WEBVTT 00:00:00.000 --> 00:00:03.000 मैं चाहती हुँ आप इस शिशु को देखें 00:00:03.000 --> 00:00:06.000 आप इसकी आखों की ओर आकर्शित होते हैं 00:00:06.000 --> 00:00:09.000 और यह त्वचा जिसे आप छूना चाहेंगे 00:00:09.000 --> 00:00:12.000 पर आज मैं आप से बात करूँगी एसी चीज़ के बारे में जो दिखाई नहीं देती, 00:00:12.000 --> 00:00:15.000 कि उसके नन्हें दिमाग में क्या चल रहा है. 00:00:16.000 --> 00:00:18.000 मस्तिष्क विज्ञान के आधुनिक उपकर्ण 00:00:18.000 --> 00:00:21.000 यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि वहाँ ऊपर क्या चल रहा है 00:00:21.000 --> 00:00:24.000 यह रॉकेट विज्ञान से कम नहीं है. 00:00:24.000 --> 00:00:26.000 और जो हम सीख रहे हैं 00:00:26.000 --> 00:00:28.000 कुछ प्रकाश डालेगा 00:00:28.000 --> 00:00:31.000 उसपर जिसे रोमाँटिक लेखक और कवि 00:00:31.000 --> 00:00:34.000 "दिव्य खुलापन" के रूप में वर्णित करते हैं 00:00:34.000 --> 00:00:36.000 बच्चे के दिमाग के बारे में NOTE Paragraph 00:00:36.000 --> 00:00:38.000 हम यहाँ देख रहे हैं 00:00:38.000 --> 00:00:40.000 भारत में एक माँ, 00:00:40.000 --> 00:00:42.000 और वो कोरो में बात कर रही है 00:00:42.000 --> 00:00:44.000 जो कि एक नई खोजी गई भाषा है 00:00:44.000 --> 00:00:46.000 और वह अपने शिशु से बात कर रही है. 00:00:46.000 --> 00:00:48.000 जो बात यह माँ - 00:00:48.000 --> 00:00:51.000 और दुनिया भर में वो ८०० लोग जो कोरो बोलते हैं - 00:00:51.000 --> 00:00:54.000 समझते हैं कि, इस भाषा को बचाने के लिए, 00:00:54.000 --> 00:00:57.000 उन्हें इसे शिशुओं से बोलने की ज़रुरत है. 00:00:57.000 --> 00:01:00.000 और उसमें एक महत्वपूर्ण पहेली है 00:01:00.000 --> 00:01:02.000 एसा क्यों है कि आप किसी भाषा का संरक्षण नहीं कर सकते 00:01:02.000 --> 00:01:05.000 उसे व्यस्कों से - आपसे और हमसे बोलकर? 00:01:05.000 --> 00:01:08.000 दरअसल इसका संबंध आपके दिमाग से है. 00:01:08.000 --> 00:01:10.000 जो हम यहाँ देख रहे हैं 00:01:10.000 --> 00:01:13.000 वो यह है कि भाषा को सीखने के लिए एक विषेश समय होता है. 00:01:13.000 --> 00:01:16.000 इस स्लाइड को पढ़ने का तरीका है कि आप अपनी उम्र को क्षैतिज अक्ष पर देखें. 00:01:16.000 --> 00:01:19.000 (ठहाके) 00:01:19.000 --> 00:01:21.000 और ह्म ऊर्ध्वाधर पर देखेंगे 00:01:21.000 --> 00:01:23.000 दूसरी भाषा सीखने का हुनर. 00:01:23.000 --> 00:01:25.000 शिशु और बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं 00:01:25.000 --> 00:01:27.000 जब तक वे सात साल के नहीं हो जाते, 00:01:27.000 --> 00:01:30.000 और फिर वहाँ एक व्यवस्थित गिरावट है. 00:01:30.000 --> 00:01:32.000 यौवन के बाद, हम नक्शे से बाहर हो जाते हैं. 00:01:32.000 --> 00:01:35.000 कोई वैज्ञानिक इस वक्र से विवाद नहीं करते 00:01:35.000 --> 00:01:37.000 लेकिन दुनिया भर कि प्रयोगशालाएं 00:01:37.000 --> 00:01:40.000 यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि एसा क्यों होता है NOTE Paragraph 00:01:40.000 --> 00:01:42.000 मेरी प्रयोगशाला में काम केंद्रित है 00:01:42.000 --> 00:01:44.000 विकास के पहले विशेष समय पर - 00:01:44.000 --> 00:01:46.000 और ये वो समय है जिसमें 00:01:46.000 --> 00:01:49.000 शिशु उन स्वरों में माहिरता हासिल करने की कोशिश करते हैं जो उनकी भाषा में प्रयोग होते हैं. 00:01:49.000 --> 00:01:52.000 हमारे विचार में इस बात का अध्ययन करके कि स्वर कैसे सीखे जाते हैं, 00:01:52.000 --> 00:01:54.000 हमारे पास बाकि भषा के लिए मापद्न्ड होगा. 00:01:54.000 --> 00:01:57.000 और शायद बचपन के दौरान मह्त्वपूर्ण समय के लिए 00:01:57.000 --> 00:01:59.000 सामाजिक, भावनात्मक 00:01:59.000 --> 00:02:01.000 और संज्ञानात्मक विकास के लिए 00:02:01.000 --> 00:02:03.000 तो हम उन शिशुओ का अध्ययन करते रहे हैं 00:02:03.000 --> 00:02:05.000 दुनिया भर में एक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 00:02:05.000 --> 00:02:07.000 और सभी भाषाओं के स्वरों का। 00:02:07.000 --> 00:02:09.000 बच्चा अपने माता पिता की गोदी में बैठता है, 00:02:09.000 --> 00:02:11.000 और हम उन्हें प्रशिक्षित करते हैं अपनेसर घुमाने के लिए जब भी कोई स्वर बदलता है - 00:02:11.000 --> 00:02:13.000 जैसे "आह" से "ई" 00:02:13.000 --> 00:02:15.000 अगर वे ऐसा उचित समय पर करते हैं, 00:02:15.000 --> 00:02:17.000 तो काले बक्से की बत्ती जल जाती है 00:02:17.000 --> 00:02:19.000 और एक पांडा भालू एक ढ़ोल पीटता है 00:02:19.000 --> 00:02:21.000 एक छह महीने के शिशु को यह काम बहुत भाता है. NOTE Paragraph 00:02:21.000 --> 00:02:23.000 हमने क्या सीखा? 00:02:23.000 --> 00:02:25.000 कि दुनिया भर के बच्चे 00:02:25.000 --> 00:02:27.000 हैं जो मैं कहना पसंद करती हूँ 00:02:27.000 --> 00:02:29.000 विश्व के नागरिक; 00:02:29.000 --> 00:02:32.000 और वो सभी भाषाओं के सभी स्वरों में भेद कर सकते हैं, 00:02:32.000 --> 00:02:35.000 चाहे हम किसी भी देश में परीक्षण कर रहे हों और कोई भी भाषा इस्तेमाल कर रहे हों. 00:02:35.000 --> 00:02:38.000 औरी यह असाधार्ण है क्योंकि आप और मैं ये नहीं कर सकते. 00:02:38.000 --> 00:02:40.000 हमारे सुनने की शक्ति संस्कृति से जुड़ी है. 00:02:40.000 --> 00:02:42.000 हम अपनी भाषा के स्वर पहचान सकते हैं, 00:02:42.000 --> 00:02:44.000 लेकिन विदेशी भाषाओं के नहीं. 00:02:44.000 --> 00:02:46.000 तो सवाल यह उठता है, 00:02:46.000 --> 00:02:48.000 ये विश्व के नागरिक कब 00:02:48.000 --> 00:02:51.000 हम जैसे भाषा से बंधे सुनने वाले बन जाते हैं? 00:02:51.000 --> 00:02:54.000 और जवाब : उनके पहले जन्मदिन से पहले. 00:02:54.000 --> 00:02:57.000 आप यहाँ जो देख रहे हैं वो है सर घूमने वाले कार्य पे प्रदर्शन 00:02:57.000 --> 00:02:59.000 टोक्यो और अमरीका में परखे गए शिशुओं के लिए, 00:02:59.000 --> 00:03:01.000 यहाँ सियाट्ल में, 00:03:01.000 --> 00:03:03.000 जैसे वो "रा" और "ला" को सुनते हैं -- 00:03:03.000 --> 00:03:06.000 स्वर जो अँग्रेजीमें महत्वपूर्ण हैं, पर जापानी में नहीं. 00:03:06.000 --> 00:03:09.000 तो छहसे आठ महीने तक बच्चे बिलकुल बराबरी पर हैं. 00:03:09.000 --> 00:03:12.000 दो महीने बात एक विचित्र बात होती है. 00:03:12.000 --> 00:03:14.000 अमरीका में बच्चे बेहतर होते जा रहे हैं, 00:03:14.000 --> 00:03:16.000 और जापान में बदतर, 00:03:16.000 --> 00:03:18.000 लेकिन शिशुओं के ये दोनों समूह 00:03:18.000 --> 00:03:21.000 ठीक उसी भाषा की तैयारी कर रहे हैं जो वे सीखने जा रहे हैं. NOTE Paragraph 00:03:21.000 --> 00:03:24.000 तो सवाल यह है की क्या हो रहा है 00:03:24.000 --> 00:03:26.000 इस दो महीने की विशेष अवधि में? 00:03:26.000 --> 00:03:28.000 यह अवधि है स्वर विकास की, 00:03:28.000 --> 00:03:30.000 लेकिन वहाँ ऊपर क्या हो रहा है? 00:03:30.000 --> 00:03:32.000 तो दो चीज़ें हो रही हैं. 00:03:32.000 --> 00:03:35.000 पहली यह की शिशु ध्यान से हमे सुन रहे हैं, 00:03:35.000 --> 00:03:38.000 और हमें बात करते सुन कर गणनाकर रहे हैं -- 00:03:38.000 --> 00:03:40.000 वो गणना कर रहे हैं. 00:03:40.000 --> 00:03:43.000 तो सुनिए दो माताओं को माओंकी विशेष भाषा में बात करते हुए -- 00:03:43.000 --> 00:03:46.000 वह सार्वलौकिक भाषा जो हम सब बच्चों से बात करते हुए इस्तेमाल करते हैं -- 00:03:46.000 --> 00:03:49.000 पहले अँग्रेजी में और फिर जापानी में. NOTE Paragraph 00:03:49.000 --> 00:03:52.000 (वीडियो) अँग्रेजी माँ : आह, मुझे तुम्हारी बड़ी नीली आँखें बहुत प्यारी लगती हैं -- 00:03:52.000 --> 00:03:55.000 कितनी सुंदर और अच्छी. NOTE Paragraph 00:03:56.000 --> 00:04:02.000 जापानी माँ : [जापानी] NOTE Paragraph 00:04:02.000 --> 00:04:04.000 पाइट्रिशिया कुहल : भाषा की उत्पत्ति में, 00:04:04.000 --> 00:04:06.000 जबशिशु सुनते हैं, 00:04:06.000 --> 00:04:08.000 तबदरअसल वो गणना कर रहे होते हैं 00:04:08.000 --> 00:04:11.000 सुनाई देने वाली भाषा पर. 00:04:11.000 --> 00:04:14.000 और ये वितरण बढ़ते रहते हैं. 00:04:14.000 --> 00:04:16.000 और हमने यह सीखा है 00:04:16.000 --> 00:04:19.000 कि बच्चे इन गाण्णा के बारे में संवेदनशील होते हैं, 00:04:19.000 --> 00:04:22.000 और जापानी और अँग्रेजी के आंकड़े बहुत, बहुत अलग होते हैं. 00:04:22.000 --> 00:04:25.000 अँग्रेजी में बहुत से र और ल होते हैं 00:04:25.000 --> 00:04:27.000 वितरण यह दिखाता है. 00:04:27.000 --> 00:04:29.000 और जापानी का वितरण बिलकुल अलग हैं, 00:04:29.000 --> 00:04:32.000 जहां हम माध्यम स्वरों के झुंड देखते हैं, 00:04:32.000 --> 00:04:35.000 जिसे जापानी र कहा जाता है. 00:04:35.000 --> 00:04:37.000 तो बच्चे सोख लेते हैं 00:04:37.000 --> 00:04:39.000 भाषा के आंकड़े 00:04:39.000 --> 00:04:41.000 और यह उनके दिमाग को बदल देता है; 00:04:41.000 --> 00:04:43.000 वह उन्हे विश्व के नागरिक से बदल देता है 00:04:43.000 --> 00:04:46.000 हम जैसे संस्कृति से बंधे सुनने वालों में. 00:04:46.000 --> 00:04:48.000 लेकिन व्यसको की तरह हम 00:04:48.000 --> 00:04:50.000 अब उन आंकड़ों को सोख नहीं रहे. 00:04:50.000 --> 00:04:53.000 हम अपनी यादों में उन अभ्यावेदन से बंधे हुए हैं 00:04:53.000 --> 00:04:56.000 जो हमने प्रारम्भिक विकास में बनाए थे. NOTE Paragraph 00:04:56.000 --> 00:04:58.000 तो जो हम यहाँ देख रहे हैं 00:04:58.000 --> 00:05:01.000 वह हमारे मॉडेल बदल रहा है इस बारे में कि महत्वपूर्ण अवधि क्या है. 00:05:01.000 --> 00:05:04.000 हम गणित कि दृष्टि से इस बारे में बहस कर रहे हैं 00:05:04.000 --> 00:05:07.000 कि भाषा सीखने कि प्रक्रिया धीरे हो जाती है 00:05:07.000 --> 00:05:09.000 जब हमारा वितरण स्थिर हो जाता है. 00:05:09.000 --> 00:05:12.000 यह द्विभाषिक लोगों के बारे में बहुत से प्रश्न खड़े कर रहा है. 00:05:12.000 --> 00:05:16.000 द्विभाषीय लोगों को एक समय पर आंकड़ो के दो सेट दिमाग में रखने पड़ते हैं 00:05:16.000 --> 00:05:19.000 और उनके बीच बदलते रहना पड़ता है, एक के बाद एक, 00:05:19.000 --> 00:05:21.000 इस बात को देखते हुए कि वो किस से बात कर रहे हैं. NOTE Paragraph 00:05:21.000 --> 00:05:23.000 तो हमने अपने आप से पूछा, 00:05:23.000 --> 00:05:26.000 क्या शिशु एक बिलकुल नयी भाषा के आंकड़े ले सकता है? 00:05:26.000 --> 00:05:28.000 और हमने इसे परखा अमरीकी बच्चों को 00:05:28.000 --> 00:05:30.000 जिन्हों ने कभी दूसरी भाषा नहीं सुनी थी 00:05:30.000 --> 00:05:33.000 मंदारिन भाषा से परिचित कराया विशेष अवधि के दौरान. 00:05:33.000 --> 00:05:35.000 हमे पता था कि जब एक भाषा बोलने वालों को परखा गया था 00:05:35.000 --> 00:05:38.000 ताइपेई और सेयाट्ट्ल में मंदारिन भाषा के स्वरों पर, 00:05:38.000 --> 00:05:40.000 तो उनहोने वही साँचा दिखाया. 00:05:40.000 --> 00:05:42.000 6 - 8 महीने, वे बिलकुल बराबर होते हैं. 00:05:42.000 --> 00:05:45.000 दो महीने बाद कुछ अजीब हो जाता है. 00:05:45.000 --> 00:05:48.000 लेकिन ताईवानी बच्चे बेहतर हो रहे हैं, अमरीकी बच्चे नहीं 00:05:48.000 --> 00:05:51.000 हमने इस दौरान अमरीकी बच्चों को इस दौरान अनुभव दिलाया 00:05:51.000 --> 00:05:53.000 मंदारिन भाषा का 00:05:53.000 --> 00:05:56.000 ये ऐसा था जैसे मदारिन रिश्तेदार एक महीने के लिए मिलने आए हों 00:05:56.000 --> 00:05:58.000 और आप के घर में रहें 00:05:58.000 --> 00:06:00.000 और 12 सेशन्स के लिए शिशुओं से बात करें. 00:06:00.000 --> 00:06:02.000 और प्रयोगशाला में यह ऐसा दिखता है. NOTE Paragraph 00:06:02.000 --> 00:06:24.000 (विडियो) मंदारिन भाषी : [मंदारिन] NOTE Paragraph 00:06:24.000 --> 00:06:26.000 पी के : तो हमने इनके नन्हें दिमागों को क्या किया ? 00:06:26.000 --> 00:06:29.000 (ठ्हाके) 00:06:29.000 --> 00:06:31.000 हमें एक नियंत्रित समूह भी रखना पड़ा 00:06:31.000 --> 00:06:33.000 यह यकीन करने के लिए की मात्र प्रयोगशाला में आने से 00:06:33.000 --> 00:06:35.000 आपके मंदारिन के कौशल बेहतर नहीं हो जाते 00:06:35.000 --> 00:06:37.000 तो शिशुओं का एक समूह आकर अँग्रेजी सुनतता था। 00:06:37.000 --> 00:06:39.000 और हम रेखा चित्र से देख सकते हैं 00:06:39.000 --> 00:06:41.000 की अँग्रेजी से संपर्क से उनकी मंदरीन भाषा सुधरी नहीं. 00:06:41.000 --> 00:06:43.000 पर उन शिशुओं को देखिये क्या हुआ 00:06:43.000 --> 00:06:45.000 जिनहे 12 सेशन के लिए मंदरीन से संपर्क कराया गया 00:06:45.000 --> 00:06:47.000 वो ताइवान वाले शिशुओं जीतने अच्छे थे 00:06:47.000 --> 00:06:50.000 जो इसे साढ़े दस महीने से सुन रहे थे. 00:06:50.000 --> 00:06:52.000 इस बात नें यह दर्शाया 00:06:52.000 --> 00:06:54.000 की शिशु नयी भाषा के आंकड़े लेते हैं. 00:06:54.000 --> 00:06:58.000 आप जो भी उनके सामने रखें, वो उनपर आंकड़े लेंगे. NOTE Paragraph 00:06:58.000 --> 00:07:00.000 पर हम विचार कर रहे थे की क्या भूमिका होती है 00:07:00.000 --> 00:07:02.000 इन्सानों की 00:07:02.000 --> 00:07:04.000 इस सिखलाई की कवायद में. 00:07:04.000 --> 00:07:06.000 तो हमने बच्चों के एक और समूह पर प्रयोग किया 00:07:06.000 --> 00:07:09.000 जिसमे बच्चों को वही खुराक मिली, वही 12 सेशन, 00:07:09.000 --> 00:07:11.000 लेकिन टीवी के ज़रिये 00:07:11.000 --> 00:07:14.000 और एक और समूह जिनको सिर्फ आवाज़ सुनाई गयी 00:07:14.000 --> 00:07:16.000 परदे पर टेडी बीयर देखते हुए. 00:07:16.000 --> 00:07:19.000 और हमने उनके दिमाग के साथ क्या किया? 00:07:19.000 --> 00:07:22.000 आप यहाँ देख रहें हैं परिणाम के स्वर - 00:07:22.000 --> 00:07:24.000 बिलकुल कोई सिखलाई नहीं - 00:07:24.000 --> 00:07:27.000 और वीडियो परिणाम - 00:07:27.000 --> 00:07:29.000 कोई सिखलाई नहीं. 00:07:29.000 --> 00:07:31.000 सिर्फ इन्सानों से ही 00:07:31.000 --> 00:07:33.000 बच्चे अपने आंकड़े लेते हैं. 00:07:33.000 --> 00:07:35.000 सामाजिक दिमाग नियंत्रण करता है 00:07:35.000 --> 00:07:37.000 जब बच्चे अपने आंकड़े ले रहे होते हैं. NOTE Paragraph 00:07:37.000 --> 00:07:39.000 हम उनके दिमाग के अंदर घुस कर 00:07:39.000 --> 00:07:41.000 यह होते हुए देखना चाहते हैं 00:07:41.000 --> 00:07:43.000 जब बच्चे टीवी के सामने होते हैं, 00:07:43.000 --> 00:07:45.000 बजाए इसके की इन्सानों के सामने. 00:07:45.000 --> 00:07:47.000 शुक्र है हमारे पास एक नया यंत्र है, 00:07:47.000 --> 00:07:49.000 मग्नेटोएंकेफलोग्राफी, 00:07:49.000 --> 00:07:51.000 जो हमें यह करने देता है. 00:07:51.000 --> 00:07:53.000 यह मंगल ग्रह से आया बाल सुखाने वाला यंत्र लगता है. 00:07:53.000 --> 00:07:55.000 लेकिन यह बिलकुल सुरक्षित है, 00:07:55.000 --> 00:07:58.000 बिलकुल शांत और गैर भेदी. 00:07:58.000 --> 00:08:00.000 और हम मिलिमीटर शुद्धता की बात कर रहे हैं 00:08:00.000 --> 00:08:02.000 स्पेसिय और 00:08:02.000 --> 00:08:04.000 मिलीसेकंड शुद्धता के बारे में 00:08:04.000 --> 00:08:06.000 306 स्कूइड्स का प्रयोग करते हुए - 00:08:06.000 --> 00:08:08.000 ये सुपर क्ंड्क्टिंग 00:08:08.000 --> 00:08:10.000 क्वांटम इंटरफ़ेस यंत्र होते हैं - 00:08:10.000 --> 00:08:12.000 चुंबकीय संकेत पकड़ने के लिए 00:08:12.000 --> 00:08:14.000 जो हमारे सोचते हुए बदल जाते हैं. 00:08:14.000 --> 00:08:16.000 हमने विश्व में पहल करी है 00:08:16.000 --> 00:08:18.000 शिशुओं को रिकार्ड करने में 00:08:18.000 --> 00:08:20.000 एम ई जी यंत्र के द्वारा 00:08:20.000 --> 00:08:22.000 जब वो सीख रहे होते हैं. NOTE Paragraph 00:08:22.000 --> 00:08:24.000 तो यह नन्ही एम्मा है. 00:08:24.000 --> 00:08:26.000 ये छह महीने की है. 00:08:26.000 --> 00:08:28.000 और ये अलग भाषाओं को सुन रही है 00:08:28.000 --> 00:08:31.000 उसके कानों में लगे इयरफोन से. 00:08:31.000 --> 00:08:33.000 आप देख सकते हैं, वो चल फिर सकती है. 00:08:33.000 --> 00:08:35.000 हम उसके सिर पर नजर रख रहे हैं 00:08:35.000 --> 00:08:37.000 एक टोपी के अंदर छोटे छोटे छर्रों की सहायता से, 00:08:37.000 --> 00:08:40.000 तो वो स्वेछा से पूरी तरह से हिलने के काबिल है. 00:08:40.000 --> 00:08:42.000 यह तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन है. 00:08:42.000 --> 00:08:44.000 हम क्या देख रहे हैं? 00:08:44.000 --> 00:08:46.000 हम शिशु का दिमाग देख रहे हैं. 00:08:46.000 --> 00:08:49.000 जैसे ही शिशु अपनी भाषा का स्वर सुनती है 00:08:49.000 --> 00:08:51.000 तो स्वरों वाला हिस्से में प्रकाश हो जाता है, 00:08:51.000 --> 00:08:53.000 और फिर उसके आस पास वाले हिस्सों में 00:08:53.000 --> 00:08:56.000 जो हम सोचते हैं अनुकूलता से संबन्धित है, 00:08:56.000 --> 00:08:58.000 दिमाग के अलग भागों को समन्वित करना, 00:08:58.000 --> 00:09:00.000 और करणीय संबंध 00:09:00.000 --> 00:09:03.000 दिमाग का एक हिस्सा दूसरे को सक्रिय करता है. NOTE Paragraph 00:09:03.000 --> 00:09:05.000 हम चल पड़े हैं 00:09:05.000 --> 00:09:08.000 एक महान और स्वरणीय युग की ओर 00:09:08.000 --> 00:09:11.000 ज्ञान और बच्चों के दिमाग के विकास के बारे में. 00:09:11.000 --> 00:09:13.000 हम बच्चे के दिमाग को देख पाएंगे 00:09:13.000 --> 00:09:15.000 जैसे वे किसी भावना का अनुभव कर रहे होंगे, 00:09:15.000 --> 00:09:17.000 जब वो पढ़ना लिखना सीख रहे हों, 00:09:17.000 --> 00:09:19.000 जैसे वो गणित का सवाल हल कर रहे हों, 00:09:19.000 --> 00:09:21.000 जैसे उन्हे कोई विचार आए. 00:09:21.000 --> 00:09:24.000 और हम दिमाग पे आधारित हस्तक्षेपों का आविष्कार कर सकेंगे 00:09:24.000 --> 00:09:27.000 उन बच्चों के लिए जिनहे सीखने मे मुश्किल होती है. 00:09:27.000 --> 00:09:30.000 जैसे कवियों और लेखकों ने वर्णन किया है, 00:09:30.000 --> 00:09:32.000 मैं सोचता हूँ हम देख पाएंगे, 00:09:32.000 --> 00:09:34.000 वह शानदार खुलापन 00:09:34.000 --> 00:09:36.000 निरी और पूरी तरह खुलापन 00:09:36.000 --> 00:09:39.000 बच्चे के दिमाग का. 00:09:39.000 --> 00:09:41.000 बच्चों के दिमाग के बारे में छानबीन करते हुए, 00:09:41.000 --> 00:09:43.000 हम गहरी सच्चाईयों को खोल पाएंगे 00:09:43.000 --> 00:09:45.000 इस बारे में कि इंसान होने का मतलब क्या है, 00:09:45.000 --> 00:09:47.000 और इस दौरान, 00:09:47.000 --> 00:09:49.000 हो सकता है हम अपने दिमागोंको सीखने के लिए खुला रख पाएँ 00:09:49.000 --> 00:09:51.000 अपनी पूरी ज़िंदगी. NOTE Paragraph 00:09:51.000 --> 00:09:53.000 धन्यवाद. NOTE Paragraph 00:09:53.000 --> 00:09:56.000 (तालियाँ)