Return to Video

किस प्रकार से एक टाइपफेस ने अपोलो के लॉन्च में मदद की

  • 0:01 - 0:03
    जुलाई 1969 में
  • 0:03 - 0:06
    तीन अमेरिकी अंतरिक्ष में भेजे गए ।
  • 0:06 - 0:09
    अब, वे चाँद की सतह पर पहुँचे ।
  • 0:09 - 0:12
    उन्होंने अपने इस विशाल पग से
    ख्याती प्राप्त की ।
  • 0:12 - 0:15
    बज़ ऐलड्रिन और नील आर्मस्ट्राँग
    चाँद की सतह पर चले ।
  • 0:15 - 0:17
    उन्होनें वहाँ यह ध्वज फहराया ।
  • 0:17 - 0:22
    इस पल को हम अमेरिका में,
    अपनी विजय के रूप में मनाते हैं ।
  • 0:22 - 0:25
    हमारा मानना है कि यह एक बड़ी उप्लब्धी थी ।
  • 0:25 - 0:27
    उन्होनें वहाँ पर सिर्फ
    यह ध्वज ही नहीं छोड़ा,
  • 0:27 - 0:29
    एक पट्टिका को भी छोड़ आए ।
  • 0:29 - 0:31
    यह पट्टिका एक सुंदर वस्तु है,
  • 0:31 - 0:33
    मैं आपसे इसी पट्टिका के बारे में
    बात करना चाहता हूँ ।
  • 0:33 - 0:35
    आपको ज्ञात होगा
    दो ग्लोबों द्वारा धरती को
  • 0:35 - 0:37
    चित्रित किया गया है
  • 0:37 - 0:39
    और फिर एक सुंदर वाक्य लिखा हुआ है -
  • 0:39 - 0:40
    हम मानवता के शान्ति दूत बनकर आए ।
  • 0:40 - 0:44
    प्रथम दृष्टि में तो ये
    काव्य पंक्तियाँ हैं ।
  • 0:44 - 0:47
    परंतु यह टाइपफेस समय के अनुकूल है ।
  • 0:47 - 0:51
    यह औद्योगिक व कृत्रिम प्रतीत होता है ।
  • 0:51 - 0:52
    यह उत्तम नाम है जो कि
  • 0:52 - 0:56
    कोई ऐसी वस्तु के लिए जो चाँद पर स्थित हो।
  • 0:56 - 0:58
    अब फोंट्स के बारे में चर्चा करते हैं,
  • 0:58 - 1:00
    और क्यों यह टाइपफेस इस समय महत्वपूर्ण है ।
  • 1:00 - 1:02
    क्योंकि यह मात्र अनुष्ठानिक नहीं है ।
  • 1:03 - 1:06
    और आज जब आप सब यहाँ आए
  • 1:06 - 1:09
    तब आपको वास्तव में फोंट्स के बारे पड़ा ।
  • 1:09 - 1:10
    आपने इसपर गौर नहीं किया होगा ।
  • 1:10 - 1:13
    परंतु अवचेतन रूप से
    आप सभी टोपोग्रफी के ज्ञाता हैं ।
  • 1:13 - 1:17
    टोपोग्रफी में हम फोंट्स
    के बारे में पढ़ते हैं ।
  • 1:17 - 1:21
    इसमें शब्दों के स्थान पर चित्रों
    का प्रयोग किया जाता है ।
  • 1:22 - 1:24
    इस विषय में रोचक तथ्य यह है,
  • 1:24 - 1:27
    मुझे ज्ञात है कि आप मेरी
    तरह फोंट में रुचि नहीं रखते ।
  • 1:27 - 1:30
    कुछ लोग रुचि रखते हों
    परंतु अगर नहीं तब भी कोई बात नहीं,
  • 1:30 - 1:32
    क्योंकि मैं हर दिन
    कई घंटे व्यतीत करता हूँ
  • 1:32 - 1:35
    किसी प्रोजेक्ट के लिए
    सही इन्टरफेस कौन-सा होगा ।
  • 1:35 - 1:37
    या मैं वर्ष में हज़ारों डॉलर सही फीचर्स
  • 1:37 - 1:39
    को खोजने के प्रयास में व्यय करता हूँ ।
  • 1:39 - 1:42
    आप प्रतिदिन हज़ारो घंटे
    फॉन्ट्स को परखने में व्यतीत करते हैं ।
  • 1:42 - 1:45
    अगर आपको विश्वास नहीं होता
    तो तनिक विचार कीजिए
  • 1:45 - 1:47
    यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको कई बार
  • 1:47 - 1:48
    संकेतों पi निर्णय लेने पड़े
  • 1:48 - 1:51
    अपने फोन पर भी आपको चुनाव करना होता है ।
  • 1:51 - 1:53
    आप फॉन्ट्स iका विश्लेषण कर रहे थे ।
  • 1:53 - 1:55
    हो सकता है कि आप कुछ क्रय करने जाएँ
  • 1:55 - 1:58
    तब आपको सोचना पड़ता है यह सस्ता है
  • 1:58 - 2:01
    या कीमती सुलभ है या दुर्लभ ।
  • 2:01 - 2:03
    रोचक बात यह है कि
  • 2:03 - 2:05
    आप फिर भी विद्वान प्रतीत नहीं होते ।
  • 2:05 - 2:07
    परंतु जब भी आप किसी
    अनावश्यक वस्तु,को देखते हैं
  • 2:07 - 2:09
    तो तुरंत पहचान लेते हैं
  • 2:09 - 2:11
    ( हँसते हुए )
  • 2:11 - 2:13
    मुझे टोपोग्रफी, फॉन्ट्स
  • 2:13 - 2:15
    और फ्यूचुरा फोन्ट आदि
    इसलिए पसंद हैं क्योंकि
  • 2:15 - 2:19
    मैं जो कुछ भी पढ़ता हूँ
    मुझे सब जगह वही दिखाई देता है ।
  • 2:19 - 2:22
    मैं किसी भी सड़क पर चलूँ,
    कोई भी किताब पढ़ूं
  • 2:22 - 2:27
    हर स्थान पर मुझे मेरी
    पसंद की वस्तु मिल जाती है ।
  • 2:27 - 2:31
    यदि एक बार आप टोपोग्रफी
    के इतिहास को जान जाएँ
  • 2:31 - 2:35
    तो आप सम्पूर्ण इतिहास को जान जाएंगे ।
  • 2:35 - 2:37
    और यही फ्यूचुरा का टाइपफेस है ।
  • 2:37 - 2:40
    जैसा कि आपको ज्ञात होगा
    यह आधुनिकता का संकुचित रूप है ।
  • 2:40 - 2:43
    आधुनिकता ने इसी मार्ग से
    इस देश में प्रवेश किया ।
  • 2:43 - 2:46
    और स्वयं संभवतः 20वीं
    सबसे प्रसिद्ध और अनेक
  • 2:46 - 2:48
    विकल्पों वाला इन्टरफेस बन गया ।
  • 2:48 - 2:52
    'कम ही अधिक है' ये आधुनिकता के सूत्र हैं ।
  • 2:52 - 2:54
    और दृश्य कला मैं भी यही हुआ ।
  • 2:54 - 2:57
    यदि प्रमुख बातों पर ध्यान दें,
    मूल आकारों पर ध्यान दें,
  • 2:57 - 2:58
    तो पाएँगे कि फ्यूचुरा
  • 2:58 - 3:01
    क्रांतिकारी लागती ।
  • 3:01 - 3:03
    आपने ध्यान दिया होगा कि फ्यूचुरा फोन्ट में
  • 3:03 - 3:05
    गोल,वर्ग, त्रिभुज आदि आकृतियाँ हैं ।
  • 3:05 - 3:07
    कुछ आकार गोल पर आधारित हैं
  • 3:07 - 3:08
    जैसे O, D और C.
  • 3:08 - 3:12
    या कुछ त्रिभुज के नुकीले शिखर समान हैं ।
  • 3:12 - 3:14
    जबकी कुछ स्केल और प्रकार की सहायता से
  • 3:14 - 3:15
    बनाए हुए प्रतीत होते हैं ।
  • 3:15 - 3:18
    वे ज्यामितिक या गणित
    के जैसे प्रतीत होते हैं ।
  • 3:18 - 3:21
    वास्तव में यह पूरा सिस्टम ही अपने आप में
  • 3:21 - 3:22
    टाइपफेस डिजाइन को लिए हुए हैं
  • 3:22 - 3:26
    ऐसा लगता है मानो इसे दूसरे टाइप पैसों की
    अपेक्षा अलग बनाया गया हो
  • 3:26 - 3:30
    जहां दर्शाए गए हैं कम माध्यम और ज्यादा बजनी
  • 3:30 - 3:33
    सभी के पास अपनी एक अलग कहानी है
  • 3:33 - 3:35
    ऐसा प्रतीत होता है जैसे इन्हें
  • 3:35 - 3:38
    हाथ से बनाया गया हो
  • 3:38 - 3:40
    हाथ से बनाया गया तब मेरा मतलब होता है
  • 3:40 - 3:42
    कि शायद
  • 3:42 - 3:46
    जब आप किसी चीज को हाथ से या कलम की
    मदद से बनाते हैं तब वहा
  • 3:46 - 3:47
    कुछ मोटे या पतले लगते हैं.
  • 3:47 - 3:51
    कुछ बहुत ही प्रचलित
    टाइपफेसेज जैसे गारामोंड
  • 3:51 - 3:52
    मैं यह प्राचीन कला दिखाई देती है
  • 3:52 - 3:56
    देख सकते हैं कि किस प्रकार
    A ऊपर की तरफ पतला होता है
  • 3:56 - 3:57
    और नीचे की तरफ मोटा
  • 3:57 - 4:00
    क्योंकि उसे ऐसा बनाया गया है
    जैसे कि हाथ से मनाया गया
  • 4:00 - 4:01
    लेकिन फ्यूचुरा को लगता है
  • 4:01 - 4:04
    जैसे उसे किसी ने हाथ भी ना लगाया हो
  • 4:04 - 4:05
    लगता है उसे मशीन ने बनाया हो
  • 4:05 - 4:07
    मशीनी युग के लिए एक औद्योगिक युग के लिए
  • 4:07 - 4:10
    वास्तव में यहां हाथ की सफाई है
  • 4:10 - 4:13
    पाउल रेन्नर जिन्होंने ऐसे 1927 में बनाया
  • 4:13 - 4:15
    आप को दिखाई देगा वर्तुळाकारआकार
  • 4:15 - 4:18
    शाफ्ट से जुड़ता है
  • 4:18 - 4:21
    तब वह का आकार ले लेता है
    सैकड़ों तरीकों में से
  • 4:21 - 4:23
    यह एक तरीका मात्र है
  • 4:23 - 4:26
    जो इसकी डिजाइन को
    ज्यामिति के रूप में सही बनाता है
  • 4:26 - 4:28
    गणित के रूप से नहीं रूप से नहीं
  • 4:28 - 4:30
    टाइपफेस के डिजाइनर
  • 4:30 - 4:33
    हर दिन यही करते हैं
  • 4:33 - 4:37
    दूसरे भी डिजाइनर्स हैं जो यही कर रहे हैं
    इसी समय यूरोप में भी और अमेरिका में भी
  • 4:37 - 4:39
    यूरोप से भी कुछ असाधारण उदाहरण है
  • 4:39 - 4:43
    जो कुछ नया बनाने के प्रयास में है
    नए युग के नए समय के लिए
  • 4:43 - 4:44
    जर्मनी में भी कुछ ऐसे टाइपफेस हैं
  • 4:44 - 4:47
    जो कुछ मायनों में
    फ्चुयूरा से मिलते जुलते हैं
  • 4:47 - 4:50
    शायद ऊपर और
    नीचे के अनुपात में
  • 4:50 - 4:52
    तो फिर ऐसा क्यों हुआ कि
    फ्यूचुरा दुनिया में सबसे ज्यादा प्रचलित है
  • 4:52 - 4:54
    यदि आप ऊपर के
    नामों को पढ़ें तो आप पाएंगे
  • 4:54 - 4:57
    कि उनका उच्चारण आसान नहीं है
  • 4:57 - 5:02
    Erbar, Kabel Light, Berthold-Grotesk,
    Elegant Grotesk
  • 5:02 - 5:05
    आप समझ गए होंगे कि यह घरेलू नाम नहीं है
  • 5:05 - 5:07
    अगर आप इसकी तुलना फ्यूचुरा से करें
  • 5:07 - 5:11
    तो आप समझ जाएंगे कि
    यह एक बहुत ही अच्छा प्रयास था
  • 5:11 - 5:12
    इस नाम में ऐसा क्या खास है
  • 5:12 - 5:15
    एस नाम की खासियत यह है कि यह एक नाम है
  • 5:15 - 5:19
    जो भविष्य की आशा की ओर इशारा करता है
  • 5:19 - 5:21
    और यह जर्मन का कोई शब्द नहीं है
  • 5:21 - 5:23
    कोई जर्मन नाम भी नहीं है
  • 5:23 - 5:24
    उन्होंने बस एक ऐसा शब्द चुना
  • 5:24 - 5:27
    जिसे एक बहुत बड़ा वर्ग समझ पाए
  • 5:27 - 5:30
    आप इसकी तुलना उन प्रयासों से करेंगे
    जो अमेरिका में हो रहे थे
  • 5:30 - 5:32
    तो आप पाएंगे कि यह टाइपफेस उसी समय के हैं
  • 5:32 - 5:34
    यानी अमेरिका के 1920 के दशक के
  • 5:34 - 5:35
    बोल्ड नाज़ुक शेख़ीबाज़
  • 5:35 - 5:39
    आपको ऐसा लगेगा जैसे
    यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि
  • 5:39 - 5:41
    1920 के दशक में
    स्टॉक मार्केट हुआ करते थे
  • 5:41 - 5:44
    और आप समझ जाएंगे कि
    फ्यूचुरा में कुछ क्रांतिकारी है
  • 5:44 - 5:48
    अब हम इस टाइप फेस के
    1 उदाहरण की ओर चलते हैं
  • 5:48 - 5:51
    एक मैगजीन है उसके बारे में
    आप जानते होंगे vanity fair
  • 5:51 - 5:55
    1929 की गर्मियों में या
    कुछ इस प्रकार की दिखती थी
  • 5:55 - 5:58
    और इस डिजाइन में कुछ भी गलत नहीं है
  • 5:58 - 6:01
    1920 में यह एक आम बात थी
  • 6:01 - 6:03
    यह एक महत्वपूर्ण व्यक्ति की तस्वीर है
  • 6:03 - 6:06
    Franklin Roosevelt जो उस समय
    न्यूयॉर्क शहर के गवर्नर थे
  • 6:06 - 6:08
    सब कुछ केंद्रित और सममित प्रतीत होता है
  • 6:08 - 6:10
    हल्की सी सजावट भी है
  • 6:10 - 6:13
    कुछ पेंटिंग के अंशु भी देख रहे हैं
  • 6:13 - 6:15
    यह आधुनिक पेंटिंग नहीं है
  • 6:15 - 6:16
    सब कुछ ठोस सा प्रतीत होता है
  • 6:16 - 6:19
    कई जगहों पर ड्रॉप कैप्स का भी प्रयोग है
  • 6:19 - 6:22
    लेकिन अक्टूबर 1929 में यह सब कुछ बदल गया
  • 6:22 - 6:25
    बर्लिन के एक डिजाइनर ने आकर
    वैनिटी फेयर को पुनः डिजाइन किया
  • 6:25 - 6:28
    और वह फ्चुयूरा के साथ कुछ
    इस तरह की दिखाई देने लगी
  • 6:28 - 6:30
    अप गवर्नमेंट स्थान पर यहां एक सुंदर
  • 6:30 - 6:33
    और काल्पनिक दृश्य की फोटो है
  • 6:33 - 6:34
    यहां एक समुद्र के
  • 6:34 - 6:36
    और ड्रॉप कैप्स के स्थान पर कुछ भी नहीं है
  • 6:36 - 6:41
    ओ केंद्रीयकरण के स्थान पर
    अब यहां आसममति है
  • 6:41 - 6:44
    जैसे-जैसे आप पत्रिका पढते हैं
    और भी मुलभूत होता जाता है
  • 6:44 - 6:46
    जैसे कि और भी ज्यादा असममति होती जाती है
  • 6:46 - 6:49
    जहां पर पबलो पिकासो का एक चित्र है
  • 6:49 - 6:53
    जो कि एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ तक बना हुआ है
  • 6:53 - 6:55
    एक चीज और भी
    ज्यादा क्रांतिकारी है
  • 6:55 - 6:58
    अगर आप फ्यूचुरा को ध्यान से देखें
  • 6:58 - 6:59
    पहले ही नजर में समझ में आ जाएगा
  • 7:00 - 7:03
    यहां पर बड़े अक्षरों का
    प्रयोग नहीं किया गया है
  • 7:03 - 7:05
    शायद आपको लगे
    यह कोई नयी बात नहीं है
  • 7:05 - 7:08
    लेकिन आप कोई भी पत्रिका खोजें
    कोई भी वेबसाइट पर
  • 7:08 - 7:10
    मैं आपको गारंटी देता हूं आप इसे
    आसानी से नहीं खोज पाएंगे
  • 7:10 - 7:13
    आज भी यह एक क्रांतिकारी विचार है.
  • 7:13 - 7:14
    यह क्रांतिकारी क्यों है.
  • 7:14 - 7:17
    जब हम बड़े अक्षरों के बारे में सोचते हैं.
  • 7:17 - 7:19
    वे किसी महत्वपूर्ण ची.ज का
    प्रतिनिधित्व करते हैं
  • 7:19 - 7:22
    फिर चाहे वह हमारा नाम हो या उपनाम
  • 7:22 - 7:24
    या फिर हमारी निगम का ही नाम हो
  • 7:24 - 7:26
    या सिर्फ एक ट्रेडमार्क
  • 7:26 - 7:29
    वास्तव में कई मायनों में अमेरिका
    कैपिटलाइजेशन का गढ़ है
  • 7:29 - 7:31
    हम हर स्थान पर कैपिटल
    अक्षरों का प्रयोग करते हैं
  • 7:31 - 7:33
    सब हंसते हैं
  • 7:33 - 7:35
    जरा सोचिए यह कितना क्रांतिकारी होगा
  • 7:35 - 7:39
    कि हम एक पत्रिका से
    सारे बड़े अक्षर हटा दें
  • 7:39 - 7:41
    इसमें एक राजनीतिक ताकत भी होगी
  • 7:41 - 7:45
    अब हम सर्वनाम जैसी चीजों पर
    भी बहस करने लगे हैं
  • 7:45 - 7:47
    1920 के दशक में रूसी क्रांति के थोड़े
  • 7:47 - 7:51
    ही समय बाद ऐसा हुआ
  • 7:52 - 7:57
    वास्तव में लोगों को ऐसा लगा जैसे
    लाल क्रांति ने अमेरिका में प्रवेश किया हो
  • 7:57 - 8:01
    छोटे अक्षरों को समानता का
    प्रतीक समझा जाने लगा
  • 8:01 - 8:05
    हर चीज को एक समान बना देना
  • 8:05 - 8:07
    जय एक क्रांतिकारी विचार था
  • 8:07 - 8:09
    आप कितनी बार बड़े
    अक्षरों का प्रयोग करते हैं
  • 8:09 - 8:11
    ताकत और प्रतिष्ठा को दर्शाने के लिए
  • 8:11 - 8:15
    तो उन लोगों को ऐसा लगा जैसे
    फ्यूचुरा भी इसी चीज का प्रयोग कर रहा है
  • 8:15 - 8:18
    दूसरे डिजाइन एंड फ्यूचुरा के
    साथ अलग प्रयोग कर रहे थे
  • 8:18 - 8:21
    कुछ लोग कुछ में आधुनिकता के
    विचार लेकर के आए
  • 8:21 - 8:23
    चाहे वह चित्रण के विचार हों
  • 8:23 - 8:26
    या महाविद्यालयी चित्रण के विचार हों
  • 8:26 - 8:28
    या फिर नई पुस्तक के कवर हों
  • 8:28 - 8:30
    फिर चाहे वे यूरोप से ही क्यों ना हो
  • 8:30 - 8:32
    लेकिन मजेदार बात यह है
  • 8:32 - 8:34
    1920 के दशक में
    किसी टाइपफेस का प्रयोग करना हो
  • 8:34 - 8:37
    तो से सीधे अपने कंप्यूटर
    पर डाउनलोड नहीं कर सकते थे
  • 8:37 - 8:39
    आपको में शीशे के
    टुकड़ों की आवश्यकता पड़ती
  • 8:39 - 8:41
    इसलिए जो अमेरिकी इसका प्रयोग करना चाहते थे
  • 8:41 - 8:43
    इसे अपने सिस्टम का हिस्सा बनाना चाहते थे
  • 8:43 - 8:46
    ताकि रोजमर्रा के जीवन में
    इसका प्रयोग कर सकें
  • 8:46 - 8:48
    विचारों में और अन्य स्थानों पर
  • 8:48 - 8:50
    तब उन्हें धातु की आवश्यकता पड़ती थी
  • 8:50 - 8:52
    इसलिए एक अच्छे बड़े अक्षरों का प्रयोग करने वाले
    होने के नाते हमने क्या किया
  • 8:52 - 8:54
    हमने हर प्रकार की कॉपीज बनाई
  • 8:54 - 8:56
    ऐसी भी जिनका फ्यूचुरा से कोई लेना देना नहीं था
  • 8:56 - 8:58
    लेकिन दिखने में बिल्कुल उसी के जैसी थी
  • 8:58 - 9:00
    फिर चाहे वह स्पार्टन हो या टेंपो
  • 9:00 - 9:02
    पास तो हमें द्वितीय विश्व युद्ध
    की शुरुआत होने तक
  • 9:02 - 9:06
    अमेरिकी कंपनियां नात्सियों द्वारा बनाई गई
    सामान का बहिष्कार करने का प्रयास कर रही थी
  • 9:06 - 9:08
    उन्होंने कहा कि आप हमारी कॉपी का उपयोग करो
  • 9:08 - 9:11
    स्पार्टन या वोगन या टेंपो का
    प्रयोग करने की सलाह दी गई
  • 9:11 - 9:13
    यह फ्कीयूचुरा की तरह ही दिखती है
  • 9:13 - 9:17
    अधिकतर लोगों ने तो वास्तव में
    इनके नाम तक नहीं सीखे
  • 9:17 - 9:18
    विनय फ्यूचुरा ही कहते थे
  • 9:18 - 9:21
    तो अमेरिका ने इस टाइपफेस का
    प्रयोग आरंभ कर दिया
  • 9:21 - 9:23
    इसे जीत लिया और अपना बना लिया
  • 9:23 - 9:26
    जब तक द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होता
  • 9:26 - 9:28
    अमेरिकियों ने हर जगह पर इसका
    प्रयोग आरंभ कर दिया था
  • 9:28 - 9:30
    फिर चाहे कैटलॉग हों या एटलस
  • 9:30 - 9:33
    या इनसाइक्लोपीडिया या चार्ट या ग्राफ
  • 9:33 - 9:37
    या कैलेंडर या राजनीतिक सामग्री
  • 9:37 - 9:40
    यहां तक कि एक नई फुटबॉल टीम का चिन्ह भी
  • 9:41 - 9:44
    कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण प्रचारों में भी
    20वीं सदी में
  • 9:44 - 9:46
    इसका प्रयोग किया गया
  • 9:46 - 9:47
    इस संदर्भ में अमेरिकी सरकार
  • 9:47 - 9:49
    भी इन टाइपफेसों का प्रयोग कर रही थी
  • 9:50 - 9:52
    द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद
    नक्शे और प्रोजेक्ट्स में
  • 9:52 - 9:53
    फ्यूचुरा का प्रयोग किया गया
  • 9:53 - 9:56
    जय एक अच्छा चुनाव था और
    क्रांतिकारी चुनाव भी था
  • 9:56 - 9:58
    इसका कम्युनिज्म से कोई लेना देना नहीं था
  • 9:58 - 10:02
    इसका प्रयोग कुछ बहुत ही
    महत्वपूर्ण नक्शों में किया गया
  • 10:02 - 10:03
    जैसे 1962 के वायु सेना के नक्शे पर
  • 10:03 - 10:06
    या 1966 के वियतनाम के नक्शों पर
  • 10:06 - 10:08
    इसलिए यह कोई
    आश्चर्यजनक बात नहीं है
  • 10:08 - 10:11
    कि जब अंतरिक्ष यात्रियों ने मरक्यूरी प्रोग्राम आरंभ किया
  • 10:11 - 10:13
    जैसे कि जॉन ग्लेन द्वारा धरती की परिक्रमा
  • 10:13 - 10:17
    उन्होंने जिन चार्ट और नक्शा ओं का
    प्रयोग किया वे फ्यूचुरा मैं प्रिंटेड थे
  • 10:17 - 10:20
    और जब तक अपोलो की शुरुआत हुई
    तब तक इस टाइपफेस का प्रयोग
  • 10:20 - 10:22
    और भी
    अधिक स्थानों पर किया जाने लगा था
  • 10:22 - 10:25
    जैसे सुरक्षा के निर्देशों पर
  • 10:25 - 10:28
    उपकरणों के पैनल्स पर
  • 10:28 - 10:29
    नेविगेशन में सहायक यंत्रों पर
  • 10:29 - 10:33
    क्षेत्रों पर भी जो सिस्टम के सही
    तरह से काम कर रहेने की खबर देते थे
  • 10:33 - 10:34
    पर आश्चर्यजनक बात यह है
  • 10:34 - 10:37
    इसका प्रयोग सिर्फ कागजों
    पर ही नहीं किया गया
  • 10:37 - 10:39
    बल्कि इंटरफ़ेसों पर भी
  • 10:39 - 10:41
    जिनका प्रयोग अंतरिक्ष
    यात्रियों मशीन के कार्य
  • 10:41 - 10:43
    प्रणाली को सीखने के लिए किया
  • 10:43 - 10:47
    नासा सिर्फ एक कॉरपोरेशन ही नहीं था
    जो सब कुछ बना रहा हो
  • 10:47 - 10:49
    बल्कि वहां सैकड़ों कॉन्ट्रैक्टर भी थे
  • 10:49 - 10:51
    जैसे बोइंग, IBM, McDonnell Douglas आदि ।
  • 10:51 - 10:53
    सभी अलग-अलग मशीनों पर कार्य करते हुए
  • 10:53 - 10:56
    विभिन्न ने मशीनों पर विभिन्न प्रकार के
    टाइपफेस का प्रयोग करना पड़े
  • 10:56 - 11:00
    अंतरिक्ष यान के अलग अलग उपकरणों पर
  • 11:00 - 11:02
    तब उसे चला पाना लगभग नामुमकिन हो जाता
  • 11:02 - 11:04
    वे संज्ञानात्मक अधिभार से ग्रसित हो जाते
  • 11:04 - 11:06
    जब उन्हें किसी
    सिस्टम को चालू करना पड़ता
  • 11:06 - 11:09
    इसलिए सभी सिस्टम पर फ्यूचुरा के प्रयोग ने
  • 11:09 - 11:12
    इस प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद की
  • 11:12 - 11:15
    इसका प्रयोग सिर्फ बटन पर ही
    नहीं किया गया बल्कि लेबल्स
  • 11:15 - 11:17
    खाने के राशन
  • 11:17 - 11:19
    औजारों पर भी इसका प्रयोग किया गया
  • 11:19 - 11:24
    इसका प्रयोग गुंडी ,उत्तोलक पर किया गया
    पता चल सके कि कैसे उनका प्रयोग करना है
  • 11:24 - 11:26
    लेकिन कुछ स्थानों पर तो जहां
    सरलता की आवश्यकता थी
  • 11:26 - 11:29
    वहां पर तो निर्देशों को पूर्णतया
  • 11:29 - 11:31
    फ्यूचुरा में प्रिंट किया गया
  • 11:31 - 11:34
    ताकि एक ही क्षण में पता
    चल सके कि क्या करना है
  • 11:34 - 11:37
    उन्हें सभी चीजों को याद ना रखना पड़े
  • 11:37 - 11:40
    हर चीज हर निर्देश उनके सामने हो
  • 11:40 - 11:42
    इस केस में फ्यूचुरा ने उनकी मदद की
  • 11:42 - 11:45
    ताकि इस जटिल सिस्टम को
  • 11:45 - 11:46
    सरल बनाया जा सके
  • 11:47 - 11:50
    बल्कि एक अंतरिक्ष यात्री ने पहली
    और अंतिम चीज जो देखी होगी
  • 11:50 - 11:53
    अंतरिक्ष यान में प्रवेश और
    यान से बाहर जाते समय
  • 11:53 - 11:54
    वह फ्यूचुरा ही रही होगी
  • 11:54 - 11:57
    मेरे पसंदीदा फ्यूचुरा के
    प्रयोगों में यह उदाहरण शामिल है
  • 11:57 - 11:58
    यह एक कैमरा है
  • 11:58 - 12:02
    यह एक हैसलब्लाड है जिसे
    एक स्वीडन की कंपनी ने बनाया है
  • 12:02 - 12:05
    अच्छा कैमरा है आप लोगों में
    से कुछ लोगों के पास तो यह होगा भी
  • 12:05 - 12:06
    एक बहुत ही उत्तम कैमरे के रूप में
  • 12:07 - 12:12
    आप समझ गए होंगे अगर आपको
    कैमरों के बारे में थोड़ी भी जानकारी है
  • 12:12 - 12:14
    कि इस कैमरे में कुछ परिवर्तन किए गए हैं
  • 12:14 - 12:17
    आप पर कनस्तर के चारों
    तरफ स्टीकर चिपकाए गए हैं
  • 12:18 - 12:20
    कैमरे के विभिन्न हिस्सों में भी
    स्टीकर चिपकाए गए हैं
  • 12:20 - 12:22
    इससे नासा को यह सहायता मिली
  • 12:22 - 12:25
    की फोटोग्राफी में
    अंतरिक्ष यात्रियों को सहूलियत हो
  • 12:25 - 12:29
    क्योंकि वे फोटोग्राफर नहीं है
    वे इस क्षेत्र में एक्सपर्ट नहीं है
  • 12:29 - 12:32
    लेकिन कम से कम इन लेबल्स को
    देख कर इतना तो समझ सकते हैं
  • 12:32 - 12:34
    की कैमरे का प्रयोग किस प्रकार से करना है
  • 12:34 - 12:35
    इसलिए इस केस में
  • 12:35 - 12:39
    फ्यूचुरा ने यह सुनिश्चित किया कि
    वे जिन वस्तुओं का प्रयोग करें
  • 12:39 - 12:41
    उसके बारे में उन्हें जानकारी हो
  • 12:41 - 12:45
    तब तक नहीं निकालना है
    जब तक उसे एक्सपोज ना किया जा चुका हो
  • 12:45 - 12:46
    अन्यथा हमें वे फोटो कभी ना मिलते
  • 12:46 - 12:48
    जो हमें लेबल की सहायता से प्राप्त हो सके
  • 12:48 - 12:54
    जब भी हमें कुछ इस प्रकार से
    सजा हुआ दिखता है
  • 12:54 - 12:57
    या इस चांद पर मौजूद इस पट्टीका की
    तरह की कोई वस्तु दिखती है
  • 12:57 - 13:00
    तो हम समझ जाते हैं कि
    फ्यूचुरा मात्र एक अनुष्ठान नहीं है
  • 13:00 - 13:04
    यह किसी साधारण डिजाइन से भी बढ़कर है
  • 13:04 - 13:07
    यहां तक कि फ्यूचुरा का
    अपना अलग ही वर्चस्व है
  • 13:07 - 13:10
    अपनी एक वैधताऔर एक ताकत है
    जो कि इसी चुनाव की वजह से है
  • 13:10 - 13:14
    एक और चीज है जिसके बारे में मैं अपनी
    बात खत्म करने से पहले बात करना चाहता हूं
  • 13:14 - 13:16
    वह यह है की फ्यूचुरा एक कहानी सुनाती है
  • 13:16 - 13:20
    और मुझे बारे में जो पसंद है वह यह
    है कि वे सभी एक कहानी सुनाते हैं
  • 13:20 - 13:23
    इस केस में यह टाइपफेस एक बहुत ही
    प्रभावशाली कहानी सुनाता है
  • 13:23 - 13:26
    जो की है परिपाकता के बारे में, अ
    मेरिका के बारे में
  • 13:26 - 13:29
    और कैसे वह अमेरिकी संस्कृति का
    हिस्सा बनी उस बारे में भी
  • 13:29 - 13:33
    सबसे ज्यादा अच्छी चीज और सबसे ज्यादा बुरी
    चीज जो अमेरिका करता है वह यह है
  • 13:33 - 13:35
    हम चीज को तोड़ मरोड़ कर वापस कर देते हैं
  • 13:35 - 13:37
    और यह दावा करते हैं
    कि जैसे वह हमारी ही खोज हो
  • 13:37 - 13:40
    ऐसा ही हुआ फ्यूचुरा मिरर्स और उसके पीछे की
  • 13:40 - 13:41
    टेक्नोलॉजी के साथ
  • 13:41 - 13:46
    फ्यूचुरा एक जर्मन आविष्कार था
    जिसे अमेरिकन बना दिया गया
  • 13:46 - 13:47
    और वह टेक्नोलॉजी भी जर्मन थी
  • 13:47 - 13:50
    वह रॉकेट भी वे वैज्ञानिक भी
    सभी जर्मनी से आए थे
  • 13:50 - 13:53
    यह कई अर्थों में यह एक जर्मन
    टाइपफेस अमेरिकन पट्टिका पर
  • 13:53 - 13:56
    बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाता है कि उस तकनीक के साथ क्या हुआ
  • 13:56 - 13:57
    और इस केस में
  • 13:57 - 14:03
    आप समझ जाते हैं कि किस प्रकार
    चांद पर मौजूद टाइपोग्राफी
  • 14:03 - 14:05
    वैद्यता और आधिपत्य का प्रतीक है ।
  • 14:06 - 14:09
    और इसी ने अंतरिक्ष यात्रियों को जय ताकत दी
    कि वे चांद तक पहुंच सकें ।
  • 14:09 - 14:10
    धन्यवाद (तालियों की आवाज़)
Title:
किस प्रकार से एक टाइपफेस ने अपोलो के लॉन्च में मदद की
Speaker:
डग्लस थाॅमस
Description:

जब वर्ष 1969 में पहली बार इंसान चांद पर उतरे, तब फ्यूचुरा नाम का टाइपफेस उनके साथ था । यह एक टोपोग्राफी का शानदार इतिहास है जिसे डिजाइनर डग्लस थॉमस साझा कर रहे हैं । वे अपोलो 11 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण में फ्यूचुरा
के योगदान के बारे में बताते हैं और यह भी बताते हैं कि किस प्रकार यह फोंट्स संसार के सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाले फोंट्स मैं से एक बन गए ।

more » « less
Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
14:26

Hindi subtitles

Revisions