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भाषा मृत्यु : भाषाए कैसे मरते है

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    सबको हेलो !
    लैंगफोकस चैनल में आपका स्वागत है
  • 0:03 - 0:05
    और मेरा नाम है पॉल।
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    आजका विषय है : भाषा की मृत्यु
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    आम तौर पे इस चैनल में
    जब भाषा के बारे में बात करता हूँ
  • 0:10 - 0:12
    वह अकसर जीवित भाषा होती है |
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    ऐसी भाषा जिसे आज भी
    इसके मूल वक्ताओं द्वारा बोली जाती है,
  • 0:15 - 0:17
    और इसका वृद्धि और विकास जारी है |
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    लेकिन मृत और विलुप्त भाषाए भी होते है |
  • 0:21 - 0:25
    भाषाओ को मृत तब मन जाता है,
    जब इसके मूल वक्ता बचे नहीं है
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    भले ही इनका प्रयोग किसी तरह जारी है।
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    उदहारण के लिए 'लैटिन' एक मृत भाषा है
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    लेकिन इसका प्रयोग धार्मिक कार्यक्रम
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    और वैटिकन में कुछ
    प्रशासनिक कार्यों में जारी है |
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    कुछ लोग बोल सकते है, लेकिन इसके
    मूल वक्ताओं जैसे स्वाभाविक तरीके से नहीं
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    और इसे मूल भाषा के रूप में
    पारित नहीं किया जाता
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    एक और उदहारण है हिब्रू
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    जो कि एक मृत भाषा थी,
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    आधुनिक हिब्रू के रूप में
    पुनरुज्जीवन के पहले |
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    काफी समय तक इसे मूल भाषा
    के रूप में नहीं बोली जाती थी,
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    लेकिन इसका प्रयोग
    धार्मिक कार्यो में प्रयोग जारी रहा
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    और लिखित साहित्यिक भाषा के रूप में |
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    इसके विपरीत भाषा को विलुप्त तब मन जाता है
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    जब कोई भी जीवित व्यक्ति इसे बोल नहीं सकता|
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    उदहारण के लिए अगर मूल अमरीकी भाषा के
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    अंतिम वक्ता के मृत्यु हो जाए
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    और कोई भी इसे दूसरी
    भाषा के रूप में नहीं सीखा है
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    फिर वह भाषा विलुप्त हो जाता है |
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    उसी तरह, सुमेरियन जैसे
    प्राचीन भाषा विलुप्त हो चुकी है
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    कुछ लोग शायद उस भाषा में
    प्राचीन पाठ पढ़ सकते है
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    लेकिन आज कल इसका उपयोग कोई नहीं करता
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    भाषा समाप्त या फिर विलुप्त हो सकता है
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    भाषा के मृत्यु के कारण |
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    भाषा के मृत्यु के प्रकार
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    भाषा का अंत हमेशा एक ही तरीके से नही होता
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    भाषा के मृत्यु के विभिन्न प्रकार है
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    भाषा के मिठ जाने का सबसे सामान्य तरीका है
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    क्रमिक तरीके से भाषा का अंत
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    ये आम तौर पर तब होता है
    जब एक भाषा के वक्ता,
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    उच्च प्रतिष्ठा की भाषा के
    संपर्क में आते है
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    जो कि प्रमुख और ज़्यादा
    प्रभावशाली लोगो की भाषा है
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    यह समुदाय काफी समय तक द्विभाषीय रहते है,
  • 1:45 - 1:47
    लेकिन हर पीढ़ी के साथ
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    कम युवा परंपरागत भाषा बोलते है
  • 1:49 - 1:51
    और कम स्तर के भाषाई कुशलता के साथ
  • 1:51 - 1:55
    क्यूंकि वो प्रतिष्ठित भाषा
    का उपयोग चुनते है
  • 1:55 - 1:58
    फिर एक दिन उनका समुदाय अपने
    पारम्परिक भाषा की बोली बंद हो जाती है
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    इसका एक उदहारण है कोर्निश
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    जो 19 वीं सदी के आखिरी भाग में कम हो गया
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    अंग्रेजी का बढ़ता प्रभाव के कारण
  • 2:05 - 2:09
    और कोर्निश को प्रत्यक्ष में कम
    हैसियत भाषा होने के समज से
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    जो इसके वक्ताओं के बीच में भी था
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    लेकिन कोर्निश दरअसल लुप्त नहीं हुआ है
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    क्यूंकि इसके पुनरोद्धार का प्रयास जारी है
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    लोगो को प्रोत्साहित करने में,
    ताकि भाषा का उपयोग जारी रखे
  • 2:19 - 2:22
    अगला : नीचे-से-ऊपर भाषा मृत्यु
  • 2:22 - 2:23
    नीचे-से-ऊपर भाषा मृत्यु में
  • 2:23 - 2:26
    भाषा को मूल भाषा के तौर पे
    प्रयोग ख़तम हो जाता है
  • 2:26 - 2:29
    लेकिन कुछ संदर्भों में
    इसका प्रयोग जारी रहता है
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    सामान्य तौर पर औपचारिक धार्मिक सन्दर्भ
    या समारोहिक सन्दर्भ में
  • 2:33 - 2:35
    या फिर शायद साहित्यिक उद्देस्य के लिए
  • 2:36 - 2:37
    क्रमिक भाषा मृत्यु में
  • 2:37 - 2:41
    भाषा सामान्य रूप में पहले
    औपचारिक सन्दर्भ से गायब होता है
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    क्यूंकि उसे प्रतिष्ठित भाषा से
    बदला जाता है
  • 2:43 - 2:47
    पर उसे सामान्य संदर्भो में
    बोलना काफी समय तक जारी रहता है
  • 2:47 - 2:50
    दूसरी तरफ नीचे-से-ऊपर भाषा मृत्यु में
  • 2:50 - 2:52
    भाषा निचले स्तर पर ही मर जाता है
  • 2:52 - 2:54
    अर्थात सामान्य संदर्भो में
  • 2:54 - 2:57
    लेकिन औपचारिक सन्दर्भ में
    उपयोग जारी रहता है
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    इसका एक उदहारण है लैटिन
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    जिसे अभी धार्मिक कार्यो के बहार
    प्रयोग नहीं किया जाता,
  • 3:02 - 3:05
    या फिर औपचारिक सन्दर्भ,
    या शायद साहित्यिक सन्दर्भ में
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    अगला : आकस्मिक भाषा मृत्यु
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    आकस्मिक भाषा मृत्यु तब होता है जब सभी
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    या फिर भाषा के ज़्यादातर वक्ता
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    अचानक से मरते है
    किसी दुर्घटना या हिंसा के कारण
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    इसका एक उदहारण है सन 1830, तस्मानिया में
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    जब द्वीप के लगभग सभी मूल निवासियाँ
  • 3:22 - 3:25
    'ब्लैक वॉर' के समय
    यूरोपियन उपनिवेशवादी द्वारा
  • 3:25 - 3:26
    पूर्णतय नष्ट किया गया
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    अगला : मौलिक भाषा मृत्यु
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    यह आकस्मिक भाषा मृत्यु के समान है
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    मौलिक भाषा मृत्यु आम तौर पर
    काफी तेज़ी से होता है
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    और सामान्य रूप में राजनीतिक
    दमन का परिणाम है
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    या फिर हिंसा का
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    अंतर सिर्फ इतना है कि भाषा के
    वक्तो का पूर्णतय विनाश नहीं होता
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    लेकिन अचानक से लोग
    भाषा का उपयोग बंद कर देते है
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    ताकि वे उत्पीड़न से बच सके
  • 3:47 - 3:49
    इसका एक उदहारण हुआ था एल सल्वाडोर में
  • 3:49 - 3:51
    जहाँ सन 1930 के विद्रोह में
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    जब आदिवासी जनजाति अचानक से
    अपने देशी भाषा का प्रयोग बंद कर दिया
  • 3:55 - 3:58
    ताकि उनके आदिवासी होने का पता न चले
  • 3:58 - 3:59
    और मारा न जाए
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    दो भाष जो अचानक से ख़तम हो गए
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    वो है लेंका और काकॉपेरा
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    ऐसे कुछ भाषाओ को देखते है जो मर चुका है
  • 4:09 - 4:12
    और देखते है कि क्या हम पता लगा सकते है
    कि क्यों इनका इस्तमाल बंद हो गया
  • 4:12 - 4:13
    पुरानी चर्च स्लावोनिक
  • 4:13 - 4:17
    पुरानी चर्च स्लावोनिक पहली
    प्रमाणित स्लाविक भाषा है
  • 4:17 - 4:20
    जिसे बोला और लिखा जाता था
    9वीं और 11वीं सदी के बीच में
  • 4:20 - 4:22
    यह स्लाविक का एक मानकीकृत प्रकार था
  • 4:22 - 4:24
    जिसे उस ज़माने के अनेक
  • 4:24 - 4:26
    स्लाविक उपभाषा के वक्ता समझ सकते थे
  • 4:26 - 4:29
    और यह एक दुसरे के काफी समान थे
  • 4:29 - 4:30
    यह स्लाविक उपभाषाए,
  • 4:30 - 4:33
    मूल रूप से साधारण बोल चाल के प्रकार है
  • 4:33 - 4:36
    और क्रमशः विभिन्न प्रकार के
    स्लाविक भाषा के रूप में विकसित हुआ
  • 4:37 - 4:40
    क्योंकि इसे अभी भी चर्च में
    धार्मिक कार्य में प्रयोग करते है
  • 4:40 - 4:42
    यह एक पूजन सम्बंधित भाषा है
  • 4:42 - 4:46
    इसलिए यह नीचे-से-ऊपर
    भाषा मृत्यु के श्रेणी में आता है
  • 4:46 - 4:48
    नई विकसित स्लाविक भाषाए
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    पुराने स्लाविक उपभाषाओ को
    दैनिक भाषा के रूप में प्रतिस्थापित किया
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    लेकिन पुरानी चर्च स्लावोनिक भाषा का
    प्रयोग धार्मिक कार्यो में जारी रहा
  • 4:55 - 4:59
    और कुछ समय तक राजनीतिक कार्यो में भी
  • 4:59 - 5:03
    यह ध्यान रखना अच्छा है कि
    कुछ मृत भाषा असल में मरा नहीं है
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    दोनों लैटिन और
    पुरानी स्लावोनिक के मामले में
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    भाषा का बोलना कभी बंद नहीं हुआ
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    और विभिन्न प्रकार के
    भाषा के रूप में विकसित हुआ
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    और पीछे छोड़ गया कुतिकृत साहित्यिक भाषा
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    जो मृत भाषा है और बोला नहीं जाता
  • 5:16 - 5:18
    मंडान भाषा
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    2016 में एडविन बेंसोन नामक एक आदमी
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    जो मंडान भाषा के आखिरी वक्ता थे ,
    उनका निधन हो गया
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    मंडान एक नेटिव अमेरिकन भाषा है,
    जो सुअन भाषा परिवार का है
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    जिसको उत्तर डकोटा राज्य में बोलै जाता था
  • 5:30 - 5:33
    मंडान वक्ताओं की आबादी
    लकभग पूरी तरह से मिटाया गया था
  • 5:33 - 5:35
    चेचक के प्रकोप में ,
  • 5:35 - 5:38
    1780 के दशक में और फिर 1830 के दशक में
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    बचे हुए आबादी के बीच की एकजुटता
  • 5:40 - 5:42
    सीमित होता है,
    सरकार के पनर्निर्धान के कारण
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    और बाँध के निर्माण,
    जिससे गॉंव एक दुसरे से अलग जो जाता है
  • 5:46 - 5:48
    और अंग्रेजी का प्रभाव बढ़ता है
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    यह तथ्य, कि ज़्यादातर आबादी
  • 5:50 - 5:53
    चेकक के दुःखद प्रकोप में
    पूरी तरह से ख़ात्मा हो गया,
  • 5:53 - 5:56
    इसलिए इसे आकस्मिक भाषा मृत्यु
    के श्रेणी में लाता है
  • 5:56 - 5:59
    भले ही इस भाषा के कुछ वक्त जीवित थे
  • 5:59 - 6:01
    बचे हुए वक्ताओं में,
  • 6:01 - 6:04
    हम बोल सकते है कि
    आकस्मिक भाषा मृत्यु का अंश है
  • 6:04 - 6:06
    क्योंकि उस समूह के और सदस्य
  • 6:06 - 6:08
    प्रतिष्ठित भाषा अंग्रेजी
    में बोलना शुरू करते है
  • 6:08 - 6:11
    और फिर एक दिन
    मंडन बोलना बंद हो जाता है
  • 6:11 - 6:12
    गॉलिश
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    6 वीं सदी ईस्वी तक
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    गॉलिश नामक केल्टिक भाषा को
    आज के समय के फ्रांस में बोला जाता था
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    जब रोमन ने इस जगह को कब्ज़ा कर लिया
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    उन्होंने लैटिन को राज्य के
    आधिकारिक भाषा बनाया
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    और लैटिन बोलना एक तरीके बना जिससे
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    दर्जा और आर्थिक अवसर प्राप्त कर सके
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    काफी सदियों तक
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    गौलिश और प्रतिष्ठिता भाषा लैटिन में
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    द्वैभाषिक होना सामान्य माना जाता था
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    और फिर एक दिन मंडन बोलना बंद हो जाता है
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    यह आकस्मिक भाषा मृत्यु का सीधा उदहारण है
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    जब आबादी अपने पारम्परिक भाषा को छोड़कर
  • 6:41 - 6:44
    प्रतिष्ठित भाषा को अपनाता है
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    अजावा
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    सन 1920 और 1940 के बीच
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    नाइजीरिया में अजावा भाषा का खात्मा हुआ
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    क्योंकि पूरा समूह हुआसा बोलने शुरू कर दिया
  • 6:53 - 6:56
    आर्थिक और व्यावहारिक कारणो के लिए
  • 6:56 - 7:00
    पूरा समुदाय काफी तेज़ी से अपने
    पारंपरिक भाषा का इस्तेमाल बंद कर दिया
  • 7:00 - 7:02
    और इसे अगले पीढ़ी को पारित नहीं किया
  • 7:02 - 7:05
    यह उदहारण है अतिवादी भाषा मृत्यु का
  • 7:05 - 7:07
    जब भाषा का मृत्यु होता है क्योंकि
  • 7:07 - 7:10
    भाषा के सभी वक्ता
    अचानक से दूसरी भाषा को चुनते
  • 7:10 - 7:12
    अतिवादी भाषा मृत्यु के कई मामले में
  • 7:12 - 7:14
    समुदाय अपने भाषा को त्याग देते है
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    हिंसा के सामने जीवित रहने के लिए
  • 7:16 - 7:19
    लेकिन इस विशेष मामले में
    उन्होंने अजावा भाषा को त्याग दिया
  • 7:19 - 7:22
    क्योंकि समुदाय के लिए हुआसा
    बोलना ज़्यादा लाभदायक था
  • 7:23 - 7:25
    हम क्यों भाषा मृत्यु के
    बारे में परवाह करनी चाहिए?
  • 7:25 - 7:28
    कुछ लोग सोचते है कि
    भाषा मृत्यु अच्छी बात है
  • 7:28 - 7:31
    कि कम भाषा विभिन्नता अच्छा है
  • 7:31 - 7:33
    उदहारण के लिए, कुछ राष्ट्रों के नेता
  • 7:33 - 7:36
    एक भाषा को प्रमुख बनाकर
    बाकी सब को प्रतिस्थापित करना चाहते है
  • 7:36 - 7:39
    क्योंकि वो सोचते है कि
    यह राष्ट्र की एकता को बढ़ावा देगा
  • 7:39 - 7:42
    दूसरी तरफ, भाषा एक संस्कृति का भाग है
  • 7:42 - 7:45
    इसलिए जब भाषा का मृत्यु होता है
    उस संस्कृति का एक भाग खो जाता है
  • 7:45 - 7:47
    और दुनिये को देखने का अनोखा
    तरीका भी उसे साथ मर जाता है
  • 7:47 - 7:51
    उदहारण के लिए देखते है बोलीविया
    के संकटापन्न भाषा कल्लवाया
  • 7:51 - 7:54
    कल्लवाया का उपयोग,
    दवा आदमियों के संप्रदाय करते है
  • 7:54 - 7:56
    जिन्होंने इस भाषा को सीखा
  • 7:56 - 8:00
    सिर्फ कर्मकांड अभ्यास और पूर्वजो के
    मौखिक परंपरा समझने के लिए नहीं
  • 8:00 - 8:03
    बल्कि हज़ारो पौधों के नाम समझने
  • 8:03 - 8:05
    जो कल्लवाया भाषा के विशिष्ट है
  • 8:05 - 8:07
    जो इसके औषधीय गुणो को बताता है
  • 8:07 - 8:09
    स्थानीय क्षेत्र के अनेक
    प्रकार के पौधों के बारे में
  • 8:09 - 8:11
    अगर कल्लवाया गायब होगा तो फिर
  • 8:11 - 8:14
    और सम्बंधित संस्कृति और
    गुप्त ज्ञान भी गायब होगा
  • 8:14 - 8:17
    भाषाई विविधता में लगातार गिरावट हो रहा है
  • 8:17 - 8:20
    वर्तमान में धरती पर 7000
    के करीब भाषाए है
  • 8:20 - 8:22
    और लगभग आधे खतरे में है
  • 8:22 - 8:25
    और 100 सबसे अधिक बोले जाने वाले भाषाए
  • 8:25 - 8:28
    दुनिया के 85 प्रतिशत आबादी बोलते है
  • 8:28 - 8:31
    कुछ संकटग्रस्त भाषाओ को
    नया जीवन मिल रहा है
  • 8:31 - 8:33
    पुनरोद्धार के प्रयासों से
  • 8:33 - 8:36
    जिसके लिए आवश्यक है कि पहले
    भाषा का अभिलेखन और प्रलेखन किया जाए
  • 8:36 - 8:38
    फिर उसे नए वक्ताओं द्वारा सीखा जाए
  • 8:38 - 8:42
    और उत्साहित और प्रेरित
    समाज द्वारा उपयोग किया जाए
  • 8:42 - 8:45
    और कुछ राजनीतिक प्रभाव बुरा नहीं होगा
  • 8:45 - 8:46
    आज का सवाल :
  • 8:46 - 8:48
    आपके देश या फिर प्रदेश में
  • 8:48 - 8:52
    ऐसा कोई भाषाए है
    जो मर रहे है या संकटग्रस्त है ?
  • 8:52 - 8:54
    आपको कैसे लग रहा है कि
    यह भाषाए गायब हो रहे है
  • 8:54 - 8:56
    क्या कोई कीमती चीज़ खो जाएगा
  • 8:56 - 9:00
    लैंगफोकस को ज़रूर फॉलो करे
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  • 9:00 - 9:03
    एक और बार, मेरे कमाल पेट्रिओन
    समर्थको को मेरा धन्यवाद
  • 9:03 - 9:06
    विशेषकर मेरे शीर्ष स्तर
    के पेट्रिओन समर्थक
  • 9:06 - 9:08
    जिनका नाम अभी स्क्रीन है
  • 9:08 - 9:10
    उनको बहुत धन्यवाद
  • 9:10 - 9:13
    वैसे टोकि पाना के बारे
    में पिछले वीडियो में
  • 9:13 - 9:15
    आप में से कुछ लोगो ने पुछा था कि
  • 9:15 - 9:17
    क्यों टोकि पोना को
    पेट्रन के पेज में डाला है
  • 9:17 - 9:19
    वह इसलिए था क्योंकि
    टोकि पोना भाषा के रचयिता
  • 9:19 - 9:21
    पिछले गर्मियों के मौसम से पेट्रन है
  • 9:21 - 9:24
    लेकिन सूची में आना पसंद नहीं करते थे
  • 9:24 - 9:28
    लेकिन निवेदन के बाद मैने उसके स्थान
    पर भाषा का उल्लेख करना शुरू कर दिया
  • 9:28 - 9:31
    देखने के लिए धन्यवाद
    और आपका दिन शुभ हो !
  • 9:31 - 9:37
    ♪ (संगीत) ♪
  • 9:37 - 9:43
    ♪ (संगीत) ♪
  • 9:43 - 9:49
    ♪ (संगीत) ♪
  • 9:49 - 9:51
    ♪ (संगीत) ♪
Title:
भाषा मृत्यु : भाषाए कैसे मरते है
Description:

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Video Language:
English
Team:
Amplifying Voices
Project:
Endangered Languages
Duration:
09:51

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