Return to Video

Bryan Zanisnik's Big Pivot | Art21 "New York Close Up"

  • 0:01 - 0:03
    [ब्रायन जेनिस्निक] मैं तैयार हूं
  • 0:03 - 0:04
    कैमरा आप तैयार हो ?
  • 0:04 - 0:05
    मेरा मतलब आप चाहें जो भी
  • 0:05 - 0:07
    मैं सूनी कॉलेज में पढ़ा रहा था
  • 0:07 - 0:08
    न्‍यूयार्क श‍हर के ठीक बाहर
  • 0:08 - 0:10
    और एक विद्यार्थी जो कभी नहीं आता था
  • 0:10 - 0:11
    कोई बड़ी बात नहीं
  • 0:11 - 0:13
    और वह मेरी दोपहर की कक्षा में आया
  • 0:13 - 0:15
    और बोला मैं इस फॉर्म पर
  • 0:15 - 0:18
    आपसे हस्‍ताक्षर करवाना चाहता हूँ
  • 0:18 - 0:20
    इस बात के लिए क‍ि आप
  • 0:20 - 0:22
    मुझे कक्षा छोड़ने की अनुमति दे रहे हैं
  • 0:22 - 0:23
    और मैंने कहा हां
  • 0:23 - 0:25
    तुम पूरे सत्र यहां नहीं आए
  • 0:25 - 0:26
    मैं अंतिम दिन तुम्‍हें निकाल नहीं सकता
  • 0:26 - 0:26
    तुम मेरी कक्षा में अनुत्‍तीर्ण हो गये हो
  • 0:26 - 0:26
    और वह बोला फॉर्म पर हस्‍ताक्षर करो
  • 0:26 - 0:26
    मैंने उसे कहा
  • 0:26 - 0:28
    यह तुम्‍हारी कक्षा भी नहीं है
  • 0:28 - 0:29
    मैं पढ़ा रहा हूँ
  • 0:29 - 0:31
    तो वहां बीस विद्यार्थी यह देख रहे थे
  • 0:31 - 0:33
    तब व‍ह मेरे मुंह के और पास आ गया
  • 0:33 - 0:35
    तो किसी क्षण मुझे उठना पड़ा
  • 0:35 - 0:37
    उसने अपने सीने से मुझे मारा
  • 0:37 - 0:39
    और मुझे दीवार पर पटक दिया
  • 0:39 - 0:41
    और बोला इस कमबख्‍त फॉर्म पर हस्‍ताक्षर करो
  • 0:41 - 0:42
    तो उसने ऐसा किया और
  • 0:42 - 0:45
    मेरी मेज का सारा सामान ग‍िरा दिया
  • 0:45 - 0:48
    और बोला तुम वास्‍तविक अध्‍यापक नहीं हो
  • 0:48 - 0:49
    तुम एक कला अध्‍यापक हो
  • 0:49 - 0:50
    तुम सब खि‍झाते हो
  • 0:50 - 0:51
    कला खि‍झाती है
  • 0:52 - 0:53
    मैंने उसे अनुत्‍तीर्ण कर दिया
  • 0:53 - 0:54
    मैंने विद्यार्थी को
  • 0:54 - 0:57
    अनुत्‍तीर्ण कर दिया
  • 0:58 - 1:02
    मैं सोचता हूं कि यह शायद यह कोई कल्‍पना थी
  • 1:02 - 1:04
    न्‍यूयॉर्क में कलाकार होना
  • 1:06 - 1:08
    कुछ हद तक मैं महसूस करता हूं क‍ि
  • 1:10 - 1:12
    मैं उस कल्‍पना को जी रहा हूं
  • 1:12 - 1:14
    मैं प्रतिदिन कार्य करता हूं
  • 1:14 - 1:15
    अद्भुत लोगों ,अद्भुत संस्‍थानों के साथ
  • 1:15 - 1:16
    काम करता हूं
  • 1:16 - 1:19
    पर दूसरी ओर अभ्‍यास होने और
  • 1:19 - 1:20
    न्‍यूयॉर्क में होने की वास्‍तविकता
  • 1:20 - 1:22
    सदैव लोगों की अपेक्षा को पूरा नहीं करती
  • 1:23 - 1:27
    यह वास्‍तव में कलाकार पर निर्भर करता है
  • 1:27 - 1:28
    कि वह काम करे और उस काम का खर्च भी उठाये
  • 1:28 - 1:30
    आप कलाकार बनने के लिए सब कुछ दे डालते हो
  • 1:30 - 1:33
    और आप आर्थिक रूप से निश्‍चिंत हो जाते हो
  • 1:33 - 1:35
    मैं ऐसी परियोजनाएं करता हूं जहां
  • 1:40 - 1:43
    मैं हजारों चीजें एकत्रित करता हूं
  • 1:43 - 1:46
    मैं उन्‍हें व्‍यवस्थित करता हूं और
  • 1:46 - 1:48
    उनकी तस्‍वीरें लेता हूं
  • 1:49 - 1:51
    उन्‍हे सरकाता हूं
  • 1:51 - 1:55
    अधि‍ष्‍ठापन बनाता हूं
  • 1:55 - 1:57
    मुझे जीववाद का यह विचार पसंद है कि
  • 1:57 - 1:59
    एक निर्जीव वस्‍तु में
  • 1:59 - 2:01
    एक आत्‍मा या व्‍यक्तित्‍व है
  • 2:01 - 2:05
    मैं सोचता हूं क‍ि मैं इन वस्‍तुओं को
  • 2:07 - 2:11
    प्राप्‍त करने में रहस्‍य और
  • 2:11 - 2:13
    साहसिक कारनामे की ओर
  • 2:13 - 2:17
    सचमुच आ‍कर्षित हो गया था
  • 2:17 - 2:20
    कला जगत में यह बहुत आसान है कि आपको
  • 2:22 - 2:24
    लगता है क‍ि आपसे काम हो गया और
  • 2:24 - 2:26
    वास्‍तव में आपने काम किया ही नहीं
  • 2:26 - 2:27
    मेरा मतलब आपको संस्‍थान से
  • 2:27 - 2:30
    बहुत सहयोग मिलता है
  • 2:31 - 2:34
    पर उससे बहुत कम आर्थिक लाभ होता है
  • 2:34 - 2:35
    मुझे याद है मेरा एक प्रदर्शन था
  • 2:35 - 2:36
    वीथिका के साथ
  • 2:36 - 2:38
    और मैंने विशाल अधि‍ष्‍ठापन बनाया
  • 2:39 - 2:41
    मैंने मूर्तियां बनाना प्रारंभ किया
  • 2:41 - 2:43
    ऊँचे स्‍तंभ, जिनमें वस्‍तुएं जड़ी गयी थी
  • 2:43 - 2:44
    यदि मैं उनको बेचता तो मैं बस उन्‍हें
  • 2:44 - 2:45
    एक ओर कर देता
  • 2:45 - 2:46
    और जिसे भी चाहिए उसे भेज देता
  • 2:46 - 2:48
    मुझे धनादेश दो और तुम ये
  • 2:48 - 2:50
    स्‍तंभ ले जा सकते हो
  • 2:51 - 2:53
    मैंने उन्‍हें बनाना प्रारंभ किया
  • 2:53 - 2:54
    संविरचना दल मुझसे आकर मिला
  • 2:54 - 2:57
    और बोला हमें एक समस्‍या है
  • 2:57 - 3:00
    मैंने पूछा क्‍या
  • 3:00 - 3:01
    वे बोले हमें डर है क‍ि
  • 3:02 - 3:03
    आपका स्‍तंभ गिर जावेगा
  • 3:03 - 3:06
    और किसी को मार डालेगा
  • 3:06 - 3:07
    तो मैंने पूछा ठीक है इसका क्‍या हल है
  • 3:09 - 3:12
    वे बोले
  • 3:12 - 3:15
    हम स्‍तंभ का न‍िचला हिस्‍सा
  • 3:15 - 3:16
    कंक्रीट की जमीन से पेंच से जोड़ देंगे
  • 3:20 - 3:22
    मैंने पूछा काम होने पर
  • 3:22 - 3:25
    हम उन पेंचों को निकालेंगे कैसे
  • 3:26 - 3:27
    वे बोले हम बस उसे नष्‍ट कर देंगे
  • 3:27 - 3:30
    तो मैंने कहा
  • 3:30 - 3:32
    ओह! मेरे स्‍तंभ जिन्‍हें मैं
  • 3:33 - 3:35
    बेच सकता हूं, वे तो गये काम से
  • 3:35 - 3:37
    मुझे उनको नष्‍ट करना पड़ेगा
  • 3:38 - 3:41
    मैं वाकई जो बना रहा था उससे
  • 3:41 - 3:43
    एक कदम पीछे हटना चाहता था
  • 3:43 - 3:45
    ताकि वास्‍तव में एक नयी दिशा खोज सकूं
  • 3:45 - 3:46
    मुझे एक अवकाश चाहिए था
  • 3:46 - 3:49
    मुझे याद है जब मैंने लोगों से कहा
  • 3:49 - 3:50
    मैं स्‍वीडन जा रहा हूं
  • 3:53 - 3:56
    वे बोले तुम्‍हारी तो निकल पड़ी
  • 3:56 - 4:02
    स्‍वीडन देश
  • 4:05 - 4:10
    जहां कोई आर्थिक चिंताएं नहीं हैं
  • 4:14 - 4:16
    आपको स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की
  • 4:16 - 4:18
    फिक्र करने की आवश्‍यकता नहीं है
  • 4:18 - 4:20
    आप यहां पहुंचते हो
  • 4:20 - 4:23
    और तब आप यहां तीस प्रदर्शनियां
    लगा सकते हो
  • 4:23 - 4:25
    जिस समस्‍या का मुझे सामना करना पड़ा
  • 4:25 - 4:27
    वह यह थी क‍ि मैं स्‍वीडिश भाषा नहीं बोलता
  • 4:27 - 4:31
    तो जब मैं कहता
  • 4:32 - 4:35
    मैं एक कलाकार हूं
  • 4:35 - 4:36
    मुझे अपना मुफ्त का पैसा दे दो
  • 4:36 - 4:37
    वे कहते
  • 4:37 - 4:39
    ठीक है ये तीस फॉर्म हैं स्‍वीडिश में
  • 4:39 - 4:42
    किस्‍मत तुम्‍हारा साथ दे
  • 4:42 - 4:45
    मैं स्‍वीडन के इस पहलू से
  • 4:45 - 4:48
    सचमुच आकर्षित हुआ
  • 4:48 - 4:50
    जहां किसी का व्‍यवसाय उसकी पहचान से इतना
  • 4:53 - 4:54
    कस के बंधा नहीं होता
  • 4:54 - 4:56
    तो मैंने बहुत सारी क्रियाओं में भाग लिया
  • 4:56 - 4:59
    जो स्‍वीडिश थीं
  • 4:59 - 5:00
    जाहिर है लंबी पदयात्रा एक बड़ी बात है
  • 5:00 - 5:01
    पर खासतौर से छत्रक एकत्रित करना
  • 5:01 - 5:01
    और छत्रक की पहचान करना सीखना
  • 5:02 - 5:04
    मुझे याद है एक बार राष्‍ट्रीय उद्यान से
  • 5:04 - 5:06
    नगर की ओर बस में लौटते हुए
  • 5:07 - 5:11
    बस में चालीस लोग थे
  • 5:12 - 5:15
    और हर व्‍यक्ति अपने छत्रक की तुलना कर रहा
  • 5:15 - 5:17
    था जो उन्‍हें उस दिन मिला
  • 5:17 - 5:20
  • 5:20 - 5:22
  • 5:22 - 5:24
  • 5:32 - 5:34
  • 5:36 - 5:38
  • 5:39 - 5:43
  • 5:43 - 5:44
  • 5:45 - 5:47
  • 5:48 - 5:50
  • 5:50 - 5:54
  • 5:54 - 5:57
  • 5:57 - 6:01
  • 6:04 - 6:05
  • 6:05 - 6:06
  • 6:06 - 6:07
  • 6:07 - 6:09
  • 6:09 - 6:11
  • 6:11 - 6:16
  • 6:16 - 6:18
  • 6:18 - 6:22
  • 6:22 - 6:25
  • 6:27 - 6:30
  • 6:30 - 6:32
  • 6:32 - 6:34
  • 6:34 - 6:36
  • 6:36 - 6:37
  • 6:37 - 6:39
  • 6:39 - 6:41
  • 6:41 - 6:44
  • 6:46 - 6:49
  • 6:49 - 6:50
  • 6:50 - 6:51
  • 6:51 - 6:53
  • 6:53 - 6:54
  • 6:54 - 6:55
  • 6:55 - 6:56
  • 6:56 - 6:58
  • 6:58 - 6:59
  • 6:59 - 7:01
  • 7:01 - 7:04
  • 7:05 - 7:06
  • 7:06 - 7:09
  • 7:09 - 7:11
  • 7:11 - 7:12
  • 7:12 - 7:14
  • 7:14 - 7:16
Title:
Bryan Zanisnik's Big Pivot | Art21 "New York Close Up"
Description:

more » « less
Video Language:
English
Team:
Art21
Project:
"New York Close Up" series
Duration:
07:17

Hindi subtitles

Revisions Compare revisions