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एक विडीओ गेम जो अकेलेपन को समझने में हमारी मदद करता है

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    आप ने कभी अकेलापन महसूस किया है?
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    लोगों से जुड़ने के बेहद तेज़ ख्वाहिश,
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    मगर ऐसा कोई नहीं जिस से
    मिलने का मन करे?
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    या, वीकेंड शुरू हो रहा है,
    आप दूसरों के साथ होना चाहते हैं,
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    मगर जैसे बाहर जाने की ताक़त न बची हो,
    और सारी शाम आप घर पे बैठे रहें, अकेले,
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    नेटफलिक्स देखते हुए
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    और अकेलापन पहले से भी
    गहरा होता चला जाये
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    आपको एक प्रेत जैसे अटके हुए हों
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    उन तमाम इंसानो के बीच जिन्हें
    रहना जीना आता है.
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    मुझे अकेलापन ऐसा ही लगता है.
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    मैं एक आर्टिस्ट हूँ,
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    और मैं अपने जज़्बात अपनी
    कला के ज़रिए समझता हूँ.
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    अगर आप अपनी भावनायें किसी से कहें,
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    और उन्हें समझ आएँ और
    वो भी उन भावनाओं को समझें,
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    तब ही एक गहरा दिली रिश्ता सा बन पाता है.
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    इसीलिए आप सैकड़ों लोगों
    से घिरे होने पर भी,
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    तमाम लोगों में भटकने के बाद भी,
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    अकेलेपन में डूब सकते हैं.
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    ऐसा इसलिए क्योंकि कहीं
    कोई गहरा रिश्ता पनप ही नहीं सका.
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    मैं हमेशा से एक ख़ुशमिज़ाज बच्चा था.
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    मेरे ख़्याल से मेरी
    एक भी ऐसी तस्वीर नहीं है
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    जिसमें मैं मुस्कराता,
    मस्ती करता न दिखूँ.
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    और मैं तब ऐसा ही था जब तक ...
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    असल में, मैं अभी भी वैसा ही हूँ.
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    और मेरे बहुत दोस्त यार थे
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    जब तक कि, किशोरावस्था में,
    मैं एक नए शहर में आया
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    कॉमिक आर्टिस्ट की अपनी पहली नौकरी करने.
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    और उन तमाम युवा लोगों की तरह
    जो इस पृथ्वी पर फलते फूलते हैं,
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    मैंने भी अपनी सारी ताक़त लगा कर
    ख़ुद को बस अपने काम में झोंक दिया.
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    मगर जब आपके दिन का
    90 फ़ीसदी वक्त
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    नौकरी और तरक़्क़ी पाने में निकाल जाए,
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    तो ज़ाहिर है आपको वक्त न मिलेगा
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    कि जीवन के और बहुत ज़रूरी
    पहलुओं के बारे में सोचें,
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    जैसे बाक़ी लोगों से आपके रिश्ते.
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    बड़े होने पर दोस्तियाँ
    बरकरार रखना एक काम होता है.
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    आपको लगातार जुड़े रहने की ज़रूरत होती है.
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    आपको खुलना होता है,
    ईमानदार होना पड़ता है.
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    और बस यही मेरी मुश्किल थी,
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    क्योंकि मैं अपनी असली भावनाओं
    को छिपा कर रखता था
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    और हमेशा खुश दिखने की कोशिश करता था
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    बाक़ी सब लोगों को भी
    खुश रखने की कोशिश करता था,
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    उनके समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर के.
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    और मुझे पता है आप में बहुतों यही करते हैं,
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    क्योंकि ये आसान रास्ता होता है
    अपनी मुश्किलों से जी चुरा के निकल जाने का.
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    है ना?
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    हम्म? हम्म? हम्म?
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    (हंसी)
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    ठीक है.
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    फिर एक ऐसा मोड़ आया
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    कि मैंने एक ऐसे सम्बंध में पड़ी
    जो भावनात्मक रूप से शोषण था.
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    कुछ ही साल पहले की बात है.
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    उसने मुझे सबसे अलग कर दिया
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    और मुझे अकेलेपन में गहरा धकेल दिया.
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    वो मेरे जीवन का सबसे ख़राब क्षण था,
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    मगर वो मेरे लिए एक चेतावनी भी थी,
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    क्योंकि उस क्षण में मैंने पहली बार
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    जाना कि मैं अकेलेपन का शिकार थी.
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    बहुत लोगों ने भी अपनी भावनाओं
    का कला में इज़हार किया है.
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    हज़ारों किताबें, फ़िल्में,
    पेंटिंग, संगीत के टुकड़े,
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    सब कलाकारों की भावनाओं से लबरेज़.
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    तो मैंने भी आर्टिस्ट के तौर पर वही किया.
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    अपनी भावनायें व्यक्त कीं.
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    मैं अकेलेपन से निबटने में
    लोगों की मदद करना चाहती थी.
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    हाँ, मैं उन्हें अकेलेपन का
    सच समझाना चाहती थी,
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    अपनी कला से उन्हें वो अनुभव देना चाहती थी
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    एक संवाद के रूप में,
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    एक विडीओ गेम के ज़रिए.
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    तो, हमारे गेम में ---
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    हम इसे "अकेलेपन का समुंदर" कहते हैं --
    (Sea of Solitude)
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    आप केय नाम की व्यक्ति हैं,
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    जो इतने भीषण अकेलेपन
    से जूझ रहा है कि
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    उसकी अंदर की भावनायें --
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    उसका ग़ुस्सा,
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    उसकी नाउम्मीदी, नाकामी --
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    बाहर आ जाती हैं,
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    और वो एक दैत्य बन जाती है.
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    ये गेम -- या -- केय ---
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    असल में मैं ही हूँ
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    और ये वो रास्ता है जो मैंने अपनी
    मुश्किलों से निपटने के लिए अखतियार किया.
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    ये गेम, दरअसल, केय के दिमाग़ में चलता है,
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    तो आप ऐसी दुनिया में चलते हैं
    जहां केय के आँसुओ से बाढ़ आ गयी है,
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    और मौसम उस के मूड के हिसाब से बदलता है,
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    जैसे जैसे उसका मूड बदलता है.
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    और, केय केवल एक चीज़ पहनती है,
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    केवल एक चीज़,
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    अपना पिट्ठू बैग.
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    ये वो भार है जो हम सब
    तज़िंदगी ढोते रहते हैं.
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    और केय नहीं जानती है कि भावनाओं
    को सम्हालने का सही रास्ता क्या है.
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    तो उसका पिट्ठू बैग बड़ा होता जाता है
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    और फिर फट जाता है.,
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    और अंततः उसे अपनी मुश्किलों
    से लड़ कर उनसे आगे निकलना ही पड़ता है.
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    हम अपनी कहानी में कई अकेलेपन
    के कई रूपों को लाते हैं.
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    समाज से कट कर रहने से होने
    वाला अकेलापन अक्सर दिखता है.
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    हमारे गेम में, केय का भाई, अपने स्कूल
    में धौंस या बुलींग का शिकार होता है,
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    और बस छुप जाना या भाग जाना चाहता है.
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    और हम उसे घने कोहरे से घिरे
    विशाल दैत्य पक्षी के रूप में देखते हैं.
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    गेम खेलने वाले को उसके
    स्कूल से गुजरना होता है
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    और उस अनुभव से भी,
    उस दर्द और हानि को
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    झेलते हुए जो केय के भाई ने झेली,
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    क्योंकि बहुत लम्बे समय तक,
    उस की सुनने वाला तक कोई नहीं था.
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    मगर जैसे ही दोस्त और परिवार के लोग
    उस की बात पे ध्यान देना शुरू करते हैं,
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    वो अपने इस तरह के अकेलेपन
    से निकलने का पहला कदम लेता है.
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    हम संबंधो में मौजूद अकेलापन भी देखते हैं,
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    जैसे जब पति-पत्नी सिर्फ़ बच्चों
    के लिए साथ रहने को मजबूर होते हैं
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    मगर अंततः पूरे परिवार को पीड़ा देते हैं.
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    हम गेम खेलने वाले को झगड़ते
    माँ-बाप के ठीक बीच पहुँच देते हैं,
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    और उसे उनकी बीच का झगड़ा देखना होता है
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    और माँ-बाप ये देखते तक नहीं कि उनकी
    बिटिया केय वही खड़ी है
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    जब तक की वो टूट नहीं जाती.
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    हम मानसिक बीमारी से होने
    वाले अकेलेपन को भी शामिल करते हैं,
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    केय के बॉय-फ़्रेंड के ज़रिए
    जो डिप्रेशन से पीड़ित है
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    और ये समझाता है कि कभी-कभी
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    सबसे ज़रूरी होता है ख़ुद को
    ठीक और स्वस्थ रखना.
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    ये बॉय-फ़्रेंड भी अपनी
    भावनाओं को छुपाता है,
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    और एक अकेले रहने वाली
    सफ़ेद लोमड़ी के रूप में आता है.
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    मगर जैसे ही वो अपनी
    गर्ल-फ़्रेंड केय से जुड़ता है,
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    उसका नक़ाब उतर जाता है,
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    और हमें अंदर एक काला कुत्ता दिखता है:
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    वही डिप्रेशन है.
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    कभी कभी हम मुस्करा कर
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    समस्या का सामना करने के बजाय
    उसे टाल देते हैं,
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    और वो उस समस्या को और जटिल बनाता है,
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    आसपास के लोगों पर बुरा असर करता है
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    और हमारे रिश्तों को ख़राब करता है.
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    तो केय को ख़ुद
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    हम अपनी मूल भावनाओं के बीच
    कटे-फटे रूप में दिखाते हैं.
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    कुछ आपकी मदद करते हैं,
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    कुछ आपको रोकते हैं,
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    'ख़ुद पर संदेह' एक विशालकाय जानवर है,
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    जो हमेशा केय को हमेशा नाकारा कहता है
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    और उसे हार मानने को प्रेरित करता है.
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    जैसे कि असल ज़िंदगी होती है,
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    ख़ुद पर संदेह उसका रास्ता रोकता है,
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    और उस से बचना नामुमकिन लगता है.
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    ऐसे हर जगह मौजूद संदेह को हराने
    की लड़ाई धीमी गति से लड़ी जाती है.
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    मगर गेम में,
    आप धीरे धीरे उसे छोटा कर देते हैं,
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    और वो ख़ुद पर संदेह से
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    ख़ुद के प्रति चौकसी में बदलता है,
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    और आप आख़िर में, उसकी सलाह मान सकते हैं.
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    हम "ख़ुद की बर्बादी" भी दिखाते हैं.
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    बहुत बड़ी दैत्य है वो.
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    हमेशा पानी के सतह के नीचे
    छुप के बैठने वाली
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    यही इस गेम में असली
    दुश्मन है.
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    और हमेशा आपको आंसुओं के
    समंदर में डुबाने की कोशिश में तत्पर.
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    मगर जब वो आपको असल ने डुबाने लगती है.
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    आप बस डूबने से कुछ ही पल पहले उठ जाते हैं,
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    और आपको फिर आगे बढ़ने का मौक़ा मिलता है.
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    हम दिखाना चाहते थे कि
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    हम सब जीवन में मुश्किल
    दौर से गुजरते हैं,
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    मगर थोड़ी सी कोशिश की जाए,
    और अपने लिए खड़े हुआ जाए,
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    तो बहुत सम्भव है की हम अपनी
    मुश्किलों से लड़ सकें,
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    एक एक कदम कर के.
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    ख़ुशी ऐसी कोई चीज़ है जिसे
    केय कभी मिल नहीं सकती, छू नहीं सकती.
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    वो बस दूर कही है.
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    उसे हमने बचपन की छोटी सी
    केय के रूप में दिखाया है.
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    एक पीली बरसाती ओढ़े हुए.
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    और वो भी आँसुओ के समंदर के ख़तरे में है.
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    मगर ख़ुशी भी पागलपन में बदल सकती है
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    और केय को असल में नुक़सान पहुँचा सकती है,
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    जैसे कि जब वो बस अपने
    बॉय-फ़्रेंड के लिए पागल हो जाती है.
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    ख़ुशी तब तक अपने साधारण रूप में
    नहीं आती जब तक केय ये न समझे
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    कि उसकी ख़ुशी किसी और
    की मोहताज नहीं होनी चाहिए
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    बस वो अपने में खुश हो सकती है.
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    तो हमारे दैत्य विशाल और डरावने दिखते हैं
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    मगर अगर आप अपने डर को क़ाबू कर के
    उन तक पहुँचे तो,
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    आप जल्द ही या पाते है की
    वो कोई भयंकर दैत्य नहीं हैं
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    बल्कि कमजोर से जीव हैं जो बस
    ख़ुद ही अपनी ज़िंदगी से जूझ रहे हैं.
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    और वो सारी भावनायें,
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    चाहे ख़ुद पर शक हो या ख़ुद का नुक़सान हो,
  • 9:43 - 9:45
    गेम में कभी पूरी तरह ख़त्म नहीं होते.
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    इस का मुख्य संदेश है कि
    सिर्फ़ आनंद और ख़ुशी के पीछे न भागें
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    बल्कि अपनी सारी भावनाओं को अपनाएँ
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    और उनके बीच एक संतुलन बनाएँ,
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    "सब ठीक है" कहना हमेशा ठीक नहीं है.
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    हर किसी के पास अपने
    अकेलेपन की एक कहानी है.
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    ये समझते ही मेरे लिए सब कुछ बदल गया.
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    मैंने अपनी भावनाओं को खुल के अपनाया
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    और अपने निजी जीवन पर ध्यान दिया,
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    अपने दोस्तों, और परिवार पर भी.
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    जब हमने ये गेम निकाला,
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    तो हज़ारों लोगों ने हमें संदेश भेजे,
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    अपनी कहानी हमें बताने के लिए
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    और ये कि वो अब उतना अकेला
    महसूस नहीं करते हैं क्योंकि
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    ये गेम खेलना उन्हें सहारा देता है.
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    कई लोगों ने लिखा कि उन्हें आशा मिली
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    अपने लिए एक भविष्य गढ़ने की,
    कई सालों में पहली बार.
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    कई लोगों ने लिखा कि वो अब इलाज ले रहे हैं,
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    बस क्योंकि उन्होंने हमारा गेम खेला
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    और उन्हें अपनी परेशानियों से निबटने की
    हिम्मत जुटी.
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    हमारा गेम कोई इलाज़ नहीं है.
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    हमने इलाज़ बनाया भी नहीं है.
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    बस मैं और मेरे कुछ दोस्त
    अपने दिल की बात बता रहे हैं
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    कला और विडीओ गेम के ज़रिए.
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    मगर हम तह-ए-दिल से
    हर संदेश के लिए शुक्रगुज़ार हैं
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    कि लोगों को अच्छा महसूस हुआ,
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    बस क्योंकि हमने अपनी आपबीती बनती,
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    तो...
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    मैंने दूसरों के समस्या सुलझाने की
    अपनी आदत पूरी तरह नहीं छोड़ी.
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    मगर अब मैं उसे पूरी तरह छोड़ना
    चाहती भी नहीं.
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    मुझे ये अच्छा लगता है.
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    बस मुझे उसे संतुलन में लाना था,
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    जिस से कि वो मुझे गहरे
    रिश्तों बनाने से न रोक सके,
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    बल्कि और भी ज़्यादा लोगों से जुड़ने
    में मदद करे.
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    तो अगर आप के अंदर दैत्य है
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    जो ख़राब भावनाओं से पैदा हुआ है,
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    तो सिर्फ़ उसे ख़त्म कर देना ही
    उद्देश्य नहीं है
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    बल्कि हमें ये समझना होगा कि
    हम लोग काफ़ी जटिल प्राणी हैं.
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    ये देखिए की आपकी ज़िंदगी का
    कौन सा हिस्सा बाक़ी सब हिस्सों पे हावी है.
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    पता करिए क्या भावनाएँ आपको बस महसूस होती
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    है और कौन सी ज़रूरत से ज़्यादा
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    और उन हावी भावनाओं पर क़ाबू पाइए.
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    सबसे ज़रूरी है कि हम ये समझें
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    कि हमारी ये तमाम सारी
    छोटी बड़े भावनायें और जद्दोजहद
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    ही वो चीज़ हैं जो हमें
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    मनुष्य बनाती हैं.
  • 12:26 - 12:27
    धन्यवाद.
  • 12:27 - 12:29
    (तालियाँ)
Title:
एक विडीओ गेम जो अकेलेपन को समझने में हमारी मदद करता है
Speaker:
कोरनेलिया गेप्पर्ट
Description:

कोरनेलिया गेप्पर्ट के चकित करने वाले विडीओ गेम "अकेलेपन की समंदर" (sea of solitude) में गोता लगाइए और देखिए की अकेलेपन और ख़ुद पे संदेह के दैत्यों से लड़ना किस तरह से आपको मानसिक स्वास्थ की जटिलता और संघर्षों को समझने की शक्ति देता है.

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TEDTalks
Duration:
12:42

Hindi subtitles

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