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इस महामारी के दौरान जीवन
वास्तव में अजीब रहा है।
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मैं सिनियेर हूँ और ये
ये मेरी उम्मीद से परे हूँ
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मेरे हाई स्कूल के बिताए
पिछले कुछ महीने।
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मेरा कोरोनावायरस का क्वोरंटीन का वक़्त
बहुत अस्तव्यस्त रहा है
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क्योंकि मेरे 3 छोटे भाई-बहन हैं।
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कोरोनावायरस के दौरान मेरा जीवन
काफी उबाऊ हो गया है।
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मैं कुछ ख़ास
नहीं कर रहा।
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मैं घर में या सामाजिक दूरी
बनाए रखने की कोशिश में हूँ।
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मैं घर पर ही हूँ
एक महीने से अधिक समय से,
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और मैं हालात पहले जैसे हो जाएँ
उसकी तैयारी में हूं।
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जीवन इस कोरोनावायरस महामारी के दौरान
हर किसी पर भारी पड़ा है,
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लेकिन अगर आप टीनेजर है तो
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना,
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बहुत ही मुस्किल है।
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आप सारा दिन घर के अंदर ही फंसे हैं,
आपका स्कूल ऑनलाइन हैं,
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और जीवन की कुछ बड़ी घटनाएँ,
जैसे प्रोम और ग्रैजूएशन,
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वैसा नही हुआ
जैसा आपने सोचा था।
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लेकिन कुछ टींस ने अपने इस ऑनलाइन ख़ाली
समय का उपयोग कर रहे हैं
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जो पोस्ट हमें आते है वो हमारी मदद
फ़ैक्ट-चेकिंग द्वारा करते हैं
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उनके सोशल मीडिया फीड पर।
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मीडियावाइज एक न्यूज़ लिटरेसी प्रोग्राम है
पोयंटेर सस्थान द्वारा बनाया गया।
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इसका उद्देश्य हाई स्कूल के छात्रों
को ये पढ़ाना है
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की जानकारी को कैसे परखे
जिसे वे ऑनलाइन देखते हैं।
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परदाफ़ाश - मैं उन कई
पत्रकारों में से एक हूँ
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जो इस प्रोग्राम में प्रतिनिधि
के रूप में काम करता हूँ।
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हमारे पास लगभग 20 पत्रकार छात्र हैं
जो अभी यहाँ काम कर रहे है,
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और वे पूरे संयुक्त राज्य
अमेरिका में फैले हुए हैं।
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वे गलत वायरल सूचना को
खत्म करने में हमारी मदद करते हैं
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सोशल मीडिया स्टोरीटेलिंग के माध्यम से
ये वो अपनी टाइमलाइन पर देख रहे हैं।
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तो ये आपके दिखाएँगे के
दावे की फ़ैक्ट-चेकिंग कैसे करते है।
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वे सिर्फ आपको नहीं बता रहे हैं
अगर यह वैध है या यह वैध नहीं है।
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ये हमें वो सिखा रहे है
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जो पेशेवर पत्रकार,
पेशेवर तथ्य-जांचकर्ता उपयोग करते हैं,
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और ऐसे प्रस्तुत कर रहे है जिस से
ये मजेदार और मनोरंजक लगे।
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हमने फ्लोरिडा के सीन्यर एंजी ली से
बात की और उसे ये बताने के लिए कहा
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की कैसे सचाई की जाँच की
जो उसने टिकटॉक पर पाया।
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मुझे वास्तव में नहीं पता था कि
वहाँ इतनी गलत सूचना है।
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मुझे हमेशा ऐसा लगता था
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कि लोग सही चीजें शेयर
कर रहे है
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वे क्यों ऐसा कुछ शेयर करेंगे
जो गलत है?
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पर सच्चाई यह है की
कई बार लोगों को पता नही होता के
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उन्होंने गलती से गलत
जानकारी फैला दी है।
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तो तुमने क्या किया?
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तो फिर हमें ये बताओ
इसे खारिज कैसे करते हैं।
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तो ये वो टिकटॉक है जो मैंने देखा
जिसका शीर्षक यहीं था
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वेपिंग कोरोनावायरस होने
की संभावना कम कर देता है
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तो सबसे आसान चीजों में से एक
जो आप कर सकते हैं वह है एक नया टैब खोलना
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और बस एक कीवर्ड खोजना है।
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बड़ी खबरों की तरह।
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तो, यहाँ हमारे पास है
वापिंग कोरोनावायरस को कम करता है।
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वास्तव में, जब आप
इस स्क्रीन पर एक नज़र डालें,
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इनमें से बहुत सी सुर्खियां कह रही
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उसके ठीक उल्टा बता रहे है
जो उनका दावा था।
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वही पहली वेबसाइट हमें
श्वसन लक्षणों की रिपोर्ट बताती है
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ई-सिगरेट पीने वालों को
संवेदनशीलता और/या सुधार में देरी
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श्वसन संक्रमण से हो सकती है।
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ऐसा लगता है के इससे
किसी का कोई भला नही हो रहा है
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चूंकि वापिंग ई-सिगरेट का एक रूप है,
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और कोरोनावायरस श्वसन संक्रमण का एक रूप है।
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तो, मैंने दूसरी लिंक पर एक नज़र डाली।
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यह लेख नैशनल इन्स्टिटूट
ऑन ड्रग अब्यूस संस्थान से है
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हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि
जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से है
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इस सूत्र ने कहा कि सबूतों से
पता चलता है कि एरोसोल के संपर्क में
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ई-सिगरेट
फेफड़े की कोशिकाएं
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और उसकी क्षमता को कम करता है
संक्रमण के बचाव के वक़्त।
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तो फिर, ऐसा लगता है
वेपिंग, वास्तव में,
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कोरोनावायरस को बदतर कर देता है।
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तो सच्चाई यह है
कि यह टिकटोक वैध नहीं है।
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वो टिकटॉक शायद
बहुत से लोगों ने देखा,
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और यक़ीन भी किया होगा
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ग़लत सूचनाओं की क़ीमत
ये ही होती है।
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लोग गलत बातों पर विश्वास
करना शुरू कर देते हैं
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और उस पर अम्ल करने लगते हैं
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उन्हें लगता है वेपिंग
संभावना को कम करेगा,
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इसे करना शुरू कर देंगे।
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तो, गलत सूचना के कुछ
घातक परिणाम हो सकते हैं।
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अगर आपको लगता है
ये अलग या ग़लत है,
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तो इसे शेयर ना करें।
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गलत सूचना न फैलाएं।
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पिछले कुछ वर्षों में,
यह टीन फ़ैक्ट-चेकिंग नेटवर्क ने
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200 से अधिक पोस्ट की घोषणा की है,
जो या तो वैध या वैध नहीं है।
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कहाँ से शुरू करना है
उनके पास कुछ अच्छी समझ और सलाह है।
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फ़ैक्ट चेक पर कभी काम नहीं किया,
मैं कहूंगा ...
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मैं सबसे पहले ये देखूँगी के
ये विश्वसनीय स्रोत से आ रहा है,
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और अगर व्यक्ति आपके प्रतिक्रिया के लिए
बुरी भाषा इस्तेमाल कर रहा है।
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सिर्फ एक स्रोत पर भरोसा न करें।
ये करना ठीक नही है।
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ज़रूरी है के बहुत सारे
स्रोतों पर भरोसा करें।
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अब मैं ऐसा नही करता और जो कुछ
भी पढ़ता हूं उस पर विश्वास नहीं करता।
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हम जो पढ़ते हैं वो हमारे नज़रिया और
परस्पर संबंधो को आकार देता है।
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यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि जो हम
शेयर कर रहे है वो सटीक है,
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इससे सिर्फ़ हमारा फायदा नही है,
बल्कि पूरी दुनिया को फायदा पहुंचाता है।
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ये किशोर, जो लगातार गलत
सूचना का निशाना बन रहे है
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और इंटरनेट के सबसे ग़लत
इस्तेमाल को देख रहे है
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पर बहुत से लोग ऐसे भी हैं
जो मुस्कान के साथ काम कर रहे है ।
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यह देख के बहुत अच्छा लग रहा है।
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किशोर बड़े हो रहे हैं
सोशल मीडिया और तकनीकी के साथ।
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जो मेरे जैसे उम्रदराज़ लोग,
के समझ के परे है,
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इसका ये मतलब नहीं है
कि वे इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं
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समझदारी से और संतुलित तरीके से।
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हमारी महत्वाकांक्षाएं हैं
और हमारी आकांक्षाएं हैं,
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हम इसे या तो कम आंकते है
या नजरअंदाज करते है
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हम हमेशा अपने फोन पर नहीं होते।
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मेरा मतलब है कि
फोन काफ़ी काम आता है
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फ़ैक्ट-चेकिंग के लिए
जो लोगों के हित में है।
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हम इतना समय ऑनलाइन होते हैं
मतलब यह समय की बर्बादी नही है
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काश लोगों को पता होता
कि हमें दुनिया की कितनी परवाह है।
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काश लोगों को पता होता
हम एक दूसरे की परवाह करते हैं।
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ये बताने का हमारा तरीक़ा अलग हैं
इस तकनीक के कारण
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जिसके साथ हम बड़े हुए हैं,
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लेकिन हम इस दुनिया की परवाह करते हैं
और इसे सभी के लिए बेहतर बना रहे है।
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तो, आइए एक-दो बातें सीखते हैं
इस नई पीढ़ी से।
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फेक न्यूज न फैलाएं।
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इसे असली बनाए रखें!
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अगली बार तक।
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मैं हूं हरि श्रीनिवासन,
और यह टेक ऑन फेक है।