एक विडीओ गेम जो अकेलेपन को समझने में हमारी मदद करता है
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0:01 - 0:04आप ने कभी अकेलापन महसूस किया है?
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0:05 - 0:08लोगों से जुड़ने के बेहद तेज़ ख्वाहिश,
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0:08 - 0:11मगर ऐसा कोई नहीं जिस से
मिलने का मन करे? -
0:12 - 0:15या, वीकेंड शुरू हो रहा है,
आप दूसरों के साथ होना चाहते हैं, -
0:15 - 0:20मगर जैसे बाहर जाने की ताक़त न बची हो,
और सारी शाम आप घर पे बैठे रहें, अकेले, -
0:20 - 0:22नेटफलिक्स देखते हुए
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0:22 - 0:25और अकेलापन पहले से भी
गहरा होता चला जाये -
0:25 - 0:27आपको एक प्रेत जैसे अटके हुए हों
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0:27 - 0:29उन तमाम इंसानो के बीच जिन्हें
रहना जीना आता है. -
0:30 - 0:34मुझे अकेलापन ऐसा ही लगता है.
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0:36 - 0:37मैं एक आर्टिस्ट हूँ,
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0:37 - 0:42और मैं अपने जज़्बात अपनी
कला के ज़रिए समझता हूँ. -
0:43 - 0:46अगर आप अपनी भावनायें किसी से कहें,
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0:46 - 0:49और उन्हें समझ आएँ और
वो भी उन भावनाओं को समझें, -
0:49 - 0:53तब ही एक गहरा दिली रिश्ता सा बन पाता है.
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0:53 - 0:58इसीलिए आप सैकड़ों लोगों
से घिरे होने पर भी, -
0:58 - 1:01तमाम लोगों में भटकने के बाद भी,
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1:01 - 1:03अकेलेपन में डूब सकते हैं.
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1:03 - 1:08ऐसा इसलिए क्योंकि कहीं
कोई गहरा रिश्ता पनप ही नहीं सका. -
1:09 - 1:12मैं हमेशा से एक ख़ुशमिज़ाज बच्चा था.
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1:12 - 1:15मेरे ख़्याल से मेरी
एक भी ऐसी तस्वीर नहीं है -
1:15 - 1:18जिसमें मैं मुस्कराता,
मस्ती करता न दिखूँ. -
1:18 - 1:20और मैं तब ऐसा ही था जब तक ...
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1:20 - 1:22असल में, मैं अभी भी वैसा ही हूँ.
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1:22 - 1:26और मेरे बहुत दोस्त यार थे
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1:27 - 1:30जब तक कि, किशोरावस्था में,
मैं एक नए शहर में आया -
1:30 - 1:33कॉमिक आर्टिस्ट की अपनी पहली नौकरी करने.
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1:34 - 1:39और उन तमाम युवा लोगों की तरह
जो इस पृथ्वी पर फलते फूलते हैं, -
1:39 - 1:43मैंने भी अपनी सारी ताक़त लगा कर
ख़ुद को बस अपने काम में झोंक दिया. -
1:44 - 1:49मगर जब आपके दिन का
90 फ़ीसदी वक्त -
1:50 - 1:52नौकरी और तरक़्क़ी पाने में निकाल जाए,
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1:52 - 1:53तो ज़ाहिर है आपको वक्त न मिलेगा
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1:53 - 1:56कि जीवन के और बहुत ज़रूरी
पहलुओं के बारे में सोचें, -
1:56 - 1:58जैसे बाक़ी लोगों से आपके रिश्ते.
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2:00 - 2:04बड़े होने पर दोस्तियाँ
बरकरार रखना एक काम होता है. -
2:06 - 2:09आपको लगातार जुड़े रहने की ज़रूरत होती है.
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2:09 - 2:12आपको खुलना होता है,
ईमानदार होना पड़ता है. -
2:12 - 2:14और बस यही मेरी मुश्किल थी,
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2:14 - 2:17क्योंकि मैं अपनी असली भावनाओं
को छिपा कर रखता था -
2:17 - 2:19और हमेशा खुश दिखने की कोशिश करता था
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2:19 - 2:21बाक़ी सब लोगों को भी
खुश रखने की कोशिश करता था, -
2:22 - 2:24उनके समस्याओं को सुलझाने की कोशिश कर के.
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2:25 - 2:28और मुझे पता है आप में बहुतों यही करते हैं,
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2:28 - 2:32क्योंकि ये आसान रास्ता होता है
अपनी मुश्किलों से जी चुरा के निकल जाने का. -
2:32 - 2:33है ना?
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2:33 - 2:35हम्म? हम्म? हम्म?
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2:35 - 2:37(हंसी)
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2:37 - 2:38ठीक है.
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2:39 - 2:42फिर एक ऐसा मोड़ आया
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2:42 - 2:47कि मैंने एक ऐसे सम्बंध में पड़ी
जो भावनात्मक रूप से शोषण था. -
2:47 - 2:49कुछ ही साल पहले की बात है.
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2:49 - 2:52उसने मुझे सबसे अलग कर दिया
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2:52 - 2:55और मुझे अकेलेपन में गहरा धकेल दिया.
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2:57 - 2:58वो मेरे जीवन का सबसे ख़राब क्षण था,
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2:58 - 3:01मगर वो मेरे लिए एक चेतावनी भी थी,
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3:01 - 3:03क्योंकि उस क्षण में मैंने पहली बार
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3:03 - 3:07जाना कि मैं अकेलेपन का शिकार थी.
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3:08 - 3:11बहुत लोगों ने भी अपनी भावनाओं
का कला में इज़हार किया है. -
3:12 - 3:16हज़ारों किताबें, फ़िल्में,
पेंटिंग, संगीत के टुकड़े, -
3:16 - 3:19सब कलाकारों की भावनाओं से लबरेज़.
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3:19 - 3:22तो मैंने भी आर्टिस्ट के तौर पर वही किया.
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3:22 - 3:24अपनी भावनायें व्यक्त कीं.
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3:25 - 3:30मैं अकेलेपन से निबटने में
लोगों की मदद करना चाहती थी. -
3:30 - 3:32हाँ, मैं उन्हें अकेलेपन का
सच समझाना चाहती थी, -
3:32 - 3:36अपनी कला से उन्हें वो अनुभव देना चाहती थी
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3:36 - 3:40एक संवाद के रूप में,
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3:40 - 3:41एक विडीओ गेम के ज़रिए.
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3:43 - 3:45तो, हमारे गेम में ---
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3:45 - 3:48हम इसे "अकेलेपन का समुंदर" कहते हैं --
(Sea of Solitude) -
3:48 - 3:51आप केय नाम की व्यक्ति हैं,
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3:51 - 3:54जो इतने भीषण अकेलेपन
से जूझ रहा है कि -
3:54 - 3:57उसकी अंदर की भावनायें --
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3:57 - 3:58उसका ग़ुस्सा,
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3:58 - 4:02उसकी नाउम्मीदी, नाकामी --
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4:02 - 4:04बाहर आ जाती हैं,
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4:04 - 4:05और वो एक दैत्य बन जाती है.
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4:06 - 4:08ये गेम -- या -- केय ---
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4:08 - 4:11असल में मैं ही हूँ
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4:11 - 4:15और ये वो रास्ता है जो मैंने अपनी
मुश्किलों से निपटने के लिए अखतियार किया. -
4:16 - 4:18ये गेम, दरअसल, केय के दिमाग़ में चलता है,
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4:18 - 4:23तो आप ऐसी दुनिया में चलते हैं
जहां केय के आँसुओ से बाढ़ आ गयी है, -
4:23 - 4:27और मौसम उस के मूड के हिसाब से बदलता है,
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4:28 - 4:29जैसे जैसे उसका मूड बदलता है.
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4:30 - 4:36और, केय केवल एक चीज़ पहनती है,
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4:36 - 4:37केवल एक चीज़,
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4:38 - 4:39अपना पिट्ठू बैग.
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4:40 - 4:45ये वो भार है जो हम सब
तज़िंदगी ढोते रहते हैं. -
4:45 - 4:48और केय नहीं जानती है कि भावनाओं
को सम्हालने का सही रास्ता क्या है. -
4:48 - 4:51तो उसका पिट्ठू बैग बड़ा होता जाता है
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4:51 - 4:52और फिर फट जाता है.,
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4:53 - 4:57और अंततः उसे अपनी मुश्किलों
से लड़ कर उनसे आगे निकलना ही पड़ता है. -
4:58 - 5:03हम अपनी कहानी में कई अकेलेपन
के कई रूपों को लाते हैं. -
5:04 - 5:08समाज से कट कर रहने से होने
वाला अकेलापन अक्सर दिखता है. -
5:09 - 5:13हमारे गेम में, केय का भाई, अपने स्कूल
में धौंस या बुलींग का शिकार होता है, -
5:13 - 5:16और बस छुप जाना या भाग जाना चाहता है.
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5:16 - 5:20और हम उसे घने कोहरे से घिरे
विशाल दैत्य पक्षी के रूप में देखते हैं. -
5:21 - 5:24गेम खेलने वाले को उसके
स्कूल से गुजरना होता है -
5:24 - 5:28और उस अनुभव से भी,
उस दर्द और हानि को -
5:28 - 5:29झेलते हुए जो केय के भाई ने झेली,
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5:30 - 5:33क्योंकि बहुत लम्बे समय तक,
उस की सुनने वाला तक कोई नहीं था. -
5:34 - 5:40मगर जैसे ही दोस्त और परिवार के लोग
उस की बात पे ध्यान देना शुरू करते हैं, -
5:40 - 5:44वो अपने इस तरह के अकेलेपन
से निकलने का पहला कदम लेता है. -
5:44 - 5:48हम संबंधो में मौजूद अकेलापन भी देखते हैं,
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5:48 - 5:53जैसे जब पति-पत्नी सिर्फ़ बच्चों
के लिए साथ रहने को मजबूर होते हैं -
5:53 - 5:56मगर अंततः पूरे परिवार को पीड़ा देते हैं.
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5:57 - 6:03हम गेम खेलने वाले को झगड़ते
माँ-बाप के ठीक बीच पहुँच देते हैं, -
6:03 - 6:05और उसे उनकी बीच का झगड़ा देखना होता है
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6:06 - 6:10और माँ-बाप ये देखते तक नहीं कि उनकी
बिटिया केय वही खड़ी है -
6:10 - 6:12जब तक की वो टूट नहीं जाती.
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6:13 - 6:18हम मानसिक बीमारी से होने
वाले अकेलेपन को भी शामिल करते हैं, -
6:18 - 6:22केय के बॉय-फ़्रेंड के ज़रिए
जो डिप्रेशन से पीड़ित है -
6:22 - 6:25और ये समझाता है कि कभी-कभी
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6:25 - 6:30सबसे ज़रूरी होता है ख़ुद को
ठीक और स्वस्थ रखना. -
6:32 - 6:35ये बॉय-फ़्रेंड भी अपनी
भावनाओं को छुपाता है, -
6:35 - 6:39और एक अकेले रहने वाली
सफ़ेद लोमड़ी के रूप में आता है. -
6:39 - 6:44मगर जैसे ही वो अपनी
गर्ल-फ़्रेंड केय से जुड़ता है, -
6:44 - 6:45उसका नक़ाब उतर जाता है,
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6:45 - 6:49और हमें अंदर एक काला कुत्ता दिखता है:
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6:49 - 6:50वही डिप्रेशन है.
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6:51 - 6:55कभी कभी हम मुस्करा कर
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6:55 - 6:58समस्या का सामना करने के बजाय
उसे टाल देते हैं, -
6:58 - 7:01और वो उस समस्या को और जटिल बनाता है,
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7:01 - 7:03आसपास के लोगों पर बुरा असर करता है
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7:03 - 7:05और हमारे रिश्तों को ख़राब करता है.
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7:08 - 7:09तो केय को ख़ुद
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7:09 - 7:13हम अपनी मूल भावनाओं के बीच
कटे-फटे रूप में दिखाते हैं. -
7:14 - 7:16कुछ आपकी मदद करते हैं,
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7:16 - 7:18कुछ आपको रोकते हैं,
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7:19 - 7:22'ख़ुद पर संदेह' एक विशालकाय जानवर है,
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7:22 - 7:25जो हमेशा केय को हमेशा नाकारा कहता है
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7:25 - 7:28और उसे हार मानने को प्रेरित करता है.
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7:28 - 7:30जैसे कि असल ज़िंदगी होती है,
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7:31 - 7:33ख़ुद पर संदेह उसका रास्ता रोकता है,
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7:33 - 7:35और उस से बचना नामुमकिन लगता है.
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7:36 - 7:41ऐसे हर जगह मौजूद संदेह को हराने
की लड़ाई धीमी गति से लड़ी जाती है. -
7:41 - 7:45मगर गेम में,
आप धीरे धीरे उसे छोटा कर देते हैं, -
7:45 - 7:47और वो ख़ुद पर संदेह से
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7:47 - 7:49ख़ुद के प्रति चौकसी में बदलता है,
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7:49 - 7:51और आप आख़िर में, उसकी सलाह मान सकते हैं.
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7:53 - 7:55हम "ख़ुद की बर्बादी" भी दिखाते हैं.
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7:56 - 7:57बहुत बड़ी दैत्य है वो.
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7:57 - 8:01हमेशा पानी के सतह के नीचे
छुप के बैठने वाली -
8:02 - 8:05यही इस गेम में असली
दुश्मन है. -
8:05 - 8:09और हमेशा आपको आंसुओं के
समंदर में डुबाने की कोशिश में तत्पर. -
8:09 - 8:12मगर जब वो आपको असल ने डुबाने लगती है.
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8:12 - 8:14आप बस डूबने से कुछ ही पल पहले उठ जाते हैं,
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8:14 - 8:17और आपको फिर आगे बढ़ने का मौक़ा मिलता है.
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8:17 - 8:20हम दिखाना चाहते थे कि
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8:20 - 8:24हम सब जीवन में मुश्किल
दौर से गुजरते हैं, -
8:24 - 8:29मगर थोड़ी सी कोशिश की जाए,
और अपने लिए खड़े हुआ जाए, -
8:29 - 8:34तो बहुत सम्भव है की हम अपनी
मुश्किलों से लड़ सकें, -
8:34 - 8:36एक एक कदम कर के.
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8:38 - 8:44ख़ुशी ऐसी कोई चीज़ है जिसे
केय कभी मिल नहीं सकती, छू नहीं सकती. -
8:44 - 8:47वो बस दूर कही है.
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8:47 - 8:49उसे हमने बचपन की छोटी सी
केय के रूप में दिखाया है. -
8:49 - 8:51एक पीली बरसाती ओढ़े हुए.
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8:51 - 8:54और वो भी आँसुओ के समंदर के ख़तरे में है.
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8:54 - 8:57मगर ख़ुशी भी पागलपन में बदल सकती है
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8:57 - 8:59और केय को असल में नुक़सान पहुँचा सकती है,
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8:59 - 9:02जैसे कि जब वो बस अपने
बॉय-फ़्रेंड के लिए पागल हो जाती है. -
9:03 - 9:09ख़ुशी तब तक अपने साधारण रूप में
नहीं आती जब तक केय ये न समझे -
9:09 - 9:14कि उसकी ख़ुशी किसी और
की मोहताज नहीं होनी चाहिए -
9:14 - 9:16बस वो अपने में खुश हो सकती है.
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9:18 - 9:21तो हमारे दैत्य विशाल और डरावने दिखते हैं
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9:21 - 9:24मगर अगर आप अपने डर को क़ाबू कर के
उन तक पहुँचे तो, -
9:24 - 9:28आप जल्द ही या पाते है की
वो कोई भयंकर दैत्य नहीं हैं -
9:28 - 9:34बल्कि कमजोर से जीव हैं जो बस
ख़ुद ही अपनी ज़िंदगी से जूझ रहे हैं. -
9:36 - 9:39और वो सारी भावनायें,
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9:39 - 9:43चाहे ख़ुद पर शक हो या ख़ुद का नुक़सान हो,
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9:43 - 9:45गेम में कभी पूरी तरह ख़त्म नहीं होते.
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9:46 - 9:52इस का मुख्य संदेश है कि
सिर्फ़ आनंद और ख़ुशी के पीछे न भागें -
9:52 - 9:55बल्कि अपनी सारी भावनाओं को अपनाएँ
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9:55 - 9:57और उनके बीच एक संतुलन बनाएँ,
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9:59 - 10:03"सब ठीक है" कहना हमेशा ठीक नहीं है.
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10:05 - 10:09हर किसी के पास अपने
अकेलेपन की एक कहानी है. -
10:09 - 10:13ये समझते ही मेरे लिए सब कुछ बदल गया.
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10:14 - 10:16मैंने अपनी भावनाओं को खुल के अपनाया
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10:16 - 10:20और अपने निजी जीवन पर ध्यान दिया,
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10:20 - 10:22अपने दोस्तों, और परिवार पर भी.
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10:23 - 10:25जब हमने ये गेम निकाला,
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10:25 - 10:28तो हज़ारों लोगों ने हमें संदेश भेजे,
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10:28 - 10:31अपनी कहानी हमें बताने के लिए
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10:31 - 10:35और ये कि वो अब उतना अकेला
महसूस नहीं करते हैं क्योंकि -
10:35 - 10:38ये गेम खेलना उन्हें सहारा देता है.
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10:38 - 10:41कई लोगों ने लिखा कि उन्हें आशा मिली
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10:41 - 10:45अपने लिए एक भविष्य गढ़ने की,
कई सालों में पहली बार. -
10:46 - 10:49कई लोगों ने लिखा कि वो अब इलाज ले रहे हैं,
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10:50 - 10:54बस क्योंकि उन्होंने हमारा गेम खेला
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10:54 - 10:57और उन्हें अपनी परेशानियों से निबटने की
हिम्मत जुटी. -
10:59 - 11:01हमारा गेम कोई इलाज़ नहीं है.
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11:01 - 11:02हमने इलाज़ बनाया भी नहीं है.
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11:02 - 11:05बस मैं और मेरे कुछ दोस्त
अपने दिल की बात बता रहे हैं -
11:05 - 11:08कला और विडीओ गेम के ज़रिए.
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11:08 - 11:13मगर हम तह-ए-दिल से
हर संदेश के लिए शुक्रगुज़ार हैं -
11:13 - 11:14कि लोगों को अच्छा महसूस हुआ,
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11:14 - 11:18बस क्योंकि हमने अपनी आपबीती बनती,
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11:19 - 11:21तो...
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11:21 - 11:28मैंने दूसरों के समस्या सुलझाने की
अपनी आदत पूरी तरह नहीं छोड़ी. -
11:28 - 11:30मगर अब मैं उसे पूरी तरह छोड़ना
चाहती भी नहीं. -
11:31 - 11:32मुझे ये अच्छा लगता है.
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11:32 - 11:37बस मुझे उसे संतुलन में लाना था,
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11:37 - 11:40जिस से कि वो मुझे गहरे
रिश्तों बनाने से न रोक सके, -
11:40 - 11:42बल्कि और भी ज़्यादा लोगों से जुड़ने
में मदद करे. -
11:44 - 11:48तो अगर आप के अंदर दैत्य है
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11:48 - 11:51जो ख़राब भावनाओं से पैदा हुआ है,
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11:51 - 11:55तो सिर्फ़ उसे ख़त्म कर देना ही
उद्देश्य नहीं है -
11:55 - 11:59बल्कि हमें ये समझना होगा कि
हम लोग काफ़ी जटिल प्राणी हैं. -
12:00 - 12:06ये देखिए की आपकी ज़िंदगी का
कौन सा हिस्सा बाक़ी सब हिस्सों पे हावी है. -
12:07 - 12:10पता करिए क्या भावनाएँ आपको बस महसूस होती
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12:10 - 12:12है और कौन सी ज़रूरत से ज़्यादा
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12:12 - 12:15और उन हावी भावनाओं पर क़ाबू पाइए.
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12:15 - 12:18सबसे ज़रूरी है कि हम ये समझें
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12:18 - 12:22कि हमारी ये तमाम सारी
छोटी बड़े भावनायें और जद्दोजहद -
12:22 - 12:24ही वो चीज़ हैं जो हमें
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12:24 - 12:25मनुष्य बनाती हैं.
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12:26 - 12:27धन्यवाद.
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12:27 - 12:29(तालियाँ)
- Title:
- एक विडीओ गेम जो अकेलेपन को समझने में हमारी मदद करता है
- Speaker:
- कोरनेलिया गेप्पर्ट
- Description:
-
कोरनेलिया गेप्पर्ट के चकित करने वाले विडीओ गेम "अकेलेपन की समंदर" (sea of solitude) में गोता लगाइए और देखिए की अकेलेपन और ख़ुद पे संदेह के दैत्यों से लड़ना किस तरह से आपको मानसिक स्वास्थ की जटिलता और संघर्षों को समझने की शक्ति देता है.
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 12:42
Abhinav Garule approved Hindi subtitles for A video game that helps us understand loneliness | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for A video game that helps us understand loneliness | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for A video game that helps us understand loneliness | ||
Swapnil Dixit edited Hindi subtitles for A video game that helps us understand loneliness | ||
Swapnil Dixit edited Hindi subtitles for A video game that helps us understand loneliness |