1 00:00:00,375 --> 00:00:02,253 [यह व्याख्यान (और परिचय) तात्कालिक है, 2 00:00:02,277 --> 00:00:04,393 और ऑडियंस द्वारा दिए गए विषय पर है। 3 00:00:04,417 --> 00:00:07,167 वक्ता को स्लाइड्स का कंटेंट नहीं पता है।] 4 00:00:08,167 --> 00:00:09,768 मॉडरेटर: हमारे अगले वक्ता -- 5 00:00:09,792 --> 00:00:13,417 (हँसते हैं) 6 00:00:15,042 --> 00:00:16,292 एक -- 7 00:00:18,625 --> 00:00:19,917 बहुत ही -- 8 00:00:22,958 --> 00:00:24,559 (हँसते हैं) 9 00:00:24,583 --> 00:00:27,684 एक बहुत ही अनुभवी भाषाविद हैं 10 00:00:27,708 --> 00:00:31,476 जो MIT के लैब में रिसर्च वालों के एक छोटे समूह के साथ काम करते हैं, 11 00:00:31,500 --> 00:00:33,893 और भाषा की पढ़ाई कर 12 00:00:33,917 --> 00:00:36,309 और कैसे हम एक दूसरे से संवाद करते हैं, 13 00:00:36,333 --> 00:00:40,101 उन्होंने मानव आत्मीयता का राज़ खोजा है। 14 00:00:40,125 --> 00:00:43,018 अपने विचार व्यक्त करने के लिए, स्वागत कीजिए, 15 00:00:43,042 --> 00:00:44,351 ऍनथनी वेनेज़ीआलि का। 16 00:00:44,375 --> 00:00:47,083 (तालियाँ) 17 00:00:53,375 --> 00:00:57,042 (हँसते हैं) 18 00:00:58,917 --> 00:01:02,643 ऍनथनी वेनेज़ीआलि: आप सोच रहे होंगे कि मैं आपको समझता हूँ। 19 00:01:02,667 --> 00:01:05,434 आप मुझे इस लाल बिंदु पर देख रहे होंगे, 20 00:01:05,458 --> 00:01:08,726 या आप मुझे स्क्रीन पर देख रहे होंगे। 21 00:01:08,750 --> 00:01:12,518 एक सेकंड के छटवे भाग की देरी है। 22 00:01:12,542 --> 00:01:15,559 क्या मैंने खुदको पकड़ा? हाँ। 23 00:01:15,583 --> 00:01:18,934 मैं मुड़ने से पहले खुद को देख पाया, 24 00:01:18,958 --> 00:01:23,018 और वह छोटी सी देरी से विभाजन होता है। 25 00:01:23,042 --> 00:01:26,125 (हँसते हैं) 26 00:01:27,792 --> 00:01:32,434 और मानव भाषा और भाषा को समझने में 27 00:01:32,458 --> 00:01:35,934 वाही विभाजन होता है। 28 00:01:35,958 --> 00:01:40,184 मैं ज़रूर MIT के एक छोटे से लैब से काम करता हूँ। 29 00:01:40,208 --> 00:01:42,809 (हँसते हैं) 30 00:01:42,833 --> 00:01:46,184 और हम हर छोटी चीज़ समझने की कोशिश करते हैं। 31 00:01:46,208 --> 00:01:47,268 (हँसते हैं) 32 00:01:47,292 --> 00:01:52,351 यह कोई कंप्यूटर से सम्बंधित चुनौती नहीं होती, 33 00:01:52,375 --> 00:01:56,726 लेकिन इस मामले में हमने पाया कि दृष्टि के हठ 34 00:01:56,750 --> 00:01:59,101 और श्रवण सेवन में 35 00:01:59,125 --> 00:02:02,976 काफ़ी समानता है, 36 00:02:03,000 --> 00:02:05,518 और वह हम इस पहली स्लाइड में देख सकते हैं। 37 00:02:05,542 --> 00:02:09,684 (हँसते हैं) 38 00:02:09,708 --> 00:02:13,851 (तालियाँ) 39 00:02:13,875 --> 00:02:17,893 आप सोचने लगते हैं, "क्या वह एक ठोस-उबला हुआ अंडा है?" 40 00:02:17,917 --> 00:02:19,851 (हँसते हैं) 41 00:02:19,875 --> 00:02:24,059 "क्या वह अंडे की खूबी है 42 00:02:24,083 --> 00:02:27,268 कि वह एक पत्थर का भार उठा प् रहा है? 43 00:02:27,292 --> 00:02:29,917 क्या वह सच मच एक पत्थर है?" 44 00:02:31,208 --> 00:02:36,851 जब हमें कोई दृश्य मिलता है तो हम सवाल करते हैं। 45 00:02:36,875 --> 00:02:40,458 लेकिन जब हमें कुछ सुनाई देता है तो यह होता है। 46 00:02:41,250 --> 00:02:44,559 (हँसते हैं) 47 00:02:44,583 --> 00:02:49,101 हमारे दिमाग के दरवाज़े शंघाई की गलियों की तरह खुल जाते हैं। 48 00:02:49,125 --> 00:02:53,559 (हँसते हैं) 49 00:02:53,583 --> 00:02:56,184 इतनी साड़ी जानकारी है समझने के लिए, 50 00:02:56,208 --> 00:02:59,976 इतने विचार, विषय, भावनाएँ और इतनी कमज़ोरियाँ 51 00:03:00,000 --> 00:03:02,351 जो हम बताना नहीं चाहते। 52 00:03:02,375 --> 00:03:03,976 तो इसलिए हम छुपते हैं, 53 00:03:04,000 --> 00:03:08,476 हम इस आत्मीयता के दरवाज़े के पीछे छुपते हैं। 54 00:03:08,500 --> 00:03:10,893 (हँसते हैं) 55 00:03:10,917 --> 00:03:13,559 और उस दरवाज़े के पीछे क्या है? 56 00:03:13,583 --> 00:03:16,893 वह किस चीज़ से बना है? 57 00:03:16,917 --> 00:03:18,893 सबसे पहले तो -- 58 00:03:18,917 --> 00:03:24,268 (हँसते हैं) 59 00:03:24,292 --> 00:03:28,476 पहले हमने पाया कि छह अलग जीनोटाइप के लिए सब अलग है। 60 00:03:28,500 --> 00:03:31,833 (तालियाँ) 61 00:03:37,958 --> 00:03:40,809 और, हाँ, हम इन जीनोटाइप्स का एक न्यूरोनोर्मेटिव और न्यूरोडाईवर्स 62 00:03:40,833 --> 00:03:44,976 अनुभव में श्रेणीबद्ध कर सकते हैं। 63 00:03:45,000 --> 00:03:47,101 (हँसते हैं) 64 00:03:47,125 --> 00:03:48,976 स्क्रीन के दाईं तरफ़, 65 00:03:49,000 --> 00:03:52,309 आप न्यूरोडाईवर्स सोच की स्पाइक्स देख सकते हैं। 66 00:03:52,333 --> 00:03:54,726 आम तौर पर सिर्फ़ दो भावनात्मक स्तिथियाँ होती हैं 67 00:03:54,750 --> 00:04:00,393 जो एक न्यूरोडाईवर्स दिमाग एक बार में समझ सकता है, 68 00:04:00,417 --> 00:04:06,226 और उससे उनकी भावनात्मक उपस्तिथि की संभावना शायद 69 00:04:06,250 --> 00:04:08,518 पूरी तरह से चली जाती है। 70 00:04:08,542 --> 00:04:12,059 लेकिन बाईं तरफ़ आप न्यूरोनोर्मेटिव दिमाग देख सकते हैं, 71 00:04:12,083 --> 00:04:15,309 जो एक समय पर पांच भावनात्मक संज्ञानात्मक जानकारी 72 00:04:15,333 --> 00:04:18,684 समझ सकते हैं। 73 00:04:18,708 --> 00:04:21,517 यह कुछ छोटे अंतर हैं जो आप 74 00:04:21,541 --> 00:04:23,976 75, 90 और 60 प्रतिशतक में देख रहे हैं, 75 00:04:24,000 --> 00:04:26,059 और फिर बड़े अंतर जो आप 76 00:04:26,083 --> 00:04:28,268 25, 40 और 35 प्रतिशतक में देख सकते हैं। 77 00:04:28,292 --> 00:04:29,309 (हँसते हैं) 78 00:04:29,333 --> 00:04:31,643 लेकिन हाँ, ऐसा कौनसा दिमागी नेटवर्क है 79 00:04:31,667 --> 00:04:37,208 जो इन अलग अलग चीज़ों को साथ लाने का काम कर रहा है? 80 00:04:38,333 --> 00:04:41,292 (हँसते हैं) 81 00:04:47,125 --> 00:04:48,393 डर। 82 00:04:48,417 --> 00:04:50,268 (हँसते हैं) 83 00:04:50,292 --> 00:04:52,542 (तालियाँ) 84 00:04:56,167 --> 00:04:59,018 और हम सबको पता है, डर अमिगडाला में बसा होता है, 85 00:04:59,042 --> 00:05:01,309 और यह एक बहुत प्राकृतिक प्रतिक्रिया है, 86 00:05:01,333 --> 00:05:05,809 और वह दृश्य बोध से काफ़ी पास से सम्बंधित है। 87 00:05:05,833 --> 00:05:09,018 वह मौखिक बोध से उतना सम्बंधित नहीं है, 88 00:05:09,042 --> 00:05:12,018 तो हमारे डर के रिसेप्टर्स 89 00:05:12,042 --> 00:05:18,184 भाषा के कोई शब्द या संकेत से पहले ही 90 00:05:18,208 --> 00:05:20,393 बंद होते जाएँग। 91 00:05:20,417 --> 00:05:23,226 तो इन डर के पलों में, 92 00:05:23,250 --> 00:05:26,018 हमें समझ नहीं आता क्या किया जाए। 93 00:05:26,042 --> 00:05:28,542 हम एक दिशा में लड़खड़ा जाते हैं, 94 00:05:30,292 --> 00:05:33,184 जो आत्मीयता से दूर है। 95 00:05:33,208 --> 00:05:35,143 (हँसते हैं) 96 00:05:35,167 --> 00:05:38,518 ज़ाहिर है, कि आदमी के नज़रिए में 97 00:05:38,542 --> 00:05:40,018 औरत के नज़रिए में 98 00:05:40,042 --> 00:05:43,976 हिजड़ों के नज़रिए में, उनके बीच अन्य लोगों के नज़रिए में, 99 00:05:44,000 --> 00:05:46,707 और लिंग के वर्णक्रम के बहार वालों के नज़रिए में अंतर है। 100 00:05:46,707 --> 00:05:49,518 (हँसते हैं) 101 00:05:49,542 --> 00:05:53,268 लेकिन जो डर है वह हमारी प्रतिक्रिया प्रणाली का 102 00:05:53,292 --> 00:05:55,726 एक एहेम हिस्सा है। 103 00:05:55,750 --> 00:05:59,226 लड़ो या भागो सबसे तेज़, 104 00:05:59,250 --> 00:06:03,226 कुछ कहते हैं यह वातावरण की तरफ़ जानवरों जैसी प्रतिक्रिया है। 105 00:06:03,250 --> 00:06:08,559 कैसे हम अमिगडाला के सींग से खुद को अलग करेंगे? 106 00:06:08,583 --> 00:06:10,684 (हँसते हैं) 107 00:06:10,708 --> 00:06:13,643 खैर, मैं अब आपको राज़ बताऊँगा। 108 00:06:13,667 --> 00:06:16,875 (तालियाँ) 109 00:06:21,583 --> 00:06:24,059 यह सारी बातों का बहुत मतलब बन रहा है। 110 00:06:24,083 --> 00:06:26,333 (हँसते हैं) 111 00:06:28,167 --> 00:06:31,351 राज़ यह है कि 112 00:06:31,375 --> 00:06:34,601 हमें अपनी पीठ एक दूसरे पर मोड़ लेनी चाहिए, 113 00:06:34,625 --> 00:06:38,309 और मैं जानता हूँ कि जो आप सोच रहे थे 114 00:06:38,333 --> 00:06:40,309 यह उससे एकदम विपरीत है, 115 00:06:40,333 --> 00:06:44,643 लेकिन अपने रिश्ते में जब आप अपने साथी पर अपनी पीठ मोड़ देते हैं, 116 00:06:44,667 --> 00:06:47,393 और अपनी पीठ उनके पीठ से जोड़ते हैं -- 117 00:06:47,417 --> 00:06:49,976 (हँसते हैं) 118 00:06:50,000 --> 00:06:52,101 आपको कुछ नज़र नहीं आता। 119 00:06:52,125 --> 00:06:53,309 (हँसते हैं) 120 00:06:53,333 --> 00:06:55,917 (तालियाँ) 121 00:06:58,292 --> 00:07:01,309 और आप पहले असफल होने के लिए 122 00:07:01,333 --> 00:07:05,143 उपलब्ध होते हो -- 123 00:07:05,167 --> 00:07:06,833 और पहले असफल होना -- 124 00:07:07,708 --> 00:07:09,809 (हँसते हैं) 125 00:07:09,833 --> 00:07:15,393 दूसरों और खुद को खुश करने की 126 00:07:15,417 --> 00:07:17,809 जिन सीमाओं तक हम जाते हैं, 127 00:07:17,833 --> 00:07:20,059 उनसे बड़ा होता है। 128 00:07:20,083 --> 00:07:23,059 हम बिलियन से बिलियन डॉलर खर्चते हैं, 129 00:07:23,083 --> 00:07:26,351 कपड़ों पर, मेक अप पर, 130 00:07:26,375 --> 00:07:28,750 नए किस्म के चश्मों पर, 131 00:07:30,667 --> 00:07:33,518 लेकिन हम एक दूसरे से मिलने जुलने के लिए 132 00:07:33,542 --> 00:07:36,434 समय और पैसे नहीं खर्चते, 133 00:07:36,458 --> 00:07:38,684 ऐसे मिलाप के जो सच्चाई से 134 00:07:38,708 --> 00:07:39,976 भरा हो 135 00:07:40,000 --> 00:07:42,893 और उन दृश्य प्रापक से न जुड़ा हो। 136 00:07:42,917 --> 00:07:46,500 (तालियाँ) 137 00:07:48,542 --> 00:07:50,934 (हँसते हैं) 138 00:07:50,958 --> 00:07:52,684 मुश्किल लग रहा होगा, है न? 139 00:07:52,708 --> 00:07:56,625 (हँसते हैं) 140 00:08:01,917 --> 00:08:03,958 लेकिन हमें इसके बारे में गुस्सा होना है। 141 00:08:05,375 --> 00:08:07,625 हमें सिर्फ़ काउच पर बैठे नहीं रहना है। 142 00:08:08,792 --> 00:08:10,684 आज एक हिस्टोरियन ने पहले कहा था, 143 00:08:10,708 --> 00:08:15,976 कि कभी कभी ज़रूरी है कि आप उस काउच से उठें और उसके आस पास घूमें। 144 00:08:16,000 --> 00:08:17,601 और हम यह कैसे कर सकते हैं? 145 00:08:17,625 --> 00:08:20,458 हाँ, बर्फ़ इसका बड़ा हिस्सा है। 146 00:08:22,792 --> 00:08:25,601 इनसाइट, कम्पैशन और एम्पथी: 147 00:08:25,625 --> 00:08:27,934 आई, सी, ई। 148 00:08:27,958 --> 00:08:30,750 (तालियाँ) 149 00:08:39,500 --> 00:08:42,582 और जब हम आइस वाला तरीका अपनाते हैं, 150 00:08:44,458 --> 00:08:48,500 तब, संभावनाएँ हमसे भी बड़ी हो जाती हैं। 151 00:08:49,542 --> 00:08:52,833 असल में, वे आपसे भी छोटी हो जाती हैं। 152 00:08:54,583 --> 00:08:56,934 एक परमाणु के स्तर पर, 153 00:08:56,958 --> 00:08:59,976 मुझे लगता है कि इनसाइट 154 00:09:00,000 --> 00:09:01,809 एक साथ लाने वाला विषय है 155 00:09:01,833 --> 00:09:04,934 हर उस टॉक के लिए जो आपने TED में देखी हैं 156 00:09:04,958 --> 00:09:08,226 और यह तब तक वैसा रहेगा जब तक 157 00:09:08,250 --> 00:09:13,476 हम इस छोटे से ग्रह, इस कगार, इस चट्टान पर 158 00:09:13,500 --> 00:09:16,601 अपना सफ़र तय कर रहे हों, 159 00:09:16,625 --> 00:09:20,059 और हम देख सकते हैं कि, हाँ, मृत्यु अनिवार्य है। 160 00:09:20,083 --> 00:09:22,684 (हँसते हैं) 161 00:09:22,708 --> 00:09:25,268 क्या हम सबके साथ यह एक ही समय होगा, 162 00:09:25,292 --> 00:09:27,726 मुझे लगता है, यह सवाल हम सबके मन में है। 163 00:09:27,750 --> 00:09:29,750 (हँसते हैं) 164 00:09:34,375 --> 00:09:37,143 मुझे लगता है यह समय की सीमा बढ़ती है 165 00:09:37,167 --> 00:09:38,643 जब हम आइस का इस्तेमाल करते हैं 166 00:09:38,667 --> 00:09:41,875 और जब हम एक दूसरे पर अपनी पीठ रखते हैं 167 00:09:43,458 --> 00:09:45,059 और साथ सब बनाते हैं, 168 00:09:45,083 --> 00:09:47,101 डर को पीछे छोड़कर 169 00:09:47,125 --> 00:09:48,792 और काम करना है -- 170 00:09:49,500 --> 00:09:52,833 (हँसते हैं) 171 00:10:02,125 --> 00:10:03,726 यह हिस्सा वे लोग एडिट कर देंगे -- 172 00:10:03,750 --> 00:10:05,708 (हँसते हैं) 173 00:10:08,500 --> 00:10:12,643 एक अनुभव जिसमें प्यार, 174 00:10:12,667 --> 00:10:14,143 सहानुभूति, 175 00:10:14,167 --> 00:10:16,476 सच्चाई पर आधारित आत्मीयता 176 00:10:16,500 --> 00:10:20,184 जो आप अपने दिमाग की आँखों से बाँट रहे हैं 177 00:10:20,208 --> 00:10:24,476 और वह दिल जो हम छू सकते हैं, 178 00:10:24,500 --> 00:10:26,226 महसूस कर सकते हैं, 179 00:10:26,250 --> 00:10:30,684 और शायद हमारा एक प्यारा सा अनुभव हो 180 00:10:30,708 --> 00:10:33,833 जिसे हम यूँ ही फेंक न दें, 181 00:10:35,333 --> 00:10:41,476 लेकिन हम उस अनुभव को समझें, 182 00:10:41,500 --> 00:10:44,351 हमारे अन्दर की बातों का, 183 00:10:44,375 --> 00:10:47,101 हमारे विचारों का हम बीज बोएँ, 184 00:10:47,125 --> 00:10:49,226 और उसे पीठ से पीठ बाँटें। 185 00:10:49,250 --> 00:10:50,643 धन्यवाद। 186 00:10:50,667 --> 00:10:55,083 (तालियाँ)