WEBVTT 00:00:11.450 --> 00:00:18.975 0:00:21.630,0:00:25.609 क्या आपके पास यह है ? बेशक नहि होगा | क्युं की यह तो पाँच साल पुराना है | 00:00:19.000 --> 00:00:20.293 0:00:25.609,0:00:30.460 अब तो सब के पास यह वाला मॉडल है | क्या आप अंदाझा भी लगा सकते है कि सिर्फ़ एक म्यूजिक प्लेयर 00:00:21.000 --> 00:00:25.694 0:00:30.460,0:00:33.360 को एक फ़ोन/कंप्यूटर/जी.पी.एस/रिमोट कंट्रोल बनाने में 00:00:26.000 --> 00:00:27.975 0:00:33.360,0:00:37.030 कितने प्रयत्न लगे होंगे, वोह भी सिर्फ़ पाँच सालों में ? 00:00:28.000 --> 00:00:31.975 0:00:37.030,0:00:41.260 वाकई मे ! जो हजारों लोगो ने इसे बनाया 00:00:32.000 --> 00:00:36.975 0:00:41.260,0:00:41.960 उन्हे हजारों मुश्किलों का सामना करना पडा, 00:00:37.000 --> 00:00:38.002 0:00:41.960,0:00:45.149 जब कि पाँच साल पहले वह बिल्कुल भी संभव नहीं था | 00:00:38.002 --> 00:00:41.975 0:00:45.149,0:00:49.059 लोग यह कर पाते है जब उन्हें कोइ समस्या का समाधान ढूँढने के लिए प्रेरणा दी जाती है | 00:00:42.000 --> 00:00:44.975 0:00:49.059,0:00:53.129 पर हम जिसे सुलझा रहे है वह दरअसल हमारी ऐसी समस्याए नहि है, 00:00:45.000 --> 00:00:48.975 0:00:53.129,0:00:53.870 जिसके सुलझाव की हमे सख्त झरुरत है | 00:00:49.000 --> 00:00:53.975 0:00:53.870,0:00:56.920 हम नयी, सस्ती और तेजतर्रार चीजों पे 00:00:54.000 --> 00:00:56.975 0:00:56.920,0:01:00.239 इतना ध्यान देने लगे है कि वास्तव में उसे 00:00:57.000 --> 00:01:01.960 0:01:00.239,0:01:00.870 सुरक्षित, स्वस्थ और न्यायिक बनाना तो भूल ही गए है | 00:01:01.960 --> 00:01:05.304 0:01:00.870,0:01:05.600 ऐसा लगता है कि हम और भी बेहतर कर रहे है पर बिलकुल ग़लत तरीके से 00:01:05.304 --> 00:01:10.984 0:01:05.600,0:01:08.900 और कई मायनों में, यह प्रणाली एक खेल की तरह है - 00:01:11.000 --> 00:01:11.975 0:01:08.900,0:01:12.570 बहुत ही भारी किंमत की बाझी वाला खेल | एक खेल की तरह, 00:01:12.000 --> 00:01:16.975 0:01:12.570,0:01:17.170 हमारी अर्थव्यवस्था ऐसे गठित कि गयी है कि सब लोग कुछ चुनिन्दा नियमों के साथ इसे खेले | 00:01:17.000 --> 00:01:21.015 0:01:17.170,0:01:21.460 और एक खेल की तरह ही, हमे सुचित किया जाता है की हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए | 00:01:21.015 --> 00:01:23.535 0:01:21.460,0:01:24.580 याद कीजिये जब पिछली बार आपने कोई खेल खेला था, 00:01:23.535 --> 00:01:24.900 0:01:24.580,0:01:27.729 सबसे पेहले क्या किया? बेशक़, ये जानना के जीतते कैसे हे 00:01:24.900 --> 00:01:27.665 0:01:27.729,0:01:30.799 और खेल के वो नियम जो आप को रास्ते में हर एक निर्णय लेने में मदद करते थे | 00:01:27.665 --> 00:01:31.001 0:01:30.799,0:01:35.460 स्वाभाविक रूप से, लोग जो भी हल ढूँढ रहे है, 00:01:31.001 --> 00:01:35.960 0:01:35.460,0:01:35.930 वह् खेल के लक्ष्य अनुसार है - और लक्ष्य है, अधिकतम की कामना | 00:01:35.960 --> 00:01:37.775 0:01:35.930,0:01:40.540 अधिक पैसा खर्च किया जा रहा है, अधिक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, 00:01:37.775 --> 00:01:42.295 0:01:40.540,0:01:41.150 अधिक चमक-दमक वाली दुकानें, और परिणाम स्वरूप अधिक सामान ! 00:01:42.295 --> 00:01:44.999 0:01:41.150,0:01:44.890 अर्थशास्त्री इस को विकास केहते है | 00:01:45.000 --> 00:01:48.625 0:01:44.890,0:01:48.750 तो वो पैसे जिसे हम खर्च करते है अपना जीवन बेहतर बनाने पर 00:01:48.625 --> 00:01:51.735 0:01:48.750,0:01:52.100 और वो पैसे जिसे हम खर्च करते है अपना जीवन बदतर बनाने पर 00:01:51.735 --> 00:01:54.245 0:01:52.100,0:01:55.790 और इन्हे मिला के बनता है एक बड़ा सा अँक, उसे हम जीडीपी केहते है | 00:01:54.245 --> 00:01:55.978 0:01:55.790,0:01:59.259 हमे कहा जाता है कि ज्यादा जीडीपी मतलब, ज्यादा विकास, और हमारी जीत 00:01:56.000 --> 00:01:59.860 0:01:59.259,0:02:03.420 हजारों नियम और क़ानून बनाये जाते है, 00:01:59.860 --> 00:02:03.975 0:02:03.420,0:02:04.189 इस अँक को बढ़ाने के लिए | 00:02:04.000 --> 00:02:08.445 0:02:04.189,0:02:08.560 लेकिन पाठशाला में ज्यादा बच्चों का होना या जेल में और ज्यादा बच्चों का होना, इसके बीच काफी बड़ा अंतर है | 00:02:08.445 --> 00:02:11.015 0:02:08.560,0:02:11.680 अधिक मात्रा में पवन-चक्किया या अधिक मात्रा में कोयला आधारित ताप-विध्युतमथक | 00:02:11.015 --> 00:02:16.010 0:02:11.680,0:02:16.050 ज्यादा से ज्यादा बेहतर रेलगाड़ियाँ या फिर ट्राफिक जाम में पेट्रोल कि बरबादी | 00:02:16.010 --> 00:02:16.960 0:02:16.050,0:02:20.540 (ठँडी आह) पर यह "ज्यादा" के खेल में तो सब कुछ एक समान ही है | 00:02:17.000 --> 00:02:20.615 0:02:20.540,0:02:25.349 अब ना तो हम यह खेल बदल सकते है, ना ही नियम, ना तो कोइ एक खिलाड़ी | 00:02:21.000 --> 00:02:25.175 0:02:25.349,0:02:31.230 इसका लक्ष्य ही सब से बड़ी समस्या है ! और हमे समाधान चाहिए, जो उसे बदले | 00:02:25.175 --> 00:02:30.596 0:02:31.230,0:02:34.890 क्या हो अगर हम इस को एक नए तरीके से एक बेहतर लक्ष्य के साथ बनाये : 00:02:31.000 --> 00:02:35.611 0:02:34.890,0:02:41.890 बेहतर शिक्षण, 00:02:43.000 --> 00:02:45.975 0:02:44.170,0:02:49.050 बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर चीजें, एक बेहतर मौका जो हमारी पृथ्वी को बेहतर घर बनाए | 00:02:46.000 --> 00:02:48.555 0:02:49.050,0:02:49.709 और हमे भी तो यही चाहिये, है ना ? 00:02:48.555 --> 00:02:50.415 0:02:49.709,0:02:52.800 तो क्या सही मायने में जीतने का मतलब यही नही होना चाहिए ? 00:02:50.415 --> 00:02:52.965 0:02:52.800,0:02:56.780 पूरी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य बदलना एक बहुत ही बड़ा काम है | माना की हम 00:02:53.000 --> 00:02:56.675 0:02:56.780,0:03:01.930 इसे एक साथ में तो नहि बदल सकते | पर अगर हम ध्यान दे ऎसे उपायों पर जो इस खेल को बदल सके 00:02:56.675 --> 00:02:58.995 0:03:01.930,0:03:05.870 तो हम शायद धीरे धीरे एक नया खेल शुरु कर सके 00:02:59.000 --> 00:03:01.825 0:03:05.870,0:03:09.180 पर उसके लिए हमे भेद समजना पड़ेगा कि क्या होता है 00:03:01.825 --> 00:03:05.865 0:03:09.180,0:03:09.849 खेल को बदलनेवाला उपाय या फिर उपाय जो बताये 00:03:05.865 --> 00:03:10.095 0:03:09.849,0:03:13.940 पुराने अधिकतम वाले खेल को सिर्फ़ नए तरीके से खेलना 00:03:10.095 --> 00:03:12.975 0:03:13.940,0:03:17.849 चलिये देखते है दो अलग-अलग समाधान, एसी एक समस्या का जिसका आजकल हम सामना कर रहे है 00:03:13.000 --> 00:03:14.006 0:03:17.849,0:03:22.050 हर कोइ जानता है कि प्लास्टिक के कूड़े का दुषण एक बहोत बड़ा "खतरा" है, 00:03:14.006 --> 00:03:17.975 0:03:22.050,0:03:22.599 हमारी पृथ्वी के लिए, 00:03:18.000 --> 00:03:22.795 0:03:22.599,0:03:24.770 खास कर के महासागरों के लिए | 00:03:22.795 --> 00:03:24.447 0:03:24.770,0:03:28.670 और यहाँ हमारे पास लोगो के दो समूह है, 00:03:24.447 --> 00:03:26.195 0:03:28.670,0:03:29.690 प्लास्टिक की समस्या के बहोत ही अलग-अलग समाधान के साथ | 00:03:26.195 --> 00:03:29.655 0:03:29.690,0:03:34.440 यह लोगो ने कहा, “बस ! अब बहोत हो गया” 00:03:29.655 --> 00:03:32.001 0:03:34.440,0:03:37.250 और वो लोग प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नागरिक अभियान शुरू करते हैं | 00:03:32.001 --> 00:03:37.385 0:03:37.250,0:03:41.840 जब की इन लोगो के पास बहोत ही अलग समाधान है वे एक व्यवसाय शुरु करते है जिसके अँतर्गत 00:03:37.385 --> 00:03:39.975 0:03:41.840,0:03:43.490 लोगो को सामान खरीदने के लिए भेट कूपन देते है, 00:03:40.000 --> 00:03:40.975 0:03:43.490,0:03:47.770 पर इस शर्त पे की वे अपने प्लास्टिक के कचरे को रीसाइकल करे | यह दोनों अभी हो रहे है, 00:03:41.000 --> 00:03:45.485 0:03:47.770,0:03:51.070 पर इनमें से सिर्फ़ एक ही खेल को बदल सकता है | 00:03:45.485 --> 00:03:47.305 0:03:51.070,0:03:54.500 यह भेट कूपन वाला उपाय कुछ हद तक 00:03:47.305 --> 00:03:50.503 0:03:54.500,0:03:55.300 प्लास्टिक के कुडे को सीमित कर सकता है 00:03:51.000 --> 00:03:54.975 0:03:55.300,0:03:59.310 पर वो लोगो को ज्यादा सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है | 00:03:55.000 --> 00:03:59.415 0:03:59.310,0:04:03.470 इससे भी बदतर, यह सिखाता है की अधिक उपभोग 00:03:59.415 --> 00:04:00.558 0:04:03.470,0:04:04.400 एक अच्छे नागरिक होने की निशानी है | 00:04:00.558 --> 00:04:04.315 0:04:04.400,0:04:08.010 परिणामस्वरूप पुराने खेल से हटकर सोच भी पाना और कठिन हो जाता है | 00:04:04.315 --> 00:04:08.346 0:04:08.010,0:04:11.330 प्लास्टिक पे प्रतिबंध – बेशक़ थोडा कठिन उपाय है| 00:04:08.346 --> 00:04:11.325 0:04:11.330,0:04:15.950 पर यह पूरे खेल को पलट सकता है | कैसे? वह् ऐसे, की अपने समय का सही इस्तेमाल करते हुए, 00:04:11.325 --> 00:04:13.223 0:04:15.950,0:04:18.970 स्वयं-सेवी नागरिक जता रहे है कि पैसे कमाने 00:04:13.223 --> 00:04:14.010 0:04:18.970,0:04:20.580 और उसे खर्च करने से भी बढ़ के कुछ है | 00:04:14.010 --> 00:04:16.975 0:04:20.580,0:04:24.090 इस अभियान को जीतने के लिए, सारे नागरिक एकजूट हो के 00:04:17.000 --> 00:04:20.175 0:04:24.090,0:04:27.170 प्लास्टिक प्रदूषण को मार हटाने के लिए 00:04:20.175 --> 00:04:24.025 0:04:27.170,0:04:27.930 नए विकल्प पेश कर रहे है | 00:04:24.025 --> 00:04:28.175 0:04:27.930,0:04:30.970 वह एक ताकत के रूप में उभरेंगे जो लड़ सके 00:04:28.175 --> 00:04:31.920 0:04:30.970,0:04:31.950 अमरीकी रसायण-विज्ञान परिषद के साथ 00:04:31.920 --> 00:04:34.975 0:04:31.950,0:04:35.710 जिसके लिए माना जाता है कि वह प्लास्टिक उद्योगों के लिए पैरवी करती है | 00:04:35.000 --> 00:04:37.975 0:04:35.710,0:04:36.380 और वे निकलेंगे अपने अपने घरों से, 00:04:38.000 --> 00:04:41.975 0:04:36.380,0:04:40.340 अपने दोस्तो एवं पड़ोसियों से बात करके उन्हे प्रेरणा देंगे, 00:04:42.000 --> 00:04:45.585 0:04:40.340,0:04:42.000 ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पुराने खेल पर सवाल उठाये | 00:04:45.585 --> 00:04:47.001 0:04:42.000,0:04:45.640 वास्तव में दुनियाभर के शहरों में यही हो रहा है - 00:04:47.001 --> 00:04:51.245 0:04:45.640,0:04:50.510 और वह जीत भी रहे है ! पर क्या कुछ प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगाने से 00:04:51.245 --> 00:04:52.944 0:04:50.510,0:04:51.250 समस्या का समाधान हो जायेगा? 00:04:53.000 --> 00:04:55.975 0:04:51.250,0:04:55.860 ऐसे तो बिल्कुल नहि, पर और लाखो लोग, जो सचमें इसकी परवाह करते है 00:04:56.000 --> 00:04:58.015 0:04:55.860,0:04:57.890 खेल को पलट देने वाले उपायों पर काम कर रहे है | 00:04:58.015 --> 00:04:59.020 0:04:57.890,0:05:02.419 हां ! मिलजूट कर यह सब हल परिस्थिति बदलाव कि और कदम बढा चुके है | 00:04:59.020 --> 00:05:02.960 0:05:02.419,0:05:06.980 जब साथ में मिलकर काम करना शुरु करे तब देश का नागरिक और भी ताकतवर बनता है | 00:05:02.960 --> 00:05:04.975 0:05:06.980,0:05:11.260 वे यह निश्च्ति करते है कि वोह जो भी प्रादेशिक समाधान ढूँढे उसे और लोग भी अपनाये और पुरा अभियान विकास करे | 00:05:05.000 --> 00:05:07.205 0:05:11.260,0:05:15.110 और जब वे देखते है कि समाधान को हटाने के लिए उद्योगों के ध्वारा 00:05:07.205 --> 00:05:10.975 0:05:15.110,0:05:16.070 अपनी ताकत और पहोंचका गैर-इस्तेमाल किया जां रहा है, 00:05:11.000 --> 00:05:15.975 0:05:16.070,0:05:19.700 तब वे एकजुट होकर एक सच्चे लोकतन्त्र के लिए लड़ते है | 00:05:16.000 --> 00:05:19.805 0:05:19.700,0:05:23.039 लोगो के द्वारा, लोगो के लिए 00:05:19.805 --> 00:05:22.691 0:05:23.039,0:05:27.369 भेट कूपन यह कभी नही कर पाते, पर हजारों नागरिक जरूर कर सकते है| 00:05:23.000 --> 00:05:24.973 0:05:27.369,0:05:32.319 मुझे जब भी ऎसे किसी अभियान में शामिल होने को बुलाया जाता है, तब मैं हमेशा अपने आप से यह पूछती हूँ| 00:05:25.000 --> 00:05:26.975 0:05:32.319,0:05:35.919 कि यह आगे कोइ परिवर्तन लाएगा? जानना ज़रुरी हो जाता है कि अभियान का लक्ष्य क्या है | 00:05:27.000 --> 00:05:31.975 0:05:35.919,0:05:39.009 इसके नापतोल के परिमाण कुछ इस प्रकार है: 00:05:32.000 --> 00:05:34.073 0:05:39.009,0:05:43.169 एक लोकतंत्र को बनाने के लिए 00:05:34.073 --> 00:05:37.007 0:05:43.169,0:05:43.979 यह आम आदमी की ताकत बढायेगा या उद्योगों की | 00:05:37.007 --> 00:05:40.795 0:05:43.979,0:05:48.399 क्या यह लोगो की आँखें खोलेगा, कि बुनियादी जरूरतें पूरी होने पर, 00:05:40.795 --> 00:05:44.120 0:05:48.399,0:05:51.399 खरीदारी खुशहाली नही लाती, 00:05:44.120 --> 00:05:48.555 0:05:51.399,0:05:54.869 पर आती है स्वस्थ और सँतुष्ट समाज से | 00:05:48.555 --> 00:05:51.485 0:05:54.869,0:05:58.569 सामान बनाने कि लागत, 00:05:51.485 --> 00:05:55.308 0:05:58.569,0:06:02.409 इसमें लोगो और पृथ्वी पर होने वाली असरे भी गिनी जाए - 00:05:55.308 --> 00:05:58.759 0:06:02.409,0:06:05.919 ना कि सिर्फ़ उसकी बाजारु कीमत 00:05:58.759 --> 00:06:01.215 0:06:05.919,0:06:09.089 जैसे आजकल के वाणिज्यमें करते है | 00:06:01.215 --> 00:06:06.022 0:06:09.089,0:06:13.179 क्या यह उनके बीच में आर्थिक असमानता की खाइ को कम करता है जिसमें एक तरफ वह लोग हे, 00:06:06.022 --> 00:06:08.465 0:06:13.179,0:06:13.899 जो अपनी बुनियादी जरूरतें भी पूरा नहीं कर पाते 00:06:08.465 --> 00:06:13.880 0:06:13.899,0:06:17.110 और दूसरी तरफ़ वह जो निजी जरूरतसे कई गुना ज्यादा इस्तेमाल करते है | 00:06:13.880 --> 00:06:17.475 0:06:17.110,0:06:20.969 जब में देखती हूँ कि कोइ हल से यह सब हो सकता है या प्रणालीको ऐसा करने के लिए पुन: गठित किया जा सकता है, 00:06:17.475 --> 00:06:21.025 0:06:20.969,0:06:23.969 तब में हिस्सा लेने के लिए तैयार हूँ | और अब यह सब जगह हो रहा है: 00:06:21.025 --> 00:06:22.160 0:06:23.969,0:06:26.979 जैसे कि क्लीवलैंड में एवरग्रीन सहकारी मँडलीया 00:06:22.160 --> 00:06:24.155 0:06:26.979,0:06:30.779 जहाँ पे कर्मचारी और मालिक हरित व्यापार चला रहे है — 00:06:24.155 --> 00:06:27.155 0:06:30.779,0:06:34.039 एक लॉन्ड्री , एक सौर कंपनी और एक बहोत ज्यादा फलाउ शहरी खेत - 00:06:27.155 --> 00:06:30.035 0:06:34.039,0:06:39.149 जो कि स्वस्थ और सुरक्षित हैं. यह लोगों को सुरक्षित रोजगार उपलब्ध कराता है जो 00:06:30.035 --> 00:06:34.195 0:06:39.149,0:06:40.439 पुराने खेल में बिलकुल पीछे छूट गया था | 00:06:34.195 --> 00:06:36.309 0:06:40.439,0:06:43.949 हम सब जानते है कि हमे वाणिज्य को लोकतंत्र से बाहर करना है, 00:06:36.309 --> 00:06:41.052 0:06:43.949,0:06:47.019 पर सहकारी मँडलीया उससे एक कदम आगे जा के 00:06:41.052 --> 00:06:43.975 0:06:47.019,0:06:51.099 लोकतंत्र को वाणिज्य में ले के आता है सतत, लोकतांत्रिक और न्यायसंगत - 00:06:44.000 --> 00:06:48.575 0:06:51.099,0:06:54.439 इसे केहते है खेल को पलटना | और भी है, जेसे कि इटली का शहर केपेनोरी - 00:06:48.575 --> 00:06:51.009 0:06:54.439,0:06:58.429 यहा के स्थानीक नागरिक, जो सरकार और वाणिज्य के साथ काम कर रहे है 00:06:51.009 --> 00:06:52.957 0:06:58.429,0:07:01.999 न सिर्फ़ उनसे कचरे का बेहतर प्रबंध करने की माँग कर रहे है, 00:06:52.960 --> 00:06:57.975 0:07:01.999,0:07:03.749 बल्कि उस कचरे की अनिवार्यता पे भी सवाल उठा रहे है | 00:06:58.000 --> 00:07:00.975 0:07:03.749,0:07:07.929 यह लोग कूड़े प्रबँधन के उपाय के तौर पे खर्चीले तकनीकी जुगाड को नहि पर, 00:07:01.000 --> 00:07:03.975 0:07:07.929,0:07:12.349 एक सँगत तरीके से काम करने को बढ़ावा दे रहे है - फिर वो सजैव खाद का निर्माण हो या 00:07:04.000 --> 00:07:07.975 0:07:12.349,0:07:15.559 फेंक दी जानेवाली चीजों के पुनरोपयोगी विकल्प ढुँढना हो 00:07:08.000 --> 00:07:12.655 0:07:15.559,0:07:19.759 उन्होने रोजगार और समाजीक ढाँचे का सुगठन करते हुए 00:07:12.655 --> 00:07:15.595 0:07:19.759,0:07:21.699 कुछ प्रकार के कूड़े को तो 00:07:15.595 --> 00:07:18.445 0:07:21.699,0:07:24.839 82 प्रतिशत तक घटा दिया है 00:07:18.445 --> 00:07:21.785 0:07:24.839,0:07:28.069 और हमने अभी तक मिल-बाँटने की आदतों की तो बात ही नही की है 00:07:21.785 --> 00:07:25.285 0:07:28.069,0:07:32.829 यह जरूर कुछ जाना-पहेचाना लगेगा 00:07:25.285 --> 00:07:28.105 0:07:32.829,0:07:36.149 पर जरा सोचिये - पुराने खेल को यह कितनी बडी चुनौती है 00:07:28.105 --> 00:07:30.015 0:07:36.149,0:07:39.189 यह हम को "और भी, और भी" के विष-चक्र से बचाता है, प्राकृतिक संपदा को बचाता है, 00:07:30.015 --> 00:07:32.645 0:07:39.189,0:07:43.929 जिनके बस में नही है उन्हे चीजें दिलाता है, और समाज को बाँधे रखता है | 00:07:32.645 --> 00:07:36.485 0:07:43.929,0:07:49.179 और यह कैसे होता है? अपनी गाडी पर किसी को सवारी देना, 00:07:36.485 --> 00:07:39.275 0:07:49.179,0:07:54.110 इंटरनेट पर की सुविधाये जो लोगो को एकदुसरे की मोटरकार से ले के घर पर बसेरा उपलब्ध कराती है | 00:07:39.275 --> 00:07:44.035 0:07:54.110,0:07:57.599 मेरे शहर में एक जनता लाइब्रेरी है जो पुस्तकों के बजाये औज़ार के लिए है ! 00:07:44.035 --> 00:07:45.475 0:07:57.599,0:08:01.239 बात भी सही है ना, हर घर को भला ड्रिल, गैस- वेल्डिँग टॉर्च, स्कैनर या बाइक पंप बसाने कि क्या जरूरत? 00:07:45.475 --> 00:07:47.031 0:08:01.239,0:08:05.129 जब कि हम जरूरत पडने पर बाँट के इस्तेमाल कर सकते है | 00:07:47.031 --> 00:07:48.975 0:08:05.129,0:08:09.529 ऎसे उपायों को गले लगाकर हम बदलाव ला सकते है - 00:07:49.000 --> 00:07:54.555 0:08:09.529,0:08:14.720 बस जरूरत है बेहतर समाज को नजर के सामने रखने की | 0:08:14.720,0:08:18.650 एक नए लक्ष्य के बग़ैर, बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हम जो भी कर रहे है, 00:07:54.555 --> 00:07:58.093 0:08:18.650,0:08:22.350 ना तो पर्याप्त होगा ना ही आसान |. 00:07:58.093 --> 00:08:01.125 0:08:22.350,0:08:26.630 समाज के श्रेष्ठ दिमाग उल्ज़े रहेंगे की 00:08:01.125 --> 00:08:05.966 0:08:26.630,0:08:27.680 कैसे आई फ़ोन की बैटरी-लाइफ बढ़ाई जाए, 00:08:06.000 --> 00:08:08.975 0:08:27.680,0:08:31.310 जब कि मानव जीवन को खतरा हो सकने वाली समस्याए मौजुद है | 00:08:09.000 --> 00:08:13.975 0:08:31.310,0:08:34.510 पाँच साल पहले जब हमने "स्टोरी ऑफ़ स्टफ (चीजों की कहानी)" बनाई थी 00:08:14.000 --> 00:08:17.975 0:08:34.510,0:08:38.050 हमने लोगो के एक समुदाय का निर्माण शुरु किया, 00:08:18.000 --> 00:08:22.889 0:08:38.050,0:08:40.060 जिनको पता था की कुछ तो ग़लत है उस पुराने अधिकतम वाले खेल के साथ 00:08:22.889 --> 00:08:26.975 0:08:40.060,0:08:44.320 हम सहमत हुए कि हा, यह एक समस्या तो है अब समय है उसके समाधान ढूँढने का - 00:08:27.000 --> 00:08:30.975 0:08:44.320,0:08:49.200 समाधान ऐसा नहि कि वोह सिर्फ़ खेल के कुछ चंद नियम को बदले, 00:08:31.000 --> 00:08:33.975 0:08:49.200,0:08:56.200 पर पूरे खेल को ही बदल डाले | मदद करना चाहोगे ? बहोत बहोत स्वागत है, चलो कर के दिखाते है |