1 00:00:00,282 --> 00:00:03,936 सात साल पहले की बात है, मैं बर्कले से स्नातक होकर निकली थी, 2 00:00:03,960 --> 00:00:08,522 कोषिका जीवविज्ञान एवम् भाषा विज्ञान की दोहरी डिग्री लेकर, 3 00:00:08,546 --> 00:00:11,475 और मैं विश्वविद्यालय परिसर में हो रहे एक सम्मेलन में पहुंची, 4 00:00:11,499 --> 00:00:14,950 जहां से मुझे एक नई कंपनी - थेरानॉस में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया. 5 00:00:15,788 --> 00:00:16,939 और उस समय, 6 00:00:16,963 --> 00:00:19,939 इस कंपनी के बारे में ज़्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं थी, 7 00:00:19,963 --> 00:00:24,033 पर जितनी भी थी, प्रभावशाली थी. 8 00:00:24,057 --> 00:00:28,144 यह कम्पनी एक ऐसा चिकित्सा उपकरण बना रही थी 9 00:00:28,168 --> 00:00:32,558 जिससे आप रक्त की सभी जांचें 10 00:00:32,582 --> 00:00:34,357 मात्र कुछ बूंदें निकाल के कर सकते थे. 11 00:00:34,381 --> 00:00:37,594 यानी रक्त की जांच के लिऐ आपको 12 00:00:37,618 --> 00:00:39,616 अपने हाथ में लंबी सुई नहीं डालनी पड़ती. 13 00:00:39,640 --> 00:00:43,542 यह काफ़ी रोचक था, सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि इस प्रक्रिया में दर्द कम होता, 14 00:00:43,566 --> 00:00:48,842 पर इसलिए भी क्योंकि इससे कई बीमारियों को शुरू में ही आसानी से पकड़ा जा सकता था. 15 00:00:48,866 --> 00:00:50,262 यदि आपके पास ऐसा उपकरण हो 16 00:00:50,286 --> 00:00:54,590 जिसके प्रयोग में सहजता और सहूलियत हो, और जो बीमारियों का पता लगा सके, 17 00:00:54,614 --> 00:01:00,637 तो शायद आप बीमारी के गंभीर होने से पहले ही उसका पता लगा सकते हैं. 18 00:01:00,661 --> 00:01:04,961 ऐसा ही कम्पनी की संस्थापक, एलिजाबेथ होम्स ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए 19 00:01:04,985 --> 00:01:06,803 एक साक्षात्कार में कहा था. 20 00:01:06,827 --> 00:01:09,478 "हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की वास्तविकता यह है 21 00:01:09,502 --> 00:01:12,811 कि जब हमारा कोई अपना बहुत बीमार हो जाता है तो उसकी गंभीरता का पता लगते 22 00:01:12,835 --> 00:01:15,233 (अक्सर) बहुत देर हो चुकी होती है, और फ़िर 23 00:01:15,257 --> 00:01:16,489 हम कुछ नहीं कर पाते. 24 00:01:16,513 --> 00:01:17,664 यह दुखद है." 25 00:01:17,688 --> 00:01:20,370 यह चांद पर जाने जैसा था और मैं इसका हिस्सा बनना चाहती थी, 26 00:01:20,394 --> 00:01:22,314 इसे साकार करने में योगदान देना चाहती थी. 27 00:01:23,323 --> 00:01:27,472 एक और भी कारण था जो एलिज़ाबेथ की कहानी 28 00:01:27,496 --> 00:01:29,514 मुझे इतनी प्रभावशाली लगी. 29 00:01:29,538 --> 00:01:31,783 एक समय था जब किसी ने मुझे कहा था, 30 00:01:31,807 --> 00:01:33,893 "एरिका, लोग दो तरह के होते हैं. 31 00:01:33,917 --> 00:01:36,891 एक वो जो सिर्फ गुज़ारा करते हैं, और एक वो जो दुनिया बदलते हैं. 32 00:01:36,915 --> 00:01:39,298 और तुम, गुज़ारा करने वालों में से हो." 33 00:01:39,751 --> 00:01:41,884 विश्वविद्यालय जाने से पहले, 34 00:01:41,908 --> 00:01:45,841 मैं एक चलित कमरे में, 5 पारिवारिक सदस्यों केे साथ रही और पली बढ़ी, 35 00:01:45,865 --> 00:01:48,235 और जब मैं कहती थी कि मैं बर्कले जाना चाहती हूं, 36 00:01:48,259 --> 00:01:51,385 तो लोग कहते थे, "ऐसे तो मैं अंतरिक्ष में जाना चाहता हूं!" 37 00:01:52,241 --> 00:01:55,759 मैं दृढ़ रही, मेहनत करती रही, और मुझे प्रवेश आखिर मिल ही गया. 38 00:01:56,266 --> 00:01:58,617 पर सच बोलूं तो वहां मेरा पहला वर्ष बहुत कठिन रहा. 39 00:01:58,641 --> 00:02:01,354 मेरे साथ कई अपराध हुए. 40 00:02:01,378 --> 00:02:04,172 मुझे बन्दूक की नोंक पर लूटा गाया, मेरा यौन शोषण हुआ, 41 00:02:04,196 --> 00:02:06,546 वह भी तीन बार, 42 00:02:06,570 --> 00:02:09,491 जिससे मूझे गंभीर तनाव रहने लगा. 43 00:02:09,515 --> 00:02:11,307 मैं कक्षा में फेल होने लगी, 44 00:02:11,331 --> 00:02:13,355 और मुझे पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी. 45 00:02:13,379 --> 00:02:15,721 तब तक मुझे लोग कहने लगे थे, 46 00:02:15,745 --> 00:02:18,364 "एरिका, शायद विज्ञान तुम्हारे लिए नहीं है. 47 00:02:18,388 --> 00:02:21,310 शायद तुम्हें कुछ और पढ़ना चाहिए." 48 00:02:21,334 --> 00:02:23,992 और तब मैंने ख़ुद से कहा, 49 00:02:24,016 --> 00:02:26,246 "अगर ना हो तो ना हो, 50 00:02:26,270 --> 00:02:29,190 पर मैं हार नहीं मान सकती, और मैं यह करके रहूंगी, 51 00:02:29,214 --> 00:02:32,826 और चाहे मैं काबिल हूं या ना हूं, मैं प्रयास करुंगी और करके दिखाऊंगी." 52 00:02:32,850 --> 00:02:37,223 किस्मत से, मैं अड़ी रही, और डिग्री लेकर, स्नातक होकर निकली. 53 00:02:37,658 --> 00:02:40,524 (दर्शकों में तालियां) 54 00:02:40,548 --> 00:02:41,713 धन्यवाद. 55 00:02:41,737 --> 00:02:44,492 (दर्शकों में तालियां) 56 00:02:44,516 --> 00:02:50,017 तो जब मैंने सुना कि एलिज़ाबेथ ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय को 57 00:02:50,041 --> 00:02:51,811 19 वर्ष की आयु में छोड़ दिया था 58 00:02:51,835 --> 00:02:53,938 यह कम्पनी स्थापित करने, और वे सफ़ल भी रहीं 59 00:02:53,962 --> 00:02:55,821 तो मेरे लिए यह एक इशारा था. 60 00:02:55,845 --> 00:02:59,747 कि आप किस वर्ग अथवा परिस्थिति से हो, यह मायने नहीं रखता. 61 00:02:59,771 --> 00:03:03,016 यदि आप समर्पित रहोगे और अपने विवेक से काम लोगे, 62 00:03:03,040 --> 00:03:05,566 तो आप दुनिया में अपनी पहचान छोड़ सकोगे. 63 00:03:05,590 --> 00:03:07,607 और मेरे लिए यह सूत्र, व्यक्तिगत स्तर पर 64 00:03:07,631 --> 00:03:09,947 आत्मसात करना जरूरी था 65 00:03:09,971 --> 00:03:13,465 क्योंकि जीवन की तेज़ मझधार में 66 00:03:13,489 --> 00:03:15,011 यही मुझे हौसला देता था. 67 00:03:15,582 --> 00:03:17,003 तो अब आप कल्पना कर सकते हैं, 68 00:03:17,027 --> 00:03:21,638 कि जब मुझे कम्पनी की ओर से आमंत्रण आया, तो मैं कितनी उत्साहित हो गई थी. 69 00:03:21,662 --> 00:03:24,010 ऐसा लगा मैं तो चांद पर पहुंच गई थी. 70 00:03:24,034 --> 00:03:28,392 यही अवसर था मेरे लिए, समाज में अपना योगदान देने का. 71 00:03:28,416 --> 00:03:31,589 जो समस्याएं मैंने देखी थीं, उनका हल निकालने का. 72 00:03:31,613 --> 00:03:34,151 और वास्तव में, जब मैंने थेरानॉस के बारे में सोचा, 73 00:03:34,175 --> 00:03:37,132 तो लगा कि यह पहली और आखिरी कंपनी होगी 74 00:03:37,156 --> 00:03:39,699 जहां मैं काम करूंगी. 75 00:03:40,611 --> 00:03:44,040 पर मुझे कुछ समस्याएं नज़र आने लगीं. 76 00:03:45,177 --> 00:03:49,598 मैंने वहां की प्रयोगशाला में प्रारम्भिक स्तर पर काम शुरू किया. 77 00:03:49,622 --> 00:03:52,724 हम वहां मीटिंग में बैठे 78 00:03:52,748 --> 00:03:57,026 आंकड़ों एवम् नतीजों को जांचते, यह देखने कि तकनीक काम कर रही है या नहीं. 79 00:03:57,050 --> 00:03:58,994 जब हमें नतीजों की फेहरिस्त मिलती, 80 00:03:59,018 --> 00:04:01,247 तो मुझे कहा जाता, 81 00:04:01,271 --> 00:04:04,081 "चलो, इस त्रुटिपूर्ण नतीजे को हटाते हैं और फ़िर देखते हैं 82 00:04:04,105 --> 00:04:06,287 कि नतीजे कितने प्रतिशत सटीक हैं." 83 00:04:07,383 --> 00:04:09,233 तो, यहां त्रुटि की परिभाषा क्या है? 84 00:04:09,257 --> 00:04:10,724 कौन सा नतीजा गलत है? 85 00:04:11,906 --> 00:04:14,192 यह किसी को नहीं पता. 86 00:04:14,216 --> 00:04:17,032 आप कैसे कह सकते हो कौन सा गलत है? 87 00:04:17,056 --> 00:04:18,446 और इस तरह से नतीजों कोे हटाना 88 00:04:18,470 --> 00:04:22,174 गलत है, यह वैज्ञानिक प्रक्रिया के 89 00:04:22,198 --> 00:04:24,346 उन सिद्धांतों के खिलाफ़ है 90 00:04:24,370 --> 00:04:28,657 जो संख्याओं और आंकड़ों के आधार पर तथ्यों का सत्यापन करता है. 91 00:04:29,058 --> 00:04:32,616 और भले ही ऐसा करना लुभावना लगे 92 00:04:32,640 --> 00:04:37,412 कि आप अपने तथ्य को स्थापित करने के लिऐ आंकड़ों से छेड़खानी करें, 93 00:04:37,436 --> 00:04:42,739 परन्तु इसके गंभीर दुष्परिणाम होते हैं. 94 00:04:43,114 --> 00:04:46,865 तो मेरे लिए यह खतरे का निशान था, 95 00:04:46,889 --> 00:04:49,679 जिसने मेरे आगे के अनुभवों को प्रभावित किया 96 00:04:49,703 --> 00:04:51,269 और आगे भी बहुत कुछ दिखाया. 97 00:04:51,293 --> 00:04:54,334 यह बात है क्लीनिक प्रयोगशाला की. 98 00:04:54,358 --> 00:04:55,621 क्लीनिक प्रयोगशाला, 99 00:04:55,645 --> 00:04:58,844 जहां मरीज़ों के खून के नमूने जांचे जाते हैं. 100 00:04:59,183 --> 00:05:01,303 किसी भी नमूने की जांच से पहले, मेरे पास 101 00:05:01,327 --> 00:05:05,058 एक खास नमूना होता था, जिसके अवयव और उनकी मात्रा पहले से पता होते थे. 102 00:05:05,082 --> 00:05:07,899 जैसे, tPSA की मात्रा 0.2. 103 00:05:07,923 --> 00:05:11,161 tPSA, जो यह बताता है कि व्यक्ति को प्रोस्ट्रेट कैंसर है या नहीं, 104 00:05:11,185 --> 00:05:13,090 या फ़िर उसे इसका खतरा है या नहीं. 105 00:05:13,417 --> 00:05:16,501 पर जब मैं उस ख़ास नमूने को थेरानॉस के उपकरण से जांचती थी, 106 00:05:16,525 --> 00:05:18,866 तो कभी tPSA की मात्रा 8.9 आती थी, 107 00:05:18,890 --> 00:05:22,413 कभी 5.1, 108 00:05:22,437 --> 00:05:25,589 और कभी 0.5, 109 00:05:25,613 --> 00:05:27,775 जो कि वास्तविक मात्रा के आसपास ही है, 110 00:05:27,799 --> 00:05:29,771 लेकिन आप ऐेसे में क्या करेंगे? 111 00:05:30,549 --> 00:05:33,168 सटीक, भरोसेमंद माप कौन सा है? 112 00:05:33,930 --> 00:05:37,937 और ऐसा सिर्फ एक बार नहीं हुआ. 113 00:05:37,961 --> 00:05:41,373 यह लगभग रोज़ाना हाे रहा था, 114 00:05:41,397 --> 00:05:44,137 बहुत सारी जांचों में. 115 00:05:44,748 --> 00:05:50,859 और शुक्र है इस ख़ास नमूने मेें मुझे मात्राएं पहले से पाता थीं. 116 00:05:51,351 --> 00:05:54,280 यदि ना पता हों, तो क्या हो? 117 00:05:54,304 --> 00:05:56,181 मान लीजिए आपको एक मरीज़ की जांच करनी है 118 00:05:56,205 --> 00:06:01,948 आप कैसे भरोसा कर सकेंगे ऐसे नतीजों पर? 119 00:06:02,827 --> 00:06:07,863 तो मेरे लिए यह आखिरी चेतावनी थी, 120 00:06:07,887 --> 00:06:11,197 वह भी उस पड़ाव पर जब हम उपकरण की जांच कर रहे थे, 121 00:06:11,221 --> 00:06:14,011 ताकि हम प्रमाणित कर सकें 122 00:06:14,035 --> 00:06:17,266 कि हमें और मरीजों के नमूने चाहिए या नहीं. 123 00:06:17,290 --> 00:06:20,456 नियामक संस्थाएं आपको एक नमूना देती हैं, 124 00:06:20,480 --> 00:06:22,610 और कहती हैं, "इसकी जांच करो, 125 00:06:22,634 --> 00:06:25,508 सामान्य तरीके से 126 00:06:25,532 --> 00:06:27,952 जैसे मरीजों के साथ किया जाता है, 127 00:06:27,976 --> 00:06:29,398 और हमें नतीजे बताओ, 128 00:06:29,422 --> 00:06:32,660 फ़िर हम बताएंगे आप पास हैं या फेल." 129 00:06:33,366 --> 00:06:36,993 अब क्योंकि हमें अपने उपकरण में इतनी खामियां दिख रही थीं, 130 00:06:37,017 --> 00:06:40,302 वह भी वास्तविक मरीजों के नमूनों के साथ, 131 00:06:40,326 --> 00:06:42,714 तो हमने नियामकों से नमूना लिया 132 00:06:42,738 --> 00:06:45,555 और उसे FDA द्वारा प्रमाणित मशीन से जांचा, 133 00:06:45,579 --> 00:06:48,087 फ़िर उसे अपने उपकरण से जांचा. 134 00:06:48,659 --> 00:06:50,096 अंदाज़ा लगाइए क्या हुआ होगा? 135 00:06:50,120 --> 00:06:53,928 हमें दो बहुत ही अलग नतीजे मिले. 136 00:06:54,570 --> 00:06:56,816 आपको क्या लगता है, ऐसे में हमने क्या किया होगा? 137 00:06:57,405 --> 00:07:00,825 आप सोचेंगे कि हमने नियामकों से कहा होगा, 138 00:07:00,849 --> 00:07:04,268 "इस तकनीक में हमें कुछ अनियमितता दिख रही है." 139 00:07:04,292 --> 00:07:09,496 पर नहीं, थेरानॉस ने नियामकों को वही नतीजे भेज दिए जो FDA प्रमाणित मशीन से मिले थे. 140 00:07:10,982 --> 00:07:13,029 यह क्या दर्शाता है? 141 00:07:13,053 --> 00:07:17,244 यह दर्शाता है कि आपको अपनी संस्था द्वारा, 142 00:07:17,268 --> 00:07:21,037 अपने उपकरण द्वारा दिए गए नतीजों पर ही भरोसा नहीं है. 143 00:07:21,706 --> 00:07:25,864 ऐसे में आप कैसे किसी को कहेंगे कि 144 00:07:25,888 --> 00:07:27,586 इस उपकरण से मरीजों की जांच करें? 145 00:07:28,929 --> 00:07:32,524 क्योंकि मैं नयी थी, 146 00:07:32,548 --> 00:07:35,969 मैंने कई नमूनों पर प्रयोग किए, 147 00:07:35,993 --> 00:07:40,325 सारे आंकड़े इकठ्ठा कर, मैं मुख्य संचालन अधिकारी के पास गई 148 00:07:40,349 --> 00:07:42,446 ताकि उनके सामने अपनी चिंता ज़ाहिर कर सकूं. 149 00:07:43,113 --> 00:07:46,272 "उपकरण की जांच में बहुत असंगत नतीजे आ रहे हैं. 150 00:07:46,296 --> 00:07:48,156 सटीक नतीजों का प्रतिशत ठीक नहीं लग रहा. 151 00:07:48,180 --> 00:07:50,720 शायद हमें वास्तविक मरीजों पर जांच नहीं करनी चाहिए. 152 00:07:50,744 --> 00:07:53,908 ये सब बातें मुझे सही नहीं लग रही हैं." 153 00:07:53,932 --> 00:07:56,483 और मुझेे जवाब मिला, 154 00:07:56,507 --> 00:07:58,569 "तुम नहीं जानती तुम क्या कह रही हो. 155 00:07:58,593 --> 00:08:01,132 तुम्हें जिस काम के लिए तनख्वाह दी जाती है वो करो, 156 00:08:01,156 --> 00:08:03,163 जाके मरीजों के नमूने जांचों." 157 00:08:04,237 --> 00:08:07,952 उस रात, मैंने अपने एक सहकर्मी से बात की. 158 00:08:07,976 --> 00:08:11,951 टायलर शुल्ट्ज, जो मेरा मित्र बन गया था, 159 00:08:11,975 --> 00:08:16,702 और जिसके दादाजी कम्पनी के निदेशकों में से थे. 160 00:08:16,726 --> 00:08:20,345 हमने उनके घर जाना तय किया, 161 00:08:20,369 --> 00:08:22,956 और रात्रिभोज के समय उन्हें बताने का सोचा 162 00:08:22,980 --> 00:08:26,285 कि कम्पनी में क्या चल रहा था, 163 00:08:26,309 --> 00:08:29,960 बंद दरवाजों के पीछे. 164 00:08:29,984 --> 00:08:31,311 मज़े की बात यह, 165 00:08:31,335 --> 00:08:33,971 कि टायलर के दादाजी जॉर्ज शुल्ट्ज थे, 166 00:08:33,995 --> 00:08:37,245 अमरीका के पूर्व सचिव. 167 00:08:37,269 --> 00:08:40,610 तो अब आप सोच सकते हैं मेरी मनोदशा क्या रही होगी. 168 00:08:40,634 --> 00:08:44,338 मैं सोच रही थी, "यह मैं कहां फंस रही हूं?" 169 00:08:44,999 --> 00:08:48,895 पर हम खाना खाने बैठे, और कहा, 170 00:08:48,919 --> 00:08:51,450 "लोगों को लगता है कि ये खून का नमूना लेते हैं, 171 00:08:51,474 --> 00:08:55,434 उसे अपने उपकरण में डालते हैं, और उससे कुछ नतीजा बाहर निकलता है. 172 00:08:55,458 --> 00:08:59,669 पर असल में होता ये है कि जैसे ही आप कमरे के बाहर जाते हैं, 173 00:08:59,693 --> 00:09:03,271 वे आपके खून का नमूना पांच अन्य लोगों को पकड़ा देते हैं 174 00:09:03,295 --> 00:09:07,413 जो तैयार बैठे रहते हैं, उसे पांच भागों में बांटकर 175 00:09:07,437 --> 00:09:10,199 पांच अलग अलग मशीनों में जांचने के लिए." 176 00:09:11,128 --> 00:09:14,753 जॉर्ज ने कहा, "मैं जानता हूं टायलर काफ़ी होशियार है, 177 00:09:14,777 --> 00:09:16,319 तुम भी काफ़ी होशियार लगती हो, 178 00:09:16,343 --> 00:09:20,693 पर बात ये है कि मैंने कम्पनी में और भी होशियार लोगों को रखा है, 179 00:09:20,717 --> 00:09:25,336 और उन्होंने मुझे बताया है कि यह उपकरण चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ले आयेगा. 180 00:09:25,360 --> 00:09:27,994 तो शायद तुम्हें कहीं और ध्यान लगाना चाहिए." 181 00:09:29,418 --> 00:09:33,306 यह सिलसिला सात महीने से चल रहा था, 182 00:09:33,330 --> 00:09:36,601 इसलिए मैंने अगले ही दिन इस्तीफ़ा दे दिया. 183 00:09:37,672 --> 00:09:39,019 और ये -- 184 00:09:39,043 --> 00:09:46,037 (दर्शकों में तालियां) 185 00:09:46,061 --> 00:09:48,808 ये वो समय था जब मुझे ख़ुद को समय देकर 186 00:09:48,832 --> 00:09:51,314 अपना मानसिक संतुलन ठीक करना था. 187 00:09:51,338 --> 00:09:53,132 मैंने प्रयोगशाला में आवाज़ उठाई, 188 00:09:53,791 --> 00:09:57,059 मुख्य अधिकारी के सामने आवाज़ उठाई, 189 00:09:57,083 --> 00:10:00,424 निदेशक के सामने भी आवाज़ उठाई. 190 00:10:00,448 --> 00:10:02,439 इसी बीच, 191 00:10:02,463 --> 00:10:08,217 एलिज़ाबेथ अमरीका की हर पत्रिका के मुखपृष्ठ पर छाई हुई थी. 192 00:10:08,818 --> 00:10:10,620 यह सब देखकर 193 00:10:10,644 --> 00:10:11,794 मुझे लगने लगा, 194 00:10:12,106 --> 00:10:13,834 क्या मैं ही गलत हूं? 195 00:10:13,858 --> 00:10:15,938 क्या शायद ऐसा कुछ है जो मुझे नहीं दिख रहा? 196 00:10:15,962 --> 00:10:17,644 क्या मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है? 197 00:10:18,771 --> 00:10:22,520 कहानी के इस मोड़ पर किस्मत ने मेरा साथ दिया. 198 00:10:22,930 --> 00:10:24,131 मुझसे संपर्क किया 199 00:10:24,155 --> 00:10:26,487 एक बहुत ही प्रतिभाशाली पत्रकार, जॉन कैरीरू ने 200 00:10:26,511 --> 00:10:28,837 जो कि वॉल स्ट्रीट जर्नल से थे, 201 00:10:30,374 --> 00:10:35,651 और उन्होंने कम्पनी के बारे में 202 00:10:35,675 --> 00:10:38,925 कई अन्य लोगों से भी शिकायतें सुनी थीं, 203 00:10:38,949 --> 00:10:40,541 कम्पनी के कर्मचारियों से भी. 204 00:10:40,565 --> 00:10:42,890 तब मुझे आभास हुआ, 205 00:10:42,914 --> 00:10:45,264 "एरिका, तुम गलत नहीं हो. 206 00:10:45,288 --> 00:10:46,700 तुम सही हो. 207 00:10:46,724 --> 00:10:50,281 यहां तक कि तुम जैसे कई और लोग हैं, 208 00:10:50,305 --> 00:10:53,225 जो सच बताने से डर रहे हैं, 209 00:10:53,249 --> 00:10:56,923 और उन्हें भी वही सब दिख रहा है जो तुम्हें दिख रहा है." 210 00:10:57,800 --> 00:11:01,634 जॉन की जांच-पड़ताल प्रकाशित होने से पहले, 211 00:11:01,658 --> 00:11:04,983 कम्पनी का सच सामने आने से पहले, 212 00:11:05,007 --> 00:11:09,063 कम्पनी ने सभी पूर्व कर्मचारियों का पता लगाया, 213 00:11:09,087 --> 00:11:10,809 मुझ तक भी पहुंचे, 214 00:11:10,833 --> 00:11:17,770 और हमें धमकाया कि कोई सामने ना आए, ना कोई एक दूसरे से बात करे. 215 00:11:17,794 --> 00:11:20,437 मुझ जैसे व्यक्ति के लिए यह डरावना था, 216 00:11:20,461 --> 00:11:22,214 और मुझे उनका पत्र मिलने पर और डर लगा 217 00:11:22,238 --> 00:11:26,381 जब मुझे एहसास हुआ कि वे मेरा पीछा करते रहेंगे. 218 00:11:26,405 --> 00:11:29,985 पर यूं कहें ये अच्छा ही हुआ, 219 00:11:30,009 --> 00:11:32,405 क्योंकि तब मैंने एक वकील से संपर्क किया. 220 00:11:32,429 --> 00:11:34,810 वह एक मुफ़्त में काम करने वाला वकील था, 221 00:11:34,834 --> 00:11:36,476 और उसने सुझाया, 222 00:11:36,500 --> 00:11:39,135 "आप किसी नियामक संस्था को क्यों नहीं बतातीं ये सब?" 223 00:11:40,370 --> 00:11:44,488 यह तो मेरे दिमाग में ही नहीं आया था, 224 00:11:44,512 --> 00:11:46,902 क्योंकि मुझे ज़रा भी अनुभव नहीं था, 225 00:11:46,926 --> 00:11:50,640 तो मैंने वही किया. 226 00:11:50,664 --> 00:11:55,155 मैंने तय किया कि एक पत्र लिखूंगी, 227 00:11:55,179 --> 00:11:58,956 जो भी मैंने प्रयोगशाला में देखा है, 228 00:11:58,980 --> 00:12:00,865 वह सब बताते हुए. 229 00:12:00,889 --> 00:12:04,020 भले ही मेरे पिता कहते हों कि उस समय मैं 230 00:12:04,044 --> 00:12:06,295 राक्षसों का संहार करने वाली देवी लग रही थी, 231 00:12:06,319 --> 00:12:09,303 जहां मैंने एक बड़ी कम्पनी के खिलाफ़ आवाज़ उठाई 232 00:12:09,327 --> 00:12:11,226 और उससे सिलसिला बनता गया, 233 00:12:11,250 --> 00:12:12,613 मैं आपको बता देती हूं, 234 00:12:12,637 --> 00:12:15,232 कि मुझमें बिलकुल भी साहस नहीं आ रहा था. 235 00:12:15,623 --> 00:12:18,644 मैं डरी हुई थी, 236 00:12:18,668 --> 00:12:20,487 घबराई हुई थी, 237 00:12:20,511 --> 00:12:23,541 थोड़ी लज्जित भी, 238 00:12:23,565 --> 00:12:25,962 कि मुझे यह पत्र लिखने मेेंं एक महीना लग गया. 239 00:12:25,986 --> 00:12:27,716 थोड़ी आशा इस बात की थी 240 00:12:27,740 --> 00:12:30,391 कि शायद किसी को पता ही नहीं चलेगा 241 00:12:30,415 --> 00:12:32,009 कि वह पत्र मैंने लिखा था. 242 00:12:32,033 --> 00:12:35,802 इन सब भावनाओं के बीच 243 00:12:35,826 --> 00:12:37,145 मैंने लिख ही डाला, 244 00:12:37,169 --> 00:12:40,344 और किस्मत से, उससे जांच पड़ताल शुरू हो गई 245 00:12:40,368 --> 00:12:41,638 जिसमें पाया गाया 246 00:12:41,662 --> 00:12:44,008 कि प्रयोगशाला में बहुत अनियमितताएं थीं, 247 00:12:44,032 --> 00:12:47,323 और थेरानॉस को मरीजों के नमूने जांचने से रोक दिया गया. 248 00:12:47,347 --> 00:12:54,347 (दर्शकों में तालियां) 249 00:12:56,039 --> 00:12:59,381 अब आप सोच रहे होंगे, कि इस सब से गुजरने के बाद, 250 00:12:59,405 --> 00:13:01,777 यह सब झेलने के बाद, 251 00:13:01,801 --> 00:13:05,094 मैं उपसंहार में कुछ सीखें, कुछ सार बताऊंगी 252 00:13:05,118 --> 00:13:09,319 या ये बताऊंगी की आपको ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए. 253 00:13:09,343 --> 00:13:12,217 पर असल में, ऐसी परिस्थिति में, 254 00:13:12,241 --> 00:13:16,715 सिर्फ़ प्रसिद्ध मुक्केबाज माईक टायसन का कथन सही बैठता है - 255 00:13:16,739 --> 00:13:19,747 "सब जानते हैं क्या करना है, जब तक मुंह में मुक्का नहीं पड़ जाता." 256 00:13:19,771 --> 00:13:21,683 (दर्शकों में हंसी) 257 00:13:21,707 --> 00:13:25,468 बिलकुल ऐसा ही होता है. 258 00:13:25,492 --> 00:13:26,666 पर आज, 259 00:13:26,690 --> 00:13:29,332 हम साथ आए हैं उन अति महत्त्वाकांक्षी सपनों की बात करने, 260 00:13:29,356 --> 00:13:33,521 ये वो सपने/परियोजनाएं होती हैं 261 00:13:33,545 --> 00:13:34,787 जो बड़े वादे करती हैं, 262 00:13:34,811 --> 00:13:37,330 जिनपर सब विश्वास करना चाहते हैं. 263 00:13:37,875 --> 00:13:41,717 लेकिन क्या होता है जब आपके सपने इतने बड़े हों, 264 00:13:41,741 --> 00:13:45,430 और उनमें विश्वास इतना दृढ़, 265 00:13:45,454 --> 00:13:49,644 कि आप वास्तविकता को नज़रंदाज़ करने लगें? 266 00:13:50,527 --> 00:13:54,357 ख़ासकर तब जब ऐसी परियोजनाएं 267 00:13:54,381 --> 00:13:57,169 समाज को हानि पहुंचाने लगें, 268 00:13:57,193 --> 00:13:59,226 तब आप क्या कदम उठा सकते हैं 269 00:13:59,250 --> 00:14:03,846 जिससे इनसे होने वाली क्षति को रोका जा सकता है? 270 00:14:04,178 --> 00:14:07,759 मेेरे अनुसार, इसका सबसे आसान तरीका है 271 00:14:07,783 --> 00:14:12,749 लोगों को प्रोत्साहित करना, जिससे वे खुलकर सामने आ सकें. 272 00:14:12,773 --> 00:14:15,209 साथ ही, ऐसे लोगों की आवाज़ को सुनना चाहिए. 273 00:14:15,887 --> 00:14:18,574 अब बड़ा प्रश्न यह है, 274 00:14:18,598 --> 00:14:23,558 कि खुलकर बोलने को अपवाद की बजाय सामान्य कैसे बनाया जाए? 275 00:14:23,582 --> 00:14:30,582 (दर्शकों में तालियां) 276 00:14:31,218 --> 00:14:33,639 क़िस्मत से, मैंने अनुभव से ये समझा, 277 00:14:33,663 --> 00:14:36,528 कि जब खुलकर सामने आने की बात आती है, 278 00:14:36,552 --> 00:14:40,483 तो कई मामलों में ये सीधा सा काम लगता है. 279 00:14:40,507 --> 00:14:45,515 पर कठिन यह है कि आप पहले तय कर लें, आप बोलेंगे या नहीं. 280 00:14:45,539 --> 00:14:48,218 तो हम आपने निर्णयों को किस तरह से आंकें 281 00:14:48,242 --> 00:14:52,933 जिससे उन पर अमल करना आसान हो जाए 282 00:14:52,957 --> 00:14:55,276 और हम नैतिक बने रहें? 283 00:14:55,710 --> 00:14:59,932 कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने इसके लिए एक बहुत बढ़िया वैचारिक रूपरेखा तैयार की है 284 00:14:59,956 --> 00:15:01,379 जिसे "3C" कहा गया है. 285 00:15:01,403 --> 00:15:05,653 Commitment (समर्पण), consciousness (सचेतन) और competency (सामर्थ्य). 286 00:15:05,677 --> 00:15:08,606 समर्पण- किसी भी कीमत पर 287 00:15:08,630 --> 00:15:10,613 सही चीज़ करने का. 288 00:15:10,637 --> 00:15:12,488 थेरानोस वाले मामले में 289 00:15:12,512 --> 00:15:13,663 यदि मैं गलत होती, 290 00:15:13,687 --> 00:15:15,868 तो मुझे उसकी कीमत चुकानी होती. 291 00:15:15,892 --> 00:15:17,701 पर अगर मैं सही होती, 292 00:15:17,725 --> 00:15:20,321 तो सब कुछ जानते हुए भी 293 00:15:20,345 --> 00:15:23,893 कुछ ना कहना 294 00:15:23,917 --> 00:15:25,234 मुझे कचोटता रहता. 295 00:15:25,258 --> 00:15:27,297 चुप रहने की गूंज मेरे कानों में होती. 296 00:15:28,766 --> 00:15:30,666 फ़िर आता है सचेतन, 297 00:15:30,690 --> 00:15:34,350 दैनिक कार्यों में 298 00:15:34,374 --> 00:15:36,653 नैतिकता रखना, 299 00:15:36,677 --> 00:15:38,275 हमेशा. 300 00:15:38,299 --> 00:15:40,600 तीसरा है सामर्थ्य. 301 00:15:41,267 --> 00:15:44,981 जानकारी एकत्र करना, जांचना, 302 00:15:45,005 --> 00:15:47,952 और भविष्य में होने वाले नुकसान का आंकलन करना. 303 00:15:47,976 --> 00:15:51,261 मुझे अपने सामर्थ्य पर भरोसा था 304 00:15:51,285 --> 00:15:54,780 क्योंकि यह मैं दूसरों की भलाई के लिए कर रही थी. 305 00:15:54,804 --> 00:15:58,992 तो सबसे आसान तरीका यह होगा 306 00:15:59,016 --> 00:16:00,167 कि आप कल्पना करें, 307 00:16:00,191 --> 00:16:02,803 "यदि ऐसा मेरे बच्चों के साथ होता, 308 00:16:02,827 --> 00:16:04,445 या मेरेे माता पिता के साथ, 309 00:16:04,469 --> 00:16:06,091 मेरे जीवनसाथी के साथ, 310 00:16:06,115 --> 00:16:08,712 मेरे पड़ोस में, मेरे समुदाय में, 311 00:16:08,736 --> 00:16:10,064 और तब मैं ये कदम उठाता .... 312 00:16:11,537 --> 00:16:13,244 तो लोग मुझे किस तरह से याद रखते?" 313 00:16:14,683 --> 00:16:16,084 इसी के साथ 314 00:16:16,108 --> 00:16:18,421 मैं आपसे विदा लेती हूं, और आशा करती हूं 315 00:16:18,445 --> 00:16:20,699 कि हम सब वापस जाकर बडे़ बडे़ सपने देखेंगे, 316 00:16:20,723 --> 00:16:22,517 और सिर्फ़ देखेंगे ही नहीं, 317 00:16:22,541 --> 00:16:26,520 बल्कि उनको सच भी करेंगे 318 00:16:26,544 --> 00:16:33,041 बिना किसी झूठ के, बिना किसी छलावे के. 319 00:16:33,514 --> 00:16:34,665 धन्यवाद. 320 00:16:34,689 --> 00:16:36,333 (दर्शकों में तालियां)