मै एक प्रयोग के साथ शुरुवात
करना चाहता हूँ।
बरसात के दिन के तीन चलचित्र दिखाता हु।
लिकिन मैं उन तीनों में से एक
वीडियो में
बारिश की आवाज की बदले
मांस तलनेकी की आवाज जोड़ दी ।
इसलिए मै चाहता हूँ कि आप ध्यान से
तलनेकी आवाज को पहचाने।
(बारिश की आवाज)
(बारिश की आवाज)
(बारिश की आवाज)
ठीक है.
असल में, मैंने झूठ कहा था।
वे सभी मास के टुकड़े हैं।
(उन्हें सिजलते है)
(तालियाँ)
मेरा मतलब आपको इसके लिए
ललचाना नहीं है।
हर बार जब आप बारिश को देखेते है
हमारा दिमाग झूठ को
सच समजने के लिए तैय्यार रहता हैं।
हम यथार्थता तथा सटीकता के बजाय
इस विषय के भ्रम को देखते है ,
ऑस्कर वाइल्ड का कहना है
"डिके ऑफ लायिंग ," में वो
अपने विचारों को प्रकट करते हैं
जो बुरा आर्ट,प्रकृति और यथार्थवादी
के नकल है;
और जो महत्वपूर्ण आर्ट झूठ और धोखे से
उत्पन्न होते है
वो सभी सुंदर ,असत्य बातें बताते हैं।
जब आप मूवी देख रहे हो
उसमें फोन की घंटी बजती है
तो सच में घंटी नहीं बजती
यह ध्वनि स्टूडियो में निर्माण के
समय पर बाद में जोड़ दिया गया है ।
सभी आवाजें जो आप सुन रहे है
वे असलमे नकल किये होते है
बातचीत के अलावा, सब कुछ
नकली रहते है ।
जब आप मूवि देख रहे हो उसमें एक
चिडिया अपने पंक फडफडा रहा है
(पंक फडफडाना)
वो सचमें चिडिया का नहीं है।
फिर भी यह अधिक रियालिसटिक लगता है,
अगर आप चादर का आवाज
या रसोई ग्लौव्स हिलाने का आवाज
(फ्लैपस)
नजदीक में सिगरेट जलने
(सिगरेट जलता है)
यह वास्तव में अधिक ऑथेन्टिक लगता है
आप एक छोटे सरन लपेट गेंद को ऊपर से
छोड दे तो
(सरन लपेट गेंद को छोडते है)
पंच करने का आवाज
(विडियो में पंच करते है)
ओह,आइये उसे फिर से देखते है,
(विडियो में पंच करते है)
अक्सर यह एक चाकू को सब्जियों में
चिपकने से किया जाता है
यूस्वली गोभी में
(गोभीको चाकूse bhok diya )
अगलेवाले तो हड्डियाँ तोडने का है
(हड्डिया तोडते है)
शुक्र है, किसी को भी वास्तव में
नुकसान नहीं हुआ था।
यह असल में...
अजवाइन या फ्रोजन सलाद तोड़ने का
आवाज है।
(अजवाइन या फ्रोजन सलाद तोड़ते है))
(हंसी)
सही आवाज बनाना उतना आसान नहीं है जितना
सुपरमार्केट में
सब्जी अनुभाग को ढूंढना।
लेकिन यह उस से भी बहुत अधिक
जटिल है।
आइये इसके भीतर जाकर देखते है
कैसे यह ध्वनि प्रभाव का
निर्माण होता है।
मेरा मनपसंद कहानियों में फ्रेंक
सेरफिन के कहानी भी है
वह हमारे पुस्तकालय का सहयोगी है,
और "ट्रान" और "स्टार ट्रेक्" जैसे फिल्मों
के प्रसिद्ध ध्वनि डिजाइनर है।
उसने पॅरामाउंट टीम का "हंट फार रेड
अक्टोबर" के लिए सर्वोत्तम ध्वनि का
आँस्कर जीता. वः टीम में श्यामिल था
90के दशक में आयी इस कोल्ड वार क्लासिक
फिल्म के लिए उन्हें एक पनडुब्बीके
यंत्र का ध्वनि निर्माण करना था।
उसमें एक छोटी सी समस्या थी:
वेस्ट हॉलीवुड में उन्हें एक पनडुब्बी
भी नहीं मिली ।
तो उन्होंने ये किया ,
वे एक दोस्त के स्विमिंग पूल गये,
फ्रेंक केननबाल या बोमबा प्रदर्शन किये।
पानी के अंदर एक माइक रखा
स्विमिंग पूल के बाहर पानी के ऊपर भी
और एक माइक रखा
तो अब सुनिये पानीमे माईक का ध्वनी
(पानी के नीचे आवाज)
ऊपरि माइक के आवाजसे
इस तरह ध्वनी निकलेगा:
(पानी की बौछार)
(पानी की निचले सुरमे बौछार)
और फिर वे कई उच्च आवृत्तियों को
हटाये।
(कम सप्तक पर पानी का बौछार )
और उच्च आवृत्तियों को हटाया।
(पानी की बौछार)
इस ध्वनी केसप्तक को निचले स्वर में ले आये
(निम्न सुरमे पानी का बौछार )
और वे कुछ और पानी का छप-छप को
ऊपरौ मैक से मिला दिया।
(पानी की छप-छप)
और बार-बार इसी प्रासस को दोहराने से
वे इस ध्वनि को पाये।
(प्रोपलर घूमने का आवाज)
तो, रचनात्मकता और टेक्नालजी
एक साथ उपयोग करके पनडुब्बी
के अन्दर में रहने का भ्रम पैदा किये ।
अगर आप एक बार अपने ध्वनि को बना लिये
और उन्हें इमेज के साथ समन्वयित किये है तो
कहानी की दुनिया में
आप उन ध्वनियों सदा जीना चाहते हैं।
ऐसा करने के लिए एक अच्छा तरीका है
उन्हें रिवर्ब से मिलाना
यह पहली ऑडियो उपकरण है
जिसके बारे में मैं बात करना चाहता हूँ।
मूल ध्वनि समाप्त होने के बाद
गूंज, या रिवर्ब ही
इस भ्रम ध्वनि की दृढ़ता है।
यह तो
ध्वनि का चारों तरफ का सभी
सामग्री,वस्तुओं और दीवारों
के प्रतिबिंब है।
उदाहरण के लिए, बंदूक की गोली
की आवाज़ को ले लीजिए।
मूल ध्वनि आधे सेकंद से भी कम है।
(गोली का ठप्पा)
रिवर्ब याने प्रतिध्वनी से मिलाकर
उसे बाथरूम के अंदर रेकार्ड किया गया जैसा
बना सकते है।
(गोली का ठप्पा बाथरूम के अंदर रिवर्ब हो रहा है)
या चैपल या चर्च के अंदर रिकार्ड
किया गया जैसा।
(गोली का ठप्पा चर्च में रिवर्ब हो रहा है)
या एक घाटी में।
(गोली का ठप्पा रिवर्ब मी
रिवर्ब हमें श्रोता और ध्वनि स्त्रोत
के बीच की दूरि के बारे में
सारी खबर की जानकारी देता है।
उस ध्वनी को एक गंध रहाता है।
तो रिवर्ब ध्वनी बहुत कूच कर सकता।
रिवर्ब और भी ज्यादा प्रभावी हो सकता है।
आन-स्क्रीन में किया गया रिवर्बरेशन
से कम रिवर्बरेशन ध्वनि को सुनेंगे तो
तुरंत हमें लग रहा है
हम किसी समीक्षक को सुन रहे है,
जो आन स्क्रीन में भाग नहीं लिए है।
इसके अलावा, इमोशनल सिनेमा में
अंतरंग क्षण का ध्वनि को
अक्सर रिवर्ब के बगैर सुना रहे हैं,
तब हमें लगेगा कि कोई
हमारे कान के अंदर बोल रहे हैं।
अब दूसरी तरफ से
ध्वनि को ढेर सारे रिवर्ब के साथ मिलाने पर
हमें लगेगा कि हम एक फ्लाशबेक
सुन रहे है,
या शायद हम उस केरक्टर के साथ है
या हम भगवान का आवाज सुन रहे है।
या उस्से भी ज्यादा
मारगन फ्रीमेन
(हँसी)
तालीया
(तालियाँ)
अब साउंड डिजाइनर क्या
अन्य उपकरण या भाड़े उपयोग करते है
उसे देखेंगे,
वैसे, यहाँ सचमुच एक खास बात को उपयोग
करते है।
वो है खामोशी।
खामोशी के कुछ पल हमें ध्यान
करने में मजबूृर कर रही है।
और पश्चिमी दुनिया में,
हम मौखिक खामोशी को इस्तमाल नहीं करते।
वे अजीब या अशिष्ट विचार माने जा रहे हैं।
तो वेरबल कमयूनिकेशन के पहले का खामोशी
बहुत तनाव पैदा कर सकती हैं।
आप असली हालिवुड फिल्म को इमेजिन कीजिये
बहुत सारे विस्फोट और
आटोमेटिक बंदूकों के आवाज होंगे।
ऊँचे स्वर को कुछ देर के लिए बंद
करके फिर से प्ले करे तो और जोरदार होगा।
इसलिए यिन यांग तरह में,
खामोशी को ऊँचे स्वर चाहिए और
ऊँचे स्वर को खामोशी
दोनों एक दूस्रे को प्रभावित करते है।
मगर खामोशी का अर्थ क्या है?
खामोशी को कैसे फिल्म में इस्तेमाल
किया है उसपर निर्भर करता है।
खामोशी हमें एक चरित्र के साथ
जगह कर सकते हैं
या हमारी सोच को भड़का सकते है।
हम अकसर खामोशी का अनुभव
चिंतन,
गहरा चिंतन ,
गहरी सोच में कर रहे है।
लेकिन एक अर्थ होने के अलावा,
खामोशी एक खाली पृष्ठ भूमी बन जाती है
जिस पर दर्शक अपने स्वयं के विचारों
को चितारने लगता है।
मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि खामोशी
से बढकर ऐसी कोई चीज नहीं है।
और मैं जानता हूँ कि यह आपके लिए सबसे कपटी
टेड टॉक बयान लगेगा।
अगर भले ही आप शून्य गूंज के कमरे में
प्रवेश कर रहे हो
और उसमें बाहरी आवाज बिलकुम नहीं है,
तो भी आप अपने ही खून के सक्षम को
सुनेंगे।
सिनेमा में, खामोशी एक पल भर के लिए
भी नहीं है
क्योंकि प्रोजेक्टर का आवाज तो
निकलेगी ना।
आजकी इस डॉल्बी दुनिया में
चारों तरफ ढूंढेंगे तो कहीं भी खामोशि
नजर नहीं आयेगी।
सभी में कुछ न कुछ आवाज है।
अब, खामोशी जैसी कोई बात नहीं तो,
फिल्म निर्माते और ध्वनी रचनाकार कैसे
इसका इस्तेमाल करेंगे ?
वैसे, वे अक्सर एक पर्याय के रूप में
एम्बियंस का उपयोग करेंगे।
एम्बियंस पृष्ट भूमी ध्वनी होते है
जो कि स्थान का द्न्याँ करते हैं ।
प्रत्येक स्थान का अद्वितीय ध्वनि होता है,
और प्रत्येक कमरे का युनिक ध्वनि है,
जिसे रूम टोन कहा जाता है।
अब सुनिये मोराक्को के बाजार का रेकार्डिंग
(आवाज,ताल)
और अब न्युयार्क के टैम्स स्कोयर का
रिकार्डिंग
(ट्राफिक साउंड, गाडी का हार्न, आवाज)
कमरे के अंदर का सभी आवाजों का जोड
ही रूम टोन है:
जैसे वेंटिलेशन का, ताप का, फ्रिड्ज का
इधर ब्रूक्लिन में मेरा अपार्टमेंट का
रिकार्डिंग सुनिये।
(वेंटिलेशन, बाइलर, फ्रिड्ज और
सडक का ट्राफिक आदि के साउंड सुन सकते है)
एम्बियन्स सबसे मौलिक ढंग से काम करते हैं।
वे सबकान्शियलि हमारे मस्तिष्क से सीधे
बात कर सकते है।
आपके खिडकी के बाहर चिडियों का चहकना
सामान्य संकेत हो सकता है,
शायद इसलिए, एक प्रजाति के रूप में,
दस लाख सालसे हम इस आवाज सुने आ रहे है
(चिडियों का चहकना)
दूसरी ओर, औद्योगिक आवाज़ को
फिलहाल कुछ ही समय से
पहले ही हम जानते है।
यहाँ तक कि मुझे वो व्यक्तिगत रूप से
वास्तव में पसंद है--
मेरा मनपसंद हौरों डेविड लिंच
और उनका साउंड डिजाइनर आलन स्पलेट
भी उन्हें इस्तेमाल किये है--
औद्योगिक आवाज़ अक्सर नकारात्मक
अर्थ लाते हैं।
(औद्योगिक आवाज़)
, ध्वनि प्रभाव भावनिक स्मुतिको
जागृत करते हैं।
कभी कभी, वे कि वे फिल्म में
महत्वके पात्र बनते है
र्जन की आवाज दैवी हस्तक्षेप या क्रोध
का संकेत हो सकता है।
गर्जना
चर्च की घंटी हमें गुजरा समय दिखाती है
या शायद हमारी मृत्यु को।
गर्जन
और कांच टूटने से एक रिश्ते के
अंत का संकेत
या दोस्ती टूट जाने का
संकेत होता है।
(कांच के टूट जाने की आवाज)
वैज्ञानिकों का मानना है कि कर्कश ध्विनयों,
उदाहरण के लिए, पीतल या हवा के उपहरण
बहुत जोर से प्ले किये गये तो,
प्रकृति में पशुओं के चिल्लाहट
की याद दिला सकते हैं
जिस्से जलन या भय की भावना
पैदा होता है।
( पीतल और हवा के उपहरण के बजने की आवाज)
अब तक हम आन-स्करीन साउंडस् के बारे
में ही बात कर रहे थे।
कभी कभी हम कुछ ध्वनियों के सोर्स
को नहीं पहचान पाते ।
उसे ही हम आफ स्करीन साउंडस् कहते है,
या "अकौस्मेटिक"।
अकौस्मेटिक ध्वनियों--
खैर, "अकौस्मेटिक" शब्द प्राचीन ग्रीस
के पाइथागोरस से आता है,
जिन्होंने घूंघट या पर्दा के पीछे रहकर
खुद को प्रकट किये बिना ही अपने
शिष्यों को सिखाते थे।
मुझे लगता है कि
गणितज्ञ और दार्शनिक पाइथागोरस
नेइस तरह सोचा होगा
की शिष्य आवाज पर ध्यान देने से
अधिक,
उनको
उन्के शब्दों और अर्थों पर ध्यान दे
तो विजार्ड आफ ओज की तरह,
या"1984" बिग ब्रदर की तरह,
अपने मूल से आवाज को अलग करने से,
कारण और प्रभाव को अलग करने से
सर्वव्यापकता की भावना
पैदा करता है
,
और अधिकार को भी।
अकौस्मेटिक ध्वनि की
एक मजबूत परंपरा है।
रोम और वेनिस में मठों में मठवासिनों
कमरे में,
छत के करीब दीर्घाओं में गाते थे,
जो हमें आसमान के एन्जल्स की भ्रम
पैदा करते है।
रिचर्ड वैगनर का मशहूर
हिड्डन ऑर्केस्ट्रा
जो स्टेज और आँडियन्स के बीच एक गड्ढे में
रखा गया था।
और मेरे हीरों से एक, मशहूर अपेक्ष ट्विन
क्लबों के अंधेरे कोनों में छिपाया गया था।
इन सभी विद्वानोको पता था
कि मूल को छुपाने से
आप गूढता पैदा करते हैं।
सिनेमा में यह अधिक से अधिक
देखा गया है,
हिचकॉक के साथ,
और रिडले स्कॉट के"विदेशी" में।
ध्वनि की मूल को जाने बिना उसे सुनने से
तनाव पैदा कर सकता है।
इसके अलावा,निर्देशकों की कुछ दृश्य
प्रतिबंध को यह कम कर सकते हैं
और शूटिंग के दौरान जो वहाँ नहीं था
उसे भी कुछ दिखा सकते हैं।
और अगर यह सब तियरिटिकल
लगता है तो,.
मैं एक छोेेटा सा वीडियो प्ले करना चाहता
था।
(खिलौना का चीख)
(टाइपराइटर का आवाज)
(ड्रम्स)
(पिंग-पांग)
(चाकू की धार तेज की जा रही आवाज)
(रिकार्ड खरोंच)
(सा काट करने का आवाज)
(स्त्री चीखने की आवाज)
इससे मैं नयी भाषा का
परिचय करना चाहता हूँ।
यह हमें एक स्थानसे दुसरे स्थान
जाने का अहसास कराती है
यह हमारी मनोस्थिति बदल सकते है;
गति निर्धारित कर सकती है
यह हमें हंसी कर सकते हैं
या हमें भयभीत कर सकते हैं।
एक व्यक्तिगत स्तर पर,मुझे उस भाषा से
कुछ साल पहले प्यार हो गया
और उस प्यार को ही मैं अपना प्रोफेशन बना
लिया था,
हमारे इस साउंड पुस्तकालय काम से,
हम उस भाषा की वोकाबलरी को विस्तार करने
की कोशिश कर रहे हैं।
और उसके जरिए हम ठीक टूल्स को,
ध्वनी अभियंता
फिल्म बनानेवालों
और वीडियो गेम और आप डिजाइनर को
पेश करके
और भी अच्छा स्टोरीयों बताने में
मोहित करने वाले झूट बनाने में मदद
करते है।
सुनने के लिए धन्यवाद।
(तालियाँ)