 7:12 - 7:15
    अब मेरे बच्चे ३ साल
    और ५ महीने के हुए हैं आज,
  • 7:15 - 7:19
    और जन्म से उनकी
    ३ राष्टीयतायें हैं
  • 7:19 - 7:20
    और ४ भाषायें|
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    अब मुझे ये बताना चाहिए कि
    मेरे पति डेनमार्क के हैं --
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    मेरे जीवन में समुचित सांस्कृतिक
    आघातों की कमी न लगे
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    मैंने एक डेनिश व्यक्ति से
    विवाह करने का निर्णय लिया
  • 7:31 - 7:33
    वास्तव में मैं सोचती हूँ
    मेरे बच्चे पहले वाइकिंग्स होंगे
  • 7:33 - 7:37
    उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा
    जब उनकी दाढ़ी सफ़ेद होने लगेगी|
  • 7:37 - 7:38
    (हंसी)
  • 7:38 - 7:40
    जी हाँ, हमें उस पर काम करना पड़ेगा|
  • 7:40 - 7:46
    लेकिन मुझे आशा है कि वो
    अपनी विविधता को ढूँढ निकालेंगे
  • 7:46 - 7:50
    जो उनके जीवन में बहुत से
    अवसरों के दरवाजे खोल देगी,
  • 7:50 - 7:54
    और वो इसका उपयोग अपनी
    सामान्यताएँ प्राप्त करने में करेंगे
  • 7:54 - 7:58
    एक ऐसी दुनिया में जो आज
    क्रमशः वैश्विक होती जा रही है
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    मैं आशा करती हूँ कि उदिग्न और
    चिन्तित महसूस करने स्थान पर
  • 8:03 - 8:05
    कि वो सभी को एक साथ कैसे करें
  • 8:05 - 8:08
    नहीं तो उनकी पहचान
    एक दिन अनुपयोगी हो जायेगी,
  • 8:08 - 8:11
    वो प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं
  • 8:11 - 8:17
    और अपनी व्यक्तिगत विस्तृत पहचान
    को नियंत्रित करने में|
  • 8:17 - 8:20
    मैं ये भी आशा करती हूँ कि वो अपने
    इस विशेष संयोग का उपयोग करेंगे
  • 8:21 - 8:26
    मूल्यों, भाषाओं,
    संस्कृतियों और क्षमताओं का
  • 8:26 - 8:27
    एक ऐसे विश्व का सृजन करने में
  • 8:28 - 8:33
    जहाँ पर पहचानें को भिन्नता से
    जोड़कर नहीं देखा जाता हो,
  • 8:33 - 8:37
    बल्कि, जो लोगों को परस्पर जोड़ती हो|
  • 8:38 - 8:41
    और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि
    वो इसमें अत्यंत आनंद प्राप्त करेंगे
  • 8:41 - 8:46
    इन अजनबी स्थानों से
    गुजरते हुए,
  • 8:46 - 8:47
    क्योंकि मुझे पता है
    जो मेरे पास है,
  • 8:50 - 8:52
    अब जैसे मेरी दादी को ही लीजिये ,
  • 8:52 - 8:57
    उनकी आखरी इच्छा भी
    मेरे लिए उनकी आखरी सीख थी|
  • 8:57 - 9:02
    इससे ये स्पष्ट हुआ कि उसका आश्रय
    कोरिया वापस जाने के बारे में बिलकुल नहीं था
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    और वहां दफनाये जाने का|
  • 9:03 - 9:07
    ये अपने पुत्र के निकट विश्राम करने का था|
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    जिसकी मृत्यु काफी पहले उनके
    अर्जेंटीना आने के पहले हो गयी थी|
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    उनके लिए महासागर मायने नहीं रखता था
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    जो उनके अतीत और
    नए संसार को विभाजित करता था;
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    ये एक सामान्य आधार प्राप्त
    करने के बारे में था|
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    धन्यवाद|
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    (तालियां)
Title:
विविधिता की आत्मशक्ति
Speaker:
रेबेका ह्वांग
Description:

रेबेका ह्वांग ने जीवन का अधिक समय पहचान पाने के लिए दिया है - कोरियाई विरासत, बचपन अर्जेंटीना में, शिक्षा अमेरिका मे - काफी समय से उन्हें विश्व में एक स्थान जिसे घर कह सकें की तलाश है| इन चनौतियों के बीच हुई एक प्रमुख आत्मानुभूति : कि वैश्वीकरण के इस युग में वर्तमान विविधता पूर्ण परिवेश प्रगति के लिए एक अनूठा अवसर है| इस निजी सम्बोधन में ह्वांग ने उद्घाटित किया कि अपनी जटिल पहचानों को स्पर्श करने के अनंत लाभ हैं - और उन्होंने आशा है एक ऐसे विश्व के सृजन की जहाँ पहचानों के हस्तांतरण का उपयोग पहचान पाने के स्थान पर लोगों को परस्पर जोड़ने में होगा|

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
09:44

Hindi subtitles

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