महावारी के बारेमे सकारात्मक अभियान
-
0:00 - 0:03माहवारी ,
-
0:03 - 0:07एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया को परिभाषित
कराने वाला साधारण शब्द -
0:07 - 0:09सदियों से एक कलंक के रूप में जाना जाता है,
-
0:09 - 0:13इस रूप में बदल गया है कि जिसके बारे में
हम केवल -
0:13 - 0:15फुसफुसाहट ही करते हैं ।
-
0:15 - 0:16परन्तु ऐसा क्यों?
-
0:16 - 0:17अब मैं आपसे
बात कर रही हूँ , -
0:17 - 0:20इस वक़्त भी, दुनिया भर की
800 मिलियन से अधिक महिलाऐं -
0:20 - 0:22माहवारी से गुजर रही है।
-
0:22 - 0:24इसके बिना हम में से कोई भी नहीं होता,
-
0:24 - 0:28फिर भी चर्चा के लिए यह एक "शर्मनाक"
विषय बना हुआ है| -
0:29 - 0:32अपने और अपने आसपास की महिलाओं के अनुभव से,
-
0:32 - 0:34में आपको यह बता सकती हूँ, कि यह थकाऊ है। ।
-
0:34 - 0:38बड़ी ही सावधानी से, छुपाते हुवे भूरे
पेपर बैग से एक पेड -
0:38 - 0:41को निकालना बहुत ही थकाऊ होता है,
चलती कक्षा में -
0:41 - 0:45इसे अपने पॉकेट में रखनाऔर जितना जल्दी
संभव हो सके वाशरूम की और भागकर जाना। -
0:45 - 0:48कक्षा की पढ़ाई और मीटिंगों में बैठे रहना
और फिर भी -
0:48 - 0:50सबकुछ सामान्य दर्शाना बहुत थकाऊ होता है,
-
0:50 - 0:54वह भी तब जब माहवारी की ऐंठन से
अंतर्दमन में दर्द फुट रहा हो -
0:55 - 0:57अनमने मन से यह कहना कि
आप माहवारी मे हैं, बड़ा ही थकाऊ है -
0:57 - 1:00या फिर "माह के उस समय" का दुःख,
-
1:00 - 1:02और सदियों से चल रही
दकियानूसी -
1:02 - 1:04परम्पराओं से
निरंतर लड़ना भी थकाऊ है -
1:05 - 1:07जो आपसे पूजा ना करने,
-
1:07 - 1:11मंदिर ना जाने, खाना ना पकाने,
अचार ना छूने को कहते हैं, -
1:11 - 1:14और यह लिस्ट ऐसे ही चलती जाती है
-
1:14 - 1:16(हंसी)
-
1:18 - 1:20पर आप जानते हैं, सबसे बुरी बात क्या है?
-
1:20 - 1:24सबसे बुरी बात यह है कि ये बातें जो
हमें काफी थकाने वाली लग रही हैं -
1:24 - 1:27ये पूरी बड़ी समस्या की केवल
एक छोटी-सी झलक है | -
1:27 - 1:30क्यूंकि हम लोग जो इस
कमरे में हैं,काफी -
1:30 - 1:33विशेषाधिकार प्राप्त हैं हम हर
महीने सेनेटरी नैपकिन्स खरीद सकते हैं, -
1:33 - 1:37कोई समस्या आने पर
गायनोकोलॉजिस्ट के पास जा सकते हैं, -
1:37 - 1:41हम हमारे मासिक चक्र के बारे में कि क्या
सामान्य है और क्या असामान्य, बता सकते हैँ, -
1:41 - 1:44हमारे पास पानी, सफ़ाई और टॉयलेट है
-
1:44 - 1:47जिससे हम अपनी प्राइवेसी और सफ़ाई
को बनाये रख पाते हैं| -
1:48 - 1:50पर उनका क्या जिनके पास ये सब नहीं है?
-
1:50 - 1:55दुनियाभर की उन 33.5 करोड़ लड़कियों का क्या
-
1:55 - 1:58जो ऐसे विद्यालय में जाती है, जहाँ पानी
और साबुन भी नहीं है -
1:58 - 2:00जिससे कि वे हाथ धो सके?
-
2:00 - 2:04केन्या की 15 वर्षीय स्कूल जाने वाली
लड़कियों का क्या, -
2:04 - 2:08जिन्हे सेनेटरी-नेपकिन्स खरीदने के लिये
अपना जिस्म बेचना पड़ता है? -
2:09 - 2:13भारत के दो-तिहाई ग्रामीण माध्यमिक
विद्यालयों की लड़कियों का क्या -
2:13 - 2:16जिनको शायद यह भी नहीं पता कि
उनका शरीर रजोदर्शन के समय किन -
2:16 - 2:17बदलावों
से गुज़र रहा है? -
2:17 - 2:21और अभी इस समय,
जब हम सब यहाँ USA में एकत्रित हुए हैं | -
2:21 - 2:26तो, सेंट-लुइस, मिस्सौरी
की 64 प्रतिशत महिलाओं के बारे में क्या, -
2:26 - 2:29जो पिछले साल में, मासिक धर्म
के सवच्छता सम्बन्धित सामान -
2:29 - 2:30भी नहीं खरीद सकती थीं?
-
2:31 - 2:34बेघर, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स
और विस्थापित लोगों -
2:34 - 2:36के संघर्षो का क्या
-
2:36 - 2:37जिन्हे माहवारी होती है
-
2:38 - 2:40उनके बारे में क्या?
-
2:41 - 2:42माहवारी से गहरी जड़ो के रूप में
-
2:42 - 2:47जुड़े कलंक की इस समस्या का आकार
-
2:47 - 2:49अकल्पनीय है |
-
2:49 - 2:52और इस हताशा को आवाज़ देने की इच्छा
-
2:52 - 2:54मुझे, मेरे तीन साथियो के साथ
एक अभियान शुरू -
2:54 - 2:57करने की तरफ लेकर आयी
जो बदलाव के लिए कहता है, -
2:57 - 3:00माहवारी से जुड़ी पाबंदियों
पर सवाल उठाता है, -
3:00 - 3:03और माहवारी से सम्बंधित
सकारात्मकता फैलाता है | -
3:03 - 3:06हमारे अभियान का नाम "प्रवाहकृति " है,
-
3:07 - 3:10जिसका जन्म उस सन्देश से हुआ
जो हम दुनिया तक पहुँचाना चाहते हैं | -
3:10 - 3:12प्रवाह यानी की फ्लो (बहाव),
-
3:12 - 3:15और कृति का मतलब है "एक खुबसूरत रचना "|
-
3:15 - 3:20क्यूंकि मासिक धर्म जो
अंततः सारी सृष्टि को जन्म देता है -
3:20 - 3:23किसी भी खूबसूरती से कम कैसे हो सकता है?
-
3:24 - 3:28अब, एक सामाजिक मुद्दे के रूप में,
मासिक धर्म के कई पहलू हैं -
3:28 - 3:32जोकि स्थिति को ओवरलैप, सुदृढ़
और अधिक खराब करते हैं | -
3:32 - 3:36इसलिए हमने अपने अभियान को चार
आधारभूत स्तम्भों पर आधारित किया है : -
3:36 - 3:40स्वास्थ्य, स्वच्छता, जागरूकता
तथा सकरात्मकता फैलाना | -
3:40 - 3:43परन्तु हम इसे असल में लागू कैसे करते हैं?
-
3:43 - 3:46खैर, हमने हमारे स्कूल की कक्षा की
दीवारों से इसकी शुरआत करी थी| -
3:47 - 3:50बच्चों को पाठ्यपुस्तक या जैविक
दृष्टिकोण से केवल -
3:50 - 3:53सामान्य रूप से माहवारी समझाने के बजाय,
-
3:53 - 3:55हमने एक परिवर्तनात्मक ( इनोवेटिव )
पद्धति को अपनाया | -
3:56 - 4:00हमने एक गतिविधि आयोजित की
, जहाँ छात्रों ने -
4:00 - 4:04एक साथ मिलकर एक ब्रेसलेट को
पकड़ा जिसमें 28 बीड्स थीं जो मासिक -
4:04 - 4:05धर्म की लम्बाई को दर्शा रहीं थीं,
-
4:05 - 4:06जिनमें 4 से 7 बीड्स
-
4:06 - 4:07अलग रंग की थीं,
-
4:07 - 4:08जो एक स्त्री के
-
4:08 - 4:11माहवारी के दिनों
को दर्शा रहीं थीं | -
4:11 - 4:15और इस तरह से, हमने ना केवल
उन्हें एक शैक्षिक तरीके से ये समझाया कि -
4:15 - 4:17माहवारी क्या है बल्कि
-
4:17 - 4:20वह तरीका सुलभ और आकर्षक भी था|
-
4:21 - 4:22एक अन्य उदाहरण के तौर पर,
-
4:22 - 4:25हमने ऐंठन को कम करने के विभिन्न
तरीकों की ख़ोज करी, -
4:25 - 4:29जिसमें स्कूल में ही कुछ प्राकृतिक
उपचार तैयार करना भी शामिल था| -
4:29 - 4:33और हम अपने अभियान में केवल लड़कियों को
ही शामिल करने पर नहीं रुके, -
4:33 - 4:35बल्कि लड़के भी समान रूप से शामिल हैं|
-
4:35 - 4:37और हमारे को-टीम मेंबरों में
-
4:37 - 4:38जैसा कि आपने देखा, एक लड़का भी है|
-
4:41 - 4:43आंतरिक बातचीत के माध्यम से
-
4:43 - 4:45जहाँ लड़कियां आराम से अपने व्यक्तिगत
अनुभव साझा कर सकती हैं -
4:45 - 4:48और लड़के अपने प्रश्नों को सरलता से पूछ
सकते हैं, -
4:48 - 4:50भले ही वो कितने भी "मूर्ख " क्यों
ना लगें, -
4:50 - 4:53हमारे पुरुष स्वयंसेवकों ने जल्द ही अपनी
असहजता पर काबू पा लिया, -
4:53 - 4:56वे ना केवल शैक्षिक सेशन ( सत्रों ) में
सहायता करते हैं -
4:56 - 4:58बल्कि उनका नेतृत्व भी करते हैं |
-
4:58 - 5:00स्पष्ट रूप से, एक समावेशी बातचीत
|की शुरुआत करना, -
5:00 - 5:02जिसमें सभी जेंडर्स के लोग शामिल हों
-
5:02 - 5:05और एक दूसरे को सुनते हों और
सपोर्ट करते हों, -
5:05 - 5:06काफी आगे तक जा सकता है |
-
5:06 - 5:09अब, हमारे अभियान को सफल बनाने के लिए,
हमने व्यापक शोध किया, -
5:09 - 5:12स्त्री रोग विशेषज्ञों का साक्षात्कार किया,
-
5:12 - 5:16पीरियड्स पर जनता की राय जानने के लिए
लोगों के साक्षात्कार लिए -
5:16 - 5:21और इस क्षेत्र में काम कर रहे प्रोफेशनल्स
के साथ पैनल चर्चा आयोजित करी | -
5:21 - 5:24और फिर हमने बदलाव लाने के लिए
यात्रा शुरू करी| -
5:24 - 5:27हमने शिल्पोत्सव नामक एक स्थानीय मेले
में एक स्टॉल का आयोजन किया, -
5:27 - 5:30जिसमें हमने सेनेटरी नैपकिन के
आकार के लिफाफे और -
5:30 - 5:34माहवारी से जुड़ी सकारात्मकता के
संदेशों वाले बुकमार्क्स बाँटे | -
5:34 - 5:37हमने सैकड़ों पैड दान किए
जो हमने स्कूल में एक पैड डोनेशन ड्राइव -
5:37 - 5:39के द्वारा इकट्ठे किये |
-
5:39 - 5:42सरकारी और धर्मार्थ विद्यालयों में जवान
लड़कियों से मिलकर, -
5:42 - 5:45हमने उन्हें हॉपस्कॉच के खेल के माध्यम से
पीरियड्स के बारे में बताया -
5:46 - 5:49और उन्हें पीरियड किट्स बाँटी जो
हमने खुद बनाई थी -
5:49 - 5:52जिसमें पैड था और कुछ अन्य समान
जैसे पेपर सोप -
5:52 - 5:55और सफाई बनाये रखने के लिए सेनेटाइज़र,
-
5:55 - 5:58एक डार्क चॉक्लेट का टुकड़ा जिससे
उनका मूड अच्छा हो, -
5:58 - 6:00एक अदरक वाली चाय का सैशे और भी कुछ चीजें |
-
6:00 - 6:05हमने जो कुछ भी किया उसमें हमने आदर्श से
परे और बाधाओं को तोडने का प्रयास किया, -
6:05 - 6:07फिर चाहें वो फिजिकल पीरियड ट्रैकर बनाना हो
-
6:07 - 6:10जिसे लड़कियां बिना इंटरनेट की सुविधा
के भी पा सकें -
6:10 - 6:12जिससे वो अपने मासिक चक्र का
रिकॉर्ड रख पाएं -
6:12 - 6:15या नुक्कड़ नाटक करके, जनता को
संवेदनशील बनाना -
6:15 - 6:20या यहां तक कि एक वीडियो गेम विकसित
करना जिसे "क्रिमसन क्रूसेड" कहा जाता है - -
6:20 - 6:21(हंसी)
-
6:21 - 6:22जो लड़कों और लड़कियों दोनों को
-
6:22 - 6:26विश्व स्तर पर महिलाओं को मासिक धर्म के
कारण आने वाली समस्याओं से परिचित कराता है -
6:26 - 6:28और खिलाड़ी खेल में प्रगति करते हैं
-
6:28 - 6:30मासिक धर्म राक्षसों को हराकर।
-
6:30 - 6:32(हंसी)
-
6:32 - 6:34इस प्रयास को टिकाऊ बनाने के लिए,
-
6:34 - 6:38हमने कई विद्यालयों में सेनेटरी
नेपकिन्स के 10 बॉक्स लगाये हैं| -
6:39 - 6:43धीरे-धीरे लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है|
-
6:43 - 6:46परन्तु क्या बदलाव इतनी आसानी से आ जाता है?
-
6:47 - 6:49वंचित बच्चों के एक विद्यालय में,
-
6:49 - 6:51हमारा सामना एक बालिका से हुआ जिसकी
पहली माहवारी हुई थी -
6:51 - 6:54और उसने अपने प्रवाह को सोखने के
लिए कुछ पहना भी नहीं था -
6:55 - 6:57उसकी स्थिति की कल्पना कीजिये,
-
6:57 - 7:00असुविधाजनक और शर्मिंदगी के साथ
कक्षा में बैठना -
7:00 - 7:02नीचे देखना और लालिमा देखना,
-
7:02 - 7:06अपने पालकों की मदद मांगना, और पूछना की
आपके साथ यह क्या हो रहा है| -
7:06 - 7:07और उसका कोई जवाब ना मिलना|
-
7:08 - 7:11कुछ गलत करते हुवे पकड़े जाने की शर्मिंदगी,
-
7:11 - 7:15शर्म और भय की कल्पना कीजिये
-
7:15 - 7:18जो आपको अज्ञान, और सन्नाटें में
रहने के लिए मजबूर करे और वो भी -
7:18 - 7:21आपके स्वास्थय और सम्मान की कीमत पर
-
7:22 - 7:25जब हम अपने हिस्से का काम कर रहे हैं,
हमारे प्रयास तभी सफल होंगे जब -
7:25 - 7:29आप में से प्रत्येक इस विचार को समझे
और आगे फैलाये -
7:29 - 7:32यह विचार कि माहवारी
पूरी तरह से सामान्य है, -
7:32 - 7:36यदि आप में से प्रत्येक इस संदेश को,
हर उस व्यक्ति जिसे आप जानते हैं, -
7:36 - 7:37तक पहुचायेंगे |
-
7:37 - 7:42जब हम पाचन रक्त परिसंचरण और
श्वसन पर चर्चा कर सकते हैं, -
7:42 - 7:45सभी प्राकृतिक, जैविक प्रक्रियाएँ
-
7:45 - 7:48तो फिर माहवारी के बारे में क्यों नहीं?
-
7:48 - 7:51और आप भी इसे कम वर्जित बनाने में
मदद कर सकते हैं, -
7:51 - 7:54केवल पुरुष मित्रों और परिवार के सदस्यों
के साथ अधिक खुले होकर, -
7:54 - 7:55खुलेपन से बात करके
-
7:55 - 7:58स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को
सपोर्ट करके -
7:58 - 8:01जो मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन को
बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं, -
8:01 - 8:05अपने क्षेत्र में माध्यमिक विद्यालय के
बच्चों के साथ मासिक धर्म ब्रेसलेट बनाकर -
8:05 - 8:08या अपने दोस्तों के साथ क्रिमसन
क्रूसेड खेलकर भी| -
8:08 - 8:13हर छोटा कदम मायने रखता है, क्यूंकि
इस मुद्दे को छुपाना और नज़रअंदाज़ करना -
8:13 - 8:16सेनेटरी अवशोषकों तक पहुंच की कमी
को ज़ारी रखता है, -
8:16 - 8:19मासिक धर्म स्वास्थ्य से सम्बन्धित
समस्याओं की नज़रअंदाज़ी, -
8:19 - 8:22स्कूल में अनुपस्थिति, संक्रमण
और भी बहुत कुछ को ज़ारी रखता है | -
8:22 - 8:26मैं कुछ पंक्तियों के साथ समाप्त
करना चाहूंगी -
8:26 - 8:28जो एक स्वयंसेवक ने हमारे लिए लिखीं :
-
8:28 - 8:30"अब क्रिमसन की धारा घूमे
-
8:30 - 8:32यहाँ सकारात्मकता की लहरें होने दें,
-
8:32 - 8:33तालियों की गड़गड़ाहट,
-
8:34 - 8:37महिलाओं से भरा गाँव
जो खून बहने पर गर्वित हों| -
8:37 - 8:39यहाँ शिक्षा की एक महक होने दो
-
8:39 - 8:44जो महिलाओं, पुरुषों और बच्चों द्वारा
ली जाने ऑक्सीजन में बहे | -
8:44 - 8:47अब सभी अपनी माहवारी के चमत्कार को जानें
-
8:47 - 8:50और "प्रवाहकृति " का जश्न मनाऐं |"
-
8:50 - 8:51धन्यवाद्
-
8:51 - 8:54(तालियाँ)
- Title:
- महावारी के बारेमे सकारात्मक अभियान
- Speaker:
- अनन्या ग्रोवर
- Description:
-
सोशल एक्टिविस्ट अनन्या ग्रोवर का कहना है कि पीरियड होना थका देने वाला होता है - और दुनिया भर के कई लोगों के लिए, मासिक धर्म में बदबू और बुनियादी स्वच्छता की आपूर्ति में कठिनाई के कारण यह और भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस उत्थान, कार्रवाही करने वाली बातचीत में, वह बताती है कि कैसे "प्रवाहकृति", उनका अभियान पीरियड पाजिटिविटी फैलाने के लिए, रचनात्मक रूप से मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, जागरूकता बढ़ाने और माहवारी के आसपास वर्जनाओं को तोड़ने के लिए सभी के साथ जुड़ता है।
- Video Language:
- English
- Team:
- closed TED
- Project:
- TEDTalks
- Duration:
- 09:08
Arvind Patil approved Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Arvind Patil accepted Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Arvind Patil edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Kirti s edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Kirti s edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Kirti s edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Kirti s edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity | ||
Kirti s edited Hindi subtitles for A campaign for period positivity |