[Script Info] Title: [Events] Format: Layer, Start, End, Style, Name, MarginL, MarginR, MarginV, Effect, Text Dialogue: 0,0:00:07.69,0:00:13.01,Default,,0000,0000,0000,,इतिहास का पहला राज्य\Nएक सूखे रेगिस्तान से उभरा Dialogue: 0,0:00:13.01,0:00:18.79,Default,,0000,0000,0000,,जहां बारिश के बिना फसलें नहीं उगती थी\Nन इमारतें बनाने को पेड़ और पत्थर थे. Dialogue: 0,0:00:18.79,0:00:24.14,Default,,0000,0000,0000,,इस सब के बावजूद यहाँ के नागरिकों ने\Nविश्व के सबसे पहले शहर की स्थापना की Dialogue: 0,0:00:24.14,0:00:28.23,Default,,0000,0000,0000,,इस शहर में भव्य वास्तु कला थी \Nऔर बहुत बड़ी लोकसंख्या थी. Dialogue: 0,0:00:28.23,0:00:32.54,Default,,0000,0000,0000,,ये शहर पूरी तरह से मिट्टी का बना था. Dialogue: 0,0:00:32.54,0:00:36.05,Default,,0000,0000,0000,,सुमेर इराक के दक्षिणी भाग में स्थित था. Dialogue: 0,0:00:36.05,0:00:38.75,Default,,0000,0000,0000,,उस भाग को मेसोपोटामिया कहते हैं. Dialogue: 0,0:00:38.75,0:00:41.93,Default,,0000,0000,0000,,मेसोपोटामिया का अर्थ है \Nदो नदियों के बीच में Dialogue: 0,0:00:41.93,0:00:44.89,Default,,0000,0000,0000,,टिगरिस और यूफ्रेटीज Dialogue: 0,0:00:44.89,0:00:52.03,Default,,0000,0000,0000,,5000 इसा पूर्व में सुमेर वासी सिंचाई, \Nबांध और जलाशय बना रहे थे, Dialogue: 0,0:00:52.03,0:00:58.46,Default,,0000,0000,0000,,ताकि पानी का पुनर्निर्देशन करके \Nसुखी ज़मीन तक पहुंचाया जा सके Dialogue: 0,0:00:58.46,0:01:02.98,Default,,0000,0000,0000,,इस तरह के कृषि समुदाय\Nधीरे धीरे सब जगह उभर रहे थे. Dialogue: 0,0:01:02.98,0:01:06.77,Default,,0000,0000,0000,,पर सुमेर वासी पहले थे \Nजिन्होंने अगला कदम उठाया Dialogue: 0,0:01:06.77,0:01:09.34,Default,,0000,0000,0000,,नदी की मिट्टी से बनी ईटों से Dialogue: 0,0:01:09.34,0:01:13.34,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने बहु मंजिला घर और मंदिर बनाये. Dialogue: 0,0:01:13.34,0:01:14.60,Default,,0000,0000,0000,,पहिये का अविष्कार किया Dialogue: 0,0:01:14.60,0:01:19.61,Default,,0000,0000,0000,,कुम्हार का चाक जिससे मिटटी के \Nघरेलु सामान और हथियार बनाये. Dialogue: 0,0:01:19.61,0:01:23.90,Default,,0000,0000,0000,,इन्ही ईटों से दुनिया \Nका पहला शहर बनाया गया. Dialogue: 0,0:01:23.90,0:01:27.69,Default,,0000,0000,0000,,4500 इसा पूर्व में Dialogue: 0,0:01:27.69,0:01:32.25,Default,,0000,0000,0000,,शहर की सामाजिक सिढ़ी में\Nसबसे ऊपर थे पुजारी Dialogue: 0,0:01:32.25,0:01:34.38,Default,,0000,0000,0000,,उन्हें कुलीन माना जाता था. Dialogue: 0,0:01:34.38,0:01:40.06,Default,,0000,0000,0000,,फिर आते थे व्यापारी, कलाकार और किसान \Nऔर आखिर में आते थे ग़ुलाम Dialogue: 0,0:01:40.06,0:01:43.90,Default,,0000,0000,0000,,सुमेर साम्राज्य में कई छोटे नगर थे Dialogue: 0,0:01:43.90,0:01:46.51,Default,,0000,0000,0000,,वे स्वयं छोटे साम्राज्य थे. Dialogue: 0,0:01:46.51,0:01:49.89,Default,,0000,0000,0000,,वे आपस में भाषा और \Nआध्यात्मिक विचारों से जुड़े थे. Dialogue: 0,0:01:49.89,0:01:52.53,Default,,0000,0000,0000,,पर उनपर केंद्रीय नियंत्रण नहीं था. Dialogue: 0,0:01:52.53,0:01:56.88,Default,,0000,0000,0000,,सबसे पहले शहर थे उरुक ,उर और एरिडु Dialogue: 0,0:01:56.88,0:01:59.72,Default,,0000,0000,0000,,और धीरे धीरे कई नगर उभर आये Dialogue: 0,0:01:59.72,0:02:04.64,Default,,0000,0000,0000,,हर नगर में एक राजा था \Nजो पुजारी और शासक दोनों था. Dialogue: 0,0:02:04.64,0:02:09.03,Default,,0000,0000,0000,,कभी कभी वे आपस में लड़कर नए क्षेत्र जीतते Dialogue: 0,0:02:09.03,0:02:14.74,Default,,0000,0000,0000,,हर शहर में एक संरक्षक देवता था \Nजो उस शहर का निर्माता माना जाता था Dialogue: 0,0:02:14.74,0:02:19.90,Default,,0000,0000,0000,,शहर की सबसे महत्वपूर्ण ईमारत\Nउस देवता का मंदिर थी Dialogue: 0,0:02:19.90,0:02:24.48,Default,,0000,0000,0000,,ज़िग्गराट एक ऐसा मंदिर था \Nजिसका निर्माण पिरामिड की तरह किया गया था Dialogue: 0,0:02:24.48,0:02:30.03,Default,,0000,0000,0000,,3200 इसा पूर्व में सुमेर वासी \Nअपनी पहुंच बढ़ाने लगे Dialogue: 0,0:02:30.03,0:02:34.30,Default,,0000,0000,0000,,कुम्हार के चाक का इस्तेमाल \Nरथों और गाड़ियों में होने लगा Dialogue: 0,0:02:34.30,0:02:37.78,Default,,0000,0000,0000,,ईख और खजूर के पत्तों से नौकाएं बनने लगी Dialogue: 0,0:02:37.78,0:02:42.98,Default,,0000,0000,0000,,नावों की पाल उन्हें \Nदूर दिशाओं में लेने जाने लगीं Dialogue: 0,0:02:42.98,0:02:46.54,Default,,0000,0000,0000,,सीमित संसाधन से जूझने के लिए उन्होंने \Nव्यापर तंत्र का नियोजन किया Dialogue: 0,0:02:46.54,0:02:51.18,Default,,0000,0000,0000,,अनातोलिया ईजिप्ट और इथिओपिया के साथ Dialogue: 0,0:02:51.18,0:02:57.78,Default,,0000,0000,0000,,वे सोना चांदी लापीस लाजुली और \Nदेवदार की लकड़ी आयात करने लगे Dialogue: 0,0:02:57.78,0:03:00.24,Default,,0000,0000,0000,,व्यापर एक प्रेरणा थी Dialogue: 0,0:03:00.24,0:03:03.98,Default,,0000,0000,0000,,दुनिया की पहली लेखन प्रणाली के लिए Dialogue: 0,0:03:03.98,0:03:07.18,Default,,0000,0000,0000,,इसकी शुरुआत व्यापारियों के \Nलेखे जोखे से हुई. Dialogue: 0,0:03:07.18,0:03:09.88,Default,,0000,0000,0000,,दूसरे शहरों के व्यापारियों से \Nव्यापर करते हुए Dialogue: 0,0:03:09.88,0:03:13.74,Default,,0000,0000,0000,,कुछ सदियों बाद यह चित्रलेख प्रणाली Dialogue: 0,0:03:13.74,0:03:17.08,Default,,0000,0000,0000,,जिसे कुनीफॉर्म कहा जाता था \Nएक लिपि में परिवर्तित हो गयी Dialogue: 0,0:03:17.08,0:03:20.02,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने सबसे पहले लिखित कानून तैयार किये Dialogue: 0,0:03:20.02,0:03:24.81,Default,,0000,0000,0000,,और पहली शिक्षण प्रणाली बनायी \Nजिसमे लिखाई की कला सिखाई जाती थी Dialogue: 0,0:03:24.81,0:03:31.32,Default,,0000,0000,0000,,उन्होंने कुछ कम रोमांचक आविष्कार किये \Nजैसे नौकरशाही और कर Dialogue: 0,0:03:31.32,0:03:34.84,Default,,0000,0000,0000,,शालाओं में मुंशी सुबह से शाम तक पढ़ते थे. Dialogue: 0,0:03:34.84,0:03:37.63,Default,,0000,0000,0000,,बचपन से वयस्क होने तक Dialogue: 0,0:03:37.63,0:03:42.00,Default,,0000,0000,0000,,वे लेखांकन और गणित सीखते \Nसाहित्य की नकल के काम करते Dialogue: 0,0:03:42.00,0:03:47.42,Default,,0000,0000,0000,,भजन, मिथक, कहावत, जानवर कल्पित\Nऔर जादू मंत्र Dialogue: 0,0:03:47.42,0:03:50.84,Default,,0000,0000,0000,,और पहला महाकाव्य\Nमिटटी की पट्टियों पर लिखते Dialogue: 0,0:03:50.84,0:03:54.14,Default,,0000,0000,0000,,इनमे से कुछ पत्तियों पे \Nगिलगमेश की कहानी थी Dialogue: 0,0:03:54.14,0:03:59.77,Default,,0000,0000,0000,,उरुक का राजा जिसपर कई कल्पित रचे गए हैं Dialogue: 0,0:03:59.77,0:04:05.89,Default,,0000,0000,0000,,3000 इसा पूर्व तक \Nसुमेर अकेला साम्राज्य नहीं था Dialogue: 0,0:04:05.89,0:04:08.12,Default,,0000,0000,0000,,न ही मेसोपोटामिया Dialogue: 0,0:04:08.12,0:04:13.66,Default,,0000,0000,0000,,उत्तर और पूर्व से कई बंजारे \Nइस भाग में आये Dialogue: 0,0:04:13.66,0:04:17.66,Default,,0000,0000,0000,,इन में से कई सुमेर वासियों की इज़्ज़त करते \Nऔर उनकी जीवनशैली अपनाते Dialogue: 0,0:04:17.66,0:04:21.66,Default,,0000,0000,0000,,और उनकी लिपि से अपनी भाषाएं लिखते Dialogue: 0,0:04:21.66,0:04:29.03,Default,,0000,0000,0000,,2300 इसा पूर्व में अक्कादिअन सार्गोन ने \Nसुमेर के सारे नगर जीत लिए Dialogue: 0,0:04:29.03,0:04:31.70,Default,,0000,0000,0000,,पर सारगोन सुमेर संस्कृती की \Nइज़्ज़त करता था Dialogue: 0,0:04:31.70,0:04:37.26,Default,,0000,0000,0000,,और कई सदियों तक अक्कादी और \Nसुमेर संस्कृतियाँ साथ में पनपीं Dialogue: 0,0:04:37.26,0:04:41.38,Default,,0000,0000,0000,,बाकी हमलावर समूह लूटपाट और तबाही\Nपर ही ध्यान देते Dialogue: 0,0:04:41.38,0:04:43.84,Default,,0000,0000,0000,,हालांकि सुधार की संस्कृति का \Nप्रसार हो रहा था Dialogue: 0,0:04:43.84,0:04:51.74,Default,,0000,0000,0000,,कई आक्रमणों ने 1750 इसा पूर्व तक \Nसुमेर के लोगों का विनाश कर दिया Dialogue: 0,0:04:51.74,0:04:55.94,Default,,0000,0000,0000,,बादमे सुमेर \Nरेगिस्तान की मिटटी में मिल गया Dialogue: 0,0:04:55.94,0:05:00.04,Default,,0000,0000,0000,,और उन्नीसवीं शताब्दी तक \Nफिरसे नहीं खोजा गया Dialogue: 0,0:05:00.04,0:05:04.04,Default,,0000,0000,0000,,पर सुमेर संस्कृति हज़ारो सालो तक जीवित रही Dialogue: 0,0:05:04.04,0:05:09.16,Default,,0000,0000,0000,,पहले अक्कादियों फिर अस्सीरियों\Nऔर फिर बेबीलोनिया के ज़रिये Dialogue: 0,0:05:09.16,0:05:13.04,Default,,0000,0000,0000,,बेबीलोनिया ने सुमेरी आविष्कारों को Dialogue: 0,0:05:13.04,0:05:16.80,Default,,0000,0000,0000,,हिब्रू ग्रीक और रोमन संस्कृतियों\Nतक पहुंचाया Dialogue: 0,0:05:16.80,0:05:19.21,Default,,0000,0000,0000,,उनमे से कुछ आज तक जीवित हैं