इंटरनेट: साइबर सुरक्षा और अपराध नमस्ते, मेरा नाम जेनी मार्टिन और मैं सिमेंटेक में साइबर सुरक्षा जांच की निदेशक हूँ। आज साइबर क्राइम समाज के लिए व्यक्तिगत रूप से, आर्थिक रूप से और यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों क्रेडिट कार्ड नंबर चोरी हुए, लाखों सोशल सिक्योरिटी नंबर और हेल्थकेयर रिकॉर्ड्स से छेड़छाड़ की गई, यहां तक कि परमाणु सेंट्रीफ्यूज और मानव रहित एरियल ड्रोन को हैक किया गया है। यह सब हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का फायदा उठाकर या सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने वाले लोगों द्वारा अंजाने में लिए गए अनजाने फैसलों का लाभ उठाकर किया जाता है। इन साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले का कोई एक प्रोफाइल नहीं होता, वह कोई भी हो सकता है, अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी से लेकर किशोर तक, जो अपनी धाक जमाने के लिए ऐसा कर रहा हो। आज सबसे बड़े देशों में न केवल एक सामान्य सेना है, बल्कि एक अच्छी तरह से सशस्त्र साइबर सेना भी है। वास्तव में अगला विश्व युद्ध पारंपरिक हथियारों से नहीं बल्कि राष्ट्रीय जल आपूर्ति, एनर्जी ग्रिड और परिवहन प्रणालियों को बंद करने में इस्तेमाल किये जाने वाले कंप्यूटरों से लड़ा जाएगा। नमस्ते, मेरा नाम परिसा है और मैं गूगल सिक्योरिटी प्रिंसेस हूँ। मैंने बहुत से अलग-अलग उत्पादों और विभिन्न तरीकों पर काम करने की कोशिश की है, ताकि हमारे सॉफ़्टवेयर को यथासंभव सुरक्षित बना सकूँ। अब आइए एक नजर डालते हैं कि साइबर क्राइम कैसे काम करता है, हम सॉफ्टवेयर वायरस, सेवा से इंकार करने संबंधी हमले और फ़िशिंग स्कैम के बारे में जानेंगे। जीव विज्ञान और जीवन में, वायरस एक जीव (ऑर्गनिज़म)है, जो खांसने, छींकने या शारीरिक संपर्क से फैलता है। वायरस कोशिकाओं को संक्रमित करने, उनकी आनुवंशिक सामग्री को इंजेक्ट करने और रेप्लिकेट करने के लिए उन कोशिकाओं का इस्तेमाल करके काम करते हैं। वे लोगों को बीमार कर सकते हैं और फिर अन्य लोगों में फैल सकते हैं। कंप्यूटर वायरस लगभग ऐसी ही काम करता है। वायरस एक निष्पादन योग्य प्रोग्राम है, जो स्थापित हो जाता है, आमतौर पर अनजाने में, और उपयोगकर्ता और उसके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाता है। वायरस खुद अन्य कंप्यूटरों में भी फैल सकता है। अब, वायरस पहली बार आपके कंप्यूटर में कैसे पहुँचता है? कुछ तरीके हैं जिनके द्वारा कोई हमलावर किसी के कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है। वे प्रोग्राम के असल उद्देश्य को छिपाते हुए पीड़ित को प्रोग्राम स्थापित करने के लिए कोई लालच दे सकते हैं, उदाहरण के तौर पर कई वायरस सुरक्षा अपडेट के रूप में छिपे होते हैं। यह भी संभव है कि आपके कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर कमजोर हो, और इसलिए हमलावर बिना स्पष्ट अनुमति के भी स्थापित कर सकता है। वायरस के आपके कंप्यूटर में प्रवेश करने के बाद, यह आपकी किसी भी फाइल को चुरा या हटा सकता है, अन्य प्रोग्रामों को नियंत्रित कर सकता है, या किसी दूसरे व्यक्ति को दूरस्थ रूप से आपके कंप्यूटर को नियंत्रित करने की अनुमति भी दे सकता है। कंप्यूटर वायरस इस्तेमाल करते हुए, हैकर्स हमला करने और वेबसाइटों को बाधित करने के लिए दुनिया भर के लाखों कंप्यूटरों पर कब्ज़ा जमा सकते हैं और फिर उन्हें एक डिजिटल सेना के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह के हमले को डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ़ सर्विस कहा जाता है। सेवा से इनकार तब होता है जब हैकर्स बहुत अधिक अनुरोधों के साथ किसी वेबसाइट को ओवर्वेल्म करते हैं। जब हमला एक साथ कई कंप्यूटरों से होता है, तो हम इसे डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ़ सर्विस कहते हैं। अधिकांश वेबसाइटें एक दिन में लाखों अनुरोधों का जवाब देने के लिए तैयार होती हैं, लेकिन यदि आप विभिन्न स्थानों से अरबों या खरबों अनुरोध भेजते हैं, तो कंप्यूटरों पर ज़रूरत से ज्यादा भार हो जाता है और वह काम करना बंद कर देते हैं। इसके अलावा, साइबर अपराधी बड़े पैमाने पर स्पैम ईमेल भेजते हैं, ताकि लोगों को संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी साझा करने के लिए फंसाया जा सके। इसे फिशिंग स्कैम कहा जाता है। फिशिंग स्कैम तब होता है जब आपको भरोसेमंद ईमेल की तरह प्रतीत होता एक मेल मिलता है, जिसमें आपसे अपने खाते में लॉग इन करने को कहा जाता है, लेकिन क्लिक करते ही आपको किसी फर्जी वेबसाइट पर ले जाया जाता है। यदि आप किसी भी तरह से लॉग इन करते हैं, तो आप हमलावर के जाल में फंसकर उसे अपना पासवर्ड दे बैठते हैं। इसके बाद हैकर्स जानकारी को चुराने के लिए या शायद आपके पैसे चुराने के लिए आपके वास्तविक खातों को एक्सेस करने के लिए आपके लॉगिन क्रेडेंशियल इस्तेमाल कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि इंटरनेट को सुरक्षित बनाने के लिए कई कंपनियां, कानून और सरकारी संगठन काम कर रहे हैं, लेकिन ये प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। आप यह मान सकते हैं कंप्यूटर सिस्टम के हैक होने पर समस्या सुरक्षा डिजाइन या सॉफ्टवेयर की थी। हालाँकि, नब्बे प्रतिशत सिस्टम सुरक्षा बग के कारण नहीं, बल्कि मानव द्वारा की गई एक साधारण सी गलती के चलते हैक होते हैं। इससे पता चलता है कि ऐसे कदम हैं, जो हम सभी अपनी रक्षा के लिए उठा सकते हैं। अक्सर आपके कार्य न केवल आपके डेटा और कंप्यूटर की सुरक्षा को प्रभावित करते हैं, बल्कि आपके स्कूल, कार्यस्थल और घर पर सभी की सुरक्षा को भी प्रभावित करते हैं। दांव पर लगे अरबों या खरबों डॉलर के साथ साइबर अपराधी हर साल होशियार बनते जा रहे हैं और हमें उनकी रफ्तार की बराबरी करनी पड़ेगी।