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"पूरी दुनिया एक रंगमंच " - विलियम शेक्सपियर के द्वारा

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    "पूरी दुनिया एक रंगमंच "
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    जैसा कि आपको पसंद है
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    विलियम शेक्सपियर के द्वारा
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    पूरी दुनिया एक रंगमंच है,
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    और हर नर और नारी निरे अदाकार;
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    जिनके अपने प्रवेश और निकास हैं;
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    हर मनुष्य अपने समय मे कई भूमिकायें निभाता,
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    उसके नाटक मे होती हैं सात अवधियां |
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    सबसे पहले नवजात के रूप मे,
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    परिचारिका की बाँहों मे रिरियाते और
    उल्टी करते;
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    फिर एक शिकायती स्कूली बच्चे के रूप मे,
    अपना बस्ता पकडे हुए
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    एक चमकते हुए चेहरे के साथ,
    घोंघे की तरह रेंगते हुए
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    नाराजीसे पाठशाला जाते हुए.
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    और फिर एक प्रेमी,
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    भट्टी की तरह सरसराते,
    एक उदास प्रेमगीत के साथ
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    जिसे उसने अपनी प्रेमिका की भौ के लिए
    बनाया था |
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    फिर एक सिपाही,
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    विचित्र प्रतिज्ञाओं से भरा हुआ,
    और तेंदूए कि तरह दढ़ियल,
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    ख्याति के लिए ईर्ष्यालु,
    लड़ने के लिए शीघ्र और फुर्तीला,
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    क्षणिक शोहरत के लिए लालायित
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    यहाँ तक की तोप के मूंह मे भी |
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    और फिर न्यायाधीश,
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    पूरी गोल तोंद और एक मुर्गे की तरह
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    सख़्त आँखों और औपचारिक दाढ़ी के साथ,
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    उदाहरणो और आधुनिक कहावतों से भरा,
    गंभीर मुद्रा मे;
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    इस तरह से अपनी भूमिका निभाते |
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    छठवी अवधि खिसकती है
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    एक दुबले और चप्पल पहने हुए भांड मे,
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    नाक पर ऐनक और बगल मे थैली लिये;
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    उसका जवानी का जांघिया, जो उसने सम्हाल कर
    रखा था, अब बहुत चौड़ा हो गया है
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    उसकी सिकुड़ी हुई टांगों के लिए;
    और उसकी मर्दाना आवाज़,
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    बच्चों की आवाज़ की तरह तीक्ष्ण होती हुई
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    सीटी जैसी होती है |
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    अब इन सबका अंतिम दृश्य,
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    अद्भुत घटनापूर्ण वृत्तांत का अंत करता है,
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    दूसरा बचपना और महज़ गुमनामी;
  • 2:09 - 2:20
    बिना दांतों, बिना आँखों, बिना स्वाद,
    बिना कुछ भी के |
Title:
"पूरी दुनिया एक रंगमंच " - विलियम शेक्सपियर के द्वारा
Description:

विलियम शेक्सपियर की कविता "पूरी दुनिया एक रंगमंच " का एनिमेटेड प्रस्तुतीकरण |

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Video Language:
English
Team:
closed TED
Project:
TED-Ed
Duration:
02:35

Hindi subtitles

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