डेमेंशिया वालों के साथ सार्थक रूप से कैसे जुड़ें
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0:01 - 0:03तीस साल पहले
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0:03 - 0:05मैंने एक नर्सिंग होम में पैर रखा।
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0:06 - 0:08और मेरी ज़िन्दगी
हमेशा के लिए बदल गयी. -
0:09 - 0:13मैं उधर अपने दादी ऐलिस से मिलने गयी थी।
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0:13 - 0:16वह एक शक्तिशाली औरत थी
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0:16 - 0:20जिसकी बोलने की क्षमता
एक स्ट्रोक के कारण चली गयी थी। -
0:21 - 0:24ऐलिस अब बोलने के
सिर्फ तीन माध्यम जानती थी। -
0:24 - 0:30वह एक "हस्स हस्स" करके आवाज़ निकालती थी
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0:30 - 0:32जो स्वर में बदल सकता था'।
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0:32 - 0:35चाहे वह ज़ोरदार "नहीं नहीं" हो
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0:35 - 0:39या मोहक "हाँ हाँ।आप लगभग ठीक है "
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0:40 - 0:44उनकी तर्जनी भाववाहक थी
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0:44 - 0:48जो वह हिलती थी, और गुस्से में दिखती थी।
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0:48 - 0:52उनकी बड़ी बड़ी नीली आँखें थी
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0:52 - 0:55जो वह खोलती थी, बंद करती थी
अवधारण देने के लिए -
0:56 - 0:59बड़ी करके बोलती थी।
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0:59 - 1:01"हाँ हाँ।आप लगभग ठीक है "
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1:01 - 1:04और धीरे से बंद करके बोलती थी।
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1:04 - 1:08इस बात को अनुवाद की आवश्यकता नहीं थी।
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1:09 - 1:12पता चला ऐलिस ने मुझे सिखाया था
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1:12 - 1:14की सबकी अपनी कहानी होती है।
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1:15 - 1:18सबकी अपनी कहानी होती है।
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1:18 - 1:20चुनौती सुनने वाले की है
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1:20 - 1:23की कैसे उसे जान दे।
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1:23 - 1:25और क्या सुने
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1:27 - 1:30अल्जाइमर और डेमेंशिया
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1:30 - 1:33यह दो शब्द का किसीके सामने इस्तेमाल करोगे
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1:33 - 1:37तो उनके आँखों के सामने बादल छा जाते है।
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1:38 - 1:40सोचो खाने पे
जब लोग पूछते है। -
1:40 - 1:42"आप क्या करते हो "
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1:42 - 1:45मैं एल्ज़ीमर्स और डिमेंशिया
से पीड़ित लोगों से बुलवाती हूँ -
1:45 - 1:47"आप कहाँ जा रहे है? "
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1:47 - 1:49(हसी)
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1:49 - 1:55दर और कलंक उस अनुभव को घेर लेते है।
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1:55 - 1:58जो दुनिया में ४ करोड़
लोगों पर असर करता है। -
1:58 - 2:03और वह इसके साथ ५ से १० साल जी सकते है
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2:03 - 2:05और वह अंक, ४७ करोड़
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2:05 - 2:08२०५० तक तीन बढ़ने वाला है।
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2:09 - 2:12दोस्त और रिश्तेदार दूर हो जाते है।
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2:12 - 2:15क्यूंकि उन्हें समझ नहीं
आता आपके साथ क्या करे -
2:15 - 2:16उन्हें समझ नहीं आता क्या बोले
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2:16 - 2:18और अचानक से
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2:18 - 2:20जब लोगों की
सबसे ज़्यादा ज़रूरत पड़ती है -
2:20 - 2:23आप अपने आप को अकेले पाते हो
और दर्दनाक अकेलापन मिलता है -
2:23 - 2:27ज़िन्दगी के अर्थ और मूल्य से अनिश्चित।
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2:28 - 2:32विज्ञापन इलाज खोज रहा है
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2:32 - 2:33और इलाज की कल्पना कर रहा है
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2:35 - 2:39पर कलंक और भय की पकड़ ढीली करने से
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2:39 - 2:43बहुत लोगों का दर्द काम कर सकता है
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2:43 - 2:47और किस्मत से
सार्थक संबंध के लिए कोई दवाई नहीं लगती -
2:48 - 2:50बस हाथ आगे बढ़ाना पड़ता है।
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2:50 - 2:52सूनना पड़ता है।
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2:53 - 2:55एहसास करना पड़ता है।
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2:56 - 3:00वह मेरा खोज है,
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3:00 - 3:02ऐलिस से प्रेरित
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3:02 - 3:06और बाद में नर्सिंग होम के लाखों लोगों से
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3:06 - 3:07और दिन के केंद्रों से
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3:07 - 3:10और वह लोग जो
घरों में जीने की कोशिश कर रहे है। -
3:10 - 3:13प्रश्न बस एक ही है "कैसे"
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3:14 - 3:16आप सार्थक रूप में
कैसे सम्बन्ध कर सकते है ? -
3:17 - 3:21मुझे इस सवाल के जवाब का बड़ा हिस्सा
एक शादीशुदा जोड़े से मिला -
3:21 - 3:24मिल्वौकी , विस्कॉन्सन, जिधर से मैं हूँ
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3:24 - 3:26फ्रांन और जिम
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3:27 - 3:32जिनसे मैं मिला एक सर्दी की रात को,
उनकी छोटी सी रसोई में -
3:32 - 3:35मिशिगन के झील के पास एक घर में
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3:35 - 3:36और जब मैं अंदर गया
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3:36 - 3:40फ्रैंन , एक देखभाल करने वाला
और उसके प्रबंधक ने -
3:40 - 3:42मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया
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3:42 - 3:46और जिम खड़ा था, आगे देखते हुए
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3:46 - 3:48शांति से
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3:48 - 3:51वह डेमेंशिया की तरफ
एक लम्बी सफर पे निकल पड़ा था -
3:51 - 3:53और शब्दों से परे था
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3:55 - 3:58मैं उधर परियोजना दल की तरफ से थी
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3:58 - 4:01हम "कलात्मक होमकॉल" कर रहे थे
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4:01 - 4:03एक साधारण लक्ष्य के साथ
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4:03 - 4:07जिम से व्यक्त करवाना
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4:07 - 4:09और फ्रैंन और ख्याल रखने वालों को
समझने के लिए -
4:09 - 4:14की वह कैसे सार्थक रूप
से सम्बन्ध कर सकते है। -
4:15 - 4:17अब यह कोई छोटी बात नहीं थी
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4:17 - 4:21क्यूंकि जिम कहीं महीनों से बोले नाही थे
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4:21 - 4:25क्या वह मुझे जवाब दे पाएंगे ?
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4:25 - 4:26मुझे नहीं पता था।
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4:29 - 4:32घर के सदस्य, जब
सम्बन्ध करने की कोशिश करते है -
4:32 - 4:36एक साझे अतीत की आह्वान करते है।
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4:36 - 4:37हम बोलते है
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4:37 - 4:40"क्या आपको याद है?"
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4:40 - 4:41पर १० में से ९ बार
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4:41 - 4:46उधर तक पहुँचने की सीडी टूटी रहती है
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4:46 - 4:48और हम चाचणे वालों के साथ
अकेले रह जाते है -
4:48 - 4:50कोहरे में
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4:50 - 4:52पर एक और रास्ता भी है।
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4:53 - 4:56मैं उन्हें खूबसूरत प्रश्न बुलाती हूँ
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4:56 - 5:02खूबसूरत प्रश्न वह है जो
खोज का साझा पथ खोले -
5:02 - 5:05जिसमे कोई सही या गलत जवाब नहीं है।
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5:05 - 5:10खूबसूरत सवाल हमारी मदद करता है
स्मृति की उम्मीद से हटके -
5:10 - 5:13कल्पना की स्वतंत्रता
की तरफ जाने में -
5:13 - 5:16हज़ार अलग उत्तर
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5:16 - 5:19संज्ञानात्मक चुनौती से
झुंजते जीते लोगों के लिए -
5:19 - 5:22अब रासीओ में वापस आते है।
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5:22 - 5:23मुझे जिम की एक बात पता थी
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5:23 - 5:28की उसे मिशिगन झील के पास चलना पसंद था
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5:28 - 5:30और जब मैंने रसोई के चारों और देखा।
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5:30 - 5:32मैंने देखा , चूल्हे के ऊपर
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5:32 - 5:38एक ट्रंक जो लकड़ी
के छोटे हिस्सों से भरा था -
5:38 - 5:39और मैंने सोचा
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5:39 - 5:41"क्यों न मैं एक सवाल पूछू
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5:41 - 5:44जिसका जवाब शब्दों के बिना दिया जाए
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5:44 - 5:46इसीलिए मैंने कोशिश की
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5:46 - 5:48"जिम,
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5:48 - 5:51क्या आप मुझे दिखा सकते हो
पानी कैसे हिलता है ?" -
5:53 - 5:57कुछ समय तक सन्नाटा था
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5:57 - 6:01मगर फिर धीरे से उसने एक कदम लिया
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6:01 - 6:04ट्रंक की तरफ
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6:04 - 6:08और एक लकड़ी के टुकड़े को उठाया
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6:08 - 6:10और आगे किया
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6:11 - 6:16और धीरे से अपना हाथ हिलाया
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6:17 - 6:19लकड़ी के साथ
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6:21 - 6:24वह उसके हाथ में तैरने लगा
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6:25 - 6:30लहरों की तरह
जो वह अपने हाथों से दिखने लगा -
6:31 - 6:34और शुरू हुआ उसका सफर
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6:34 - 6:37शांत पानी के साथ,
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6:37 - 6:41धीमी गति से
किनारे पर हिलते हुए -
6:43 - 6:47दाए बाए अपने आप हो लहराते हुए
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6:48 - 6:51जिम ने लहरों का रूप ले लिया
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6:54 - 6:58उनके अनुग्रह और शक्ति ने
हमे मोहित कर दिया -
6:59 - 7:01२० मिनट के लिए
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7:01 - 7:05वह एक के बाद एक लकड़ी हिलाते गए
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7:07 - 7:09और अचानक से वह अपाहिज नहीं थे
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7:10 - 7:12हम लोग रसोई में एकजुट नहीं हुए थे
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7:12 - 7:14किसी संकट का सामना करने के लिए
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7:15 - 7:19जिम कटपुतलयों को चला रहे थे।
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7:19 - 7:21वह एक कलाकार थे।
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7:21 - 7:22एक नर्तकी थे।
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7:24 - 7:26फ्रांन ने बाद में मुझे बताया
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7:26 - 7:30की वह क्षण उसके लिए
परिवर्तनकारी बिन्दु था। -
7:30 - 7:32और वह उसके साथ सम्बन्ध कर पायी
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7:32 - 7:35जैसे जैसे वह डेमेंशिया में आगे बढ़ते गए
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7:36 - 7:39वह क्षण मेरे लिए भी
परिवर्तनकारी बिन्दु था -
7:40 - 7:44मुझे यह रचनात्मक पहुँच मिली
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7:44 - 7:46जो परिवारों का सोच बदल पाया
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7:46 - 7:49डेमेंशिया समझने में
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7:49 - 7:54सिर्फ डुख भरे नुकसानदायक स्तिथि से
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7:55 - 7:58सार्थक संबंध में
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7:58 - 7:59उम्मीद में
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7:59 - 8:01प्यार में
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8:02 - 8:06क्यूंकि किसी प्रकार की रचनात्मक अभिव्यक्ति
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8:06 - 8:08उत्पादक है।
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8:08 - 8:13वह खूबसूरती और मूल्य पैदा करते है
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8:13 - 8:16जिधर पहले वीरानगी थी।
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8:18 - 8:21उस रचनात्मकता को
ख्याल रखने में बदल सकते है -
8:21 - 8:26ख्याल रखने वाले
अपने साथी के अर्थ करवा सकते है -
8:26 - 8:30और उस पल में ख्याल रखने का काम
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8:30 - 8:33जो अधिकतर नुक्सान से सम्बन्ध रखता है।
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8:34 - 8:36उत्पादक बन्न जाता है
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8:37 - 8:42मगर ख्याल रखने के माध्यम
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8:42 - 8:45बिंगो और बलून टॉस जैसे गतिविधियो
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8:45 - 8:47का इस्तेम्मल करते है।
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8:49 - 8:53गतिविधियाँ निष्क्रिय हैं
और मनोरंजन उन्मुख -
8:53 - 8:58बुज़र्ग लोग बैठके ताली मारते है
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9:00 - 9:03अपने अगले भोजन तक विचलित
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9:04 - 9:08प्रियजन जो अपने साथियों को घर पर रखते है
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9:08 - 9:10कुछ और कर नहीं पाते
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9:10 - 9:14इसिलए वह अकेले टीवी देखते बैठेते है।
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9:14 - 9:19जो शोधकर्ताओं के अनुसार
डेमेंशिया को और बढ़ावा देता है -
9:19 - 9:24अकेलापन सामाजिक एकांतता बढ़ाके
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9:25 - 9:28क्या होगा अगर समझने की विधि सुलभ हो
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9:28 - 9:33बुज़ुर्ग लोग और उसके ख्याल रखने वालों के लिए
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9:33 - 9:36मैं वास्तव में पूरी तरह से
रूपांतरित और कैद हो गया हूं -
9:36 - 9:40ख्याल रखने वालों को यह उपकरण दिखाके
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9:40 - 9:44और सम्बन्ध की चिंगारी और खुशी देखके
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9:44 - 9:46महसूस करके की रचनात्मक खेल
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9:46 - 9:50उन्हें याद दिला सकते है की
वह चीज़ें क्यूँ करते है। -
9:52 - 9:55यह रचनात्मक देखभाल करने की विधि
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9:55 - 9:57इस क्षेत्र को स्थानांतरित कर सकती है
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9:58 - 10:00मगर क्या हम यह कर सकते है ?
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10:00 - 10:05क्या हम इसका उल्लंघन कर सकते हैं
एक संपूर्ण देखभाल संगठन में -
10:05 - 10:08या दखभाल प्रणाली में ?
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10:09 - 10:12उस लक्ष्य की ओर पहला कदम, मेरे लिए
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10:12 - 10:17एक विशाल टीम को इकट्ठा करना था
कलाकारों, बुज़ुर्ग और देखभाल करने वालों का -
10:17 - 10:20मिल्वौकी के अस्पताल में
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10:21 - 10:24दो साल में, साथ में
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10:24 - 10:29हमने होमर की ओडेस्सी की पुन: कल्पना की
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10:31 - 10:33हमने विषयों की खोज की
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10:33 - 10:35कवितायेँ लिखी
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10:36 - 10:40हमने साथ में एक किलोमीटर लम्बी बुनाई की
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10:40 - 10:43हमने गानों की नृत्यकला की
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10:43 - 10:47हमने प्राचीन ग्रीक का भी पता लगाया और सीखा
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10:47 - 10:50एक अध्येता के साथ
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10:51 - 10:56हुमने कहीं तरह के
रचनात्मक कार्यशालाएं किये -
10:56 - 10:59और परिवार वालों को भी बुलाया
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10:59 - 11:04और देखभाल करने वाला और कर्मचारी हर जगह से
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11:04 - 11:07साथ में सहयोग करते हुए, पहली बार
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11:09 - 11:11समापन करने की घडी तब आयी
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11:11 - 11:13जब एक मूल्य
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11:13 - 11:15पेशेवर नाटक
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11:15 - 11:20जिसमे पेशेवर अभिनेता,
बुज़ुर्ग लोगों के साथ -
11:20 - 11:22और ख्याल रखने वालों के साथ
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11:22 - 11:24और हमने दर्शकों को भी बुलाया
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11:24 - 11:26हमने स्थल से स्थल देखने के लिए
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11:26 - 11:28एक नर्सिंग होम में
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11:28 - 11:31खाने की जगह पे
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11:31 - 11:34और दूसरा चैपल में
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11:34 - 11:36अंतिम दृश्य के लिए
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11:36 - 11:38कहाँ बुज़ुर्ग लोग एकजुथ होकर
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11:38 - 11:40सब पेनेलोपे का किरदार निभाकर
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11:40 - 11:45ओडेसिस और जनता का
प्यार से स्वागत करते हुए -
11:47 - 11:51साथ में हमने हिम्मत की
कुछ खूबसूरत बनाने की -
11:51 - 11:54और कुछ बुज़ुर्ग लोगों को बुलाने की,
जिन्हे डेमेंशिया था -
11:54 - 11:56कुछ जो धर्मशाला में थे
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11:56 - 11:59समय से समय, अर्थ बनाने के लोए,
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11:59 - 12:02और कलाकार बनने के लिए
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12:02 - 12:06यह सब ऐसी जगह पे
जहाँ रोज़ लोग आखरी सांसें ले रहे थे -
12:07 - 12:10अब मैं अपने आप को ऐसी जगह पे पा रहा हूँ
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12:10 - 12:13जहाँ मुझे ऐसी चुनौती का
सामना करना पद रहा है -
12:13 - 12:16एक डेमेंशिया से पीड़ित इंसान से
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12:16 - 12:18अंतर के पार
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12:18 - 12:19व्यक्तिगत तरीके से
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12:20 - 12:23परिवार के साथ खाने पे, छुट्टियों के समय
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12:23 - 12:26मेरा माँ, जो मेरे साथ बैठी थी
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12:26 - 12:30मेरी तरफ देखके बोली "एनी कहाँ है"
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12:31 - 12:37मेरी नटखट और सुन्दर माँ
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12:37 - 12:39को एल्ज़िमर अल्जाइमर हुआ है
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12:40 - 12:44और मैंने अपने आप को ऐसी जगह पे पाया,
जिससे सबको दर लगता है -
12:44 - 12:45उन्होंने मुझे पहचाना नहीं
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12:47 - 12:50और मुझे जल्द से समझना पड़ा,
क्या मैं अपनी सीख लगा सकती हूँ -
12:50 - 12:53जो हज़ारों लोगों को दे रही थी
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12:53 - 12:54अंतर को काम करने की
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12:56 - 12:59क्या आप "एलेन" बोलना चाहते हो ?
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12:59 - 13:03क्यूंकि मेरी बेहेन की खाली कुर्सी
हमारे पास थी -
13:04 - 13:05"वह शौचालय गयी है"
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13:06 - 13:08और मेरी माँ ने मेरी तरफ देखा
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13:10 - 13:13और अंदर कुछ चिंगारी जाली
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13:14 - 13:18जैसे उन्होंने मुस्कुराके मेरे कंधे को छुआ
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13:18 - 13:20और बोली "तुम यही हो "
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13:21 - 13:23और मैंने जवाब दिया "हाँ
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13:24 - 13:26मैं यही हूँ"
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13:28 - 13:32मुझे पता है ऐसा होते रहेगा
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13:32 - 13:35सिर्फ मेरी माँ के लिए नहीं
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13:35 - 13:39पर सभी ४ करोड़ लोगों के लिए
दुनिया भर -
13:39 - 13:40और सौ करोड़ लोग और
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13:40 - 13:42जो उन्हें प्यार करते है
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13:42 - 13:45हम इस चुनौती का कैसे सामना करेंगे
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13:45 - 13:48जो इतने परिवारों के जीवन को छू रहा है
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13:48 - 13:53हमारे देखभाल की प्रणाली
इसका जवाब कैसे देगी? -
13:53 - 13:56मुझे उम्मीद है की इस खूबसूरत प्रश्न से
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13:57 - 14:00हम एक दुसरे को खोज पाएंगे
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14:02 - 14:04और एक दुसरे से जुड़ सकते है
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14:04 - 14:06मुझे उम्मीद है की हमारा जवाब
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14:06 - 14:09यह है की हम देखभाल का मूल्य समझते है
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14:09 - 14:11और देखभाल उत्पादक हो सकता है
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14:11 - 14:13और खूबसूरत भी
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14:14 - 14:19और देखभाल हममे इंसानियत जगा सकता है।
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14:19 - 14:22हमारे जुड़ने की तड़प को
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14:22 - 14:24और साथ में समझ बढ़ने की
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14:26 - 14:28अंत तक
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14:28 - 14:30धन्यवाद
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14:30 - 14:32(तालियाँ)
- Title:
- डेमेंशिया वालों के साथ सार्थक रूप से कैसे जुड़ें
- Speaker:
- ऐनी बस्टिंग
- Description:
-
कला और रचनात्मकता को बुज़ुर्ग लोगों के देखभाल में शामिल करके, गेरोन्टोलॉजिस्ट ऐनी बस्टिंग परिवारों को उन प्रियजनों के साथ फिर से जुड़ने में मदद करता है जिनके पास मनोभ्रंश है। इस भावपूर्वक बात में, वह साझा करती है कि "खूबसूरत प्रश्न" कैसे पूछते हैं - ऐसे प्रश्न जिनके पास सही या गलत उत्तर नहीं है - खोज, कल्पना और आश्चर्य का एक साझा मार्ग खोलते हैं। "अगर हम रचनात्मकता को ध्यान में रख सकते हैं, तो देखभाल करने वाले एक साथी को अर्थ-निर्माण में आमंत्रित कर सकते हैं," बस्टिंग कहते हैं। "उस पल में, देखभाल, जो अक्सर नुकसान से जुड़ी होती है, उदार हो सकती है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 14:38
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