1 00:00:00,760 --> 00:00:05,296 बचपन मे मैं गिनेस बूक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स की बडी शौक़ीन थी 2 00:00:05,320 --> 00:00:08,776 और मैं चाहती थी की मै खुद एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाऊँI 3 00:00:08,800 --> 00:00:11,496 बस एक छोटी सी समस्या थी: 4 00:00:11,520 --> 00:00:14,020 मुझमे कोई हुनर नहीं थाI 5 00:00:14,520 --> 00:00:17,896 तब मैने तय किया की मुझे उस चीज़ मे रिकॉर्ड बनानी है 6 00:00:17,956 --> 00:00:20,679 जिसमे कोई हुनर या कौशल की ज़रुरत ना होI 7 00:00:21,840 --> 00:00:24,576 तब मैंने निश्चय किया की मैं वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाऊंगी 8 00:00:24,600 --> 00:00:25,800 'रेंगने' में I 9 00:00:27,680 --> 00:00:30,656 (लोगों की हंसी) 10 00:00:30,680 --> 00:00:34,200 रेंगने का रिकॉर्ड उस समय किसी ने साडे १२ मिलों की बनाई थी, 11 00:00:35,840 --> 00:00:39,016 और इसे पढ़के मुझे यह लगा कि इस रिकॉर्ड को मैं आसानी से तोड़ पाऊँगी I 12 00:00:39,040 --> 00:00:41,200 (लोगों की हंसी) 13 00:00:42,480 --> 00:00:44,136 मेरे साथ मेरी सहेली ऐनी भी जुड़ गई, 14 00:00:44,156 --> 00:00:47,656 और हमने सोच लिया कि इस काम के लिए हमें प्रशीक्षण की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगीI 15 00:00:47,756 --> 00:00:50,826 (लोगों की हंसी) 16 00:00:51,040 --> 00:00:52,856 जब हमारे रिकॉर्ड बनाने का दिन आया, 17 00:00:52,880 --> 00:00:56,536 हमने अपने कपड़ो पे फर्नीचर के गद्दे बांधकर 18 00:00:56,560 --> 00:00:58,320 रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार हो गए, 19 00:00:58,720 --> 00:01:01,776 मगर शुरू करते ही, हम मुसीबत में फस गए, 20 00:01:01,800 --> 00:01:03,896 क्योंकि जो कपडे हमने पहने हुए थे, जीन्स के, 21 00:01:03,920 --> 00:01:05,495 वह हमारे त्वचा को मसलने लगी, 22 00:01:05,519 --> 00:01:08,160 जिस वजह से घुटनों में खरोंच आ गईI 23 00:01:08,920 --> 00:01:10,120 कुछ ही घंटों के बाद, 24 00:01:11,160 --> 00:01:12,360 बारिश होने लगीI 25 00:01:13,520 --> 00:01:15,960 फिर, ऐनी ने मुझे अलविदा कह दियाI 26 00:01:17,400 --> 00:01:19,360 और उसके बाद अँधेरा होने लगाI 27 00:01:20,680 --> 00:01:23,496 तब तक मेरे घुटनों से खून निकलने लगा था, 28 00:01:23,520 --> 00:01:25,736 ठंड, दर्द और नीरसता के वजह से, 29 00:01:25,760 --> 00:01:28,456 मैं दृष्टिभ्रम हो रही थीI 30 00:01:28,480 --> 00:01:32,000 मेरी दुविधा आपको भीषण तब लगेगी जब आप यह जानेंगे कि, 31 00:01:33,120 --> 00:01:37,240 मैदान का एक दायरा खत्म करने के लिए मुझे दस मिनट लगेI 32 00:01:37,880 --> 00:01:40,680 आखरी दायरा खत्म होते होते तीस मिनट लग गएI 33 00:01:42,000 --> 00:01:46,416 और बारह घंटे होने के बाद 34 00:01:46,440 --> 00:01:47,776 मैंने रेंगना रोक दिया, 35 00:01:47,800 --> 00:01:50,680 मैं सादे आठ मील रेंग चुकी थी 36 00:01:51,880 --> 00:01:55,536 पर चुनौती थी साडे १२ मिलों की I 37 00:01:55,560 --> 00:02:00,096 सालों तक इस अनुभव को मैंने असफलता की नज़र से देखा 38 00:02:00,120 --> 00:02:02,616 पर आज मेरा नजरिया बदल गया हैं I 39 00:02:02,640 --> 00:02:04,750 जब मैं वर्ल्ड रिकॉर्ड की प्रयास में लगी थी, 40 00:02:04,750 --> 00:02:07,016 एक साथ तीन चीज़े करने की प्रयास में लगी हुई थीI 41 00:02:07,040 --> 00:02:09,376 अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकली थी, 42 00:02:09,400 --> 00:02:11,656 मैं अपने आप को सख्त बना रही थी 43 00:02:11,680 --> 00:02:14,416 मैं अपने आप पर, 44 00:02:14,440 --> 00:02:16,410 और मेरे फैसलों पर भरोसा करने लगी थी I 45 00:02:16,440 --> 00:02:17,696 तब मुझे एहसास नहीं हुआ था, 46 00:02:17,720 --> 00:02:20,640 कि वह असफलता के गुण नहीं हैं 47 00:02:21,480 --> 00:02:24,080 बल्कि बहादुरी के लक्षण थेI 48 00:02:25,280 --> 00:02:27,856 सन १९८९ में जब मैं २६ साल की थी, 49 00:02:27,880 --> 00:02:30,120 मैं सॅन फ्रांसिस्को शहर की फायर फाइटर बन गई 50 00:02:30,800 --> 00:02:34,976 १५०० मर्दों के विभाग में मैं १५ वी महिला थी I 51 00:02:35,000 --> 00:02:38,760 (तालियाँ) 52 00:02:41,240 --> 00:02:43,096 और जब मैं वहाँ पहुंची, 53 00:02:43,120 --> 00:02:45,816 सब शंकित थे कि हम इस काम के लिए काबिल थे या नहीं I 54 00:02:45,840 --> 00:02:51,176 पाँच फुट दस इंच की थी, अड़सठ किलो की थी, कॉलेज टीम की खिवैया थी, 55 00:02:51,200 --> 00:02:55,576 और एक समय बारह घंटों तक घुटनो की खरोच भी झेली थीI 56 00:02:55,600 --> 00:02:57,216 (लोगों की हंसी) 57 00:02:57,240 --> 00:03:00,056 इन सब के बावजूद मेरी ताकत का इम्तिहान लिया गया I 58 00:03:00,280 --> 00:03:02,103 एक दिन जब कही आग लगने की खबर आई I 59 00:03:02,123 --> 00:03:04,383 जब हमारी फायर ब्रिगेड टोली घटना स्थल पर पहुंची, 60 00:03:04,383 --> 00:03:08,420 गली का एक मकान आग से धुआंदार हो गया था I 61 00:03:08,440 --> 00:03:10,606 मैं और मेरे टीम के साथी स्किप साथ जुड़ गए, 62 00:03:10,684 --> 00:03:13,440 स्किप, पाइप के नौक पीछे और मैं उसके पीछे 63 00:03:13,440 --> 00:03:15,080 आग की स्तिथि सहज के कुछ करीब थी, 64 00:03:15,280 --> 00:03:18,616 धुआंदार और गरम, 65 00:03:18,676 --> 00:03:20,400 पर अचानक, 66 00:03:20,400 --> 00:03:22,200 एक विस्फोट हुआ, 67 00:03:22,200 --> 00:03:24,400 जिसके वजह से स्किप और मैं पीछे की ओर उड़ गए, 68 00:03:24,400 --> 00:03:26,556 मेरा ऑक्सीजन मास्क चेहरे से हट गया, 69 00:03:26,556 --> 00:03:28,702 और एक क्षण के लिए उलझन का माहौल छा गया I 70 00:03:28,840 --> 00:03:32,276 अपने आप को संभालते हुए मैं खड़ी हो गई, 71 00:03:32,276 --> 00:03:34,122 मैंने पाइप की नौक पकड़ ली, 72 00:03:34,122 --> 00:03:36,608 और वह काम किया जो एक फायर फाइटर करता हैं: 73 00:03:36,640 --> 00:03:38,346 निडर, मैं आगे बढ़ी, 74 00:03:38,396 --> 00:03:39,876 पाइप से पानी का बहाव शुरू किया, 75 00:03:39,876 --> 00:03:42,686 और मैं अकेली उस आग का सामना करने लगी I 76 00:03:42,720 --> 00:03:44,996 विस्फोट का कारण पानी का कोई हीटर था, 77 00:03:44,996 --> 00:03:47,692 किसीको चोट ना लगने के कारण, मामला गंभीर नहीं हुआ, 78 00:03:47,720 --> 00:03:50,996 उसके बाद स्किप मेरी तरफ आये और उन्होंने कहा, 79 00:03:50,996 --> 00:03:52,622 "शाबाश कैरोलाइन", 80 00:03:52,760 --> 00:03:54,360 और वह भी अचरज होकर 81 00:03:55,080 --> 00:03:57,596 (लोगों की हंसी) 82 00:03:57,596 --> 00:04:01,440 पर मैं उलझन में पड गई. आग बुझाना जब मेरे लिए मुश्किल का काम नहीं लगा तो 83 00:04:01,440 --> 00:04:06,416 स्किप मेरी तरफ ऐसे आश्चर्यचकित होकर क्यों देख रहे थे? 84 00:04:06,476 --> 00:04:08,160 और तब मुझे एहसास हुआ, 85 00:04:08,160 --> 00:04:11,316 स्किप थे तो एक अच्छे आदमी और 86 00:04:11,316 --> 00:04:13,561 एक बेहतरीन फायरमैन पर, 87 00:04:13,561 --> 00:04:16,872 उनका यह मानना था कि महिलाये पुरुषों से कम ताकतवर ही नहीं 88 00:04:16,960 --> 00:04:20,730 बल्कि पुरुषों से कम बहादुर भी हैंI 89 00:04:20,760 --> 00:04:23,556 और ऐसी सोच सिर्फ उनकी ही नहीं थीI 90 00:04:23,556 --> 00:04:25,742 दोस्त, जान पहचानवाले, अजनबी, 91 00:04:25,842 --> 00:04:27,908 आदमी या औरत, मेरे वृत्तिगत जीवन के दौरान 92 00:04:27,918 --> 00:04:29,404 सबने मुझसे हर बार यही सवाल किया 93 00:04:29,404 --> 00:04:33,364 "कैरोलाइन, वह आग वह खतरा" 94 00:04:33,364 --> 00:04:35,324 "क्या तुम्हे डर नहीं लगता?" 95 00:04:35,324 --> 00:04:38,784 सच में, मैंने यह सवाल कभी भी कोई पुरुष फायरमैन से पूछते हुए नहीं सुना। 96 00:04:38,924 --> 00:04:41,204 और मुझे अजीब सा लगने लगा 97 00:04:41,204 --> 00:04:45,590 लोग यह क्यों समझते हैं कि औरतों में बहादुरी नहीं होती? 98 00:04:45,750 --> 00:04:47,556 उस सवाल का जवाब मुझे तब मिला, 99 00:04:47,556 --> 00:04:49,322 जब मेरी सहेली ने अपना दुखड़ा रोया 100 00:04:49,322 --> 00:04:51,718 कि उसकी बेटी एक महान डरपोक हैं I 101 00:04:51,798 --> 00:04:53,704 तब मेरे नज़र में यह आया कि 102 00:04:53,764 --> 00:04:56,234 उसकी बेटी सच में चिंतित थी, 103 00:04:56,480 --> 00:05:00,116 पर उससे ज़्यादा चिंतित उसके माँ और बाप थे I 104 00:05:00,116 --> 00:05:03,390 जब भी वह बच्ची बाहर जाती थी तब उसके माँ बाप उसे यही कहा करते कि 105 00:05:03,400 --> 00:05:07,946 "संभलके जाना" या "यहाँ मत जाओ" या"यह मत करो" I 106 00:05:08,916 --> 00:05:11,600 मेरे दोस्त बुरे माँ बाप नहीं थे I 107 00:05:11,600 --> 00:05:14,320 वह सिर्फ वही कर रहे थे जो अधिक माँ बाप किया करते हैं, 108 00:05:14,320 --> 00:05:19,390 अपने बेटों से ज़्यादा वह अपने बेटियों को सावधान किया करते हैं I 109 00:05:19,440 --> 00:05:24,446 खेल के मैदान में लगाए गए एक फायर के खम्बे पर अध्ययन किया गया| 110 00:05:24,480 --> 00:05:28,566 इसमें देखा गया की खम्बे से फिसलते वक़्त लड़कियों को 111 00:05:28,600 --> 00:05:32,320 उनके माता पिता खम्बे के जोखिम के बारे में सावधान करते थे, 112 00:05:32,320 --> 00:05:35,700 उसके बावजूद भी अगर लड़की उस खम्बे के साथ खेलना चाहे तो, 113 00:05:35,800 --> 00:05:39,280 माता या पिता उसकी सहायता के लिए दौड़ते हैI 114 00:05:39,280 --> 00:05:41,026 पर लड़के? 115 00:05:41,156 --> 00:05:43,612 खम्बे के साथ खेलने के लिए उनको बढ़ावा दिया जाता हैI 116 00:05:43,950 --> 00:05:46,700 उनमे घबराहट होने के बावजूद भी, 117 00:05:46,920 --> 00:05:53,380 माता पिता खुद लड़कों को सिखाते हैं कि खम्बे के साथ खेल कैसे जाता हैंI 118 00:05:53,480 --> 00:05:57,856 यह करने से हम लड़कों और लड़कियों को क्या संदेसा दे रहे हैं? 119 00:05:57,920 --> 00:06:01,870 कि लड़कियां नाज़ुक हैं और उनको हर काम में सहायता की ज़रुरत हैं, 120 00:06:01,880 --> 00:06:06,516 और लड़के कोई भी मुश्किल काम आसानी से करने में माहिर हैं? 121 00:06:06,516 --> 00:06:09,246 लड़कियों को भयभीत होनी चाहिए? 122 00:06:09,276 --> 00:06:13,032 और लड़के निडर? 123 00:06:13,160 --> 00:06:15,576 जब बच्चे छोटे होते हैं तब, 124 00:06:15,680 --> 00:06:18,196 लड़को और लड़कियों की ताकत एक समान होती हैI 125 00:06:18,196 --> 00:06:20,836 लड़कियां अधिकतर तारुण्यागम तक शक्तिशाली 126 00:06:20,880 --> 00:06:22,476 और ज़्यादा समझदार होती हैI 127 00:06:22,476 --> 00:06:24,472 पर हम बड़े, इसी वहम में रहते हैं कि 128 00:06:24,480 --> 00:06:26,766 लड़कियां बहुत ही नाज़ुक हैं, 129 00:06:26,840 --> 00:06:28,780 बिना मदद के वह कुछ कर नहीं सकती और 130 00:06:28,800 --> 00:06:31,146 उनसे ज़्यादा कुछ हो नहीं पाताI 131 00:06:31,156 --> 00:06:33,732 बचपन में इसी सोच को हमारे दिमाग में भरा जाता हैं, 132 00:06:33,760 --> 00:06:37,466 और बड़े होने के बाद भी इसी सोच को सच मानने लगते हैं I 133 00:06:37,480 --> 00:06:39,956 पुरुष एवं महिला, दोनों इस खयालात को सच मानते हैं, 134 00:06:39,960 --> 00:06:41,516 और तो और 135 00:06:41,516 --> 00:06:44,856 हम अपने बच्चों को और वह उनके बच्चों को यही सिखाते हैं, 136 00:06:44,880 --> 00:06:46,696 और यह चलता रहता हैI 137 00:06:46,720 --> 00:06:49,226 तो लीजिये मुझे मेरा जवाब मिल गया 138 00:06:49,240 --> 00:06:51,836 औरतों से खासकर फायर फाइटर औरतों से भी 139 00:06:51,840 --> 00:06:53,940 यही अपेक्षा रहती हैं कि वह भयभीत रहे I 140 00:06:53,960 --> 00:06:57,776 सिर्फ इसीलिए कई महिलाये भयभीत रहती हैं 141 00:06:57,920 --> 00:07:01,070 कुछ लोग मेरी बात मानने के लिए तैयार नहीं होंगे अगर मैं यह कहूँ कि 142 00:07:01,080 --> 00:07:04,196 मैं डरने के खिलाफ नहीं हूँI 143 00:07:04,200 --> 00:07:07,986 क्योंकि डर एक महत्त्वपूर्ण भावना हैं जो हमें सुरक्षित रखती हैं, 144 00:07:08,036 --> 00:07:11,242 पर इस भावना को इतना भी आवश्यक ना बनाये जिससे 145 00:07:11,242 --> 00:07:13,570 लड़किया कोई भी नया काम करते वक़्त 146 00:07:13,600 --> 00:07:17,400 अपने कदम झिझक झिझककर रखे I 147 00:07:17,760 --> 00:07:21,516 कई साल मैं एक पैराग्लाइडर पायलट भी रह चुकी हूँ 148 00:07:21,800 --> 00:07:23,626 (तालियाँ) 149 00:07:23,720 --> 00:07:26,156 एक पैराग्लाइडर पंख वाले हवाई छत्री की तरह होती हैं 150 00:07:26,156 --> 00:07:29,572 और उड़ती भी बहुत खूब हैं 151 00:07:29,920 --> 00:07:32,686 पर लोगों के लिए एक पैराग्लाइडर पायलट तार लगे हुए 152 00:07:32,840 --> 00:07:34,016 चादर की तरह नज़र आते हैं| 153 00:07:34,360 --> 00:07:35,546 (लोगों की हंसी) 154 00:07:35,560 --> 00:07:37,936 और पहाड़ों के ऊपर इस चादर में हवा भरते 155 00:07:38,040 --> 00:07:39,590 मैंने बहुत समय बिताएI 156 00:07:39,640 --> 00:07:42,376 पहाड़ के ऊपर से भाग कर हवा में उड़ना 157 00:07:42,560 --> 00:07:44,140 और आप यही सोच रहे हैं कि 158 00:07:44,160 --> 00:07:48,656 'कैरोलाइन, इस मामले में थोड़ा तो डरना ज़रूरी हैं' 159 00:07:48,800 --> 00:07:50,536 और आप सही हैंI 160 00:07:50,680 --> 00:07:53,086 सच मानिए मैं भी डरी, 161 00:07:53,200 --> 00:07:54,466 पर उस पर्वत के ऊपर, 162 00:07:54,476 --> 00:07:56,542 हवा का इंतज़ार करते वक़्त 163 00:07:56,560 --> 00:07:58,710 मुझमे कई उमंग उमड़ आते थे: 164 00:07:58,800 --> 00:08:01,396 ज़िंदादिली, विश्वासI 165 00:08:02,000 --> 00:08:03,786 मैं एक अच्छी पायलट हूँ यह मुझे पता था 166 00:08:03,800 --> 00:08:06,806 और यह भी पता था की परिस्तिथि अच्छे न होते तो मैं वहा नहीं होती I 167 00:08:06,840 --> 00:08:10,366 ज़मीन से हज़ारों फ़ीट ऊपर हवा में उड़ने का मज़ा कुछ और ही था 168 00:08:10,396 --> 00:08:12,812 और हाँ डर भी था 169 00:08:13,042 --> 00:08:15,228 पर उस डर को मैं एक बार ग़ौर से परिशीलन करती, 170 00:08:15,238 --> 00:08:17,884 उसके महत्वपूर्णता को निर्धारित करती 171 00:08:17,920 --> 00:08:20,236 और उसे ऐसी जगह पंहुचा देती, 172 00:08:20,280 --> 00:08:21,696 जो ठीक मेरे 173 00:08:21,716 --> 00:08:25,460 ज़िंदादिली, अपेक्षा और विश्वास 174 00:08:25,720 --> 00:08:27,396 के पीछे होती थी, एक कदम भी आगे नहीं 175 00:08:27,396 --> 00:08:29,416 मैं डर के खिलाफ नहीं हूँ 176 00:08:29,440 --> 00:08:34,506 मैं सिर्फ बहादुरी के राह पर चलना चाहती हूँ 177 00:08:34,516 --> 00:08:37,596 मैं यह नहीं कह रही हूँ कि हर लड़की को फायर फाइटर 178 00:08:37,760 --> 00:08:39,966 या पैराग्लाइडर बनना चाहिए I 179 00:08:39,996 --> 00:08:45,602 मैं यह कह रही हूँ की हम अपनी लड़कियों को बुज़दिल और मजबूर बना रहे हैं 180 00:08:45,602 --> 00:08:49,238 उन्हें कठिन शारीरिक कार्यों के लिए बढ़ावा नहीं दे रहे हैं I 181 00:08:49,238 --> 00:08:51,854 यही डर और मजबूरी हमारे साथ बढ़ने लगती हैं 182 00:08:51,880 --> 00:08:53,716 और हमेशा के लिए हमारे साथ रह जाती हैं 183 00:08:53,716 --> 00:08:58,002 इन सब का प्रभाव हमारे हर कदम पर पड़ने लगती हैं: 184 00:08:58,002 --> 00:09:00,322 जी खोलकर बोलने में हमारी झिझक, 185 00:09:00,322 --> 00:09:03,002 हमारे अपनेपन को छुपा के रखना ताकि लोग हमें पसंद करे, 186 00:09:03,002 --> 00:09:06,678 और खुद के निर्णय लेने में संकोचI 187 00:09:06,960 --> 00:09:10,376 तो फिर हम महिलाये बहादुर कैसे बने? 188 00:09:10,440 --> 00:09:12,236 बात यह हैं कि, 189 00:09:12,236 --> 00:09:14,166 बहादुरी सीखी जा सकती हैं, 190 00:09:14,240 --> 00:09:15,596 और सीखने के साथ साथ हमें 191 00:09:15,680 --> 00:09:17,916 बहादुरी को एक प्रथा बनानी चाहिएI 192 00:09:18,040 --> 00:09:19,586 तो पहले, 193 00:09:19,640 --> 00:09:21,336 हम सबको एक गहरी सांस लेनी चाहिए 194 00:09:21,360 --> 00:09:23,440 और हमारी लड़कियों को बढ़ावा देना चाहिए 195 00:09:23,440 --> 00:09:26,096 स्केटिंग करने के लिए, पेड़ पर चढ़ने के लिए 196 00:09:26,160 --> 00:09:29,446 या खेल के मैदान में बेझिझक खेलने के लिए 197 00:09:29,480 --> 00:09:31,676 मेरी माँ ने भी मेरे साथ वही किया था 198 00:09:31,676 --> 00:09:33,462 उनको तब यह बात मालूम नहीं था 199 00:09:33,480 --> 00:09:35,776 पर शोधकर्ताओं के अनुसार 200 00:09:35,800 --> 00:09:37,856 यह जोखिम भरी परिस्तिथि कहलाता हैं 201 00:09:37,920 --> 00:09:42,376 और अध्ययन यह दिखता हैं की अगर बच्चों के खेल में कुछ हद तक कठोरता हो 202 00:09:42,396 --> 00:09:45,002 तो वह खुद खतरों का अंदाजा लगाना सीख लेते हैं 203 00:09:45,002 --> 00:09:47,162 प्रतिफल का इंतज़ार करना सीखते हैं, 204 00:09:47,202 --> 00:09:49,000 लौटाव सिखाती हैं 205 00:09:49,000 --> 00:09:51,076 आत्मविश्वास से कदम रखना सीखते हैं I 206 00:09:51,076 --> 00:09:52,560 दूसरी तरह से कहा जाए तो, 207 00:09:52,560 --> 00:09:55,806 जब बच्चे निडर होकर बाहर जाने लगते हैं, 208 00:09:55,884 --> 00:10:00,350 तब ज़िन्दगी के कुछ अनमोल सीख उन्हें मिलती हैंI 209 00:10:00,600 --> 00:10:05,296 साथ साथ हमें अपनी लड़कियों में खौफ भरना नहीं चाहिएI 210 00:10:05,360 --> 00:10:07,680 अगली बार अपनी बच्ची से यह मत कहियेगा कि, 211 00:10:07,800 --> 00:10:09,676 "संभलके, गिर मत जाना, चोट लग गई तो?" 212 00:10:09,676 --> 00:10:12,482 "यह मत करना, इसमें खतरा हैं" 213 00:10:12,482 --> 00:10:16,078 और कभी भी अपनी बेटियों से यह मत कहियेगा कि 214 00:10:16,078 --> 00:10:18,508 उसे ज़्यादा परिश्रम करना नहीं चाहिए, 215 00:10:18,518 --> 00:10:20,678 वह इतनी भी समझदार नहीं हैं, 216 00:10:20,720 --> 00:10:24,320 और उसे डर डर के जीना चाहिए I 217 00:10:24,320 --> 00:10:26,080 और तो और 218 00:10:26,080 --> 00:10:29,686 हम महिलाओं को खुद बहादुरी की सीख लेनी चाहिए I 219 00:10:29,876 --> 00:10:33,822 अगर हम नहीं सीखेंगे तो हमारी बेटियों को कैसे सिखाएंगे? 220 00:10:33,961 --> 00:10:35,701 तो यह रही एक और बात 221 00:10:35,875 --> 00:10:38,995 डर और ज़िंदादिली 222 00:10:38,995 --> 00:10:41,665 दोनों का एहसास एक जैसा हो सकता हैं 223 00:10:41,755 --> 00:10:44,355 वह कांपते हाथ, दिल की तेज़ धड़कन 224 00:10:44,355 --> 00:10:45,735 वह बेचैनी, 225 00:10:45,755 --> 00:10:47,515 पर इतना ज़रूर कहूँगी कि, 226 00:10:47,515 --> 00:10:50,345 पिछली बार वह शायद ज़िंदादिली थी 227 00:10:50,355 --> 00:10:53,315 जिसको आप डर समझ बैठे थे, 228 00:10:53,315 --> 00:10:55,705 और उसी वजह से आपने एक मौका खो दिया I 229 00:10:55,715 --> 00:10:57,515 इसीलिए कोशिश जारी रखे I 230 00:10:57,556 --> 00:11:00,556 लड़कियों को हर कदम निडर होकर रखना चाहिए 231 00:11:00,558 --> 00:11:06,578 आज कल हम बड़े भी खेल कूद में या पेड़ चढ़ने में दिलचस्पी नहीं रखते, 232 00:11:06,678 --> 00:11:10,158 संकोच छोड़िये और लग जाइये वह करने में जो आपका मन करे 233 00:11:10,158 --> 00:11:12,398 घर हो या दफ्तर 234 00:11:12,398 --> 00:11:14,518 या यही पे अगर आपको कोई पसंद आये 235 00:11:14,518 --> 00:11:18,358 तो शर्माइये मत, उठिये और जाके उससे कहिये 236 00:11:18,358 --> 00:11:22,398 अगर आपकी बेटी को आप साइकिल चलाना सीखा रहे हैं, 237 00:11:22,398 --> 00:11:24,518 और चोटी के ऊपर से नीचे आते वक़्त 238 00:11:24,518 --> 00:11:27,938 उसके ज़ेहन में डर भर गया हो तो 239 00:11:27,958 --> 00:11:30,678 उसका हौसला बढ़ाइएI 240 00:11:30,717 --> 00:11:34,997 क्योंकि उस चोटी के ऊपर से वह साइकिल चला पायेगी या नहीं, 241 00:11:34,997 --> 00:11:39,707 इसका हिसाब वह खुद अपने दिलेरी से लगा लेगी 242 00:11:39,918 --> 00:11:43,678 क्योंकि बात उस चोटी की नहीं हैं I 243 00:11:43,838 --> 00:11:46,398 बात उसकी ज़िन्दगी की हैं 244 00:11:46,398 --> 00:11:48,198 और उसके पास वह ताकत हैं जिससे 245 00:11:48,198 --> 00:11:50,318 ज़िन्दगी में आने वाले हर मुश्किल और चुनौती का 246 00:11:50,318 --> 00:11:53,588 सामना कर सकती हैं, 247 00:11:53,600 --> 00:11:58,160 बिना हमारी मदद के 248 00:11:58,160 --> 00:12:00,640 और यह बात सिर्फ यहाँ की लड़कियों के लिए ही नहीं 249 00:12:00,640 --> 00:12:02,040 बल्कि दुनिया भर की लड़कियों के 250 00:12:02,040 --> 00:12:06,110 भविष्य के लिए हैंI 251 00:12:06,200 --> 00:12:08,400 वैसे, 252 00:12:08,400 --> 00:12:11,100 रेंगने का वर्ल्ड रिकॉर्ड आज 253 00:12:11,200 --> 00:12:13,570 (हंसी) 254 00:12:13,597 --> 00:12:18,297 ३५.१८ मिलों की हैं, 255 00:12:18,517 --> 00:12:21,997 मैं यही चाहती हूँ कि कोई लड़की इसे तोड़ेI 256 00:12:21,997 --> 00:12:27,607 (तालियाँ)