WEBVTT 00:00:01.917 --> 00:00:05.750 एक बार खुदा ने एक बूढ़े राजा को सन्देश दिया 00:00:06.583 --> 00:00:08.559 " हम तुम्हारा भेस बदल देंगे 00:00:08.583 --> 00:00:11.643 जिससे तुम दुश्मन ख़ैमे में बिना पहचाने ... NOTE Paragraph 00:00:11.667 --> 00:00:13.934 घुस पाओगे और अपने बेटे के क़ातिल को ढूंढकर 00:00:13.958 --> 00:00:18.667 उससे अपने बेटे के मृत शरीर को फिरौती के बदले वापस लेने का प्रयत्न कर पाओगे। 00:00:19.917 --> 00:00:22.643 जब बूढ़े राजा ने यह बात अपनी रानी को बताई, 00:00:22.667 --> 00:00:24.893 वह बहुत घबरा गई ! 00:00:24.917 --> 00:00:26.268 "मत जाइये! 00:00:26.292 --> 00:00:29.625 वह मनुष्यों कि हत्यारा अकिलीज़ आपकी भी हत्या कर देगा। " 00:00:30.917 --> 00:00:32.809 लेकिन तब वह बूढ़ा आदमी, 00:00:32.833 --> 00:00:35.143 ट्रॉय का राजा प्रायम, 00:00:35.167 --> 00:00:38.184 कुछ ऐसा कहता है जो बहुत ही अद्भुत और आश्चर्यजनक है 00:00:38.208 --> 00:00:42.708 लेकिन हमारी आजकी पीढ़ी के लिए उसे बूझ पाना बहुत ही मुश्किल है 00:00:43.833 --> 00:00:48.059 " मुझे इसकी बिलकुल परवाह नहीं है की कोई ग्रीक मेरी हत्या कर दे , 00:00:48.083 --> 00:00:54.101 जब मैं अपने मृत बेटे को एक आखिरी बार अपनी बाहों में भरकर 00:00:54.125 --> 00:00:58.059 जी भर कर अपने कलेजे से लगा लूँ . " NOTE Paragraph 00:00:58.083 --> 00:01:01.375 " मेरा मरा हुआ बेटा मेरी बाहों में ? " 00:01:02.292 --> 00:01:04.976 क्या वह बूढ़ा आदमी नहीं जनता था कि 00:01:05.000 --> 00:01:06.726 मृत शरीर किसी काम का नहीं, बेकार है? 00:01:06.750 --> 00:01:08.851 उसकी तलाश बेमानी है ! 00:01:08.875 --> 00:01:12.833 महज़ एक लाश के लिए कौन अपनी ज़िन्दगी दांवपर लगाएगा ? 00:01:14.292 --> 00:01:18.559 ये कहानी ली गयी है, " द इलियड" कि बुक २४ से, 00:01:18.583 --> 00:01:21.934 जो कि पश्चिमी सभ्यता के नीव का एक पत्थर है। 00:01:21.958 --> 00:01:25.768 जोकि होमर ने ७०० बी सी में लिखी थी। 00:01:25.792 --> 00:01:31.309 जोकि उस युद्ध के बारे में है जो १३०० बी सी में हुआ था। 00:01:31.333 --> 00:01:33.851 द सीज ऑफ़ ट्रॉय। ट्रॉय कि घेराबंदी ! 00:01:33.875 --> 00:01:37.059 एक प्राचीन कविता, हज़ारों सालों तक रटा गया , 00:01:37.083 --> 00:01:41.518 गायन और अभिनीत किया गया. NOTE Paragraph 00:01:41.542 --> 00:01:45.809 आप सभी सुनते आये हैं, इलियड के शब्द जाने कई बार 00:01:45.833 --> 00:01:52.226 और इन शब्दों को सुनकर हमे वह प्राचीन ज्ञान मिलता है जो 00:01:52.250 --> 00:01:54.726 हमारे पूर्वज जीवन एवं मृत्यु के बारे में समझते थे 00:01:54.750 --> 00:01:57.059 दुःख में भी किस तरह बहादुर हुआ जाय , 00:01:57.083 --> 00:02:00.351 अपनी मौत का किस तरह बहादुरी से सामना किया जाय 00:02:00.375 --> 00:02:03.726 अपने बच्चो को कैसे बताया जाय की मौत कैसी होनी चाहिए, 00:02:03.750 --> 00:02:07.059 किस तरह एक बेहतर नश्वर प्राणी बना जाय, 00:02:07.083 --> 00:02:07.770 एक बेहतर इंसान बना जाय NOTE Paragraph 00:02:09.458 --> 00:02:15.184 (In Greek) "Hṑs hoí g’ amphíepon táphon Héktoros hippodámoio." 00:02:15.208 --> 00:02:20.476 ये इलियड की सबसे आखिरी पंक्तियाँ हैं जो की प्राचीन ग्रीक में लिखी गयी हैं, 00:02:20.500 --> 00:02:25.559 एक ऐसा ज्ञान जिसे हमने जानबूझकर भुला दिया और गुमा दिया , 00:02:25.583 --> 00:02:29.458 खुद के द्वारा गढ़े गए मौत के इस स्वार्थी डर मे। NOTE Paragraph 00:02:30.250 --> 00:02:35.125 दर असल हमने अपनी मौत के सच को दर किनार कर दिया है 00:02:36.375 --> 00:02:41.643 मौत की बेमानी आधुनिक समझ मेडिकल का विषय बन कर रह गयी है NOTE Paragraph 00:02:41.667 --> 00:02:45.309 एक ऐसा विदेशी देश बनकर रह गयी है जहाँ हम कभी नहीं जाते हैं, 00:02:45.333 --> 00:02:48.768 जिसे हम केवल अपने अंतिम समय में ही मिलते हैं . 00:02:48.792 --> 00:02:52.351 मृत्यु का परम इनकार . 00:02:52.375 --> 00:02:58.601 हमने न सिर्फ किसी अपने के मृत शरीर को गले से लगाना प्रतिबंधित कर दिया है, 00:02:58.625 --> 00:03:01.083 बल्कि हमारे लिए उन्हें मारा हुआ देखना तक भी ... NOTE Paragraph 00:03:02.208 --> 00:03:04.059 ...वर्जित है. 00:03:04.083 --> 00:03:06.476 चलिए एक टेस्ट लेते हैं ! 00:03:06.500 --> 00:03:09.393 अपने सीधे हाँथ की उंगलियों को ऊपर कीजिये ... 00:03:09.417 --> 00:03:11.934 हाँ ...आप ...आप सब ... 00:03:11.958 --> 00:03:17.059 ...और उनमे गिन कर बताइये की आज तक की ज़िन्दगी में आपने , 00:03:17.083 --> 00:03:20.250 कितने मृत शरीरो को देखा, छुआ, चूमा या फिर गले से लगाया है ? 00:03:21.125 --> 00:03:22.518 एक ? 00:03:22.542 --> 00:03:24.059 या दो ? 00:03:24.083 --> 00:03:25.333 या फिर एक भी नहीं ? 00:03:26.042 --> 00:03:30.809 क्या मृत शरीर की गिनती इतनी है की आपको उलटे हाँथ की उंगलियों की भी ज़रूरत पड़े ? 00:03:30.833 --> 00:03:32.684 ऐसा कैसे संभव है ? 00:03:32.708 --> 00:03:36.167 क्या हम सब नश्वर नहीं हैं ? NOTE Paragraph 00:03:37.083 --> 00:03:41.101 टीवी स्क्रीन्स पर हम होमर के... 00:03:41.125 --> 00:03:44.268 ... इस प्रेम को बहुत खूबसूरती से दिखाएंगे 00:03:44.292 --> 00:03:47.893 मृत हेक्टर अपने पिता की बाहों मे... 00:03:47.917 --> 00:03:51.851 लोगों की सहानुभूति और मज़े के बहाने ... 00:03:51.875 --> 00:03:54.018 और एडवर्टाइज़िंग से पैसे कमाने के लिए... 00:03:54.042 --> 00:03:58.976 लेकिन हमारे अस्तित्व की इस लड़ाई ने हमें मज़बूत और बुद्धिमान नहीं बनाया है, 00:03:59.000 --> 00:04:01.393 न ही मृत्यु के लिए साहसिक बनाया है ! 00:04:01.417 --> 00:04:03.500 इसने हमें सिर्फ और सिर्फ डरना सिखाया है 00:04:04.500 --> 00:04:06.601 हम घबराते हैं और ... 00:04:06.625 --> 00:04:09.268 दुखी हो जाते हैं अपनी ही मौत के बारे में सोचकर... 00:04:09.292 --> 00:04:13.518 मृत्यु की हमारी संकीर्ण धरना सिर्फ "मैं " तक सिमित रह गयी है 00:04:13.542 --> 00:04:16.351 "हम" कहीं नहीं है 00:04:16.375 --> 00:04:22.934 जिन लोगों को जानलेवा बीमारी होती है... वो शर्म महसूस करते हैं...और खुद को अलग थलग कर लेते हैं 00:04:22.958 --> 00:04:26.601 हमें शर्मिंदगी महसूस होती है उस कलीग से नज़रें मिलाने में ... 00:04:26.625 --> 00:04:29.459 ...जिसने किसी अपने को खो दिया है ... हमेशा के लिए. 00:04:29.697 --> 00:04:32.507 अपनी खुद की नश्वरता से हम शर्मिंदगी महसूस करते हैं 00:04:32.507 --> 00:04:36.208 हमें लगता है कि अगर हमने कुछ कहा तो वे और दुखी हो जायेंगे 00:04:37.125 --> 00:04:40.000 और.... दुखी होना तो गलत है, हैना ? NOTE Paragraph 00:04:40.875 --> 00:04:42.851 दुखी होने का आनंद... 00:04:42.875 --> 00:04:44.851 और मिजुलकर साथ में रोना... 00:04:44.875 --> 00:04:47.559 इन सब से हम अनजान हो चुके हैं . 00:04:47.583 --> 00:04:50.851 हालाँकि कई बार 'इलियड' में कहा गया है 00:04:50.875 --> 00:04:54.893 और एक माँ की सलाह की तरह कहा गया है कि... 00:04:54.917 --> 00:04:57.000 सेक्स दुःख के समय थेरेपी की तरह काम करता है . 00:04:57.583 --> 00:05:01.018 और अपने निजी अनुभव से मैं ये कह सकता हूँ कि 00:05:01.042 --> 00:05:05.351 ये सलाह एक दुखी आत्मा के लिए अमृत की तरह काम करती है . NOTE Paragraph 00:05:05.375 --> 00:05:06.393 (हंसने की आवाज़ ) NOTE Paragraph 00:05:06.417 --> 00:05:10.018 हमें मरने से बहुत ज़्यादा डर लगता है 00:05:10.042 --> 00:05:12.893 ट्रॉय के मैदान में लड़ने वाले उन योद्धाओं से भी अधिक. 00:05:13.583 --> 00:05:15.792 मौत से हारे हुए हम ! 00:05:17.375 --> 00:05:20.559 और हाँ आप सब बहुत ज़्यादा दुखी और डरे हुए रहेंगे 00:05:20.583 --> 00:05:24.643 अगर आप ये सोचें कि मौत का सामना आपको अकेले में और 00:05:24.667 --> 00:05:26.601 भय के साथ करना पड़ेगा . 00:05:26.625 --> 00:05:30.434 एक ही बार करने वाला मौत का अनुभव... 00:05:30.458 --> 00:05:34.125 ' मेरी ' मृत्यु न कि ' हमारी ' मृत्यु . NOTE Paragraph 00:05:35.042 --> 00:05:37.184 लेकिन सोचिये कि अगर आपको मृत्यु का अभ्यास करवाया जाय 00:05:37.208 --> 00:05:40.375 ठीक उस तरह जिस तरह हम कार चलना सीखते हैं ? 00:05:41.208 --> 00:05:43.726 एक इंस्ट्रक्टर से इसकी शिक्षा लें ! 00:05:43.750 --> 00:05:46.809 अपने पड़ोस में छोटे छोटे चक्कर लगाएं , 00:05:46.833 --> 00:05:47.917 एक पूरे टेस्ट से गुज़रें 00:05:48.917 --> 00:05:52.934 और अगर फेल हो जाएँ तो फिर इस प्रक्रिया को दुहराएँ 00:05:52.958 --> 00:05:56.750 एक बहुत ही आम सा सामाजिक अभ्यास, एक दिनचर्या का हिस्सा . 00:05:57.833 --> 00:05:59.934 तब ये इतना कठिन नहीं जान पड़ता है, हैना ? 00:05:59.958 --> 00:06:02.893 अगर आप कभी किसी 'ट्रोजन वेक ' या 00:06:02.917 --> 00:06:05.434 फिर इसी का आइरिश वर्ज़न नहीं गए हैं 00:06:05.458 --> 00:06:07.309 और आपने सिर्फ मूवी देखी है, 00:06:07.333 --> 00:06:11.851 तब आप सोच रहे होंगे कि ये सिर्फ कोई आयरिश बकवास है . 00:06:11.875 --> 00:06:14.976 अगर आपको लग रहा है कि ये सब बातें वैसी ही हैं जैसे कि कुछ 00:06:15.000 --> 00:06:19.125 मदहोश शराबी, नशे में धुत्त, बार में अपने किसी अंकल जॉनी को कोस रहे हैं 00:06:20.042 --> 00:06:22.583 तो आप बिलकुल गलत हैं... 00:06:23.500 --> 00:06:27.250 मृत लोगों का अंतिम संस्कार करना इंसानो कि सबसे पुरानी प्रथा है NOTE Paragraph 00:06:28.375 --> 00:06:30.226 जब मैं सिर्फ सात साल का था ... 00:06:30.250 --> 00:06:33.059 मेरी माँ मुझे मेरे सबसे पहले मुर्दे से मिलाने ले कर गयी 00:06:33.083 --> 00:06:37.929 मेरे पूर्वजों के द्वीप में एक अंतिम संस्कार . 00:06:37.929 --> 00:06:41.447 एक बूढ़ा आदमी जिसके नाक के बाल बाहर झाँक रहे थे एक बक्से में लेटा हुआ था 00:06:41.447 --> 00:06:44.885 जिसे देखते ही मुझे पता चल गया कि वो सो नहीं रहा था 00:06:45.083 --> 00:06:48.059 उस वक़्त अपने ममता के आँचल में भी 00:06:48.083 --> 00:06:52.059 वो मुझे मौत के डर से उबरने कि शिक्षा दे रहीं थीं 00:06:52.083 --> 00:06:56.393 ठीक उसी तरह जिस तरह उनका समाज इस डर से उबरता आया है 00:06:56.417 --> 00:06:59.101 पिछले कई हज़ार सालों से... 00:06:59.125 --> 00:07:01.351 मेरा परिवार आयरलैंड के उसी एक गांव... 00:07:01.375 --> 00:07:04.601 जो की काउंटी मायो के तट से कुछ दूर एक द्वीप में बस्ता है 00:07:04.625 --> 00:07:07.601 में पिछले २५० सालों से रह रहा है. 00:07:07.625 --> 00:07:12.184 एक अंतिम संस्कार में एक सच का मुर्दा व्यक्ति होता है 00:07:12.208 --> 00:07:14.042 हमारे बीच का ही एक मरा हुआ व्यक्ति . NOTE Paragraph 00:07:15.458 --> 00:07:17.351 हाँ वो ज़्यादा कुछ बोल नहीं पाते हैं 00:07:17.375 --> 00:07:20.625 लेकिन फिर भी उनके पास आप बहुत कुछ सीख सकते हैं 00:07:21.708 --> 00:07:26.059 हर एक जीवित व्यक्ति जिसे आपने कभी ... 00:07:26.083 --> 00:07:28.018 गुस्से में या प्यार में छुआ हो .. 00:07:28.042 --> 00:07:30.351 अपने गरम खून की वजह से गरम होता है. 00:07:30.375 --> 00:07:35.143 लेकिन मृत व्यक्ति बिलकुल संग-ए-मरमर की तरह ठंडा होता है NOTE Paragraph 00:07:35.167 --> 00:07:36.768 आगे अपनी ज़िन्दगी में, 00:07:36.792 --> 00:07:39.643 जब मैंने अपने भाई बर्नार्ड के मृत शरीर को 00:07:39.667 --> 00:07:41.809 अपनी बाहों में लिया , 00:07:41.833 --> 00:07:44.559 चूमा और गले से लगाया , 00:07:44.583 --> 00:07:47.184 पहले तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि... 00:07:47.208 --> 00:07:51.958 इतना ठंडा पुतला कभी इंसान भी था. NOTE Paragraph 00:07:53.292 --> 00:07:55.917 और इसी तरह एक और हमारे अस्तित्व से जुड़ा हुआ एहसास है . 00:07:57.125 --> 00:08:00.726 जब यहाँ बैठकर मुझे सुन रहे हैं 00:08:00.750 --> 00:08:03.268 आपका दिल तेज़ी से खून पंप कर रहा है 00:08:03.292 --> 00:08:05.393 लेकिन अगर आप उस पंप को काट देते हैं ... 00:08:05.417 --> 00:08:07.184 शरीर में दबाव ख़तम हो जाता है 00:08:07.208 --> 00:08:09.268 खून बहकर निचले अंगो में चले जायेगा 00:08:09.292 --> 00:08:11.351 आपके गाल लटक जायेंगे 00:08:11.375 --> 00:08:13.268 आपका चेहरा काला पड़ने लगेगा 00:08:13.292 --> 00:08:16.434 आपकी बिना खून की पत्थर सी उँगलियाँ हो जाएँगी 00:08:16.458 --> 00:08:20.476 और आपका हिलता काँपता हुआ व्यक्तित्व 00:08:20.500 --> 00:08:22.143 किसी कार के इंजन की तरह 00:08:22.167 --> 00:08:23.934 बंद पड़ जाता है NOTE Paragraph 00:08:23.958 --> 00:08:26.809 ऐसे वक़्त में फिर क्या होता है, कहिये ? 00:08:26.833 --> 00:08:28.226 उस वक़्त हम क्या करे ? 00:08:28.250 --> 00:08:30.893 और हमारे पूर्वजों ने क्या कभी नहीं किया ? 00:08:30.917 --> 00:08:33.476 वो ये की हमे उस वक़्त बेवकूफी भरी बात नहीं करनी चाहिए! 00:08:33.500 --> 00:08:37.643 जैसे कि,"ये सिर्फ मिट्टी का पुतला है , इसे भूल जाओ " 00:08:37.667 --> 00:08:40.000 वो इंसान जिसे आपने ज़िन्दगी भर प्यार किया 00:08:41.792 --> 00:08:44.059 उस शरीर के बाहर कभी मौजूद नहीं था 00:08:44.083 --> 00:08:46.643 और जब उस इंसान के शरीर को जीवित रहने में प्यार किया 00:08:46.667 --> 00:08:49.321 तो मरने के बाद आप क्यों नहीं उसके शरीर को सम्मान देंगे ? 00:08:52.000 --> 00:08:56.976 रोमन, केल्ट और ग्रीक अपने मृत लोगों का सम्मान करते थे 00:08:57.000 --> 00:09:00.000 उसका ख्याल एक नवजात बच्चे कि तरह रखते थे 00:09:00.000 --> 00:09:01.000 मृत को कभी अकेला नहीं छोड़ते थे। 00:09:01.000 --> 00:09:03.934 कोई न कोई हमेशा उसकी देखरेख करता था 00:09:03.958 --> 00:09:06.792 जब तक कि उनका अंतिम संस्कार न कर दिया जाय NOTE Paragraph 00:09:07.708 --> 00:09:10.458 दुखी होना भी अच्छा था 00:09:11.500 --> 00:09:16.101 ट्रॉय के आँगन में ... दुःख व्यक्त करना किसी भी तरह शर्मनाक नहीं था 00:09:16.125 --> 00:09:19.684 यहाँ तक कि वीर योद्धा अकिलिस भी 00:09:19.708 --> 00:09:23.351 इतना रोया था कि उसका कवच भीग गया 00:09:23.375 --> 00:09:28.768 और अंत्येष्टि में औरतें खुलकर रोती और मातम करती थीं 00:09:28.792 --> 00:09:32.250 मृत लोगों का शरीर भी मांयने रखता था 00:09:33.583 --> 00:09:38.976 हमारे पूर्वज साथ मिलकर पूरा एक अनुष्ठान करते थे 00:09:39.000 --> 00:09:41.976 ताकि हमारी नश्वरता से उभरे ज़ख्मो में मलहम लगाया जाय 00:09:42.000 --> 00:09:43.893 पीड़ितों को सहारा मिले 00:09:43.917 --> 00:09:45.643 उनके मृत को दफनाया जाय 00:09:45.667 --> 00:09:48.226 और फिर आगे कि ज़िन्दगी का सफर फिर से शुरू किया जाय 00:09:48.250 --> 00:09:51.351 उन्होंने खुद को बहुत आज़ाद कर रखा था 00:09:51.375 --> 00:09:54.268 और उन्होंने बहुत मज़ा भी किया है 00:09:54.292 --> 00:09:58.917 अंत्येष्टि में खाना, पीना और सेक्स करना सब . NOTE Paragraph 00:09:59.792 --> 00:10:04.518 मृत्यु ... और एक बहुत सोचने वाली बात है कि ... 00:10:04.542 --> 00:10:09.268 एक रोज़ मर्रा कि चीज़ हुआ करती थी. 00:10:09.292 --> 00:10:11.809 जैसे कि आज भी आयरलैंड में आज भी 00:10:11.833 --> 00:10:16.643 कई लोग अन्तेय्ष्टि और अंतिम संस्कार में इकट्ठे होते हैं 00:10:16.667 --> 00:10:20.184 और एक साधारण आदमी कम से कम दर्जन भर 00:10:20.208 --> 00:10:23.708 या कई सौ मृत शरीरों को अपनी ज़िन्दगी में देख चूका होता है 00:10:24.958 --> 00:10:28.518 अंतिम संस्कार सच में दुःख से भरा हो सकता है 00:10:28.542 --> 00:10:34.042 लेकिन एक आयरिश अंत्येष्टि में कुछ भी भवनात्मक या भावुक नहीं होता है 00:10:34.792 --> 00:10:36.434 बॉक्स में वो एक बूढी औरत 00:10:36.458 --> 00:10:40.351 या फिर कफ़न में लिपटी हुई लाल बालों वाली बच्ची 00:10:40.375 --> 00:10:42.393 सब एक मृत मनुष्य हैं 00:10:42.417 --> 00:10:44.125 हमारे बीच में का ही एक . 00:10:44.958 --> 00:10:46.434 हालाँकि बस एक कपडे में लिपटे हुए हैं 00:10:46.458 --> 00:10:49.893 मुर्दों के साथ होने वाले इस आमने सामने में 00:10:49.917 --> 00:10:52.934 कई बहुत सारे प्रोटोकॉल होते हैं NOTE Paragraph 00:10:52.958 --> 00:10:55.542 देखिये ...इन संस्कार में आप 00:10:56.417 --> 00:10:58.809 आप देखते हैं कि मौत ऐसी दिखती है , 00:10:58.833 --> 00:11:00.768 यह है मृत्यु ! 00:11:00.792 --> 00:11:05.309 आप कॉफिन में छूकर देख सकते हैं 00:11:05.333 --> 00:11:09.809 और वो सारे प्रोटोकॉल्स आपको इजाज़त देते हैं ये सब करने को 00:11:09.833 --> 00:11:11.601 तो उदहारण के लिए , 00:11:11.625 --> 00:11:14.809 आपको लइसेंस है विलाप करने का. 00:11:14.833 --> 00:11:19.934 गुस्सा होने का, रोने का, दुखी होने का या आंसू बहाने का 00:11:19.958 --> 00:11:23.601 उस चीज़ को स्वीकार करने का कि एक अपरवर्तिन परिवर्तन हो चुका है 00:11:23.625 --> 00:11:27.101 एक सामाजिक मृत्यु कि तरह एक इंसान कि मृत्यु 00:11:27.125 --> 00:11:31.309 एक सामाजिक स्वीकृत्ति किसी के दुःख और विलाप की 00:11:31.333 --> 00:11:34.958 एक बेहिचक नश्वर एकजुटता. 00:11:36.208 --> 00:11:39.958 हमारी मृत्यु... न की ....मेरी मृत्यु NOTE Paragraph 00:11:41.458 --> 00:11:45.143 मृत शरीरों से अंतिम संस्कारों में मिलना 00:11:45.167 --> 00:11:50.559 हमारी माओं के द्वारा दिया गया पहला सबक होता था हमारी मृत्यु का 00:11:50.583 --> 00:11:53.976 वो बिलकुल " कैसे जियें और कैसे मरें" के गाइड थे 00:11:54.000 --> 00:11:57.476 बहुत सारे निर्देशों के साथ , जैसे कि 00:11:57.500 --> 00:12:03.101 नश्वरता एक ऐसा सत्य है जिसे हम कभी नहीं बदल सकते हैं 00:12:03.125 --> 00:12:07.518 और ये सोचना कि 'हम अमर हैं' एक बेवकूफी है 00:12:07.542 --> 00:12:09.393 और ये भी कि दुःख का आनंद 00:12:09.417 --> 00:12:13.875 सामाजिक मातम और विलाप एक दुखी आत्मा को शांत कर सकता है 00:12:14.792 --> 00:12:19.143 और कैसे हम सब एक साथ मृत्यु के डर से उभर सकते हैं 00:12:19.167 --> 00:12:20.601 सुनने में अच्छा लगता है, हैना ? NOTE Paragraph 00:12:20.625 --> 00:12:21.893 (दर्शकों की आवाज़ ) NOTE Paragraph 00:12:21.917 --> 00:12:23.559 क्या कोई ये सोचता होगा कि 00:12:23.583 --> 00:12:25.875 ये सब आज के अमेरिका में काम नहीं करेगा 00:12:27.417 --> 00:12:29.476 मुझे तो ये भी नहीं मालूम कि मेरे पड़ोस में कौन रहता है 00:12:29.500 --> 00:12:31.184 परिवार बिखर गए हैं 00:12:31.208 --> 00:12:34.875 ऐसा कोई समाज ही बाकी नहीं रह गया है जिसके साथ ये अंतिम संस्कार किया जा सके 00:12:35.833 --> 00:12:37.309 लेकिन फिर भी , 00:12:37.333 --> 00:12:39.643 आप बिलकुल ही गलत होंगे NOTE Paragraph 00:12:39.667 --> 00:12:42.184 हम सबमें खुदमें ये ताकत है कि 00:12:42.208 --> 00:12:46.226 हम अपने पूर्वजों के इन बुद्धिमता को फिर से जीवित करें 00:12:46.250 --> 00:12:48.434 जब हमारा खुदकी नश्वरता से सामना होता है 00:12:48.458 --> 00:12:51.184 हम बहुत ही कमज़ोर महसूस करते हैं 00:12:51.208 --> 00:12:52.458 बिलकुल मरा हुआ 00:12:53.500 --> 00:12:57.518 लेकिन असल में आपको खुदको फिर से ढूँढना है 00:12:57.542 --> 00:13:00.643 थोड़ा सा आयरिश हो जाएँ ....अगर आप चाहें तो NOTE Paragraph 00:13:00.667 --> 00:13:02.434 (हंसी की आवाज़ ) NOTE Paragraph 00:13:02.458 --> 00:13:05.559 हो सकता है कि आपने खुदको कभी 00:13:05.583 --> 00:13:08.250 एक नश्वर समाज का हिस्सा ही न समझा हो 00:13:09.417 --> 00:13:13.601 लेकिन फिर से जुड़ना बहुत आसान है अगर आप कोशिश करें 00:13:13.625 --> 00:13:16.851 इसका ये कतई मतलब नहीं है कि आप परोपकारी हो रहे हैं 00:13:16.875 --> 00:13:19.976 बल्कि ये एक बहुत ही स्वार्थी पहल है 00:13:20.000 --> 00:13:22.542 मुफ्त का मृत्यु ज्ञान . 00:13:23.667 --> 00:13:27.309 और कोन आपको सिखा सकता है कि मारा कैसे जाय 00:13:27.333 --> 00:13:30.667 सिवाय किसी दूसरे मरने वाले व्वक्ति के ? 00:13:31.750 --> 00:13:34.809 आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने डर से बाहर आना है 00:13:34.833 --> 00:13:38.042 उन्हीं औजारों का इस्तेमाल करते हुए जो पहले से आपके पास हैं 00:13:38.917 --> 00:13:40.643 जैसे कि आपके फ़ोन 00:13:40.667 --> 00:13:45.226 तो अगर किसी दिन आप सुने कि किसी ने अपने प्रिय को खो दिया है 00:13:45.250 --> 00:13:46.601 आप इंतज़ार नहीं करें 00:13:46.625 --> 00:13:49.184 आप उसी वक़्त फ़ोन करें 00:13:49.208 --> 00:13:53.893 और कहें, "मुझे बहुत अफ़सोस है आपके दुःख का " NOTE Paragraph 00:13:53.917 --> 00:13:56.476 और बीमार और मरने वाले से जाकर मिलें 00:13:56.500 --> 00:13:59.101 और हो सके तो उसमे मरने के समय मौजूद रहें 00:13:59.125 --> 00:14:01.934 गवाह के लिए और सोच विचार के लिए 00:14:01.958 --> 00:14:05.518 इसके अलावा ऐसा कुछ भी नहीं जो 00:14:05.542 --> 00:14:10.059 आपको गहरा और ज़िन्दगी से जुड़ने का अनुभव देगा 00:14:10.083 --> 00:14:12.059 या फिर ज़्यादा से ज़्यादा अंतिम संस्कारों में जाएँ 00:14:12.083 --> 00:14:16.125 अगर आप मृत व्यक्ति को नहीं जानते हैं तब भी ! 00:14:16.833 --> 00:14:20.518 यकीन मानिये कि जब तक आप सांस ले रहे हैं 00:14:20.542 --> 00:14:22.708 आप उस इंसान को जानते हैं 00:14:23.542 --> 00:14:26.226 अपने आपको पूरा आज़ाद कीजिये 00:14:26.250 --> 00:14:29.768 क्यूंकि इन छोटे छोटे कदमों से, 00:14:29.792 --> 00:14:34.958 आप खुद को इस विशाल नश्वरता का हिस्सा महसूस करने लगेंगे 00:14:36.000 --> 00:14:37.518 बिलकुल उतना ही इंसान 00:14:37.542 --> 00:14:39.184 उतना ही कमज़ोर 00:14:39.208 --> 00:14:41.958 जितना कि आपके आस पास कि ज़िंदगियाँ NOTE Paragraph 00:14:43.667 --> 00:14:46.976 मौत मायने रखती है क्यूंकि ज़िन्दगी मायने रखती है 00:14:47.000 --> 00:14:49.809 ये दोनों ही एक दूसरे से जुडी हुई हैं 00:14:49.833 --> 00:14:52.643 कोई बात नहीं अगर शुरू शुरू में आपको अजीब लगे 00:14:52.667 --> 00:14:56.434 अभ्यास , अभ्यास और अभ्यास 00:14:56.458 --> 00:14:58.476 जब तक कि आपके लिए ये सिर्फ कार में बैठना 00:14:58.500 --> 00:15:02.934 और वहां जाना बन जाय , बिना अजीब लगे 00:15:02.958 --> 00:15:07.309 वैसे तो आपकी खुद की मौत को होने के लिए पूरी ज़िन्दगी लगेगी 00:15:07.333 --> 00:15:09.018 ताकि वो सही तरीके से हो NOTE Paragraph 00:15:09.042 --> 00:15:13.309 तो जब मैंने विदेशी जंगों में जाना छोड़ दिया 00:15:13.333 --> 00:15:16.101 और थोड़ी समझदारी आयी 00:15:16.125 --> 00:15:18.434 मैं एक लोक कवी बन गया 00:15:18.458 --> 00:15:23.809 और मैंने ये प्रशंसा गीत लिखा अपने द्वीप की माओं के सम्मान में 00:15:23.833 --> 00:15:27.851 जोकि पिछले हज़रों सालों में कभी नहीं हिचकिचाईं 00:15:27.875 --> 00:15:30.851 हमारे मृत लोगों को सहारा देने से 00:15:30.875 --> 00:15:33.393 इसका शीर्षक है, " अगर मैं गा सकता " NOTE Paragraph 00:15:33.417 --> 00:15:35.434 अगर मैं गा सकता, 00:15:35.458 --> 00:15:39.059 मैं नहीं गाता उस हारे हुए इलियड शहर के बारे में , 00:15:39.083 --> 00:15:40.768 या फिर उस बीते हुए गौरव के लिए 00:15:40.792 --> 00:15:45.101 या फिर हेक्टर के खून के लिए जो धरती को रंग गया 00:15:45.125 --> 00:15:46.393 नहीं 00:15:46.417 --> 00:15:48.643 मैं गाता उस आइलैंड के बारे में 00:15:48.667 --> 00:15:50.434 जो कि पश्चिम में स्थित है 00:15:50.458 --> 00:15:55.518 बढ़ते हुए समुद्र से लदा पानी कि फुहारों से भीगा हुआ, पत्थरों से बना एक किला 00:15:55.542 --> 00:15:59.059 गहरे नीले सागर में खड़ा 00:15:59.083 --> 00:16:02.268 एक और ट्रॉय, एक आयरिश ट्रॉय 00:16:02.292 --> 00:16:04.976 डूबते सूरज के बिलकुल करीब 00:16:05.000 --> 00:16:06.851 अविजित. NOTE Paragraph 00:16:06.875 --> 00:16:10.101 अगर तुम सुन सकते ये गीत 00:16:10.125 --> 00:16:13.226 तुम भी उत्साह से सुनते , 00:16:13.250 --> 00:16:15.434 उस अम्रो किंचा को 00:16:15.458 --> 00:16:17.768 मातम करतीं , रोती हुई उन औरतों को 00:16:17.792 --> 00:16:19.768 विलाप और दुखी ह्रदय 00:16:19.792 --> 00:16:23.059 अंत्येष्टि में गूंजता हुआ एक अनंत गान 00:16:23.083 --> 00:16:27.893 जहाँ इंसानियत कि आखिरी उम्मीद धड़कती है 00:16:27.917 --> 00:16:31.268 एक शरीर के साथ जन्मा वो मृत 00:16:31.292 --> 00:16:35.000 न अकेले जिए, प्यार करे और मरे. NOTE Paragraph 00:16:36.708 --> 00:16:38.684 और अगर मैं गा सकता 00:16:38.708 --> 00:16:41.976 अगर हम सब साथ में गा सकते 00:16:42.000 --> 00:16:43.934 ऐ मेरे भाई और बहनों 00:16:43.958 --> 00:16:49.292 तब बिलकुल ही हमें ... हमेशा ही गीत गाना चाहिए NOTE Paragraph 00:16:50.542 --> 00:16:51.809 शुक्रिया NOTE Paragraph 00:16:51.833 --> 00:16:56.042 (तालियों कि आवाज़ )