1 00:00:00,984 --> 00:00:03,256 इस साल अपनी बेटियों को बताइए, 2 00:00:03,280 --> 00:00:05,376 कैसे हम काॅफी की तलब करते हुए उठे 3 00:00:05,400 --> 00:00:09,216 लेकिन उसकी जगह सुबह के अखबारों में बिखरी लाशें पाई, 4 00:00:09,240 --> 00:00:14,040 हमारी बहनों, पतियों या पत्नियों, छोटे बच्चों की जलग्रस्त प्रतिकृतियाँ 5 00:00:14,600 --> 00:00:18,216 इस साल जब आपकी बच्ची पूछे, जो उसे ज़रूर करना चहिए, 6 00:00:18,240 --> 00:00:19,816 उसे बताइए इसे आने में देर हो गई 7 00:00:19,840 --> 00:00:24,296 स्वीकार कीजिए कि जिस साल हमें आज़ादी मिली, तब भी हम पूरे तौर से उसके मालिक नही बने 8 00:00:24,320 --> 00:00:27,136 तब भी कानून थे कि हम अपने निजी हिस्सों का किस तरह वापर करें 9 00:00:27,160 --> 00:00:29,656 जब वह हमारे कोमल सिलवटों को छूते रहे, 10 00:00:29,680 --> 00:00:32,415 बिना हमारी इजाज़त की फ़िक्र किए 11 00:00:32,439 --> 00:00:35,056 मर्दों पर लागू होने वाले कोई कानून नहीं बनाए गए 12 00:00:35,080 --> 00:00:37,496 हमें बचना सिखाया गया था, 13 00:00:37,520 --> 00:00:40,136 इंतज़ार करना, डरना, छिपना सिखाया गया 14 00:00:40,160 --> 00:00:43,056 और भी रुकना, अभी तक रुकना 15 00:00:43,080 --> 00:00:44,960 हमे बताया कि हम खामोश रहें 16 00:00:45,440 --> 00:00:47,696 पर इस युद्ध-काल में अपनी बच्चियों को बताइए 17 00:00:47,720 --> 00:00:50,296 एक साल, पिछले हज़ारों की तरह ही, बीत गया 18 00:00:50,320 --> 00:00:52,576 तो पिछले दो दशकों से, 19 00:00:52,600 --> 00:00:54,136 हमने अपनी आँखें पोंछ दी, 20 00:00:54,160 --> 00:00:56,056 ध्वजों के संदूकों से सजी, 21 00:00:56,080 --> 00:00:58,256 क्लब के मौका-ए-वारदात को खाली कर दिया, 22 00:00:58,280 --> 00:00:59,576 सड़क पर चीखें, 23 00:00:59,600 --> 00:01:02,896 अपने जिस्मों को ज़मीन पर लिटाया, हमारे शहीदों के शवों के पास, 24 00:01:02,920 --> 00:01:04,855 रोये, "बेशक हम मायने रखते थे," 25 00:01:04,879 --> 00:01:06,256 गुमशुदाओं के लिए इबादत की 26 00:01:06,280 --> 00:01:07,880 इस साल औरतें रोयी हैं 27 00:01:08,440 --> 00:01:09,656 रोयी हैं वे। 28 00:01:09,680 --> 00:01:12,136 उस ही साल, हम तैयार हुए । 29 00:01:12,160 --> 00:01:15,256 जिस साल हमने अपना खौफ़ खोया, और हिम्मती बेपरवाही के साथ चलें 30 00:01:15,280 --> 00:01:17,776 उस ही साल हमने बंदूकों को डटकर देखा 31 00:01:17,800 --> 00:01:20,136 आसमान के सारसों के गीत गाए, झुके और टाला 32 00:01:20,160 --> 00:01:22,450 हिजाबों में सोना पकड़ा, मौत की धमकियाँ इकट्ठा की, 33 00:01:22,450 --> 00:01:23,810 खुदको देशभक्त के नाम से जाना 34 00:01:23,810 --> 00:01:27,330 कहा, "हम अब 35 के हुए हैं, वक्त आ गया है घर बसाने का, अपना साथी ढूँढने का," 35 00:01:27,330 --> 00:01:30,676 बच्चे-सी खुशी के लिए सड़कों के नक्शे बनाए, सिर्फ़ डर को शर्मिंदा किया, 36 00:01:30,676 --> 00:01:32,656 खुदको मोटा बुलाया, जिसका मतलब, ज़ाहिर है, 37 00:01:32,680 --> 00:01:33,896 कमाल था. 38 00:01:33,920 --> 00:01:35,856 इस साल, हम औरतें थी, 39 00:01:35,880 --> 00:01:37,656 न किसी की दुल्हन, न कोई ज़ेवर 40 00:01:37,680 --> 00:01:39,176 न कोई नीच लिंग 41 00:01:39,200 --> 00:01:41,336 न कोई रियायत,बल्कि औरते 42 00:01:41,360 --> 00:01:42,656 अपने बच्चों को सिखाएं। 43 00:01:42,680 --> 00:01:46,056 उन्हें याद दिलाइए कि सीधी-सादी बनी और नीच बने रहने का साल बीत चुका है 44 00:01:46,080 --> 00:01:48,696 हम में से कुछ ने पहली दफा कहा कि हम औरतें हैं 45 00:01:48,720 --> 00:01:51,096 एकता की इस शपथ को सच-मुच माना 46 00:01:51,120 --> 00:01:53,376 हम में से कुछ को बच्चे हुए और कुछ को नहीं हुए 47 00:01:53,400 --> 00:01:55,816 और हम में से किसी ने नहीं पूछा कि क्या इससे हम असली 48 00:01:55,840 --> 00:01:57,616 या माकूल या सच हुए 49 00:01:57,640 --> 00:01:59,776 जब वह इस साल के बारे में आप से पूछेगी, 50 00:01:59,800 --> 00:02:02,705 आपकी बेटी, क्या आपकी औलाद है, या आपके जीत की वारिस 51 00:02:02,729 --> 00:02:05,736 उसका के दिलासा देनेवाले इतिहास , जो औरतों की ओर लड़खड़ा रहा है 52 00:02:05,760 --> 00:02:08,056 उसे ताज्जुब होगा और वह उत्सुकता से पूछेगी, 53 00:02:08,080 --> 00:02:10,015 भले उसे आपकी कुरबानी का एहसास नही होगा, 54 00:02:10,039 --> 00:02:12,816 पर आपके अंदाज़े को वह पाक मानेगी 55 00:02:12,840 --> 00:02:15,336 जिज्ञासा से पूछते, "आप कहाँ थी? 56 00:02:15,360 --> 00:02:18,376 क्या आप लड़ी? क्या आप डरी हुई थी या डरानेवाली थी? 57 00:02:18,400 --> 00:02:20,256 दीवारों पर आपके अफसोस का रंग कैसे लगा? 58 00:02:20,280 --> 00:02:22,936 जब वक्त था उस साल आपने औरतों के लिए क्या किया? 59 00:02:22,960 --> 00:02:25,856 यह रास्ता आपने मेरे लिए बनाया, कौन सी हड्डियों को टूटना पड़ा? 60 00:02:25,880 --> 00:02:28,136 क्या आपने काफ़ी कर लिया, क्या आप ठीक हो, माँ? 61 00:02:28,160 --> 00:02:29,376 और क्या आप एक हीरो हो?" 62 00:02:29,400 --> 00:02:31,816 वो मुशकिल सवाल पूछेगी 63 00:02:31,840 --> 00:02:34,016 उसे परवाह नहीं होगी आप की भृकुटि के वक्र की 64 00:02:34,040 --> 00:02:35,296 आप की पकड़ के वज़न की 65 00:02:35,320 --> 00:02:36,976 आप के उल्लेख सम्बंधित नहीं पूछगी 66 00:02:37,000 --> 00:02:40,376 आपकी बेटी, जिस के लिए आपने इतना कुछ किया, वो जानना चाहेगी 67 00:02:40,400 --> 00:02:43,896 क्या तोहफा लाये आप, कोनसी रौशनी आपने बुझने से बचायी 68 00:02:43,920 --> 00:02:45,856 जब वह शिकार के लिए रात को आये 69 00:02:45,880 --> 00:02:47,976 तब आप सो रहे थे या जाग गए थे 70 00:02:48,000 --> 00:02:49,656 आपको जागने की क्या कीमत भरनी पड़ी? 71 00:02:49,680 --> 00:02:53,146 इस साल, जब हमने कहा समय आ गया है, आप ने अपने विशेषाधिकार से क्या किया? 72 00:02:53,170 --> 00:02:54,696 दूसरों के घिनोनेपन का घूट पी गए? 73 00:02:54,720 --> 00:02:56,856 क्या आप ने मुह मोड़ा या आग में झाँक के देखा? 74 00:02:56,880 --> 00:02:59,416 क्या आपने अपना हुनर पहचाना या उसे बोझ समझ लिया? 75 00:02:59,440 --> 00:03:02,776 क्या आपके "बुरे" और "दूसरों से कम" उपनामो ने आपको मूर्ख बनाया? 76 00:03:02,800 --> 00:03:05,296 क्या आपने दिल खोल के पढ़ाया या मुट्ठी भींच कर 77 00:03:05,320 --> 00:03:06,536 आप कहाँ थे? 78 00:03:06,560 --> 00:03:08,416 उसे सच बताना अपनी ज़िन्दगी बनाओ 79 00:03:08,440 --> 00:03:10,416 पुष्टि करो कहो "बेटी मैं वहां कड़ी थी" 80 00:03:10,440 --> 00:03:12,656 वह पल मेरे चेहरे पर खंजर की तरह खिंचा है 81 00:03:12,680 --> 00:03:14,016 और मैंने उसे पीछे धकेला 82 00:03:14,040 --> 00:03:15,456 काट कर तुम्हारे लिए जगह बनाई 83 00:03:15,480 --> 00:03:18,296 सच बताओ किस तरह हर कुटिल परिस्थिति के बावजूद 84 00:03:18,320 --> 00:03:19,576 आप बाहादुर थे 85 00:03:19,600 --> 00:03:21,936 और हमेशा बहादुरों के साथ खड़े थे 86 00:03:21,960 --> 00:03:24,256 खासकर उन दिनों जब आप अकेले ही थे 87 00:03:24,280 --> 00:03:26,256 वह भी आप की तरह ही पैदा हुई 88 00:03:26,280 --> 00:03:28,896 जैसे आप की माँ और उनके साथ आपकी बहनें 89 00:03:28,920 --> 00:03:31,016 बहादुरों के समय, हमेशा की तरह 90 00:03:31,040 --> 00:03:33,736 उसे बताओ की वह सही समय पर पैदा हुई थी 91 00:03:33,760 --> 00:03:35,040 सही समय पर 92 00:03:35,520 --> 00:03:36,736 नेतृत्व करने के लिए 93 00:03:36,760 --> 00:03:44,096 (तालियाँ)