पैट्रीशिया कुह्ल: शिशुओं की भाषाई प्रतिभा
-
0:00 - 0:03मैं चाहती हुँ आप इस शिशु को देखें
-
0:03 - 0:06आप इसकी आखों की ओर आकर्शित होते हैं
-
0:06 - 0:09और यह त्वचा जिसे आप छूना चाहेंगे
-
0:09 - 0:12पर आज मैं आप से बात करूँगी एसी चीज़ के बारे में जो दिखाई नहीं देती,
-
0:12 - 0:15कि उसके नन्हें दिमाग में क्या चल रहा है.
-
0:16 - 0:18मस्तिष्क विज्ञान के आधुनिक उपकर्ण
-
0:18 - 0:21यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि वहाँ ऊपर क्या चल रहा है
-
0:21 - 0:24यह रॉकेट विज्ञान से कम नहीं है.
-
0:24 - 0:26और जो हम सीख रहे हैं
-
0:26 - 0:28कुछ प्रकाश डालेगा
-
0:28 - 0:31उसपर जिसे रोमाँटिक लेखक और कवि
-
0:31 - 0:34"दिव्य खुलापन" के रूप में वर्णित करते हैं
-
0:34 - 0:36बच्चे के दिमाग के बारे में
-
0:36 - 0:38हम यहाँ देख रहे हैं
-
0:38 - 0:40भारत में एक माँ,
-
0:40 - 0:42और वो कोरो में बात कर रही है
-
0:42 - 0:44जो कि एक नई खोजी गई भाषा है
-
0:44 - 0:46और वह अपने शिशु से बात कर रही है.
-
0:46 - 0:48जो बात यह माँ -
-
0:48 - 0:51और दुनिया भर में वो ८०० लोग जो कोरो बोलते हैं -
-
0:51 - 0:54समझते हैं कि, इस भाषा को बचाने के लिए,
-
0:54 - 0:57उन्हें इसे शिशुओं से बोलने की ज़रुरत है.
-
0:57 - 1:00और उसमें एक महत्वपूर्ण पहेली है
-
1:00 - 1:02एसा क्यों है कि आप किसी भाषा का संरक्षण नहीं कर सकते
-
1:02 - 1:05उसे व्यस्कों से - आपसे और हमसे बोलकर?
-
1:05 - 1:08दरअसल इसका संबंध आपके दिमाग से है.
-
1:08 - 1:10जो हम यहाँ देख रहे हैं
-
1:10 - 1:13वो यह है कि भाषा को सीखने के लिए एक विषेश समय होता है.
-
1:13 - 1:16इस स्लाइड को पढ़ने का तरीका है कि आप अपनी उम्र को क्षैतिज अक्ष पर देखें.
-
1:16 - 1:19(ठहाके)
-
1:19 - 1:21और ह्म ऊर्ध्वाधर पर देखेंगे
-
1:21 - 1:23दूसरी भाषा सीखने का हुनर.
-
1:23 - 1:25शिशु और बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं
-
1:25 - 1:27जब तक वे सात साल के नहीं हो जाते,
-
1:27 - 1:30और फिर वहाँ एक व्यवस्थित गिरावट है.
-
1:30 - 1:32यौवन के बाद, हम नक्शे से बाहर हो जाते हैं.
-
1:32 - 1:35कोई वैज्ञानिक इस वक्र से विवाद नहीं करते
-
1:35 - 1:37लेकिन दुनिया भर कि प्रयोगशालाएं
-
1:37 - 1:40यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि एसा क्यों होता है
-
1:40 - 1:42मेरी प्रयोगशाला में काम केंद्रित है
-
1:42 - 1:44विकास के पहले विशेष समय पर -
-
1:44 - 1:46और ये वो समय है जिसमें
-
1:46 - 1:49शिशु उन स्वरों में माहिरता हासिल करने की कोशिश करते हैं जो उनकी भाषा में प्रयोग होते हैं.
-
1:49 - 1:52हमारे विचार में इस बात का अध्ययन करके कि स्वर कैसे सीखे जाते हैं,
-
1:52 - 1:54हमारे पास बाकि भषा के लिए मापद्न्ड होगा.
-
1:54 - 1:57और शायद बचपन के दौरान मह्त्वपूर्ण समय के लिए
-
1:57 - 1:59सामाजिक, भावनात्मक
-
1:59 - 2:01और संज्ञानात्मक विकास के लिए
-
2:01 - 2:03तो हम उन शिशुओ का अध्ययन करते रहे हैं
-
2:03 - 2:05दुनिया भर में एक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए
-
2:05 - 2:07और सभी भाषाओं के स्वरों का।
-
2:07 - 2:09बच्चा अपने माता पिता की गोदी में बैठता है,
-
2:09 - 2:11और हम उन्हें प्रशिक्षित करते हैं अपनेसर घुमाने के लिए जब भी कोई स्वर बदलता है -
-
2:11 - 2:13जैसे "आह" से "ई"
-
2:13 - 2:15अगर वे ऐसा उचित समय पर करते हैं,
-
2:15 - 2:17तो काले बक्से की बत्ती जल जाती है
-
2:17 - 2:19और एक पांडा भालू एक ढ़ोल पीटता है
-
2:19 - 2:21एक छह महीने के शिशु को यह काम बहुत भाता है.
-
2:21 - 2:23हमने क्या सीखा?
-
2:23 - 2:25कि दुनिया भर के बच्चे
-
2:25 - 2:27हैं जो मैं कहना पसंद करती हूँ
-
2:27 - 2:29विश्व के नागरिक;
-
2:29 - 2:32और वो सभी भाषाओं के सभी स्वरों में भेद कर सकते हैं,
-
2:32 - 2:35चाहे हम किसी भी देश में परीक्षण कर रहे हों और कोई भी भाषा इस्तेमाल कर रहे हों.
-
2:35 - 2:38औरी यह असाधार्ण है क्योंकि आप और मैं ये नहीं कर सकते.
-
2:38 - 2:40हमारे सुनने की शक्ति संस्कृति से जुड़ी है.
-
2:40 - 2:42हम अपनी भाषा के स्वर पहचान सकते हैं,
-
2:42 - 2:44लेकिन विदेशी भाषाओं के नहीं.
-
2:44 - 2:46तो सवाल यह उठता है,
-
2:46 - 2:48ये विश्व के नागरिक कब
-
2:48 - 2:51हम जैसे भाषा से बंधे सुनने वाले बन जाते हैं?
-
2:51 - 2:54और जवाब : उनके पहले जन्मदिन से पहले.
-
2:54 - 2:57आप यहाँ जो देख रहे हैं वो है सर घूमने वाले कार्य पे प्रदर्शन
-
2:57 - 2:59टोक्यो और अमरीका में परखे गए शिशुओं के लिए,
-
2:59 - 3:01यहाँ सियाट्ल में,
-
3:01 - 3:03जैसे वो "रा" और "ला" को सुनते हैं --
-
3:03 - 3:06स्वर जो अँग्रेजीमें महत्वपूर्ण हैं, पर जापानी में नहीं.
-
3:06 - 3:09तो छहसे आठ महीने तक बच्चे बिलकुल बराबरी पर हैं.
-
3:09 - 3:12दो महीने बात एक विचित्र बात होती है.
-
3:12 - 3:14अमरीका में बच्चे बेहतर होते जा रहे हैं,
-
3:14 - 3:16और जापान में बदतर,
-
3:16 - 3:18लेकिन शिशुओं के ये दोनों समूह
-
3:18 - 3:21ठीक उसी भाषा की तैयारी कर रहे हैं जो वे सीखने जा रहे हैं.
-
3:21 - 3:24तो सवाल यह है की क्या हो रहा है
-
3:24 - 3:26इस दो महीने की विशेष अवधि में?
-
3:26 - 3:28यह अवधि है स्वर विकास की,
-
3:28 - 3:30लेकिन वहाँ ऊपर क्या हो रहा है?
-
3:30 - 3:32तो दो चीज़ें हो रही हैं.
-
3:32 - 3:35पहली यह की शिशु ध्यान से हमे सुन रहे हैं,
-
3:35 - 3:38और हमें बात करते सुन कर गणनाकर रहे हैं --
-
3:38 - 3:40वो गणना कर रहे हैं.
-
3:40 - 3:43तो सुनिए दो माताओं को माओंकी विशेष भाषा में बात करते हुए --
-
3:43 - 3:46वह सार्वलौकिक भाषा जो हम सब बच्चों से बात करते हुए इस्तेमाल करते हैं --
-
3:46 - 3:49पहले अँग्रेजी में और फिर जापानी में.
-
3:49 - 3:52(वीडियो) अँग्रेजी माँ : आह, मुझे तुम्हारी बड़ी नीली आँखें बहुत प्यारी लगती हैं --
-
3:52 - 3:55कितनी सुंदर और अच्छी.
-
3:56 - 4:02जापानी माँ : [जापानी]
-
4:02 - 4:04पाइट्रिशिया कुहल : भाषा की उत्पत्ति में,
-
4:04 - 4:06जबशिशु सुनते हैं,
-
4:06 - 4:08तबदरअसल वो गणना कर रहे होते हैं
-
4:08 - 4:11सुनाई देने वाली भाषा पर.
-
4:11 - 4:14और ये वितरण बढ़ते रहते हैं.
-
4:14 - 4:16और हमने यह सीखा है
-
4:16 - 4:19कि बच्चे इन गाण्णा के बारे में संवेदनशील होते हैं,
-
4:19 - 4:22और जापानी और अँग्रेजी के आंकड़े बहुत, बहुत अलग होते हैं.
-
4:22 - 4:25अँग्रेजी में बहुत से र और ल होते हैं
-
4:25 - 4:27वितरण यह दिखाता है.
-
4:27 - 4:29और जापानी का वितरण बिलकुल अलग हैं,
-
4:29 - 4:32जहां हम माध्यम स्वरों के झुंड देखते हैं,
-
4:32 - 4:35जिसे जापानी र कहा जाता है.
-
4:35 - 4:37तो बच्चे सोख लेते हैं
-
4:37 - 4:39भाषा के आंकड़े
-
4:39 - 4:41और यह उनके दिमाग को बदल देता है;
-
4:41 - 4:43वह उन्हे विश्व के नागरिक से बदल देता है
-
4:43 - 4:46हम जैसे संस्कृति से बंधे सुनने वालों में.
-
4:46 - 4:48लेकिन व्यसको की तरह हम
-
4:48 - 4:50अब उन आंकड़ों को सोख नहीं रहे.
-
4:50 - 4:53हम अपनी यादों में उन अभ्यावेदन से बंधे हुए हैं
-
4:53 - 4:56जो हमने प्रारम्भिक विकास में बनाए थे.
-
4:56 - 4:58तो जो हम यहाँ देख रहे हैं
-
4:58 - 5:01वह हमारे मॉडेल बदल रहा है इस बारे में कि महत्वपूर्ण अवधि क्या है.
-
5:01 - 5:04हम गणित कि दृष्टि से इस बारे में बहस कर रहे हैं
-
5:04 - 5:07कि भाषा सीखने कि प्रक्रिया धीरे हो जाती है
-
5:07 - 5:09जब हमारा वितरण स्थिर हो जाता है.
-
5:09 - 5:12यह द्विभाषिक लोगों के बारे में बहुत से प्रश्न खड़े कर रहा है.
-
5:12 - 5:16द्विभाषीय लोगों को एक समय पर आंकड़ो के दो सेट दिमाग में रखने पड़ते हैं
-
5:16 - 5:19और उनके बीच बदलते रहना पड़ता है, एक के बाद एक,
-
5:19 - 5:21इस बात को देखते हुए कि वो किस से बात कर रहे हैं.
-
5:21 - 5:23तो हमने अपने आप से पूछा,
-
5:23 - 5:26क्या शिशु एक बिलकुल नयी भाषा के आंकड़े ले सकता है?
-
5:26 - 5:28और हमने इसे परखा अमरीकी बच्चों को
-
5:28 - 5:30जिन्हों ने कभी दूसरी भाषा नहीं सुनी थी
-
5:30 - 5:33मंदारिन भाषा से परिचित कराया विशेष अवधि के दौरान.
-
5:33 - 5:35हमे पता था कि जब एक भाषा बोलने वालों को परखा गया था
-
5:35 - 5:38ताइपेई और सेयाट्ट्ल में मंदारिन भाषा के स्वरों पर,
-
5:38 - 5:40तो उनहोने वही साँचा दिखाया.
-
5:40 - 5:426 - 8 महीने, वे बिलकुल बराबर होते हैं.
-
5:42 - 5:45दो महीने बाद कुछ अजीब हो जाता है.
-
5:45 - 5:48लेकिन ताईवानी बच्चे बेहतर हो रहे हैं, अमरीकी बच्चे नहीं
-
5:48 - 5:51हमने इस दौरान अमरीकी बच्चों को इस दौरान अनुभव दिलाया
-
5:51 - 5:53मंदारिन भाषा का
-
5:53 - 5:56ये ऐसा था जैसे मदारिन रिश्तेदार एक महीने के लिए मिलने आए हों
-
5:56 - 5:58और आप के घर में रहें
-
5:58 - 6:00और 12 सेशन्स के लिए शिशुओं से बात करें.
-
6:00 - 6:02और प्रयोगशाला में यह ऐसा दिखता है.
-
6:02 - 6:24(विडियो) मंदारिन भाषी : [मंदारिन]
-
6:24 - 6:26पी के : तो हमने इनके नन्हें दिमागों को क्या किया ?
-
6:26 - 6:29(ठ्हाके)
-
6:29 - 6:31हमें एक नियंत्रित समूह भी रखना पड़ा
-
6:31 - 6:33यह यकीन करने के लिए की मात्र प्रयोगशाला में आने से
-
6:33 - 6:35आपके मंदारिन के कौशल बेहतर नहीं हो जाते
-
6:35 - 6:37तो शिशुओं का एक समूह आकर अँग्रेजी सुनतता था।
-
6:37 - 6:39और हम रेखा चित्र से देख सकते हैं
-
6:39 - 6:41की अँग्रेजी से संपर्क से उनकी मंदरीन भाषा सुधरी नहीं.
-
6:41 - 6:43पर उन शिशुओं को देखिये क्या हुआ
-
6:43 - 6:45जिनहे 12 सेशन के लिए मंदरीन से संपर्क कराया गया
-
6:45 - 6:47वो ताइवान वाले शिशुओं जीतने अच्छे थे
-
6:47 - 6:50जो इसे साढ़े दस महीने से सुन रहे थे.
-
6:50 - 6:52इस बात नें यह दर्शाया
-
6:52 - 6:54की शिशु नयी भाषा के आंकड़े लेते हैं.
-
6:54 - 6:58आप जो भी उनके सामने रखें, वो उनपर आंकड़े लेंगे.
-
6:58 - 7:00पर हम विचार कर रहे थे की क्या भूमिका होती है
-
7:00 - 7:02इन्सानों की
-
7:02 - 7:04इस सिखलाई की कवायद में.
-
7:04 - 7:06तो हमने बच्चों के एक और समूह पर प्रयोग किया
-
7:06 - 7:09जिसमे बच्चों को वही खुराक मिली, वही 12 सेशन,
-
7:09 - 7:11लेकिन टीवी के ज़रिये
-
7:11 - 7:14और एक और समूह जिनको सिर्फ आवाज़ सुनाई गयी
-
7:14 - 7:16परदे पर टेडी बीयर देखते हुए.
-
7:16 - 7:19और हमने उनके दिमाग के साथ क्या किया?
-
7:19 - 7:22आप यहाँ देख रहें हैं परिणाम के स्वर -
-
7:22 - 7:24बिलकुल कोई सिखलाई नहीं -
-
7:24 - 7:27और वीडियो परिणाम -
-
7:27 - 7:29कोई सिखलाई नहीं.
-
7:29 - 7:31सिर्फ इन्सानों से ही
-
7:31 - 7:33बच्चे अपने आंकड़े लेते हैं.
-
7:33 - 7:35सामाजिक दिमाग नियंत्रण करता है
-
7:35 - 7:37जब बच्चे अपने आंकड़े ले रहे होते हैं.
-
7:37 - 7:39हम उनके दिमाग के अंदर घुस कर
-
7:39 - 7:41यह होते हुए देखना चाहते हैं
-
7:41 - 7:43जब बच्चे टीवी के सामने होते हैं,
-
7:43 - 7:45बजाए इसके की इन्सानों के सामने.
-
7:45 - 7:47शुक्र है हमारे पास एक नया यंत्र है,
-
7:47 - 7:49मग्नेटोएंकेफलोग्राफी,
-
7:49 - 7:51जो हमें यह करने देता है.
-
7:51 - 7:53यह मंगल ग्रह से आया बाल सुखाने वाला यंत्र लगता है.
-
7:53 - 7:55लेकिन यह बिलकुल सुरक्षित है,
-
7:55 - 7:58बिलकुल शांत और गैर भेदी.
-
7:58 - 8:00और हम मिलिमीटर शुद्धता की बात कर रहे हैं
-
8:00 - 8:02स्पेसिय और
-
8:02 - 8:04मिलीसेकंड शुद्धता के बारे में
-
8:04 - 8:06306 स्कूइड्स का प्रयोग करते हुए -
-
8:06 - 8:08ये सुपर क्ंड्क्टिंग
-
8:08 - 8:10क्वांटम इंटरफ़ेस यंत्र होते हैं -
-
8:10 - 8:12चुंबकीय संकेत पकड़ने के लिए
-
8:12 - 8:14जो हमारे सोचते हुए बदल जाते हैं.
-
8:14 - 8:16हमने विश्व में पहल करी है
-
8:16 - 8:18शिशुओं को रिकार्ड करने में
-
8:18 - 8:20एम ई जी यंत्र के द्वारा
-
8:20 - 8:22जब वो सीख रहे होते हैं.
-
8:22 - 8:24तो यह नन्ही एम्मा है.
-
8:24 - 8:26ये छह महीने की है.
-
8:26 - 8:28और ये अलग भाषाओं को सुन रही है
-
8:28 - 8:31उसके कानों में लगे इयरफोन से.
-
8:31 - 8:33आप देख सकते हैं, वो चल फिर सकती है.
-
8:33 - 8:35हम उसके सिर पर नजर रख रहे हैं
-
8:35 - 8:37एक टोपी के अंदर छोटे छोटे छर्रों की सहायता से,
-
8:37 - 8:40तो वो स्वेछा से पूरी तरह से हिलने के काबिल है.
-
8:40 - 8:42यह तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन है.
-
8:42 - 8:44हम क्या देख रहे हैं?
-
8:44 - 8:46हम शिशु का दिमाग देख रहे हैं.
-
8:46 - 8:49जैसे ही शिशु अपनी भाषा का स्वर सुनती है
-
8:49 - 8:51तो स्वरों वाला हिस्से में प्रकाश हो जाता है,
-
8:51 - 8:53और फिर उसके आस पास वाले हिस्सों में
-
8:53 - 8:56जो हम सोचते हैं अनुकूलता से संबन्धित है,
-
8:56 - 8:58दिमाग के अलग भागों को समन्वित करना,
-
8:58 - 9:00और करणीय संबंध
-
9:00 - 9:03दिमाग का एक हिस्सा दूसरे को सक्रिय करता है.
-
9:03 - 9:05हम चल पड़े हैं
-
9:05 - 9:08एक महान और स्वरणीय युग की ओर
-
9:08 - 9:11ज्ञान और बच्चों के दिमाग के विकास के बारे में.
-
9:11 - 9:13हम बच्चे के दिमाग को देख पाएंगे
-
9:13 - 9:15जैसे वे किसी भावना का अनुभव कर रहे होंगे,
-
9:15 - 9:17जब वो पढ़ना लिखना सीख रहे हों,
-
9:17 - 9:19जैसे वो गणित का सवाल हल कर रहे हों,
-
9:19 - 9:21जैसे उन्हे कोई विचार आए.
-
9:21 - 9:24और हम दिमाग पे आधारित हस्तक्षेपों का आविष्कार कर सकेंगे
-
9:24 - 9:27उन बच्चों के लिए जिनहे सीखने मे मुश्किल होती है.
-
9:27 - 9:30जैसे कवियों और लेखकों ने वर्णन किया है,
-
9:30 - 9:32मैं सोचता हूँ हम देख पाएंगे,
-
9:32 - 9:34वह शानदार खुलापन
-
9:34 - 9:36निरी और पूरी तरह खुलापन
-
9:36 - 9:39बच्चे के दिमाग का.
-
9:39 - 9:41बच्चों के दिमाग के बारे में छानबीन करते हुए,
-
9:41 - 9:43हम गहरी सच्चाईयों को खोल पाएंगे
-
9:43 - 9:45इस बारे में कि इंसान होने का मतलब क्या है,
-
9:45 - 9:47और इस दौरान,
-
9:47 - 9:49हो सकता है हम अपने दिमागोंको सीखने के लिए खुला रख पाएँ
-
9:49 - 9:51अपनी पूरी ज़िंदगी.
-
9:51 - 9:53धन्यवाद.
-
9:53 - 9:56(तालियाँ)
- Title:
- पैट्रीशिया कुह्ल: शिशुओं की भाषाई प्रतिभा
- Speaker:
- Patricia Kuhl
- Description:
-
टेडेक्स रेनियर में, पैट्रीशिया कुह्ल आश्चर्यजनक निष्कर्ष बताती हैं कि कैसे शिशु पहली के बाद दूसरी भाषा सीखते हैं - अपने चारों ऒर इ्न्सानों को सुन कर और जिन स्वरों को जानने की ज़रूरत है उनकी गणना कर के. प्रयोगशाला प्रयोगों (और मस्तिष्क स्कैन) दिखाते हैं कि कैसे 6 महीने की उम्र में बच्चों को परिष्कृत तर्क का प्रयोग कर अपने दुनिया को समझते हैं .
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:57