पूंजीवाद का गंदा रहस्य - और आगे एक नयी राह
-
0:01 - 0:04मैं एक पूंजीवादी हूं,
-
0:05 - 0:08और पूंजीवाद में 30 वर्ष के कैरियर के बाद
-
0:08 - 0:11तीन दर्जन कंपनियों में समय बिताने,
-
0:11 - 0:14बाजार मूल्य में दसियों अरबों डॉलर
का उत्पादन करने के बाद, -
0:14 - 0:20मैं सिर्फ शीर्ष 1 % में नहीं हूं ,मैं सभी
शीर्ष अर्जकों में .01 % से ऊपर हूं। -
0:22 - 0:25आज मैं हमारी सफलता के रहस्यों को
साझा करने के लिए आया हूं, -
0:25 - 0:29क्योंकि मेरे जैसे अमीर पूँजीपति
कभी अमीर नहीं हुए हैं। -
0:29 - 0:31तो सवाल यह है कि हम इसे कैसे करें?
-
0:32 - 0:34हम लेने का प्रबंधन
कैसे करते हैं -
0:34 - 0:38हर साल आर्थिक कुल आय की
बढ़ती हुई हिस्सेदारी ? -
0:39 - 0:43क्या यह है कि 30 वर्ष पहले की तुलना में
अमीर लोग होशियार हो गए हैं ? -
0:44 - 0:46क्या यह है कि हम पहले से अधिक
मेहनत कर रहे हैं ? -
0:48 - 0:50क्या हम लम्बे, बेहतर दिख रहे हैं ?
-
0:51 - 0:53दुख की बात है, नहीं।
-
0:54 - 0:56यह सब सिर्फ एक चीज पर आता है:
-
0:56 - 0:57अर्थशास्त्र।
-
0:58 - 1:00क्योंकि, यहाँ गंदा रहस्य है।
-
1:01 - 1:03एक समय था
जब अर्थशास्त्र व्यवसाय -
1:03 - 1:05जनहित में काम करता था,
-
1:05 - 1:06लेकिन नवउदारवादी युग में,
-
1:06 - 1:08आज-कल,
-
1:08 - 1:11वे केवल बड़े संगठनों और अरबपतियों
-
1:11 - 1:12के लिए काम करते हैं
-
1:12 - 1:15और यह थोड़ी समस्या पैदा कर रहा है।
-
1:16 - 1:20हम उन आर्थिक नीतियों को लागू करने
का विकल्प चुन सकते हैं -
1:20 - 1:22जो अमीरों पर कर बढ़ाए,
-
1:22 - 1:26शक्तिशाली संगठनों को विनियमित करें
या श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाएँ। -
1:26 - 1:28हमने पहले भी किया है।
-
1:28 - 1:30लेकिन नवउदारवादी अर्थशास्त्री
चेतावनी देंगे -
1:30 - 1:34यह सभी नीतियां एक
भयानक गलती हो सकती है, -
1:34 - 1:37करों में वृद्धि हमेशा
आर्थिक विकास को रोक देती है, -
1:38 - 1:40और किसी भी प्रकार का
सरकारी विनियमन -
1:40 - 1:42अप्रभावी होता है
-
1:42 - 1:44और वेतन वृद्धि सदा
नौकरियां खत्म करती हैं। -
1:45 - 1:47खैर, इस सोच के परिणामस्वरूप,
-
1:49 - 1:53पिछले 30 वर्षों में, अकेले यूएसए में,
-
1:53 - 1:57शीर्ष के एक प्रतिशत में 21 ट्रिलियन
डॉलर अमीरी बढ़ी है -
1:57 - 2:03जबकि नीचे के 50 प्रतिशत
900 अरब डॉलर गरीब हो गए हैं, -
2:03 - 2:06असमानता के बढ़ने के स्वरूप ने पूरे
विश्व में काफी हद तक -
2:06 - 2:08खुद को दोहराया है।
-
2:08 - 2:13फिर भी,मध्यम वर्ग के परिवार उस मजदूरी
पर गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं -
2:13 - 2:17जो की लगभग 40 वर्षों में
हिली भी नहीं है, -
2:17 - 2:21नवउदारवादी अर्थशास्त्री निरंतर चेतावनी दे
रहे हैं कि कष्टदायक रूप से अव्यवस्थित हुई -
2:21 - 2:25मितव्ययिता और वैश्वीकरण के लिए
उचित प्रतिक्रिया -
2:25 - 2:28और भी अधिक मितव्ययिता और वैश्वीकरण है।
-
2:29 - 2:32तो, एक समाज को क्या करना है ?
-
2:33 - 2:36खैर, यह मेरे लिए बहुत स्पष्ट है
कि हमें क्या करना है। -
2:36 - 2:38हमें एक नए अर्थशास्त्र की
आवश्यकता है। -
2:39 - 2:43इसलिए,अर्थशास्त्र का वर्णन निराशाजनक
विज्ञान के रूप में किया गया है, -
2:43 - 2:46और अच्छे कारण के लिए,
क्योंकि आज जितना पढ़ाया जाता है, -
2:46 - 2:48वह एक विज्ञान बिल्कुल नहीं है,
-
2:48 - 2:51इस सब श्रेष्ठ गणित के बावजूद।
-
2:51 - 2:55वास्तव में, अधिकतर शिक्षाविदों
और व्यवसायियों ने -
2:55 - 3:01निष्कर्ष निकाला है कि नवउदार
आर्थिक सिद्धांत गंभीर रूप से गलत है -
3:01 - 3:04और आज असमानता में वृद्धि
का बढ़ता संकट -
3:04 - 3:06और बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता
-
3:06 - 3:11दशकों के खराब आर्थिक सिद्धांत
का प्रत्यक्ष परिणाम हैं। -
3:11 - 3:17अब हम जानते हैं कि वह अर्थशास्त्र
जिसने मुझे इतना अमीर बना दिया, -
3:17 - 3:19सिर्फ गलत नहीं हो सकता,
वह पिछड़ा हुआ है, -
3:19 - 3:21क्योंकि यह पता चला है
-
3:21 - 3:25वह पूंजी नहीं है
जिससे आर्थिक विकास होता है, -
3:25 - 3:26वह लोग हैं ;
-
3:27 - 3:32और यह स्वार्थ नहीं है
जो जनहित को बढ़ावा देता है, -
3:32 - 3:33यह पारस्परिकता है;
-
3:35 - 3:39और वह प्रतिस्पर्धा नहीं है
जो हमारी समृद्धि को बढ़ाती है, -
3:39 - 3:40वह सहयोग है।
-
3:41 - 3:46अब हम जो देख सकते हैं, वह ऐसा अर्थशास्त्र
है जो न तो तटस्थ है और न ही समावेशी -
3:46 - 3:51यह सामाजिक सहयोग के उच्च स्तर को
बनाए नहीं रख सकता जो -
3:51 - 3:53आधुनिक समाज को आगे बढ़ने में
सक्षम करने के लिए जरूरी है। -
3:53 - 3:56तो हम कहां चूक गए ?
-
3:57 - 4:01खैर, यह पता चला है व् स्पष्ट
रूप से प्रकट हो गया है कि -
4:01 - 4:07मौलिक धारणाएं जो नवउदारवादी
आर्थिक सिद्धांत से गुजरती हैं, -
4:08 - 4:11वे केवल निष्पक्ष रूप से गलत हैं,
-
4:11 - 4:14और इसलिए आज मैं सबसे पहले उन गलत
मान्यताओं में से कुछ लेना चाहता हूं -
4:14 - 4:20और फिर वर्णन करता हूं कि विज्ञान के
अनुसार,वास्तव में समृद्धि कहाँ से आती है। -
4:21 - 4:26तो, नवउदारवादी आर्थिक
धारणा नंबर एक है -
4:26 - 4:30कि बाजार एक कुशल संतुलन प्रणाली है,
-
4:30 - 4:36जिसका वास्तव में अर्थ है कि अगर
अर्थव्यवस्था में एक चीज़ जैसे , मजदूरी -
4:36 - 4:40ऊपर जाती है, तो अर्थव्यवस्था में दूसरी
चीज, जैसे नौकरियां, नीचे जानी चाहिए। -
4:41 - 4:44उदाहरण के लिए, सिएटल में,
जहां मैं रहता हूं, -
4:45 - 4:50जब 2014 में हमने अपने देश का पहला
न्यूनतम वेतन 15 डॉलर पारित किया, -
4:50 - 4:54तो नवउदारवादी अपने अमूल्य
संतुलन पर उत्तेजित हो गए। -
4:55 - 4:58उन्होंने चेतावनी दी
“यदि आप श्रम की कीमत बढ़ाते हैं, -
4:58 - 5:00तो व्यवसाय इन्हे कम खरीदेंगे।
-
5:00 - 5:03हजारों कम वेतन वाले श्रमिक
अपनी नौकरी खो देंगे। -
5:03 - 5:05रेस्टोरेंट बंद हो जाएँगे।”
-
5:05 - 5:06इसके बावजूद ...
-
5:07 - 5:08उन्होंने यह नहीं किया।
-
5:09 - 5:12बेरोजगारी दर आकस्मिक रूप से गिर गई।
-
5:13 - 5:16सिएटल में रेस्तरां व्यवसाय में उछाल आया।
-
5:16 - 5:17क्यों ?
-
5:18 - 5:20क्योंकि कोई संतुलन नहीं था।
क्योंकि मजदूरी बढ़ाना, -
5:22 - 5:25नौकरियाँ ख़त्म नहीं करता,
वह उन्हें उत्पन्न करता है; -
5:25 - 5:26क्योंकि, उदाहरण के लिए,
-
5:26 - 5:31जब रेस्तरां मालिकों को अचानक रेस्तरां
के कर्मचारियों को पर्याप्त भुगतान -
5:31 - 5:35करने की आवश्यकता होती है ताकि अब वे
भी रेस्तरां में खाने का खर्च उठा सकें, -
5:35 - 5:37तो यह रेस्तरां व्यवसाय को कम
नहीं करते है, -
5:37 - 5:39जाहिर है,यह इसे बढ़ाते है।
-
5:41 - 5:43(तालियां)
-
5:43 - 5:44धन्यवाद।
-
5:46 - 5:48दूसरी मान्यता यह है कि
-
5:50 - 5:55किसी वस्तु की कीमत हमेशा उसके
मूल्य के बराबर होती है, -
5:55 - 5:58जिसका मूल अर्थ यह है कि यदि
आप एक वर्ष में 50,000 डॉलर कमाते हैं -
5:58 - 6:01और मैं एक वर्ष में 50 मिलियन डॉलर
कमाता हूं, -
6:01 - 6:06तो इसलिए कि मैं आप से एक हजार गुना
अधिक मूल्य का सृजन कर रहा हूं। -
6:07 - 6:08अब,
-
6:08 - 6:12आपको यह जानकर आश्चर्य
नहीं होगा कि -
6:12 - 6:14यह बहुत ही आरामदायक मान्यता है
-
6:14 - 6:17यदि आप एक सीईओ हैं जो स्वयं को
50 मिलियन $ प्रति वर्ष -
6:17 - 6:20दे रहे हैं, लेकिन अपने श्रमिकों को
गरीबी मजदूरी देते हैं। -
6:20 - 6:24लेकिन कृपया, इसे किसी से ले लें
जिसने दर्जनों व्यवसाय चलाए हों -
6:24 - 6:26यह निरर्थक है।
-
6:26 - 6:29लोगों को उनकी क्षमता अनुसार
भुगतान नहीं किया जाता। -
6:29 - 6:32उन्हें भुगतान किया जाता है
उनकी तय करने की शक्ति पर, -
6:32 - 6:35और मजदूरी का सकल घरेलू उत्पाद का
गिरता हिस्सा -
6:35 - 6:38इसलिए नहीं है क्योंकि श्रमिक
कम उत्पादक हो गए हैं -
6:38 - 6:41इसलिए है, क्योंकि नियोक्ता अधिक
शक्तिशाली हो गए हैं। -
6:42 - 6:44और --
-
6:44 - 6:45(तालियां)
-
6:47 - 6:53और यह ढोंग करके कि पूंजी और श्रम के बीच
विशाल असंतुलन की शक्ति -
6:53 - 6:54मौजूद नहीं है,
-
6:54 - 6:58नवउदारवादी आर्थिक सिद्धांत
अनिवार्य रूप से -
6:58 - 7:00अमीरों के लिए एक सुरक्षा रैकेट बन गया है।
-
7:02 - 7:04और अब तक सबसे हानिकारक,
तीसरी मान्यता -
7:04 - 7:05एक व्यवहार मॉडल है
-
7:05 - 7:09जो मनुष्य का वर्णन "होमो इकोनोमस" के
रूप में करता है, -
7:09 - 7:14जिसका मूल अर्थ है कि हम सभी
पूरी तरह से स्वार्थी, -
7:14 - 7:18पूरी तरह तर्कसंगत और
अथक रूप से स्वयं के लिए बढ़ाता है। -
7:20 - 7:22लेकिन सिर्फ अपने आप से पूछो,
-
7:22 - 7:25क्या यह प्रशंसनीय है कि अपने पूरे जीवन
के लिए हर एक बार, -
7:25 - 7:28जब आपने किसी और के लिए
कुछ अच्छा किया, -
7:28 - 7:31तो आप जो कर रहे थे, वह आपकी
खुद की उपयोगिता को बढ़ा रहा था ? -
7:31 - 7:35क्या यह प्रशंसनीय है, जब कोई साथी सैनिकों
को बचाने के लिए एक हथगोले पर कूदता है, -
7:35 - 7:38तो वे अपने संकीर्ण
स्वार्थ को बढ़ावा दे रहे हैं ? -
7:38 - 7:39यदि आपको लगता है कि यह पागल है,
-
7:39 - 7:42तो किसी भी उचित नैतिक अंतर्ज्ञान
के विपरीत, -
7:42 - 7:44ऐसा इसलिए है क्योंकि यह
-
7:44 - 7:46नवीनतम विज्ञान के अनुसार है।
-
7:46 - 7:48सच नहीं है।
-
7:48 - 7:50लेकिन यह वह व्यवहारिक मॉडल है,
-
7:50 - 7:54जो नवउदारवादी अर्थशास्त्र के कठोर
क्रूर दिल पर है, -
7:54 - 7:57और यह नैतिक रूप से घातक है
-
7:57 - 8:00और यह वैज्ञानिक रूप से गलत है
-
8:00 - 8:05क्योंकि अगर हम अंकित मूल्य को
स्वीकार करते हैं -
8:05 - 8:08कि मनुष्य मौलिक रूप से स्वार्थी है,
-
8:08 - 8:10और फिर हम दुनिया भर में देखते हैं
-
8:10 - 8:13इसमें समस्त स्पष्ट समृद्धि है,
-
8:14 - 8:17तो यह तार्किक रूप से अनुसरण करता है,
-
8:17 - 8:19फिर परिभाषा के अनुसार
यह सच होना चाहिए -
8:19 - 8:23कि अरबों व्यक्ति के स्वार्थपूरक कार्य
-
8:23 - 8:27जादुई रूप से समृद्धि और सामान्य रूप
से अच्छे में बदल जाते हैं। -
8:27 - 8:30यदि हम मनुष्य मात्र स्वार्थी हैं,
-
8:30 - 8:33तो स्वार्थ ही हमारी समृद्धि का कारण है।
-
8:34 - 8:37और इस आर्थिक तर्क से,
-
8:37 - 8:39लालच अच्छा है,
-
8:40 - 8:42असमानता को बढ़ाना कुशल है,
-
8:42 - 8:44और संगठन का एकमात्र उद्देश्य
-
8:44 - 8:47शेयरधारकों को समृद्ध बनाना हो सकता है,
-
8:47 - 8:50क्योंकि ऐसा करना आर्थिक विकास को
धीमा करना और समग्र रूप से -
8:50 - 8:52अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाता है।
-
8:53 - 8:57और यह स्वार्थ की सत्यता है
-
8:57 - 9:01जो नवउदारवादी अर्थशास्त्र का
वैचारिक आधार बनाता है, -
9:01 - 9:05एक ऐसी सोच है जिसने
आर्थिक नीतियों का निर्माण किया है -
9:05 - 9:08जिसने मुझे और मेरे अमीर दोस्तों को
शीर्ष एक प्रतिशत में सक्षम किया है -
9:08 - 9:12पिछले 40 वर्षों में विकास के सभी
लाभों को हड़पने के लिए। -
9:13 - 9:15लेकिन,
-
9:15 - 9:17अगर इसके बजाय हम
-
9:17 - 9:21नवीनतम प्रयोगसिद्ध शोध को
स्वीकार करते हैं। -
9:21 - 9:24वास्तविक विज्ञान, जो मानव का
सही वर्णन करता है -
9:24 - 9:27अत्यधिक सहयोगी ,
-
9:27 - 9:29पारस्परिक और
-
9:29 - 9:32सहज रूप से नैतिक प्राणियों के
रूप में , -
9:32 - 9:34फिर यह तार्किक रूप से
अनुसरण करता है -
9:34 - 9:37कि यह सहयोग होना चाहिए
-
9:37 - 9:38न कि स्वार्थ
-
9:38 - 9:40जो हमारी समृद्धि का कारण है,
-
9:40 - 9:43और यह हमारा लोभ नहीं है
-
9:43 - 9:45बल्कि हमारे अंतर्निहित पारस्परिकता
-
9:46 - 9:49जो मानवता की आर्थिक महाशक्ति है।
-
9:50 - 9:54तो इस नए अर्थशास्त्र के बीच में
-
9:54 - 9:59अपने बारे में एक कहानी है जो हमें अपने
सर्वश्रेष्ठ स्वयं होने की अनुमति देती है, -
9:59 - 10:02और, पुराने अर्थशास्त्र के विपरीत,
-
10:02 - 10:05यह एक ऐसी कहानी है जो नेक है
-
10:05 - 10:08और सत्य होने का गुण भी है।
-
10:09 - 10:11अब, मैं इस बात पर जोर देना
-
10:11 - 10:13चाहता हूं कि यह
नया अर्थशास्त्र वह नहीं है -
10:13 - 10:16जिसकी मैंने निजी रूप से
कल्पना या आविष्कार किया है। -
10:16 - 10:19इसके सिद्धांत और मॉडल विकसित और
परिष्कृत किए जा रहे हैं -
10:19 - 10:21दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में
-
10:21 - 10:24अर्थशास्त्र में सर्वश्रेष्ठ नए अनुसंधानों
में से कुछ पर निर्माण -
10:24 - 10:26जटिलता सिद्धांत, विकासवादी सिद्धांत,
-
10:26 - 10:29मनोविज्ञान, नृविज्ञान
और अन्य विषयों। -
10:29 - 10:34और हालांकि इस नए अर्थशास्त्र में
अभी तक अपनी खुद की पाठ्यपुस्तक -
10:34 - 10:36या यहां तक कि आमतौर पर
नाम पर सहमति नहीं है, -
10:36 - 10:38व्यापक रूप में
-
10:38 - 10:42समृद्धि कहाँ से आती है उसकी
व्याख्या कुछ इस तरह से है। -
10:43 - 10:48अतः, बाजार पूंजीवाद
एक विकासवादी प्रणाली है -
10:48 - 10:50जिसमें समृद्धि एक सकारात्मक
प्रतिक्रिया लूप -
10:50 - 10:52के माध्यम से उभरती है
-
10:52 - 10:57नवीनीकरण की बढ़ती मात्रा और उपभोक्ता
मांग की बढ़ती मात्रा के बीच। -
10:57 - 11:02नवीनीकरण वह प्रक्रिया है जिससे हम
मानवीय समस्याओं का समाधान करते हैं, -
11:03 - 11:06उपभोक्ता मांग वह तंत्र है जिसके
माध्यम से बाजार -
11:06 - 11:08उपयोगी नव खोजों का चयन करता है,
-
11:08 - 11:12और जैसे-जैसे हम और अधिक समस्याओं का
समाधान करते जाते हैं, हम और अधिक -
11:12 - 11:16समृद्ध होते जाते हैं। लेकिन जैसे-जैसे
हम और अधिक समृद्ध होते जाते हैं, -
11:16 - 11:17हमारी समस्याएं और समाधान
-
11:17 - 11:20अधिक जटिल हो जाते हैं,
-
11:20 - 11:23और इस बढ़ती तकनीकी जटिलता के लिए
-
11:23 - 11:28सामाजिक और आर्थिक सहयोग के उच्च
स्तर की आवश्यकता होती है -
11:28 - 11:31अधिक विशिष्ट उत्पादों का उत्पादन
करने के लिए -
11:31 - 11:35यह आधुनिक अर्थव्यवस्था को
परिभाषित करता है। -
11:36 - 11:41अब, पुराना अर्थशास्त्र
बिल्कुल सही है, -
11:41 - 11:44बाजार कैसे काम करते हैं इसमें प्रतियोगिता
एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, -
11:44 - 11:46लेकिन यह जो देखने में विफल है वह
-
11:46 - 11:51काफी हद तक अत्यधिक सहकारी समूहों
के बीच एक प्रतियोगिता है - -
11:51 - 11:56फर्मों के बीच प्रतिस्पर्धा,
कंपनियों के नेटवर्क के बीच प्रतिस्पर्धा, -
11:56 - 11:59राष्ट्रों के बीच प्रतिस्पर्धा -
-
11:59 - 12:03और जो कोई भी सफल व्यवसाय
चलाता है वह जानता है -
12:03 - 12:06सभी की प्रतिभाओं को शामिल करके एक
सहकारी टीम का निर्माण करना, -
12:08 - 12:12हमेशा स्वार्थी शुरुआत की तुलना में
लगभग एक बेहतर रणनीति है। -
12:13 - 12:18तो हम नवउदारवाद को कैसे पीछे छोड़ें
-
12:20 - 12:24और अधिक टिकाऊ, अधिक समृद्ध और
-
12:25 - 12:28अधिक न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करें ?
-
12:28 - 12:32नए अर्थशास्त्र में अंगूठे के सिर्फ पांच
नियमों का सुझाव दिया गया है। -
12:32 - 12:39पहला यह है कि सफल अर्थव्यवस्थाएं
जंगल नहीं हैं, वे बागान हैं, -
12:40 - 12:43यह कहना है कि बाजार को ,
-
12:43 - 12:46बागानों की तरह झुकना होगा,
-
12:47 - 12:52जो बाजार की अब तक की सबसे बड़ी
सामाजिक तकनीक है मानवीय -
12:52 - 12:53समस्याओं के समाधान के लिए,
-
12:53 - 12:59लेकिन सामाजिक मानदंडों या लोकतांत्रिक
विनियमन द्वारा असंवैधानिक, -
12:59 - 13:02बाजार अनिवार्य रूप से हल करने की
तुलना में अधिक समस्याएं पैदा करते हैं। -
13:02 - 13:03जलवायु परिवर्तन,
-
13:03 - 13:052008 का महान वित्तीय संकट
-
13:05 - 13:07दो सरल उदाहरण हैं।
-
13:08 - 13:11दूसरा नियम यह है कि
-
13:11 - 13:15समावेश से आर्थिक विकास होता है।
-
13:16 - 13:19तो नवउदारवादी विचार
-
13:19 - 13:21समावेश यह पसंदिदा विलासिता है
-
13:21 - 13:26जिसे तब वहन किया जा सकता है जब
विकास गलत और पिछड़ा हुआ हो। -
13:27 - 13:30अर्थव्यवस्था लोग हैं।
-
13:31 - 13:33अधिक लोगों को अधिक तरीकों से
शामिल करना -
13:33 - 13:37बाजार की अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक
वृद्धि का कारण बनता है। -
13:38 - 13:40तीसरा सिद्धांत
-
13:40 - 13:46व्यापार का उद्देश्य केवल शेयरधारकों
को समृद्ध करना नहीं है। -
13:46 - 13:50समकालीन आर्थिक जीवन में सबसे
बड़ी गड़बड़ी -
13:50 - 13:53नवउदारवादी विचार है जो व्यवसाय
का एकमात्र उद्देश्य है -
13:53 - 13:56और अधिकारियों की एकमात्र जिम्मेदारी
-
13:56 - 13:59खुद को और शेयरधारकों को
समृद्ध करना है। -
14:00 - 14:05नए अर्थशास्त्र को जोर देना चाहिए
-
14:05 - 14:07निगम का उद्देश्य सभी
-
14:07 - 14:10हितधारकों के कल्याण में सुधार करना है:
-
14:10 - 14:12ग्राहकों, श्रमिकों,
-
14:12 - 14:14एक जैसे समुदाय और शेयरधारक
-
14:16 - 14:18नियम चार:
-
14:18 - 14:20लालच अच्छा नहीं है।
-
14:23 - 14:26लालची होना आपको पूँजीवादी
नहीं बनाता है, -
14:26 - 14:28वह आपको एक मनोरोगी बनाता है।
-
14:28 - 14:31(हँसी)
-
14:31 - 14:35(तालियां)
-
14:35 - 14:40और एक अर्थव्यवस्था जैसे की हमारे
पैमाने पर सहयोग पर निर्भर है, -
14:40 - 14:44समाजोपचार व्यवसाय के लिए उतना
ही बुरा है जितना कि समाज के लिए। -
14:45 - 14:47और पांचवां और अंतिम
-
14:48 - 14:51भौतिकी के नियमों के विपरीत,
-
14:52 - 14:55अर्थशास्त्र के नियम एक विकल्प हैं।
-
14:57 - 14:58अब, नवउदारवादी आर्थिक सिद्धांत
-
14:58 - 15:03ने स्वयं को तुम्हे अपरिवर्तनीय प्राकृतिक
कानून के रूप में बेच दिया है, -
15:03 - 15:07जब वास्तव में यह सामाजिक मानदंड
और निर्मित कथाएं हैं -
15:07 - 15:09छद्म विज्ञान पर आधारित है।
-
15:10 - 15:13अगर हम वास्तव में अधिक
साम्यिक चाहते हैं, -
15:13 - 15:17अधिक समृद्ध और अधिक स्थायी
अर्थव्यवस्था, -
15:17 - 15:20अगर हम उच्च-कार्य लोकतंत्र चाहते हैं
-
15:20 - 15:22और नागरिक समाज,
-
15:22 - 15:24हमारे पास एक नया अर्थशास्त्र
होना चाहिए। -
15:25 - 15:27और यहाँ अच्छी खबर है:
-
15:27 - 15:29अगर हम एक नया अर्थशास्त्र चाहते हैं,
-
15:29 - 15:33हमें बस इतना करना है
उसे लेने के लिए चुनना है । -
15:33 - 15:34धन्यवाद।
-
15:34 - 15:39(तालियां)
-
15:52 - 15:55मध्यस्थ: तो निक,मुझे यकीन है
आपके मन में यह सवाल बहुत बार आता है -
15:56 - 15:59यदि आप आर्थिक प्रणाली से
बहुत दुखी हैं, -
15:59 - 16:04क्यों न आप अपना सारा पैसा दे दें
और 99 प्रतिशत के साथ जुड़ें ? -
16:04 - 16:07निक हनूर: हाँ, नहीं, हाँ, सही है।
-
16:07 - 16:09आपके पास वह बहुत है।
आपके पास वह बहुत है। -
16:09 - 16:12यदि आप करों का ख्याल
करते हैं, तो अधिक कर क्यों नहीं देते -
16:12 - 16:15अगर आपको मजदूरी की परवाह
है, तो अधिक भुगतान क्यों नहीं करते -
16:15 - 16:16और मैं ऐसा कर सकता था।
-
16:17 - 16:19समस्या यह है,
-
16:19 - 16:20इससे इतना फर्क नहीं पड़ता,
-
16:20 - 16:22और मैंने एक कार्यनीति खोजी है
-
16:22 - 16:25यह सचमुच हज़ार गुना बेहतर
काम करती है - -
16:25 - 16:26मध्यस्थ: ठीक है।
-
16:26 - 16:30एनएच: जो मेरे पैसे का उपयोग खातों का
निर्माण और कानूनों को पारित करने के -
16:30 - 16:32लिए अन्य सभी अमीर लोगों चाहिए होंगे
कर भरने -
16:32 - 16:34और अपने श्रमिकों को बेहतर वेतन
देने के लिए। -
16:34 - 16:36(तालियां)
-
16:36 - 16:37उदाहरण के लिए,
-
16:37 - 16:4115-डॉलर की न्यूनतम मजदूरी जिसे
हमने निर्मित किया है ने अब तक -
16:41 - 16:4330 मिलियन श्रमिकों पर प्रभाव डाला है।
-
16:43 - 16:44इसलिए यह बेहतर काम करता है।
-
16:44 - 16:45मध्यस्थ: यह अच्छा है|
-
16:45 - 16:48अगर आपने विचार बदला तो
हम आपके नया लेनेवाला ढूंढ लेंगे। -
16:48 - 16:50ऍनएच : ठीक है। धन्यवाद।
मध्यस्थ: बहुत-बहुत धन्यवाद।
- Title:
- पूंजीवाद का गंदा रहस्य - और आगे एक नयी राह
- Speaker:
- निक हैनौर
- Description:
-
उद्यमी निक हैनौर कहते हैं कि बढ़ती असमानता और विकसित हो रही राजनीतिक अस्थिरता दशकों के खराब आर्थिक सिद्धांत का प्रत्यक्ष परिणाम है। एक दूरदर्शी बात में, वे इस मंत्र को नष्ट कर देते है कि "लालच अच्छा है" - एक विचार जो वह न केवल नैतिक रूप से संक्षारक का वर्णन करता है, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी गलत है - और पारस्परिकता और सहयोग द्वारा संचालित अर्थशास्त्र का एक नया सिद्धांत देता है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 17:03
TED Translators admin approved Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Keyur Thakkar accepted Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Keyur Thakkar edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Kusum Kaushal edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Kusum Kaushal edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Kusum Kaushal edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Kusum Kaushal edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward | ||
Kusum Kaushal edited Hindi subtitles for The dirty secret of capitalism -- and a new way forward |