हाइपरलिंक ने कैसे सब कुछ बदल दिया
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0:00 - 0:02मुझे याद है, स्वयम सोचा करती थी,
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0:02 - 0:05"यह हमारे संवाद के तरीके को
बदलने जा रहा है। " -
0:05 - 0:07[छोटी बात।] ¶
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0:07 - 0:08[बड़ा विचार।]
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0:09 - 0:12[हाइपरलिंक पर मार्गरेट गोल्ड स्टीवर्ट]
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0:12 - 0:14हाइपरलिंक एक इंटरफ़ेस तत्व है, ¶
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0:14 - 0:16और इसका मतलब क्या है,
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0:16 - 0:19जब आप सॉफ्टवेयर का उपयोग कर रहे हैं
अपने फोन या अपने कंप्यूटर पर, -
0:19 - 0:21इंटरफेस के पीछे बहुत सारे कोड हैं
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0:21 - 0:25जो कंप्यूटर को निर्देश दे रहा है
इसे प्रबंधित करने के तरीके के लिए, -
0:25 - 0:28लेकिन मनुष्य इंटरफ़ेस से संपर्रक करते हैं।
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0:28 - 0:31जब हम इस पर दबाएंगे, तो कुछ होता है।
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0:31 - 0:33जब वे पहली बार आए,
वे बहुत सरल थे -
0:33 - 0:36और विशेष रूप से ग्लैमरस नहीं थे।
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0:36 - 0:39आज के डिज़ाइनर के पास
विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। -
0:40 - 0:44हाइपरलिंक एक मार्कअप भाषा --
एचटीएमएल का उपयोग करता है। -
0:44 - 0:46कोड की एक छोटी स्ट्रिंग है।
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0:46 - 0:50और फिर जहां आप व्यक्ति को भेजना चाहते
हैं, वहां का पता डालते हैं। -
0:50 - 0:53यह वास्तव में सीखने के लिए
उल्लेखनीय रूप से आसान है । -
0:53 - 0:58और इसलिए, इंटरनेट पर जानकारी
का स्थान दर्शाना, -
0:58 - 1:00यह हाइपरलिंक का डोमेन है।
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1:01 - 1:02जब मैं स्कूल में थी -
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1:02 - 1:06यह इंटरनेट के व्यापक पहुंच
से पहले की बात है - -
1:06 - 1:08अगर मैं एक शोध पत्र करने जा रही थी,
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1:08 - 1:11मुझे शारीरिक रूप से चलना पड़ता था
पुस्तकालय की ओर, -
1:11 - 1:13और यदि उनके पास इच्छित किताब थी.
तब तो बहुत अच्छा है। -
1:13 - 1:15आपको कभी-कभी इसके लिए बाहर
से मंगवाना पड़ता था, -
1:15 - 1:17इस प्रक्रिया में सप्ताह लग सकता था।
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1:17 - 1:19अब इसके बारे में सोचो तो यह अजीब लगता है,
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1:20 - 1:23क्योंकि सभी महान नवविचारों की तरह,
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1:23 - 1:25जब हम कुछ प्राप्त कर लेते हैं,
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1:25 - 1:27तो हम उसे सामान्य समझने लगते हैं।
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1:27 - 1:29सन 1945 में,
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1:29 - 1:31वन्नेवर बुश थे।
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1:31 - 1:33वे अमेरिकी सरकार के लिए काम कर रहे थे,
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1:33 - 1:36और उन्होंने यह विचार रखा था,
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1:36 - 1:38"वाह, मनुष्य बहुत अधिक
जानकारी बना रहे हैं, -
1:38 - 1:41और हम इसका ट्रैक नहीं रख पाते हैं
हमने जो किताबें पढ़ी हैं, -
1:41 - 1:44या महत्वपूर्ण विचारों के बीचका कनेक्शन। "
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1:44 - 1:46और "मेमेक्स" उनका विचार था,
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1:46 - 1:49जहां आप एक व्यक्तिगत पुस्तकालय रख सकते हैं
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1:49 - 1:53आपके सभी पुस्तकों और लेखों की।
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1:53 - 1:57और स्रोतों को जोड़ने के विचार ने
लोगों की कल्पनाओं पर कब्जा कर लिया। -
1:57 - 1:591960 के दशक में, ¶
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1:59 - 2:02टेड नेल्सन ने परियोजना ज़ानाडु
की शुरुआत की, -
2:02 - 2:04और उन्होंने कहा,
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2:04 - 2:07"ठीक है, क्या होगा अगर यह केवल मेरे पास
जो चीजें हैं, उन तक सीमित नहीं होगा? -
2:07 - 2:10क्या होगा यदि मैं विचारों को जोड़
सकता हूं, औरों के काम से? " -
2:11 - 2:141982 में, मैरीलैंड विश्वविद्यालय के
शोधकर्ताओं ने -
2:14 - 2:16एक प्रणाली विकसित की जिसे
उन्होंने हाइपरटीस कहा। -
2:16 - 2:20वे पहले थे, एक लिंक मार्कर के रूप
में पाठ का उपयोग करने वाले। -
2:20 - 2:23उन्होंने पाया कि नीला लिंक,
ग्रे पृष्ठभूमि पर -
2:23 - 2:25अच्छी तरह काम करने जा रहा है
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2:25 - 2:27और लोग इसे देख पाएंगे।
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2:27 - 2:30एप्पल ने 1987 में हाइपरकार्ड
का आविष्कार किया। -
2:31 - 2:33आपके पास कार्ड के ये ढेर थे,
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2:33 - 2:35और आप लिंक बना सकते हैं
कार्ड के बीच में। -
2:35 - 2:40हाइपरकार्ड ने वास्तव में सक्षम बनाया
कि आप कहानी में आगे पीछे जा सकें। -
2:40 - 2:43इन तरह के नोनलीनियर कहानी को
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2:43 - 2:46
बड़ा बढ़ावा मिला जब हाइपरलिंक आया, -
2:46 - 2:50क्योंकि इसने लोगों को कथा को
प्रभावित करने का अवसर दिया। -
2:50 - 2:52इन विचारों और आविष्कारों ने,
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2:53 - 2:56टिम बर्नर्स-ली को प्रेरित किया,
वर्ल्ड वाइड वेब के आविष्कारक। -
2:57 - 3:00हाइपरलिंक एक लेगो ब्लॉक की
तरह महसूस कराता है, -
3:00 - 3:03यह बहुत ही बुनियादी इमारत ब्लॉक है,
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3:03 - 3:06दुनिया भर में मौजूद बहुत जटिल वेब
में कनेक्शन बनाने के लिए। -
3:06 - 3:09हाइपरलिंक को जिस तरह बनाया गया था,
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3:09 - 3:12उनका इरादा था, न केवल कई लोगों द्वारा
उपयोग किये जाने के लिए, -
3:12 - 3:15बल्कि कई लोगों द्वारा बनाया जाने के लिए।
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3:15 - 3:19मेरे लिए, यह सबसे लोकतांत्रिक
डिजाइन में से एक है।
- Title:
- हाइपरलिंक ने कैसे सब कुछ बदल दिया
- Speaker:
- मार्गरेट गोल्ड स्टीवर्ट
- Description:
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हाइपरलिंक इंटरनेट का लेगो ब्लॉक है। उपयोगकर्ता अनुभव मास्टर मार्गरेट गोल्ड स्टीवर्ट यहां इसके विचित्र इतिहास के बारे में बताती हैं ।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TED Series
- Duration:
- 03:33
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