WEBVTT 00:00:00.640 --> 00:00:01.855 मरीज़ होने के नाते, 00:00:01.880 --> 00:00:05.496 हमारे डॉक्टर्स के नाम हमें याद रहते हैं, 00:00:05.520 --> 00:00:08.840 पर क्या किसी नर्स का नाम हमे याद रहती है? 00:00:09.600 --> 00:00:10.800 मुझे याद है। 00:00:11.400 --> 00:00:13.616 कुछ साल पहले मुझे स्तन कैंसर हुआ था, 00:00:13.640 --> 00:00:17.096 शुरुआत के कुछ सर्जरी और उसके दौरन के चिकित्सा 00:00:17.120 --> 00:00:19.400 अच्छी तरह से चल रहे थे। 00:00:19.840 --> 00:00:22.096 मेरे अंदर जो हो रहा था मैं उसको छिपा सकती थी। 00:00:22.120 --> 00:00:24.336 ज़रूरी नहीं था कि सब यह बात जाने। 00:00:24.360 --> 00:00:26.576 मैं अपनी बेटी को स्कूल छोड़ आती थी, 00:00:26.600 --> 00:00:28.576 मैं अपने पति के साथ खाने पे बाहर जाती थी; 00:00:28.600 --> 00:00:30.716 लोगों को मैंने बेखबर रखा था। 00:00:30.716 --> 00:00:33.082 पर जब मेरी कीमो थेरेपी शुरू होने वाली थी 00:00:33.082 --> 00:00:34.842 मैं डर गई 00:00:34.842 --> 00:00:39.398 क्योंकि मैं ऐसी कीमो करवाने जा रही थी 00:00:39.398 --> 00:00:42.448 जिससे मेरे सारे बाल गिरने वाले थे। 00:00:42.478 --> 00:00:44.774 मैं समझ गई कि सहजता का मेरा नाटक 00:00:44.800 --> 00:00:47.426 और नहीं चलने वाला। 00:00:47.440 --> 00:00:48.760 मुझमे खौंफ पैदा हो गई। 00:00:48.760 --> 00:00:52.356 ऐसा लगा कि लोग मुझे दया की नज़रों से देखंगे, 00:00:52.356 --> 00:00:54.632 पर मैं उनसे सहजता की अपेक्षा कर रही थी। 00:00:54.760 --> 00:00:56.805 मेरे सीने पर एक पोर्ट लगाया गया। 00:00:56.960 --> 00:00:59.736 मैं अपनी पहली कीमो थेरेपी के लिए गई, 00:00:59.760 --> 00:01:02.116 और मैं बहुत भावुक थी। 00:01:02.116 --> 00:01:05.150 तब मेरी नर्स जोअान्न मेरे कमरे मे आई, 00:01:05.160 --> 00:01:09.159 और अचानक मुझे लगा कि अपनी कुर्सी से उठु 00:01:09.159 --> 00:01:10.694 और अस्पताल से भाग जाऊँ। 00:01:10.694 --> 00:01:15.250 पर जोअान्न मेरी कोई पुरानी सहेली की तरह पेश आई। 00:01:15.250 --> 00:01:16.670 फिर उसने मुझसे पुछा, 00:01:16.680 --> 00:01:18.799 " तुमने अपने बालों के रंग कहाँ लगवाए?" 00:01:18.799 --> 00:01:19.920 (हंसी) 00:01:19.920 --> 00:01:21.883 मैंने सोचा क्या यह औरत मज़ाक कर रही हैं? 00:01:21.883 --> 00:01:26.743 मैं अपने बालों को खोने के डर में हूँ और आप उनके रंग के बारे में पूछ रहे हो? 00:01:26.763 --> 00:01:28.430 मुझे गुस्सा आ रहा था, 00:01:28.520 --> 00:01:31.080 "आप मेरे बालों के बारे में पूछ रही है?" मैंने पूछा 00:01:31.640 --> 00:01:33.976 बड़ी निर्मलता से जोअान्न कहा, 00:01:34.000 --> 00:01:36.270 "तुम्हारे सारे बाल फिर से बढ़ जाएंगे" 00:01:36.280 --> 00:01:39.536 उस एक पल मे जोअान्न ने वह बात कही जिसको मैंने नज़रअंदाज़ किया था, 00:01:39.560 --> 00:01:43.376 कि कुछ समय बाद मेरी ज़िन्दगी सहजता की ओर वापिस लौटेगी। 00:01:43.400 --> 00:01:45.096 जोअान्न को मेरे ऊपर भरोसा था। 00:01:45.120 --> 00:01:47.520 और उसकी वजह से मुझे अपने आप पर भरोसा हुआ। 00:01:47.520 --> 00:01:52.296 कैंसर से लड़ते वक़्त बालों के झड़ने की समस्या को लेकर 00:01:52.320 --> 00:01:53.936 चिंतित होना अस्वाभाविक लग सकता है 00:01:53.960 --> 00:01:58.096 पर अपनी सुंदरता या अपनी आभा से ज़्यादा परेशानी 00:01:58.120 --> 00:02:02.040 आपको लोगों के बर्ताव से होगा। 00:02:02.760 --> 00:02:06.319 ६ महीने मे पहली बार जोअान्न के कारण मै प्रकृतिस्थ लगने लगी। 00:02:06.319 --> 00:02:08.199 हमने उसके कई प्रेमियों की चर्चा की, 00:02:08.199 --> 00:02:10.936 न्यू यॉर्क मे अपार्टमेंट ढूंढ़ने के बारे मे बात की, 00:02:10.960 --> 00:02:13.816 और कीमो के प्रति मेरे प्रतिक्रिया की बातें भी की -- 00:02:13.840 --> 00:02:15.800 यह सब और कई और बाते। 00:02:16.360 --> 00:02:18.336 और मैने हमेशा सोचा कि, 00:02:18.360 --> 00:02:23.000 मुझसे इतनी निकटता से बात करना जोअान्न को कैसे आता था? 00:02:23.480 --> 00:02:26.896 जोअान्न स्टाहा के प्रति मेरी प्रशंसा से शुरू हुआ 00:02:26.920 --> 00:02:31.140 मेरा सफर नर्सों की दुनिया मे। 00:02:31.360 --> 00:02:33.800 कुछ साल बाद मैं एक परियोजना केलिए चुनी गई। 00:02:33.800 --> 00:02:37.110 नर्सो का योगदान लोगों तक लाना इसका मूल उद्देश्य था। 00:02:37.120 --> 00:02:38.640 मैंने जोअान्न से शुरू किया। 00:02:38.640 --> 00:02:41.640 देश भर मे मैं १०० से ज़्यादा नर्सो से मिली। 00:02:42.320 --> 00:02:47.386 एक किताब और एक वृत्त चित्र के लिए पांच साल तक 00:02:47.396 --> 00:02:50.376 मैंने इन नर्सों से बात की और उनकी तस्वीरें खींची। 00:02:50.560 --> 00:02:51.776 मैं और मेरी टीम, 00:02:51.800 --> 00:02:55.136 अमेरिका मे कई जगह गए 00:02:55.160 --> 00:03:00.096 जहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य की समस्यायें अधिक हैं 00:03:00.120 --> 00:03:04.200 जैसे, बुढ़ाफा, गरीबी, जंग, कारागार 00:03:04.840 --> 00:03:06.096 और हम वहाँ भी गए 00:03:06.120 --> 00:03:09.976 जहाँ इन समस्याओं से लड़ते हुए 00:03:10.000 --> 00:03:11.520 कई मरीज़ मौजूद थे। 00:03:12.280 --> 00:03:15.800 हमने कुछ अस्पतालों से प्रतिनिधित्व के लिए 00:03:16.360 --> 00:03:18.790 उनके एक नर्स को चुनने के लिए कहा। 00:03:18.800 --> 00:03:22.200 तब मैं मिली ब्रिड्जेट कुम्बेल्ला से 00:03:22.200 --> 00:03:23.840 ब्रिड्जेट कैमरून में जन्मी थी, 00:03:23.840 --> 00:03:26.400 और उसके माता पिता के चार बच्चों में यह पहली बच्ची थी। 00:03:26.400 --> 00:03:30.256 काम करते वक़्त उसके पिता चौथी मंज़िल से गिर गए थे 00:03:30.280 --> 00:03:32.256 और उनकी कमर टूट गई थी। 00:03:32.280 --> 00:03:36.416 कमर के टूटने के बाद उनको यह लगा की उन्हें 00:03:36.440 --> 00:03:38.880 वह देखभाल नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था। 00:03:39.400 --> 00:03:42.640 इन्ही बातों से प्रेरित होकर ब्रिड्जेटने नर्सिंग में दिलचस्पी दिखाई। 00:03:44.000 --> 00:03:45.640 अब ब्रोंक्स में बतौर एक नर्स 00:03:45.640 --> 00:03:49.056 ब्रिड्जेट ऐसे कई मरीज़ों का देखभाल करती है 00:03:49.080 --> 00:03:50.976 जिनकी सामाजिक दशा एक दूसरे से अलग है 00:03:51.000 --> 00:03:52.960 और अलग है उन सबका मज़हब 00:03:53.400 --> 00:03:57.576 विभिन्न संस्कृतियों के स्वास्त्य की समस्याओं को समझने के लिए 00:03:57.600 --> 00:04:00.640 उसने अपनी वृत्ति में अपने आप को समर्पण कर दिया है। 00:04:00.640 --> 00:04:03.640 ब्रिड्जेट ने एक मरीज़ के बारे में बताया -- 00:04:03.640 --> 00:04:06.336 एक मूल अमेरिकी मरीज़ -- 00:04:06.360 --> 00:04:10.080 जो अपने साथ आईसीयू के अंदर कुछ पर लेके आना चाहता था। 00:04:11.080 --> 00:04:13.360 उन पंखों से उस अमरीकी को शान्ति मिलती थी। 00:04:13.360 --> 00:04:16.360 ब्रिड्जेट ने उस अमरीकी के फैसले का समर्थन किया था 00:04:16.360 --> 00:04:19.136 उसने कहा की मरीज़ हर धर्म के यहाँ आते हैं 00:04:19.160 --> 00:04:23.056 और कई तरह के चीज़े उन्हें शान्ति और दिलासा देती हैं; 00:04:23.080 --> 00:04:26.200 वह चाहे एक माला हो या पंख, 00:04:26.200 --> 00:04:29.200 इन सब चीज़ों का यहाँ हम समर्थन करते हैं। 00:04:29.200 --> 00:04:31.016 यह है जैसन शॉर्ट 00:04:31.040 --> 00:04:34.096 अपप्लेशियन पर्वतों में जैसन एक प्राइवेट नर्स है, 00:04:34.120 --> 00:04:38.496 जैसन के पिता एक पेट्रोल स्टेशन और मेकानिक की दूकान चलाते थे। 00:04:38.520 --> 00:04:42.840 जहा जैसन कार की मरम्मत करता था आज उसी जगह बतौर एक नर्स काम कर रहा है। 00:04:43.600 --> 00:04:44.856 कॉलेज के दिनों में, 00:04:44.880 --> 00:04:48.536 नर्स बनना मर्दानी बात नहीं थी, 00:04:48.560 --> 00:04:50.736 इसी कारण जैसन ने इस बात को कई साल तक टाला। 00:04:50.760 --> 00:04:52.696 कुछ समय तक उसने ट्रक् चलाये, 00:04:52.720 --> 00:04:56.200 पर उसका दिल नर्सिंग की तरफ ही खींचा चला जा रहा था। 00:04:58.240 --> 00:05:00.216 अपप्लेशियन पर्वतों पे एक नर्स होकर, 00:05:00.240 --> 00:05:04.056 जैसन ऐसी जगह पहुँच जाता है जहा एम्बुलेंस भी नहीं पहुँचती है। 00:05:04.080 --> 00:05:07.520 इस तस्वीर में जहाँ जैसन खड़ा है वह पहले एक रस्ता हुआ करता था। 00:05:08.080 --> 00:05:10.896 पर्वत चोटी खनन के वजह से इन रास्तों में बाढ़ आ गयी, 00:05:11.108 --> 00:05:14.108 और जैसन का एक ही रास्ता जो उस मरीज़ तक पहुँचने का था 00:05:14.240 --> 00:05:17.136 जो काले फेफड़े की बीमारी से पीड़ित थे 00:05:17.160 --> 00:05:21.480 उस बाढ़ के बीचों बीच से था। 00:05:22.360 --> 00:05:25.440 जिस दिन मैं जैसन के साथ थी, उसके कार की फेंडर गाडी से निकल आ गयी। 00:05:26.160 --> 00:05:29.376 अगले दिन जैसन सवेरे ही उठकर, 00:05:29.400 --> 00:05:30.656 फेंडर की मरम्मत की, 00:05:30.680 --> 00:05:32.776 और चल दिया उसने अपने अगले मरीज़ से मिलने। 00:05:33.680 --> 00:05:36.936 मैंने जब जैसन को उस सज्जन का 00:05:36.960 --> 00:05:39.776 इतनी दया और प्रेम से देखभाल करते हुए जब देखा, 00:05:39.800 --> 00:05:44.800 तब मुझे लगा की नर्सिंग एक अभिन्न एहसास है। 00:05:46.040 --> 00:05:49.136 जब मैं ब्रायन मैकमिलियन से मिली तब अपने वृत्ति मे वह कच्चा था। 00:05:49.160 --> 00:05:51.776 वह एक प्रविस्तारण से लौटा हुआ था 00:05:51.800 --> 00:05:56.376 और सॅन डिएगो की ज़िन्दगी से अभी वाक़िफ़ नहीं हुआ था। 00:05:56.400 --> 00:05:59.936 जर्मनी मे अपने नर्सिंग के अनुभव के बारे मे उसने बात की 00:05:59.960 --> 00:06:03.936 ब्रायन ने रणभूमि मे घायल हुए सैनिकों का देखभाल किया था। 00:06:03.960 --> 00:06:07.480 अस्पताल में होश आते ही कुछ सैनिक जब अपनी आँखें खोलते थे 00:06:07.480 --> 00:06:10.480 तब उनकी नज़रें पहले ब्रायन पर पड़ती थी। 00:06:10.480 --> 00:06:13.056 और वहा बिस्तर पर लेटे, 00:06:13.080 --> 00:06:14.736 अपनी टांगों को खो चुके वह सैनिक, 00:06:14.760 --> 00:06:17.376 ब्रायन से पूछते, 00:06:17.400 --> 00:06:21.120 "मैं वापिस जाना चाहता हूँ, मेरे भाइयों को वहा छोड़ आया हूँ।" 00:06:22.080 --> 00:06:23.616 और ब्रायन को कहना पड़ता था, 00:06:23.640 --> 00:06:25.216 "आप कही नहीं जा रहे हो। 00:06:25.240 --> 00:06:27.080 "आप रणभूमी मे काफी योगदान कर लौटे हो।" 00:06:28.000 --> 00:06:32.760 एक नर्स ही नहीं बल्कि ब्रायन बतौर एक सैनिक युद्ध को नज़दीक से देख चूका है 00:06:33.280 --> 00:06:35.336 उनके मानसिक स्तिथि से परिचित होने के कारण 00:06:35.360 --> 00:06:39.720 ब्रायन उन सैनिकों का देखभाल बड़ी अच्छी तरह से कर पाता है। 00:06:41.560 --> 00:06:43.056 यह है सिस्टर स्टीवन, 00:06:43.080 --> 00:06:47.296 और विस्कॉन्सिन में विल्ला लोरेट्टो नाम की एक नर्सिंग होम चलाती है। 00:06:47.320 --> 00:06:51.776 और जीवनचक्र के सभी सदस्यों को आप स्टीवन के इर्द गिर्द पा सकते हो। 00:06:51.800 --> 00:06:54.256 बचपन में स्टीवन फार्म में रहने का सपना देखा करती थी, 00:06:54.280 --> 00:06:58.976 तो जब फार्म के प्राणियों को अपनाने का मौका मिलता है, 00:06:59.000 --> 00:07:02.056 तब स्टीवन उन्हें साथ ले आती हैं। 00:07:02.080 --> 00:07:05.616 और जब वसतं ऋतु में उन पशुओं के बच्चे पैदा होते हैं 00:07:05.640 --> 00:07:10.816 तब सिस्टर स्टीवन बत्तख के बच्चे और मेमनों को 00:07:10.840 --> 00:07:15.096 विल्ला लोरेट्टो के निवासियों के लिए पशु थेरेपी की तरह उपयोग करती हैं 00:07:15.120 --> 00:07:18.456 कुछ निवासियों को अपना नाम तक याद नहीं रहता 00:07:18.480 --> 00:07:22.040 पर एक मेमने को अपने हाथो में लेते ही वह खुश हो जाते हैं। 00:07:23.400 --> 00:07:25.216 जिस दिन में सिस्टर स्टीवन से मिली, 00:07:25.240 --> 00:07:27.336 उनकी कहानी को शूट करने 00:07:27.360 --> 00:07:29.456 उन्हें विल्ला लोरेट्टो से बाहर ले जाना था। 00:07:29.480 --> 00:07:30.736 निकलने से पहले, 00:07:30.760 --> 00:07:33.240 सिस्टर स्टीवन एक मरते हुए मरीज़ के कमरे में गई। 00:07:34.000 --> 00:07:36.776 और उनसे कहा, 00:07:36.800 --> 00:07:38.720 "मैं एक दिन के लिए बाहर जा रही हूँ," 00:07:39.520 --> 00:07:41.216 "इस दौरान आपको ईसा मसीह ने बुलाया 00:07:41.240 --> 00:07:42.456 तो आप चले जाना।" 00:07:42.480 --> 00:07:44.640 आप सीधा ईसा मसीह के घर चले जाना।" 00:07:45.280 --> 00:07:47.856 वहाँ खड़ी होकर सिस्टर स्टीवन को देख सोच रही थी। 00:07:47.880 --> 00:07:49.896 ज़िन्दगी में पहली बार मैंने देखा कि 00:07:49.920 --> 00:07:54.216 दिल में किसी के लिए प्यार और सम्मान भर कर भी 00:07:54.240 --> 00:07:55.440 आप उनको अलविदा कह सकते हो 00:07:56.040 --> 00:07:58.360 हमें उनको कस कर पकडे रहने की ज़रुरत नहीं है। 00:07:59.400 --> 00:08:02.976 विल्ला लोरेट्टो में मैंने जितने लोगों को आखरी सास लेते हुए देखा 00:08:03.000 --> 00:08:08.040 वह मैंने कही और नहीं देखा। 00:08:09.320 --> 00:08:13.376 हम एक ऐसे दौर से गुज़र रहे है जहाँ स्वस्थ्य संरक्षण जटिल होता जा रहा है। 00:08:13.400 --> 00:08:17.120 ज़िन्दगी के गुणवत्ते से ही नहीं, 00:08:17.120 --> 00:08:20.120 बल्कि ज़िन्दगी के परिमाण से भी हमारी नज़र हटती जा रही है। 00:08:20.120 --> 00:08:23.536 प्राण बचाने के नई तकनीको के पैदा होते ही, 00:08:23.560 --> 00:08:26.560 हमारे निर्धार कठिन होते जा रहे हैं। 00:08:27.280 --> 00:08:30.136 इन नई तकनीकों से जान तो बच जाते हैं, 00:08:30.160 --> 00:08:34.080 मगर शारीरिक वेदना और मरने की प्रक्रिया लम्बी हो जाती हैं। 00:08:35.919 --> 00:08:38.816 इन कठिन परिस्तिथियों से हम पार कैसे हो? 00:08:38.840 --> 00:08:40.888 मदद से। हमें मदद की ज़रुरत है। 00:08:41.760 --> 00:08:45.336 बीमारी के समय हमारा साथ देने वाले नर्स 00:08:45.360 --> 00:08:47.840 हमसे एक अनमोल रिश्ते की गाँठ बना लेते हैं। 00:08:48.760 --> 00:08:49.976 क्योंकि उस समय, 00:08:50.000 --> 00:08:52.520 एक भावनात्मक नज़दीकी उभर आती है। 00:08:54.640 --> 00:08:57.216 पिछले साल अगस्त के ९ तारीक को, 00:08:57.240 --> 00:08:59.160 दिल का दौरा पड़ने से मेरे पिताजी गुज़र गए। 00:09:00.600 --> 00:09:02.256 मेरी माँ को इससे बहुत सदमा पहुंचा, 00:09:02.280 --> 00:09:06.240 मेरे पिता के बिना उनकी ज़िन्दगी कल्पनाहीन लगने लगी। 00:09:07.360 --> 00:09:09.296 चार दिन बाद वह गिर गई, 00:09:09.320 --> 00:09:11.176 और गिरने के कारण उनकी कमर टूटी, 00:09:11.200 --> 00:09:12.696 उन्हें सर्जरी की ज़रुरत थी 00:09:12.720 --> 00:09:15.640 और वह अपनी ज़िन्दगी से लड़ रही थी। 00:09:16.880 --> 00:09:18.616 और फिर से मैं 00:09:18.640 --> 00:09:21.616 नर्सों को मेरी माँ का देखभाल करते हुए 00:09:21.640 --> 00:09:23.080 नज़दीकी से देखा। 00:09:24.200 --> 00:09:26.736 मेरा भाई, मेरी बहन और मैं 00:09:26.760 --> 00:09:29.200 आई सी यू में तीन दिन तक माँ के साथ रहे। 00:09:29.960 --> 00:09:33.096 हमारी माँ की तमन्नाओं को पूरा करने के लिए 00:09:33.120 --> 00:09:35.496 हम तीनों ने सही निर्णय लेने की कोशिह की 00:09:35.520 --> 00:09:39.440 और इसके लिए हमने नर्सों का मार्गदर्शन लिया। 00:09:40.200 --> 00:09:41.656 और फिर से उन्होंने, 00:09:41.680 --> 00:09:43.200 हमें निराश नहीं किया। 00:09:44.600 --> 00:09:49.376 माँ का उनके अंतिम चार दिनों में देखभाल कैसे करे 00:09:49.400 --> 00:09:51.656 इस मामले में नर्सों ने हमारा साथ दिया। 00:09:53.320 --> 00:09:56.320 मेरी बीमार माँ को उन नर्सों ने आरामदायक बनाने की कोशिश की। 00:09:56.320 --> 00:10:01.576 माँ को फरक नहीं पड़ता था पर उन्हें सुन्दर नाइटी पहनाने के लिए, 00:10:01.600 --> 00:10:03.496 उन नर्सों ने हमारा होंसला बढ़ाया, 00:10:03.520 --> 00:10:05.320 हमारे लिए वह एक बड़ी बात थी। 00:10:07.000 --> 00:10:12.760 जब माँ आखरी सांस ले रही थी तब उन्होंने मुझे जगाया। 00:10:13.600 --> 00:10:15.950 और जब माँ गुज़री तब वह नर्स जानती थी कि 00:10:16.040 --> 00:10:18.960 कितनी देर तक मुझे माँ के साथ अकेला छोड़े। 00:10:18.960 --> 00:10:22.696 यह बातें वह कैसे जानती हैं यह मैं नहीं जानती, 00:10:22.720 --> 00:10:25.856 पर मै उनकी फिर से आभारी हूँ 00:10:25.880 --> 00:10:27.680 कि वह फिर से मेरी मार्गदर्शक बनी। 00:10:28.920 --> 00:10:30.416 आपका बहुत बहुत धन्यवाद। 00:10:30.437 --> 00:10:35.047 (तालियाँ)