इतिहास का पहला राज्य एक सूखे रेगिस्तान से उभरा जहां बारिश के बिना फसलें नहीं उगती थी न इमारतें बनाने को पेड़ और पत्थर थे. इस सब के बावजूद यहाँ के नागरिकों ने विश्व के सबसे पहले शहर की स्थापना की इस शहर में भव्य वास्तु कला थी और बहुत बड़ी लोकसंख्या थी. ये शहर पूरी तरह से मिट्टी का बना था. सुमेर इराक के दक्षिणी भाग में स्थित था. उस भाग को मेसोपोटामिया कहते हैं. मेसोपोटामिया का अर्थ है दो नदियों के बीच में टिगरिस और यूफ्रेटीज 5000 इसा पूर्व में सुमेर वासी सिंचाई, बांध और जलाशय बना रहे थे, ताकि पानी का पुनर्निर्देशन करके सुखी ज़मीन तक पहुंचाया जा सके इस तरह के कृषि समुदाय धीरे धीरे सब जगह उभर रहे थे. पर सुमेर वासी पहले थे जिन्होंने अगला कदम उठाया नदी की मिट्टी से बनी ईटों से उन्होंने बहु मंजिला घर और मंदिर बनाये. पहिये का अविष्कार किया कुम्हार का चाक जिससे मिटटी के घरेलु सामान और हथियार बनाये. इन्ही ईटों से दुनिया का पहला शहर बनाया गया. 4500 इसा पूर्व में शहर की सामाजिक सिढ़ी में सबसे ऊपर थे पुजारी उन्हें कुलीन माना जाता था. फिर आते थे व्यापारी, कलाकार और किसान और आखिर में आते थे ग़ुलाम सुमेर साम्राज्य में कई छोटे नगर थे वे स्वयं छोटे साम्राज्य थे. वे आपस में भाषा और आध्यात्मिक विचारों से जुड़े थे. पर उनपर केंद्रीय नियंत्रण नहीं था. सबसे पहले शहर थे उरुक ,उर और एरिडु और धीरे धीरे कई नगर उभर आये हर नगर में एक राजा था जो पुजारी और शासक दोनों था. कभी कभी वे आपस में लड़कर नए क्षेत्र जीतते हर शहर में एक संरक्षक देवता था जो उस शहर का निर्माता माना जाता था शहर की सबसे महत्वपूर्ण ईमारत उस देवता का मंदिर थी ज़िग्गराट एक ऐसा मंदिर था जिसका निर्माण पिरामिड की तरह किया गया था 3200 इसा पूर्व में सुमेर वासी अपनी पहुंच बढ़ाने लगे कुम्हार के चाक का इस्तेमाल रथों और गाड़ियों में होने लगा ईख और खजूर के पत्तों से नौकाएं बनने लगी नावों की पाल उन्हें दूर दिशाओं में लेने जाने लगीं सीमित संसाधन से जूझने के लिए उन्होंने व्यापर तंत्र का नियोजन किया अनातोलिया ईजिप्ट और इथिओपिया के साथ वे सोना चांदी लापीस लाजुली और देवदार की लकड़ी आयात करने लगे व्यापर एक प्रेरणा थी दुनिया की पहली लेखन प्रणाली के लिए इसकी शुरुआत व्यापारियों के लेखे जोखे से हुई. दूसरे शहरों के व्यापारियों से व्यापर करते हुए कुछ सदियों बाद यह चित्रलेख प्रणाली जिसे कुनीफॉर्म कहा जाता था एक लिपि में परिवर्तित हो गयी उन्होंने सबसे पहले लिखित कानून तैयार किये और पहली शिक्षण प्रणाली बनायी जिसमे लिखाई की कला सिखाई जाती थी उन्होंने कुछ कम रोमांचक आविष्कार किये जैसे नौकरशाही और कर शालाओं में मुंशी सुबह से शाम तक पढ़ते थे. बचपन से वयस्क होने तक वे लेखांकन और गणित सीखते साहित्य की नकल के काम करते भजन, मिथक, कहावत, जानवर कल्पित और जादू मंत्र और पहला महाकाव्य मिटटी की पट्टियों पर लिखते इनमे से कुछ पत्तियों पे गिलगमेश की कहानी थी उरुक का राजा जिसपर कई कल्पित रचे गए हैं 3000 इसा पूर्व तक सुमेर अकेला साम्राज्य नहीं था न ही मेसोपोटामिया उत्तर और पूर्व से कई बंजारे इस भाग में आये इन में से कई सुमेर वासियों की इज़्ज़त करते और उनकी जीवनशैली अपनाते और उनकी लिपि से अपनी भाषाएं लिखते 2300 इसा पूर्व में अक्कादिअन सार्गोन ने सुमेर के सारे नगर जीत लिए पर सारगोन सुमेर संस्कृती की इज़्ज़त करता था और कई सदियों तक अक्कादी और सुमेर संस्कृतियाँ साथ में पनपीं बाकी हमलावर समूह लूटपाट और तबाही पर ही ध्यान देते हालांकि सुधार की संस्कृति का प्रसार हो रहा था कई आक्रमणों ने 1750 इसा पूर्व तक सुमेर के लोगों का विनाश कर दिया बादमे सुमेर रेगिस्तान की मिटटी में मिल गया और उन्नीसवीं शताब्दी तक फिरसे नहीं खोजा गया पर सुमेर संस्कृति हज़ारो सालो तक जीवित रही पहले अक्कादियों फिर अस्सीरियों और फिर बेबीलोनिया के ज़रिये बेबीलोनिया ने सुमेरी आविष्कारों को हिब्रू ग्रीक और रोमन संस्कृतियों तक पहुंचाया उनमे से कुछ आज तक जीवित हैं